Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 182
________________ अंजणपुलय-अंत अंजणलय ] अञ्जनपुलक ] रा० १०, १२, १८,६५, १६५,२७६. जी० ३१७ अंजणमय [ अञ्जनमय | जी० ३१८८२ अंजणा अञ्जना ] जी० ३२४,६८७ [ अंजलि [ अञ्जलि ] ओ० २०,२१,५३,५४,५६, ६२,६६, ११७. रा० ८, १०, १२, १४, १८,४६, ७२,७४, ११८, २७६, २७६, २८२, २६२,६५५, ६८ १,६८३, ६८ ६, ७०७,७०८,७१३,७१४, ७२३,७६६. जी० ३।४४२, ४४५, ४४८, ४५७, ५५५ अंजलिपगह ] अञ्जलिप्रग्रह] ० ६६,७०, रा० ७७८ अंजलिप्पग्गह [ अञ्जलिप्रग्रह] ओ० ४० अंजू [ अ ] जी० ३६२० डग [अण्डक] ओ० ३३ अंड [ अण्डज ] जी० ३।१४७, १४८, १६१ अंडबद्ध [ अन्दुबद्धक ] ओ० ६० पंत [अन्त] ओ० ७२, ७४४, १५४, १६५, १६६, १७७,१८१. रा० ३७,७७१,८१६. जी० ११३३; ३१५२,१२४, १२५, ३११,६४२,६५३, ७२३,७५४,७६२,७६८ से ७७६ अंतकम् [ अन्तकर्मन् ] रा० २८५. जी० ३।४५१ अंतगडवसाघर [अन्तकृतदशाधर] ओ० ४५ अंतर [अन्तर] रा० १३२,२८१,७५४ से ७५७, ७६३, ७६४. जी० १११४१,१४२, २१६३,६६, ८६,८८, १२, १२५, १२६, १३३, १५०, १५१; ३/६० से ६३,६५,६६,६८ से १२, ११८, ११६, २८८,३०२, ४४७,५७०, ५६८, ७१४, ८०२,८१५, ८२७, ८३८१२७, ८५२, १५२, १०२२, ११३६, ११३७, ४११६, १७; ५१७, २३, २४, ३० ; ६।१०, ११३ ६४ ६४, १२, १३, १६, २५, २६,३३,३४,३६,४१ से ५४, ५६, ६०, ६५, ७१, ७२,८३,८४,५६,६२, ६३, ६६,१०५ से १०७, १११,११७,११,१२६ से १२८, १३६, १३७, १३६, १४६, १५२, १५३, १६५, १७६, १७७, Jain Education International ५४७ १७, १८०, १६३ से १६५,२०४ से २०७, २१६ से २१६,२२८ से २३०, २४१ से २४४, २४६, २४६, २६२ से २६५, २७७ से २८५ अंतरण [ अन्तर्नदी] रा० २७६ अंतरणदी [ अन्तर्नदी] जी० ३।४५५,६३७ अंतरी [अन्तद्वीप ] जी० २२६१ अंतरदीवक | अन्तद्वीपज, क | जी० २२८६ अंतरदीव [अन्तर्वोपज, क] जी० ११५५, १०१, ११६, १२६, २१३४,७०,७२, ७७, ८५, ६६, १०६,११६,१२४,१३३, १३७, १३८, १४७, १४६ : ३।१५५, २१५,२१६,२२७,८३६ अंतरदीय [ अन्तद्वीपज, क] जी० १११०१ अंतरबीविया [ अन्तद्वपिका ] जी० २०११,१३,६६, ७०,७२, १४७, १४६ अंतरा [ अन्तरा ] ओ० ५५. रा० २०,६८३,७०६. जी० ३।७२६ अंतराय [अन्तराय ] ओ० ४४ अंतरित [ अन्तरित ] जी० ३१४३६ अंतरिय [अन्तरित ] रा० ७६६. जी० ३१८३८२६ ताहार [अन्त्याहार ] ओ० ३५ ति [ अन्तिक ] ओ० २१,४७ से ५.१,५४,६३, ७८, ८०,८१,११७, १२०, १२११५१. रा० १२, १३,१५ से १७,४७,६२,२७७,६६७,६८१, ६८३,६८५,६६०,६१४ से ६६६,७००,७०६, ७१०,७१३,७१४,७१६,७१८,७२०, ७२६, ७७४,७७५,७६६,८१२. जी० ३८४४३ तेजर [ अन्तःपुर ] ओ० २३,७०,१६२. रा० ६७४,६६५, ६६८, ७५२,७७७,७७८, ७८७ से ७६१ अंजरिया [ अन्तःपुरिकी ] ओ० ६२ अंतेपुर [ अन्तःपुर ] जी० ३३२८५ तेवासि [अन्तेवासिन् ] ओ० २३ से २५,२७,८२, ११५. रा० ६७६ तो [ अन्तर् | ओ० ७०,६२ रा० २४,३३,६६, १३०, १३७, १८७,२५४,७५४,७५५,७५७, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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