Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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। कवसिस मुखात मतिपयमाम ममममेव बरोति पठमसमयेदेर रत्ति प्रथमसमम एव सदेविष्यममूईमधयायरा भुभयतोऽपि सोचातगामिन
वीवपदेगसहात दमामी सेवसीधानामोगत बरोति विएववाहपत्ति रितीवसमये स तमेव दगड पूर्षापरदिगयप्रसारणात्याती । होवानगामिपाठमिप पाट परोति मति बमोये समये तदेव पपाटन्दचिवोत्तरदिगमयप्रसारपामन्यि सहग मन्यानं करोति पोशान्त । प्रापिप मेव सोग रत्ति चतुर्वसमवे सा सोबनि छुटमन्वान्तराधि पूरमति ततप समन्ततोक परितो भवति चोये परिमारित्ति पक्ष में समधे । । मन्यान्तरापूरको ग ये दोषपूरका प्रदेशात सोकशब्द न सच पती मन्यातरासपूर काम प्रदेगान सहरति गधिमयो भवतीप्ति यावत मंचपछि
मरणविष्य मुवा मिचियरगतिंगता केतिसमएमले भाउज्जौकरपनसे गोयमा अस पेन्जममतिए अंतोमङ्ग तएपन्नते केषतिसमुग्धाएणमत करसमसिएपबत्ते गोयमाघसमसिएपन्न तजा पढमेसमएदटकरेति थिए
मगएकवासकरेति ततौएसमएमयकति चउत्थेसमएलोयपरोति पंचमेसमएलोयपठिमाहरति छ समएमथपछि मोचवरप्रधानमतिपाता तिसरममयभगवन पामानामोचप्रतिसामावरिवठोपाव-करपाचपोतीर्थकर पहोगौतम पस स्वारासमयनु पंतमहप्रिमायचायपत्ते वाहतीकर सोमपोस सुधातपामप्रदेशबाहिरन काठिवधमते भगवन केतवसमायमच उतीर्थ करे पोगौतम पाठसमवयनपोतीर्थ पर तेवरावर पहिसारसमापीरनामदेगदछनापावारकर मौजदूममोहमपाकारिबोधांजेगावप्रदेगले पूर्वपषिमा विस्तारीगरमाग्नीपरावर पौत्राममातेलमारमीपरोपावधीवगामयसम्बदचियपत्ताविस्तारवामपाणपोकर पउघरसमेनोवो
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