Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
View full book text
________________
पारपरिवावबाराकति तसोनाव एकवाघोपपडिविरया तं ममणोपामकामयति यभिगवणीपापोगायो वखरममपापापो पासरसंघरनिनरकिरिया अधिपारणधमोक्स कसला घस हेज्जाओ देशामरणागतवतरक्त सर्किपुरिसगसगंषष्यमहोरगादिएहिटगणेरि निग्गंधाश्रोपावयणाधी पण इवमपिजा पिग्गयेपाययो गिम्म किया रिकलिया निमितिगिच्छा वदता गहिवका पछिया अभिगया पिणिछिया पडिमिअपेमागुराग
soning
सिपबामावावयमतितर पमियतपोसपानापानोरतनापपोषचेतनाररितत्रीपदपत्रीपदपारनेपर उपयवापासोदा
बामप्रतापईतासीसभेदपापपपमपापागोवबारे पापमपरामवममपोपाधिषपोमगरपारताधर्ममपीमपरिषपी गिन राममनिमरिव पोषपाविषयो पिरिमामाययोप्रमुख प्रधिकरपपरहाटपांगपिडा चपनम् ममादिशययोम मागर पतिवितिपमार प्रदेपणिदेवमनापापमोचनामममेरालादिमीरने विशेषतरादिसपरिपुणपिपीमावदेवतारिखमपामा मानिसहरभर नपामोपसुरकुमारनागपरचंद्रादिगमयोगायोगांद्रस्यादिवबोलियो यचदेवतारागिरदेवता बिपुषपरेमागमरमादित । मवाना नवसमूर्षितरवार पितरदेव विधिवतेपरसरी मिप बमनर्वतमपीपारमितमार्गतमसरिधर्ममयो पतिसमपोपपरमपी
घोमपमागेमपरिये मिपयोमगवंतममाषपोषणपनीविमपर्मापनमासमनामावदनाविप मितविनिमयम रागिरि पियार शित मितपरिणबमुकाचापराममनोपभिषापाचारित मितपतिमयनितिगिचापममापचरतिसारित पारसनाच

Page Navigation
1 ... 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466