Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 329
________________ बंधित्तए-बहिया बंधित्तए तद्धम् । रा० ७७४ बलदेव बलदेव ओ०७१. जी० ३।७६५,८४१ बंधित्ता | बद्धवः | रा० ७५ बलव । बलवत् ] ओ० : ४. रा० १२,६७१,७५८, बंधुजीवगगुम्भ [बन्धुजीवकगुल्म जी० ३।५८० ७५६. ३१११८,११६ बंभ ब्रहान् ० २५.५१,१६२. रा०६६. बलवाउय बल मृत आं० ५५ से६३ जी०३।१०४६,१०६६,१०८८,१०६४,१११० बलसंपण्ण न 'म्पन्न । ओ० २५.१० ६८६ बंभचेर बहाचर्य जी. ३।६६६ बलागा बताका स २६ बंभचेरवास | ब्रह्मचर्यवा" ऑ० १५४,१६५,१६६. बलाया । बल का! ० ३।२८९ रा०८१६ बलाभिओग नलानिय ग] ओ० १०१,१२४ बंभष्णय वाहायक ] ओ० ६७ बलाहक बला'कजो० ३१७८५,७८६,८४१ बंभदत्त [हादत्त जी० ३।११७ बलाय [बलाहक | F०२६. जी० ३।२८२ बंभलोग गिलोक ०३:१०७६ बलि बिलि! जी० ३१२८० से २४३ बभलोय [ब्रह्मलोक ] ओ० ११०,११७,१४०. बलिकम्म बिलिकर्मन् । ओ००,५२,५३,७०. जी० २।१४८,१४६; ११०३८,१०५६,११०२ रा०६८३,६८५,६८७ से ६६६६६२,७००, Vबजा बन्ध ---बज्झती. ओ०७४।४ ७१०,७१६.१२६,७५१,७५३,७६५,७७४, बत्तीस [द्वात्रिंशत् । ओ० ३३. रा० १२४. ७६४,८०२,८०५ जी० ३१५ बलिपीढ विलिपीट। रा० २७२,२७३,६५४. जी. बत्तीसइगुण द्वात्रिंशद्गुण] जी० २११५१ बत्तीसइबद्ध द्वात्रिशद्बद्ध] रा० ७३.११८ बलिविसज्जण | मलि विसर्जन] रा० ६५४. जी. ३१५५६ बत्तीसइबद्धय [द्वात्रिंशद्बद्धक] रा० ७१०,७७४ बल्लकी बल्लको रा० ७७ बत्तीसतिबद्ध [द्वात्रिशद्बद्ध रा०६३,६५ बहली बिल्ली। आ० ७०. रा० ८०४ बत्तीसिया [द्वात्रिशिक: । रा० ७७२ बहन बहु] अ० १२,१७,२३,४७ से ५२. रा० बद्ध बद्ध j ० ५.८,५७. रा० १३२,२३५,६६४, १६,१७,२२,२३,५४,५५,७१ से ७५,७६ से ६८३,७५४,७५६,७६४,७७१,७७४. ८१,८३,११२ स ११८,१३२,१५३,१६७,१६८, जा० ३।२२,१७४,२७४,३०२,३२६,३९७,५६२ १७८ से १८०,१८२.१८४,१८५,१८७,१६२ बद्धग बद्धक रा० ७७ से १६४,१६६,२३५,२३६.२४०,२४६,२८०, बद्धीसा ! बध्वीमा ०७७ २८२, २८६, ६८७ से ६८६.६६५,७०३, बफ ] जी० ३१५६२ ७०४. जो० ३३८७,२१७,३४८,३५८, ३५६, बल्बरिया बर्वरिका रा० ८०४ ३६७,३६७,३६८,४०२,४१०,४११,४२०, बब्बरी । बर्बरी| ओ० ७० ४४६,४४८,४५५,४५६,५७६ से ५८३ ५८६ से बरहिण न ०६. जी. ३१२७४ ५६५,६४०,७०२,७२४,३२६,७२७,७२६, बल [व] ० २३,६७,८१,८६ मे ६८,११४, ७८५ ७५७,८०७,८२६,८४१,८५७,६०२, ११,१५५,१५० से १६०,१६२,१६७. ६१७,१०३०,१०३६,१०८१ ग० १२.१३,६१,६५७,६७४,६९५,७५८,७५६, बहिव रा० १३२. जी. ३१३०० ७८७,७८,६०,७६१ जी० ३.११८,४४६, बहिया बहस हस्तात् । ओ०२. रा० २. जी. ५८६,५६२ ३८३८६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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