Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 419
________________ पारा इत्यवः सात मौन पारोमाहिति गधार रित माने यावदिवस सम्पच शारदिसपटी हय एमुपमापति एतममा का एक नाम पथमा से समावस्या पर्यादिमिर्ष वामातीति समायोति यमप पायुमवधवा यमपणासावायुपायेति ममासम्तम्या : मम्म यमपायुषन् यथा पतिसमवाधपुसाव जानातीव मिर्जरापुरगनयोति दृष्टान्तोपनव' सम्हावभते देवसोसमोहचतित्ति ममवन्ति उमस्येय गोयम म धायपोग्ग नाण किंचिषणा पण जायभाणति पामति भगय मोति गहमले मेसेणणं गोयमा एवषुच्चर छउमस्येण मयुमे तेसिणिज्जरापोग्गलाणं नोकिचिवणणंवरम गाय ___ मायर पामद् एमुखमांस तेपोग्ग ना पणत्ता समणास्मो सयलोयपियणं सेफ मित्ताण चिति कम्हाणभते केपलीसमाधणसि काहाकेवनौसपुग्घायंगछति गोयमा केवलौश चत्वारिकामा अपलिक्खौणाभवति त पासपो परीव ५ प्रापरवागारी पाएमरवरी भगवम नहीपवातपमघटमाहो सेतो पयोम मारकर पतिय मानरहित मनुयाशिवरामीमपपाथान पुरसमउ नत्रापरकासमपरी जावपमेशाजापंचाम करी मारकरी या समरष्टि गोचरभानर एस्पातन प्रमानातीपकरर पहोमपचारितिको मोवपदराबप्रमापसथ सेपरसौम रहा किसागरणयत्री मगवन बेपनाननस धपोममोपामानामदियमषिविस्तारर किसाकारपधकोवर जानौसमुवातवरसमुहातकरीवामीमवर गौतम देवर सांनीनाचारिवर्मनाप्रयवयव अपरिचोपचवनधोमवतिपाम्या तव वेदनोवसातापसातादिक भाजप मनुष्यादिकनामकर्म समपराम गोवउच्चनीष

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