Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

View full book text
Previous | Next

Page 367
________________ सम्वविका पतिमापिचमा पो पासादयः पत्ति पर यानि जिनमतिमात्वर्य पावयपरतरियत्ति न कस्पो २६ योऽयं ति: प्रतिपेघ सोम्यवाहा' पांतो ववववव सबिशिस परिणाजवषधारको पतोऽन्यय विषदेवतापन्दमादिनिषेध पसामपि वन्दनादि । निधो माभूदिति हत्या पक्षधेस्वारीत धामपहिति उचाव समष्टानुस्खटे पापपण रति पाशर्मयो दनिमनिर्भपम भवबरणति । गरियायिवा त्यारंपदित्तएषा मममित्तएवा मायपजवासित्तएवा पण थ गिधवा अरिपतवाणिया चममासमतेपरिवायए कालमामेकालश्कहिंगच्छमितिकविजिदिति गोयमा चमड़ेगा परियायए उचाव एछि मोलव्ययगुस्सवरमयपश्चक्लाबपोमचोपवार्षिअप्पाणभावमाणे बढवामा समणोवामयपरियायपाउसिप वादिवानापजोहोमास तिवरिपो नमशारपंचागप्रयामबरोवपो लायसन्दधकीसवारादिबनामोन्सपयुपामनामनपचनकाया में वानम करिवष्ठ । में पवनकवत ठप वर्ष पवितसाचारापोतरागपनतमामोते परिपतनात्यविनप्रतिमानिननीषापमातेषांदियानमारादिकारवायपर पह # मामहति भगवन परिवारकसन्यासोते पातमासेमरपनापमरिकासमरपकरीने विज्ञानारपरकृणधानकविपरगगनकरियर विजयामसि । वपना बितिरहिवत परिसर गोतम मत पडनामिपरिवालकमै उपसरलष्ट प्रकारर पवसामान्य प्रकार गौतमत पचिपासतगुम प्रविपि रमपरागादिकयोनिमत्तिवपो पचानवकारपोसोम मुसपोसापर्वदिवस अनुष्ठानपाचारादिकचारप्रकारधमनीपुटिनावरपहारतेहप । वास तिवारी पापमयोपामागरीरमावतधोएपोकरसौर प्रबर्तावतपो पचावरिमनयो यमनमानसोपणमसेवक एसवमोयाष 1 ट - --

Loading...

Page Navigation
1 ... 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466