Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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६१८
७६८, ७७०,७७२, ७७४, ७७६ ७७८ चंदह [ चन्द्रद्रह ] जी० ३१६६७ चंदद्दी [ चन्द्रद्वीप ] जी० ३१७६३ चंद [ चन्द्रार्ध ] मो० १६. रा० ७०,१३३. जी० ३।३०३,५६६, ११२२ चंदपडिमा [ चन्द्रप्रतिमा ] ओ० २४ चंदपfरएस [ चन्द्रपरिवेश ] जी० ३१६४१ चंदपरिवेस [ चन्द्रपरिवेश ] जी० ३१६२६ चंदप्यभ [ चन्द्रप्रभ] रा० १६०,२९२. जी० ३१३३३,४५७
चंदभा [ चन्द्रप्रभा ] जी० ३१५८६,७६३,८६०, ६५८,१०२३
चंदप्पह [ चन्द्रप्रभ ] रा० २५६
जी० ३१४१७
चंदमंडल [ चन्द्रमण्डल ] रा० २४, ५१, १४६.
जी० ३२७७, ३२२ चंदमंडलपविभत्ति | चन्द्रमण्डलप्रविभक्ति ] रा० ६० चंदवडेंसय [चन्द्रावतंसक ] जी० ३।१०२४,
१०२५
चंदवण्ण [ चन्द्रवर्ण ] जी० ३।७६३ चंदवण्णाभ [ चन्द्रवर्णाभ ] जी० ३।७६३,१००८, १०१०१०१५
चंदरिमाण [ चन्द्रविमान ] जी० २११८, ४० ३३१००३ से १००६,१०२७
चंदविलासिणी | चन्द्रविलासिनी ] रा० १३३. जी० ३१३०३, ११२२
चंदसालिया [ चन्द्रशालिका ] जी० ३१५६४ चंबसूरवंसणग [ चन्द्रसू रदर्शनक ] रा० ८०२ चंदसुरदंसिणया [ चन्द्रसूरदर्शनिका ] ओ० चंदा [ चन्द्रा ] जी० ३।७६४,७७६,७७८ चंदागमणपविभत्ति [ चन्द्रागमनप्रविभक्ति ]
१४४
र० ८७
चंदागार [ चन्द्राकार ] रा० १५६. जी० ३१३३२, ७६३
चंदाणणा [ चन्द्रानना ] २१० ७०,१३३,२२५.
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चंदद्दह - चक्कषट्ट
जी० ३१३०३, ३८४, ८६६, ११२२ चंदावरणपविभत्ति [ चन्द्रावरणप्रविभक्ति ]
रा० ८८
चंदावलि [ चन्द्रावलि ] रा० २६ चंदावलिपविभत्ति | चन्द्रावलिप्रविभक्ति ] रा० ८५ चंदिम [ चन्द्रनम् ] ओ० १६२. रा० १२४. जी० ३।२५७,८४१, ८४२, ८४५,६६८ से १०००,१०२०, १०२१,१०३८ चन्दुग्गमणपविभत्ति ] चन्द्रोद्गमनप्रविभक्ति ]
रा० ८६
चंपक [ चम्पक जी० ३३२८१
चंपंग | चम्पक | ० २८,८०४. जी० ३।२८१ चंपग | लया | | चम्पकलता ] जी० ३१२६८ चंपगलया | चम्पकलता | ओ० ११. रा० १४५. जी० ३,५६४ चंपगलयापविभत्ति [ चम्पकलताप्रविभक्ति ]
२० १०१
चंपगवडेंसय | चणकावतंसक ] रा० १२५ चंपगवण [ चम्पकवन ] रा० १७० जी० ३१३५८. चंपय | चम्पक | रा० २८, १८६. जी० ३।२८१,
३५६
चंपा [ चम्पक] रा० २८,३० जी० ३।२८१, २८३ चंपा | चम्पा ] ० १, २, १४, १९ से २२, ५२, ५३ ५५, ६० से ६२,६७, ६८, ७०
चंपापविभत्ति | चम्पकप्रविभक्ति ] रा० ६३ चकारखग्ग | चकारवर्ग ] रा० ६६ चक्क | चक्र ] ओ० १६, ११. ० १५०, १५१ जी० ३।११०, ३२३, ३२४, ५६६, ५९७ चक्कग | चक्रक ] जी० ३५६३
चक्कज्झय | चक्रध्वज | रा० १६२. जी० ३।३३५ चक्कद्धचक्कवाल | चक्रार्धयकाल ] रा० ८४ चक्कपाणिलेहा | वक्रराणिखा | जी० ३।५६६ चक्कल ! दे० ] रा० ३७. जी० ३।३११ चक्कलक्खण [ चक्रलक्षण | रा० ८०६ चक्कवट्टि [ चक्रवर्तिन् ] आं० १६,२१,५४,७१.
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