Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 477
________________ ४८ अम्मूदीपप्रतिसूत्रे सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ सीहरूवधारीणं पुरथिमिल्लं वाहं वहंति । चंदविमाणस्स णं दाहिणे सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं संखतलविमलनिम्मल दधियणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासाणं वइरामय कुंभजुयल सुट्रियपीवरवरवइरसोंडवट्टियदित्त सुरत्तपउमप्पगासाणं अब्भुएणयमुहाणं तवणिजविसालकाणचंचलचलंतबिमलजलाणं महवण्णभिसंत णिद्धपत्तल निम्मल तिवण्णमणिरयणलोयणाणं अब्भुग्गय मउलमल्लिया धवलसरिससंठिय णिव्वणदढकसिणफासियामयसुजाय दंतमुसलोवसोभियाणं कंचणकोसीपविठ्ठदंतग्गविमलमणिरयणरुइलपेरंतचित्तरूयगविराइयाणं तवणिज्ज विसाल तिलगप्पमुहपरिमंडियाणं नानामणिरयणमुद्धगेविजबद्धगलयवरभृसणाणं वेरुलिय विचित्तदंडनिम्मल वइरामयतिक्खलट्र अंकुसकुंभजुयल यंतरोडियाणं तवणिज सुबद्ध कच्छदप्पिय वलधुराणं विमलघणमंडल वइरा. मय लालाललियतालणाणं णाणामगिरयणघंटपासग रजतामयबद्धलज्जुलंबिय घंटाजुयलमहुरसरमणहराणं अल्लोण पमाणजुत्तवट्टिय सुजायलक्खणपसत्थरमणिजवालगत्तपुंछणाणं उवचिय पडिपुण्ण कुंभ चलणलहुविकमाणं अंकमयणक्खाणं तवणिजजीहाणं तवणिज्जतालुयाणं तवणिज्ज जोत्तग सुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं अमियगईणं अमिबलवीरियपुरिस्सकारपरकमाणं महया गंभीरगुलगुलाइय रवेणं महुरेणं मणहरेणं प्रेता अंबरं दिसाओ य सोमंता चत्तारि देवसाहस्सीओ गयरूवधारीणं देवाणं दक्खिणिल्लं वाहं परिवहंति त्ति। चंदविमाणस्स णं पञ्चत्थिमेणं सुभगाणं सुप्पभाणं चलचवलकुहसालीण घणनिचिय सुबद्धलक्खणुण्णय ईसियाणय वसभोट्ठाणं चंकमियललिय पुलिय चलचवलगव्वियगईणं सन्नत्त. पासाणं संगतपासाणं सुजायपासाणं पीवरवट्टिय सुसंठिय कडीणं ओलंब पलंब लक्खणपमाणजुत्तरमणिजबालगंडाणं समखुरवालिधाणाणं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562