Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

View full book text
Previous | Next

Page 383
________________ atergreener पोसन्निहिंतिति न स सम्बन्ध करिपति चोरविहितति में रामं प्रेमभोग सम्बन्ध तु करिष्यति योगिनिमर्हन्तिति नाप्राप्तभोगष्या बाट करितीति चोपोवनविचिंतति मापते नामन्त तदेकाग्रमना भविष्यतीति वहानामपत्ति सेइति भवमष्ट्य वाक्योपनेपार्थ नामेति सम्भावना एवं शब्दो व्यावहाराई रूपमेतिया उत्पतमितिमा उत्पचादिपदानां चार्षभेो वर्षाको मेयो मवरं पुरोमितपद्म तसे पदारए तेहिविलेहिं म भोगेहि नाव सयणभोगेर योमजिस योरनि हिंति योगिग्मिहिंति योषको वर्षानििित सेज हाणामए उप्पलेवा पटमेषा कुसुमेइया नमियोवा सुभगेतिवा सुगंधेतिवा परीरतिवा मापोंडरौएतिवा सतपन्तेष सहपत्तेवा मतपत्तेवा करोडपतिशय निर्मल माना रिवन मे एडमीनवर तिवारपको तेहमतिभ्रवालका पनि पुष्ट विस्तीर्ष पुलघवघवे भावना दिनभोगिंबरी जवमन्दोनेरावोस सवनसम्वादिवनभोमहमोग विवहकरो संगसम समहोकर रागप्रेमापोसंग धन होकर पाम्याकमि भोगमो वांछनीवर पाम्यापदार्थनरविषार मुठीवर पाम्माकामभोगनविपत्पध्यवसाय एका पत्नीबर से बहतांमषा जिमनोम एड वह संभाविमचर उत्पeकमलजाति पद्मरात से इस विधायकमलजाति कुमुदचंद्रनिवासोकमथ नश्वरम प्रतिविशेष सुभगानवजाति विशेषशोचतिमाबिया सुगंधक्रमणजाति पुरोकपकाक मनोजाति मत्रा रोकप्रतिघटस्तु प्रतिमोटु पत्रपपिडीवर जेहन विषय एकसर पनपत्र सरसहस्रगुणावर पतसरचापपत्रपपिडोशनपर पकवादमने विवेधातिजपन जपायोनियर संबुड DANCIL

Loading...

Page Navigation
1 ... 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466