Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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- नपचनापपपिहोवाप बिना मान मिवरीयते तबापि मुग्धविनया कसितमिविषसोबापगिरासतो निपचरितमोशापपपवि-पार बोधाय प्रयोत्तरसूपमा पनियमित्वादि प्यावर परिव रखपमा पध सदेव डोवामिति तब सिवा परिवसन्तीति प्रयोर नायमय समय
पर्वत परिवारमति तत बहिति, देश पलापति देखभाषावा बालासरे वसमेत्यादि वासपेम रमपीयो यस तापात् पाहापति पवाघमावरे सिपम्मारति परमो न रखप्रमादिपविल्या व मगन प्राग्भारो माल यमा मा पित्यारभारापा नामभेगानि मान्येव मगर सोतिमा ईषत् पमा पविश्वन्तरापिचमा इति पद उपदर्शने वायदो विकरे चोयम्पपरिसपारति मोबाग
गोसिप समह एपबाय पोसत्तमाएपविषमतेसोनमकप्पम घोमिहापरिवस ति पोतिण समझेएसवेसिपछाई सायमा मणकुमारमधाप घश्वस गेविजमावार पण तरविमायानपरिषणमते सोपग्माराएपढनौए मसिहा :
परिषस सियोतिष समो से परिवारमते मित्रपरिवमति गोयमा इौसरयणप्पभाएपुटीए बजममरमदि बसरा मोतमरमागतो ममरवारदेवमोचन योएचपो पानदेवोकसनामार वमोचनपोतिमपोगारमेवपोय पक्षिसोपरे पचुतवारमपोदेवशेषमा पंधवबमाविधिसमपठारविमानमयो पनुत्तरविमानएनपोपुचपोभगवंतवारपठतिमिहसतानबी परभगमन पत्पमतममादियाबी माम्मारमोटिमपरापायीसिसिपापवमामाषिपातामर ठिसारसमस गौतमाममोमबार पर पामारविमभिगमन मि पर पोगोतम पाखप्रमानामापरिसीपमोमा परभीचमचीरमाची
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