Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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पदानि प्रपवन पचामोसादयत्रोयंति धामनद्यादिष्विति माताविवृत्तियान्तमुतम योगनिरोध करोति १२
पखावमय
मेमामपि स्वादि वो बलिहारे पूर्वमेवादावेव योगनिषादाय चिनो मनोवधिमतः पच्चन्द्रियस्येति सपति मो जोगंज, इमोसमयोगंल जह सच्चामोममयजोग र प्रसज्ञामोसमयभोग जु जइ गोयमा मञ्चमणोगं बद्द बोमोसमयोगंज व बोसचा मोसवजगंज वर असा मोसवयोग पिन घर काय जोग जु जमाये श्रागच्छेज्ञाषा चिजमा बिसाए वा सुवट्ट ज्वमा उल्ल घेजना पक्ष घेज्जा उत्खेवांत्रा पश्खे वणवा तिरियल धाकरेजा पाडिहारियवा पौठफलहकसेवा संचारकंप्पचप्पिबेज्जा सेचतेसहाम योगसिमिति जायत करेहिति बोति
योग
मयुर करार सचिन काठठ एचबी मिश्रममनु बोमव्यापारमयु अ बाई सत्य सनो धनमपाठ होगी व्यवहारमनमु व्यापारप्रयु बहू अडोयोतम वाचधोमननु सोमन्यापः रम अत्र बनावट प्रोममनश्रो योमव्यापारमय अन सत्यपाठ एवमित्रम मुबोययापारमतुनही प्रसम्स्या सणाच्यवचारसमनु मोमयापारते मधु व कायापरोरनुयोगव्यापार जतिवारम् पलग पोषक घोटू सडपोपा वर माहिविवष्ठभौमपृडियोपादिक नविन रसह भूमिका दिन रविवरस्पर सामान्यमासुलुपबंधित प्रतिययस्त्र माईप्र तु उपयु अवज्ञावित छपाको पाि तिरोदिन करे गृहमथोमांगी पापाहर से हवा मटपाटोच मम्बापाच डबारथोतेङपाचपोचावह तेहलीयते प्रेम पवन श्विव श्री योगमनय चमकाया नायोमव्यापार सहितकरण, विवाह पूर्वीपर मनोर

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