Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 286
________________ दलय-दार दलय [दलक] रा० २६ दहित्ता [दग्ध्वा ] जी० ३१५१६ दिलय [दा] --दलइस्संति. ओ० १४७. रा० दहिवण [दधिपर्ण ] ओ० ६,१०. जी० ३१३८८ ८०८–दल मामि. रा० ७८७ -- दल एज्जा. दहिवासुयमंडवम [दधिवासुकामंडपक] रा० १८४ रा० ७७६.---दलयइ. ओ० २१. रा० २६३ दहिवासुयमंडवय [दधिवासुकाभण्डवक] रा. १८५ जी० ३१५१५.-दलयंति, रा०२८१. जी० दादा]--दिज्जइ २.० ७८४.- देह रा० ७६६ ३.४४७.-दल यति. जी० ३१४५८ दाइय [दायिक] ओ० २३. रा ० ६६५ दलयित्ता दत्वा ] रा० २६३ दाऊण [दत्वा] रा० २६२. जी० ३।४५७ दवकर द्रवकर] ओ० ६४ दाडिम [दाडिम] ओ० ६,१०. जी० ११७२; दवम्गि [दवाग्नि] जी० २०६८; ३:११८,११६ ३॥५६६,५६७ दयग्गिवड्डम दवाग्निदग्धक] ओ० ६० वाण [दान] ओ० २३. रा० ६६५ दवप्पिय [द्रवप्रिय ] ओ० ४६ दाणधम्म [दानधर्म ] ओ० ६८ वस्व [द्रव्य ] ओ० २८,४६,६६,७०. रा० ७७८. दातु [दातृ ] ओ० ११७ जी० ११३३, ३३२२,२३,२७,४५,५०६,५९२; दाम | दामन् ] रा० २८,३२,४०,५१,६७,१३०, श५१ १३२,१३७,१४०,१५८, २३५,२५५,२६५, दवओ [द्रव्यतस् ] ओ० २८. जी. ११३३ २८१,२६१,२६४,२६६,३००,३०५,३१२, दवट्ठ [ द्रव्यार्थ ] जी० ५१५२,५६,६० ३५५,६८३,६६२,७००,७१६. जी० ३१२८१, दव्वट्ठया [ द्रव्यार्थ] रा० १६६. जी० ३१५८,६७, ३००,३०२,३१३,३३१,३३८,३५५,३५६, २७१,७२४,७२७.१०८१ ३६७,४१२,६३४,८६२ दश्वविउसग [द्रव्यव्युत्सर्ग] ओ० ४४ दामिणि [दामिनी] जी० ३३५६७ दवभिग्गहचरय द्रव्याभिग्रहच रक] ओ० ३४ वामिल [द्राविडजी० ३।५६५ दम्बीकर [दर्वी कर] जी० १११०६,१०७ दार [द्वार ओ० १,१६२. १० १२६ से १३८, दन्दोमोदरिया [ द्रव्यावमोदरिका] ओ० ३३ १६२ से १६६.२१० से २१२,२१५,२७७, दस दशन्। ओ० ४७. रा० ८. जी. ११७४ २८३,२८६.२८८,२६१,२६४ से २९६,३०१ से दसण [दशन] जी० ३५९७ ३०४,३२२ से ३२४,३२७ से ३२६,३३१ से दसणुप्पडियग [उत्पाटितकदशन] ओ०६० ३३४,३३६,३३७,३३६,३४१,३४२,३५१,३५७, दसदसमिका | दशदशकिका) ओ० २४ ३६४,३९५,४१४,४१६,४५३,४५४,४७४, दसद्ध [दशार्ध] रा० ६. जी० ३१४५७ ४७७,५१४,५१५,५३४,६३७,५७४,५७५, दसमभत्त (दशमभक्त ) ओ० ३२ ५६४,५६७,६३४,६३५.६५४,६५५,६५७. जी. दसविष [दशविध ] जी० ६।१,२५६ २२६६ से ३०७,३१५,३३५,३३६,३४६ से दसविह [दशविध ओ० ३६,४१. जी० ११४,१०; ३५१,३५४ से ३५७,३७३,३७४,४१२,४२१, २।१६, ३१२३१६८,२६७,२६३ ४४३,४४५,४४६,४५२,४५४,४५७,४५६ से दह [द्रह) रा० २७९. जी० ३१४४५,६३६,६४०, ४६१,४६३,४६४,४६६,४६८,४६६,४७५, ६६६,७७५,६३७ ४७६,४८७ से ४८६,४६१ से ४६४,४६६ से वहमह द्रहमह जो० ३३६१५ ४६६,५०१,५०२,५०४,५०६,५०७,५१६, दहि दधि] ओ०६२,६३ ५१७,५२२,५२४ से ५२६,५२८,५३०,५३१, दहियण [दधिधन] रा० २६. जी० ३१२८२ ५३३,५३६,५३८ से ५४०,५४३,५४५ से Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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