Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 436
________________ पप समए धमए पस पर्व सिवा सबसवरत पुषवि विचिपरिमए सम्ए किधिचोरपरम ने मीर तो २ मगरता इतमगयर - पव्वत्तममममायव पबवरविवपिज मराठ मुष असो नाम १ सभापो जिपमाम मरापुपोवारिमममयमि मेमा भिपस तापो दुरिमसमचि मितित्ति समावि विप्यावारित्ति सर्वामिरयेषामिा विषेप विविधमर्पतो नर ग्यागा प्रिपाणी यापेचा गरमसामि विमुच मबति सर्व परिसाटम यापूष महातपरिसाठामा देशव्यायत विपरित विदेश प्रहाय परियच नचनि परिवति चवपना विराबायपदेयजा चबुरि मविपर पाचित पपुसमापगई सि पस्पमतो मिारतराममान गतिरप पोल्पयाति रमारामदेवमन किनेर पमयेन मिति रिपतवेव एव पमया प एक चायुकादिवो पवममय सानिया पमनयोपतो इतराचे समवासरमाभागदन्तराबदेमामा मसंभधन मिति सभाममा पनिगम्मो भारत रति ममरपति पुनस्यार परिमारपति पपिपरपकरविन वा एव शिसमयान्तर गति प्रोमान्तर समतोत्ति खड्गताचा यस्वा सागारीवसत्तिपानोपयोगवान मिति सह वेदपिजार उराजियतेयाषमाइ सवानिविप्पयावार्षि विष्पाति उरालियरोयाकम्माद मवारिविजप्पणाषि विप्पीत्ता उब्ज सेढीपरिवन्धे प्रफसमावई उ एषसमएवं पविग्गोस उस गता मागारोषउत्तेमिभिहिति कम पाते चार बर्ममा समवारिपावापामार चवरीमा पौदारिपमरोरखपमरोरवामपगरी बमबारविषयकोमारवार पपाविरो पति परिमारारिरी परिषरीनर चाचा -

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