Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 319
________________ ६८४ पाणावायवेरमण [ प्राणातिपात विरमण ] ओ० ७१ पाणि [पाणि] ओ० १५, १६, ३७, ६३,६४, १४३. रा० १२,६६४,६७२,६७३, ७५८, ७५६,८०१. जी० ३३११८, ५६२,५६६ पाणिलेहा | पाणिरेखा ] भ० १६. जी० ३३५६६, ५.६७ पानिय [ पानीय] ओ० ४६ पाताल | पाताल | जी० ३७२६,७२८ पाती [पात्री ] रा० १५१. जी० ३।३२४, ३५५, ४१६,४४५ पाद [पाद] रा० २८१,२८८. जी० ३।३११, ४०७, ४१५, ४४७, ४५४ पादचारविहारि | पादचारविहारिन् ] जी० ३.६१७ पादपोढ [ पादपीठ ] ओ० ६४ पादव | पादप ] जी० ३३०३ पामिच्च [पामृत्य ] ओ० १३४ पामोक्ख [ प्रमुख, प्रमुख्य ] रा० ३५५,७८७,७८८. जी० ३।४१०,५२० पाय [पात्र] ओ० ३३ पाय | पाद] ओ० १५,३७,५२,६३,६६,६०,१११ से ११३,१३७, १३८, १४३. २० १२,३७, २४५,६५६,६७२,६७३, ७५८, ७५६,८०१. जी० ३।११८,५५६ पाए [ पातुम् ] ओ० १३४, १३५ पायंचणी [पादकाञ्चनी] जी० ३।५८७ पायंत [ प्रवृत्त, पादान्त ] रा० ११५ पायंताय [ प्रवृत्तक, पादान्तक] रा० २८१ पायच्छिण | पादच्छिन्नक ] रा० ७५१ पायच्छिण्णय | पादच्छिन्नक ] रा० ७६७ पायच्छित्त [ प्रायश्चित्त ] ओ० २०,३८,३६,५२, ५३,७० रा० ६८३,६८५,६८७ से ६८६, ६६२,७००,७१६, ७२६, ७५१, ७५३,७६५, ७६४,८०२,८०५ पायछिण्णा [पादछिन्नक ] ओ० ६० पायजाल [पादजाल ] जी० ३५६३ Jain Education International पाणावायवे रमण पारिणामिया पातल [ पादतल ] रा० २५४. जी० ३।४१५ पायस [ पादात] ओ० ६४ पायाणियाहिव | पादातानीकाधिपति, पादात्यनीकाधिपति ] २०१३, १६ पायाणियाविति पादातानीकाधिपति, पादात्यनीकाधिपति | रा० १४ पायताणीय [ पादातानीक, पादात्यनीक ओ० ६४ पायताणीया हिवs [ पादातानी काधिपति, पदात्यनीकाधिपति] रा० १५ पायत्ताय [ प्रवृत्तक, पादान्तक] रा० १७३ पायपीठ [ पादपीठ ] ओ० २१, ५४. रा० ८,३७, ५१,७१४. जी० ३३११ पापुंछ [प] ओ० १२०,१६२. रा० ६६८,७५२,७८६ पायबद्ध [पादबद्ध ] रा० १७३. जी० ३२२८५ पायरास [ प्रातराश] रा० ६८३ पाय [पादप ] ओ० ५,८, ६, १२, १३. रा० ३,४, १३३, ५०४. जी० ३।२७४ पावविहारचार [ पादाविहारचार] ओ० ५२. रा० ६८७ से ६८६,७०० पायवीढ [ पादपीठ ] ओ० १६ पायसीस [पादशीर्ष ] जी० ३ | ४०७ पायसीसग [ पादशीर्षक ] रा० ३७,२४५. जी० ३।३११ पायाल [ पाताल ] ओ० ४६. जी० ३१७२८, ७३१ पारंचियारिह [पारञ्चितार्ह ] ओ० ३६ पारस [ पारस ] ओ० ६७ पारगय | पारगत ] ओ० १९५२० पारगामि [ पारगामिन् ] ओ० २६ परिभमाण [ प्रारंभमान ] ओ० ११७ पारसी [पारती ] ओ०७० रा० ८०४ पारावय [ पारापत ] जी० ३२३८८ पारिजातकवण [ पारिजातकवन ] जी० ३।५८६ पारिणामिया [ पारिणामिकी ] रा० ६७५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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