Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text ________________ निशीथसूत्रस्य किञ्चित् शुद्धिपत्रम् पृष्ट पंक्ति उ.१ अशुद्धिः शुद्धिः 2 8 ....प्रतिपादिकानि प्रतिपादकानि 9 15-16 सुत्तरज्जुवक्केहिं च, दंडकडगेहिं तहा, सुत्तरज्जुवकलेहिं, दंडकडगेहिं तहा, चिलिमिली खुपंचहा, भिक्खुहिं। चिलिमिली पंचहा खु कायधाकरणिज्जा नो॥ भिक्खुहि न सा॥ 9 17-18 सूत्ररज्जुवल्कलैश्च, दण्ड सूत्ररज्जुवल्कलैः, दण्डकटकैस्तथा / कटकाभ्यां तथा / चिलिमिली खलु पंचदा, भिक्षुभिः क्रिय चिलिमिली पञ्चधा खलु कर्तव्याभिक्षुमाणा नो॥ भिन सा // वंशो दंडादिः, कटकमयी जवनिका, वंशो दण्डादिः, कटक वंशत्वक, ताभ्यां वंशकटकादिभ्यां ताभ्यां तंशकटकाभ्यां 128 17 उ.४....१३३ ....136 गमत्रिपञ्चाशत्सूत्रात्मकः गमः षट्पश्चाशत्सूत्रात्मकः / त्रयस्त्रिंशदधिकशततमं षट्त्रिंशदधिकशततमं त्रिपञ्चाशत्सूत्रसमुदायोऽत्र षट्पञ्चाशत्सुत्रसमुदायोऽत्र // सू. 133 // // सू० 136 // // सू० 133 // // सू० 136 // 265 12-63 पादामार्जनसूत्रादारभ्य पादामार्जनषोडशतमसूत्रादारम्य एकसप्ततित्रिषष्टितमशीर्षदौवारिकासूत्रपर्यन्त- तमशीर्षदौवारिकासूत्रपर्यन्तषट्पश्चाशत् सूत्राणि सूत्राणि 12-63 12-66 / आगे उद्देशसमाप्तितक तीन तीन संख्या बढ़ाते जायो / // सू० 5-9 // // सू० 5-11 // 265 2. सूत्रपञ्चक सूत्रसप्तकं 265 16 શ્રી નિશીથ સૂત્ર
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