Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
६०४
१०६,१११, ११३, ११४, ११६, १२५, १२६, १३३,१३६,१५०, ३१५, १२,१४ से २१,३३, ३४,३६,४०,४२,४४,५१,६० से ६३,६६,७७,
८०,८१,८६,१०७,१२०,१५६,१८६,१६२, २३८,२४३,२४७,२५०,२५६,५६४,५६५, ५७०,७०६,७१४,७३२, ७८८, ७८६,७६४, ८१२,८१५,८२३,८२७, ८३२,८३४,८३५, ८३६,८४४,८४७,८५०, ६५३, ५४,६७२,
७३,१००० से १००६, १०१०, १०२२, १०२७, १०७३,१०८३, १०८५,११११, ४१५, १६, १७, ५५,२१,२३, २४, २६, ३० ७१२ ६ २, ४, २५, २६,३३,४६, ५२
केवल [ केवल ] ओ० १५१,१५३,१६०,१६५, १६६. रा० ८९२,८१४. जी० ३११०२५ केवलकप्प [ केवलकल्प ] ओ० १६६. रा० ७. जी० ३०६.
केवलणाण [ केवलज्ञान ] ओ० ४०, १६५ १३. रा०
७३६,७४५,७४६
वाणविणय [ केवलज्ञान विनय ] ओ० ४० केवलणाणि [ केवलज्ञानिन् ] ओ० २४. जी० ६ १६३, १६५,१६६,११७,२०१,२०५,२०८
केवल सण [ केवलदर्शनन् ] जी० १।२६,८६
६/१३१,१३५,१३६,१४०
केवलदिट्ठि [ केवल दृष्टि ] ओ० १६५।१२ केवलनाणि | केवलज्ञानिन् ] जी० १।१३३ |१५६,१६३
केवल परियाग [ केवलपर्याय ] ओ० १६५ केवल [ केवलिन् ] ओ० ७२,१५४,१७१,१७२.
रा० ७१६,७७१,७७५,८१५,८१६. जी० ११२६; ६३६, ४१, ४२, ४४ से ४८, ५०, ५२ से ५४
केवलिपरियाग [ केवलिपर्याय ] ओ० १५४.
रा० ५१६
केवलसमुग्धाय | केवलिसमुद्घात ] ओ० १६६, १७४. जी० ११३३
फेस [केश ] ओ० १३,४७,९२. रा० २८६.
Jain Education International
. केवल-फोक्कुइय
जी० ३।४५२
{
संतभूमी [ केशान्त केशभूमी ] ओ० १६. रा० २५४. जी० ३/४१५,५६६
केसर [केसर ] रा० २५,३७,१७४ जी० ३।११८, ११६,२५६२७८,२८६, ३११,६४३ केसरिवह [ केसरिद्रह ] जी० ३।४४५ here [ सरिद्रह ] रा० २७६ केसरिया [केसरिका ] ओ० ११७ केसलीय [ केशलोच] ओ० १५४,१६५,१६६. २० ८१६ hea [ केशव | जी० ३।१२६
केसि [ केशि ] ० ६८६, ६८७, ६८६, ६६२ से
६६७,७०० से ७०६,७११, ७१३,७१४, ७१६ से ७२२,७३१ से ७३३,७३६ से ७३६,७४७ से ७८१, ७८७,७६६
केसि [ केशिन् ] रा० १३३. जी० ३।३०३ केसुध [ किंशुक ] रा० ४५
कोइल [ कोकिल ] ओ० ६. जी० ३।२७५,५६७ कोड [ कौतुकं ] ओ० २०,५२,५३,६३,७०.
२० ६८३,६८५,६८७ से ६८६,६६२,७००, _७१६,७२६,७५१,७५३,७६५, ६७४,८०२,
८०५
कोजयकार | कौतुककारक ] ओ० १५६ फोउहल्ल [ कौतुहल ] जी० ३।६१६ कोहल [ कोतुहल ] ओ० ५२. रा० १५,१६. ६८७,
६८६
कोंच | श्रीञ्च | रा० २६. जा० ३।२८२ कोंचणिग्घोस | क्रौञ्चनिर्दोष ] ओ० ७१. रा० ६१ कोंचस्सर | क्रौञ्चस्वर | जी० ३(३०५,५६८ चारण [ वासन | रा० १८१,१०३. जी० ३१२६३
कोंडल | कोण्डलक ] ओ० ६. जी० ३१२७५ कोकंतिय [ कोकन्तिक ] जी० ३०६२० कोकासित [ दे० ] जी० ३१५६६ hatense [stafor] ओ० ६४
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412