Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 437
________________ JION लवत सभत्तातिल गतमापरिक मव प्रलतमाल किए पछत सेमेगामागरबावसविसे सु मया पन्ति सबवामविरया जापपट्टकम्पप । मगैपो साता पित्रीयमपणा वतीसि सोवापप्रतिष्ठानाप सन्ती थारयाणे भवन्ति तायित ना ते पंतबसिहाहव तिति ते पूर्ण विपिरीपणा मनुषाप्तव कोका मिथितार्था' मुरिषतेन र यस्ले चन मन्यन्ते यदत रागादिवासनामुत्य चिवमेव मिरामय समा पमियत देसम्म मित्यभिधीयते सचा परमन्धन्ते "गुपसवान्तरघानावित पतिक्रिया मुवा सवप तिष्टन्ति ष्योमबत्तापवधिता" तदनम निरस्त वोचते समरीरताा मपि सिहत्वप्रतिपादनाय बदुत "पणिमावविध प्राप्य अतिम सदा मोदन्त नितामाम स्तोखा परमदुम्सर मिति । तपाकराया पमरोरा पविधमानपक्षपवारगरोरातवा औषधपति योगनिरोधकाछे रमपरपन विभागोमा वगाना सम्तो पोवषना, इति सषमागोषणोत्तत्तिमान साचार रन मनाकारसमो प्रमेयोपता येते तथा मिडियट्ठति मिटिता समाप्तसमस्तमयोजना निरयपति मिरवना नियमा मोरयत्ति मौरखमो स्वयमानवरहितानोरयाग निर्गतीत्मस्या निम्पत्ति निमा पूर्वाकविनिर्मता द्रश्य समावनिता तेणं सत्यसिहाहवति सादौया अपज्जवसिया घसरोराजीवघणा देसणनायोवोत्तानिष्ठियहानिरयणा नीरया : समाधिot तसापावायपदेयजीवावगामापरतेतवापरसपनेराफरसरमहोबारवा जपयोपकारत धपोएवासभर पावोगति नवरापवान प्राभिवसहितषामोचिपापर वीवतिहासिहमाडिसिाभवतिर अपनमोतिचायोगादिसवा पागसिपातितिहाथको पविमोमबो एहमपीवानरबी गरिपरीनरचित चौवषपालापनंतवासि पनत दयनरपनाचामषरीसपयलसहितकर lotta


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