Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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! भयवातारो वा पनपारस्वाचित पुषमावसे मेव चौपावशेषवाणो देवतरीत्यत्तारो मवन्तीति योग २१ छ' सघचामविरयत्ति सर्वकामभ्य , समसदादिषियेम्पो पिरता निहतात वा विरवा विगतोसुक्या येते तथा यस सम्परागविरसयत्ति सम रागात समम्मारिपाभिमस्यरेत भताभपरिणामविशेषाधिरता मिहत्ता येते तथा सबसगातीतत्ति सर्वमान्समातापिवादिसम्बन्धादतोता पपनासा सवसातोता पत सबसिरहारबत्ति सर्व मावादिसम्बयस पतिवान्तावाबासी ये ते सवातिलाना पोति क्रोधविफलोकरणात् नियोक्ति मममाभावात् एतदेव इतरत्याशप्पोपोति चोपकोधमोहनीयवर्मापरत्यर्ष पारित गप्दा २२ ब तदेवमायो विषधितोपपाती पधुमागसरोल
तेहि तेमि गई सेतोसमागरोवमाठि धारावफा सेम तचेव २१ सेनहम गामागर मावणिवेसेसु मणुपाम । पति तनहा सम्बकामविरया सव्यरागविरया सम्वस गातीता मरमिणे शशतिधता प्रकोश णिकोश खोमा कोशा एव
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सत्यत्तिारतिपातिपिवानकातेहयोगीमतिगमगार व्यकोसायोसिपनोपमएकसागरोपमपवासेवीसमागरोपममोयिसिपा उपपो खिममा नाजिनधर्मनापागवाये पयोमुमतिमाविशीपर २१ एप्रस्य चसमारोपजोष गाममामाम्यपागम्योहादिकनाठाम जावयम्दपनेरा
बोस सनिवेयमरवारिपारप्रसुपनावामनाविषे मनुषयावाभवंतिछा कार सर्वसमस्यामाप्दरूपविषयथोषिरतामिवच्याएर सथसमस्त -रामविपरीतभूततकीविरतानिवाळे सर्वसमास ममातापितादिवस वधवी प्रतीतप्रलगायया सर्वसमस्त से मातापितादिकसंवधिमातेकी
प्रतियोतापसगावया पोषबोधनुविफसरपपौरपोशा निर्गतनौवचमोशोध सदय प्रावतपोमची पयशोधपोक्रोधमोपनीयकर्मचयबोध एवरम
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