Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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भवातारो वा पशुपारस्वारिका पुवकमावसे मप चौपावशेषवर्मापो देवसयोत्पत्तारो भवन्तोति योग २१छ सवचामविरयति सपकामन्य 8 ममतगदादिलिपमेभ्यो पिरता निवसातप वा विरया विगतोमुक्या ये ते तथा यतः सपरागविरसयत्ति सम रागात समताधिपयाभिमुस्पत
भतामपरिणामविशेषाधिरता निता ये है तमा सर्भगातीतति सर्वसामान्यासापिवादिमम्पन्धादतोता पक्षामा सवसमतोता यत सबसिरहारपतत्ति सर्व मावादिसम्बन्धोत पतिकामतामयावासो ये ते सर्वातियामा पयोति क्रोधविफनोकरणात निमोति . उदयाभावात एतदेव कुतरस्याप्त पौरोक्ति पोषक्रोधमोहमीय फर्माण एवथ एआयते गप्पा २२ व तदेवमायो विषधितोपपाती पधुनानसरोव P पितेमि गई तेतीसमागरोषमाइठिई धाराइफा सेम तय २१ सनोम गामागर मायमणिवेसेसु मा पाम L बसि तमहा मध्यकामविरया सम्बरागविरया सध्वस गातीता मयमिणेज्ञातिकता कोशा णिसोश खोमानोहा एव
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