Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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तरपापियन पारपारति एतदेवार पठमेमसोमोमानिसमति प्रथम भेषागादियोगापचया प्राथम्यादितो मनोयोग निरपतीत - पनत्तमतमचिनियावायजोगिधाोति मोरयातियापारोयमन्तो तदर्मगगपशिीर मम२ निमभमानी मो मपनो मम
मिरो कर पस पेचसमपपिति एवं मन्यदपि सवार ने पत्रोमय पाउपाहिपनोगत प्रापोतीति मिज्मपपरपारपडारति | मिति पर थगितानि पानि पचापराविषो यदुचारष तम्न माता कास पासवा सयो पोपारस म पिकम्पित याचिन .मध्यम मे पाते यत पारसक्राईम बेच पाच पंचमति पासे पेमिगपोलियमेततपशप मेमो मेपसमेत पिरता में माम्यायापखा मा पो पा मोठेय सर्वसवररूपचारिखप्रमुप्त मेरममायोनिरोधष्पति समेगी तो प्रतिपयले मग पुनागपमेयोप
शिक्ष्मति से एएस पत्ते उदाएप पठममणजोग जिस्म मपयोग निमित्ता षयमोग निभति ययजोगनिए
भित्ता कायद्योग निमंसि कायखोग निदभिप्ता बोगनिरोगकरे मोगनिरोकारता घोगतगणत्ति अप्रोगतपाठ P पित्ता रसिरस पंचक्खरचच्चारणहाए पसखेळासम तोमुत्तियंसेलेमि पष्ठिवरपुवायागुणमे दीयवासम्म । समनमयोगोपच्यापारधर ममनमोगष्यापारीवरीने बचननावोगमापारधरसंवरर पपगम्योगणपारमधोमध बाबामरीर । म योमन्यापार संपर कावासीरन हगोमयापारची वहीन भगवनवायानाबोययापारसबर मगरमचायामायोमप्यापार भोसरी मर मनगरमामामागोगन्यापारतिपषु पार्म मनामनामनावोमवाणरतिपयोग अपपरापमापी

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