Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

View full book text
Previous | Next

Page 399
________________ - - 10-to पचारिमामय समुदाचार सदाचारः सप्रमोरो वा चारो येषान्त पयसमुदापारा पतएव धम्मपचे पवित्तित्रय माणत्ति धर्मेपेव पारिता । P विरोधन गुताविरोधेन वा उत्ति नोमिका वखत सर्वापो विहरतीति योग अधति सत्ता गोभनषितउत्तिवितरणा पा सुप्पण्यिादा साइकिति मत प्रत्यानन्द पित्ताचादी बेवात सुप्रयागन्दा साठष विषयभूनेषु पया साजनिति उत्तरदाको सम्बध्यते ततय साप्तम्या सका। मात सायन्ति वर्ष एगचापोपापासायाचोति एवमात न सर्वस्मात् पाठान्तर एगरयापोत्ति तव एवम एव एकिका तमादेकशिवाल ! वित्ति कप्पेमाणा सुसौला मुखया सप्पटियालंदा साहिति एकच्चायोपाणार्यासामोपडिविरया मावनौषाए F एकच्चा घोचपडिविरया एवंभावपरिम्गहातोर एकच्चायोकोहाघो मायामो लोभामो पेज्ञापो कलहामो ममेरागैरगागाई अतधमधारितल्पनेविषेपप्रमादसहितईपाचारहमपो धर्मन चारित ने पापाचवेतनपाराधयत्तिप्रायोपिकाबले बरई मछु मस पोसौचपाचारानस पहुभशामतपव्ययकपर्वतमा सुपरिपायदा पानामपितवित्तछ साधनविना साधनास मोपी एबाजोगवसवें दिवादिषमयोप्रतिपातापितरवेशवयोप्रतिमयमपिरम्याविरतापा बाजीवर ताबगो एवंशपरपरासषक्षनही प्रापौरविपीपादिबावरतेयोपतिपयम पिरतापोसवानदो एक्योर एक मोधरोमष चोमिषवाका मनोधरोसपोनिवस्यो नमो पूर्षिया मानौनिवारववमिवानदी कमावायोनिवर्धा वसोभयौनिवार एवेश गरागवीनिवाई एवमहमोमिवाद एवषयाण्यानपासतानिवारपबनियानयो एमपशूधचोकोभियच्चाएपेनिनबी एदेयापरपरिवारपारकापपपादयोनिया

Loading...

Page Navigation
1 ... 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466