Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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ममिबियाकार नितमिति पदेते कि दमभेदेन शिवा पताम्बवणा मागावामा सत्यवगा य प यव देये एक को नियम पनसा विचयपिमुवा इति भवचयेष विमुद्या भवचयविमुख प्रने सेडया मवावतरणमलिममाप्यपदमार पन्यीयममगाठा समाविधाऽपिपरिचामत्वावधाप्तिकावारिवदिति सशसमा सच होकात पसोपेग प्रतिपासितखा दतएव बीयप्वपगि समितिका पसरगाचा समत्वनन्दामिभामुखपटेयरामसम्मभि पियममोति नियमन सिहयचा तेऽप्यसहाय गुप्पा पतंने देथे प्रदेष थे मध अभ्य समप्रदेशमय सच साया सावदनन्ता' स्पा एपहागामाया मनतामा माउत्वात् नपरेशनामममा एक पक्षमेचप्रमाप्यनम्ता एक नवर देषी पापियस मुदाय' प्रदेगा निविमागोग रति सिम्यमयदयपदेयाRस महामन्तक मसहयदेपानन्तरमहोयरेव च पदेगानन्तगणित यबोज मैव मनसोति पापना पद मिहानेर सचपत पार पसरा मा वामगरपसाभापान पुनमामिति । पत्तादसयपापियति यदु तब मामदनियो सर्वविमपता मुपदण्यवान
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