Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

View full book text
Previous | Next

Page 411
________________ वरणारा दसोसमप्पज्जति ते पाहवासारफेवलिपरियागंपातिपातपित्ता भत्तपचपख ति भर्स २ वहभत्ताद् अणमणारछेदेवता जमाए कोरपग्गभाये जायधत करति गमि पियस एगइयाण पोफेवलपरदसणेममप्पज्जर तेवावासार छभोमत्यपरियाग पाठ२ यामाचप्पणेषा पयुप्मग्य वा मत्सपञ्च क्वति तेवह दभत्तान मणमणारा छटेद रत्ता नाहौए कोरए गग्गभावेजाय अत कर मि पियएगाच पोकेषजवरद सोम मध्यम तेवपू घासार छोमस्थपरियागपा ओर भाषाउप्पणष अणुप्पण घा भत्त पञ्चक्ष ति ते वहभत्तार पण सगाए। यौपनेरावधन ये पतसंपूस वरपधानामविपाववोध दर्शमसामाम्बाववीधस मुप्प जसम्यगमपा ससाधुध शाक्वासावरिभम्नगो वती साघिमोपवायतनुपारिखपतुभवमा पासोपनुममोम भानपशमादिकपपरिर मातपमनादिश पचपोनघणारभीप्रन पासप । : सिपवसरित पविशेषर हे इनिवार छेद निवारीमा नाकमाचयापर्धदमोधपभोक तथ्य चरकर नम्नपामावप्रमाणोपेतवसमुपहि | रयु प्रावण दयमी संघमापन पोपतविनायकार साधुभगवतमहिमापतनियरस्म कमाधुमर पेषत म पूर्ण ज्ञान के यमत स चूर्ण दर्यभविग्रेप । घामाचपावोध परमधान सम्य गप पारसूधपरमपनातिर पापामाधणारकर सवार सामान्य पवारइयतीनुपाय दोचाउँपामि तपासनानुभवातेदीचापासी अनुभवोनर पावाधातावमौसादिकरोगव्यारिजरमषा प्रयतापायाधापपजपनयर भात । पनादिकपणपरितर देमावघाभातभोपन पपसपसरपवरितपपिपते परकरोदरपरिसर होने जिशिपकिचयमोच leicka

Loading...

Page Navigation
1 ... 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466