Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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६७०
पच्चोत्तरित्ता-पट्टिया
६४६
पच्चोत्तरित्ता [प्रत्युतीर्य ] रा० २७७
जी० ११४,२६,८६,६६,१०१,११६,१३३, पच्चोयर [दे०] रा० १५४,१७४. जी० ३।२८६, १३६,३१४४०,४४१
पज्जत्तिभाव [पर्याप्तिभाव] रा० २७४,२७५, पिच्चोरभ [प्रति + अव--रुह-पच्चोरुभति. ७६७. जी. ३१४४०,४४१ जी० ३१५५६
पजलिय [प्रज्वलित ] रा० ४५ पच्चोरुभित्ता [प्रत्यवरुह्य ] जी० ३१५५६ पज्जव [पर्यव] रा० १६६. जी० ३।५८,८७, पिच्चोरुह प्रति+अव+रुह.]-पच्चोरुहइ. २७१,७२४,७२७,१०८१
ओ० २१. रा०२७७. जी. ३१४४३ पज्जवसाण [पर्यवसान ] ओ० १४६. रा० ८०६, ---पच्चोरहति ओ० ५२. रा० ५७
८०७. जी० ११४६; ३३२५०,२५६,६४८, -पच्चोरुहति रा०८. जी० ३।४४३ पच्चोरुहित्ता प्रत्यवरुद्ध] ओ० २१. रा०८. पज्जालिय [प्रज्वालिता जी० ३५९४ जी० ३१४४३
पिज्जुवास [परि+उप-आस् ]--पज्जुवास इ. पच्छय [प्रच्छद] ओ० ५७
ओ०६६. रा०६- पज्जुवासंति. ओ०४७. पच्छा [पश्चात् ] ओ० १६५,१६६,१७७.
रा० ६८७.-पज्जुवासति. रा०६० रा० ५६,६३,६५,२७५,२७६७८१ से ७८७, -पज्जुवासामि. रा०५८-पज्जुवासामो. ८०२. जी. ३.४४१,४४२,६८६,१०४८,
रा० १०-पज्जुवासिस्संति. रा० ७०४ १११५
-पज्जुवासेइ. रा०७१६-पज्जुवासेज्जा पच्छाणुताविय [पश्चादनुतापिक] रा० ७७४,
रा० ७७६ पच्छियापिडय [पच्छिकापिटक] रा० ७६१,७७२
पज्जवासणया [पर्युपासना] ओ० ४०,५२.
रा०६८७ पजेमणग [प्रजेमनक] रा० ५०३
पज्जुवासणा [पर्युपासना] ओ० ६६ पजोग [प्रयोग[ रा० ७६४
पज्जवासणिज्ज [पर्युपासनीय ओ० २. पज्ज [पद्य] रा० १७३. जी० ३।२८५
१० २४०,२७६. जी० ३।४०२,४४२,१०२५ पज्जत्त [पर्याप्त ] जी० ११५१,५५,६३,६५;
पज्जवासमाण [पर्युपासीन] ओ० ८३ ३।१३३,१३४; ४१६,२२,२३,२५,५।१७,२६,
पज्जयासित्तए [पर्युपासितुम् ] ओ० १३६. २८ से ३०,३२ से ३६,३६,४०,४३,४६,४६,
रा०६ ५२,५४ से ६०
पज्जोसवणा [पर्युषणा,पर्युपशमन | जी० ३१६१७ ज्जत्तग[पयाप्तक] आ० १८२.जा. ११२, पझंझमाण [पझञ्झमान ] रा० ४०,१३२.
६७,७३,७८,८१,८४,८८,८६,६२,१००,१०३, जी० ३१२६५ १११,११२,११६,११८,१२१,१२६,१३५, पदपि ] रा० ३७,२४५,६६४,६८३. ३३१३६,१३६,१४०,१४६,४१२,६,१८,२१ से २३,२५,५॥३,४,७,१८ से २२,२४,२५,२७, पण पित्तन] ० ६८,८६ से ६३,६५,६६,१५५, ३१,३३,३४,३६,५०; 815८,८६.६२,६४
१५८ से १६१,१६३,१६८. रा०६६७. पज्जत्तय [पर्याप्तक] ओ० १५६. जी० १११०१ जी० ३।५६५ ४.११, ५॥१२ से १६,२६,५२,६०
पट्टिया [पट्टिका] रा० १३०,१६०,६६४,६८३. पम्नत्ति [पर्याप्ति] रा० २७४,२७५,७६७.
जी. ३१२६४,३००,५६२ .
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