Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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पयाहिण-परिक्खित्त
६७७
पयाहिण प्रिदक्षिण] ओ० ४७,५२,६६,७०,७८, परमण्ण [परमान] जी० ३५६२
८०,८१,८३. रा० ६,१०,१२,५६,५८,६५. परमसीय [परमशीत] जी० ३१११५ ७३,७४,११८,१२०,८७,६६२,६६५.७००, परमसुक्कलेस्सा [परमशुक्ललेश्या] जी० ११०४ ७१६,७१८,७७८
परमसुक्किल [परमशुक्ल जी० ३११०७६, १०६६ पयाहिणावत्त |प्रदक्षिणावर्त ) ओ० १६. परमहंस [ परमहंस] ओ०६६ जी० ३।५६६,५९७,८३८।१०.११
परमाउ [परमायुष ] ओ०६८ पयोधर [पयोधर ] जी० ३१५६७
परमाणु परमाणु] जी० ७७१. जी० ११५ पर पिर] ओ० १५४,१५५,१६० से १६३,१६५, परलोग [परलोक] ओ० २६, ८६ से १५, ११४, १६६. रा० ८१६
११७, १५५, १५७ से १६०, १६२, १६७ परं परम् | जी० ३१८३८१२३
परवाइ | परवादिन् | ओ० २६ परंगमाण | पर्यङ्गन] रा० ८०४
परवाय [परवाद | ओ० २६ परंपर | परम्पर] जो० ११४३
परसु [परशु] रा० ७६५ परंपरगय परम्परगत | ओ० १६५२०
परस्सर [पराशर] जी० ३।६२० परंपरसिद्ध [परम्प सिद्ध] जी० १७,६
पराइय [पराजित ] ओ० १४. जी० ६७१
परामुस [परा । मृश्] --परामुसइ. रा० २६४. परक्कम पराक्रमजो० ८६ से ६५,११४,११७,
जी० ३१४६० ----परामुसति. रा० २६८. १५५,१५७ से १६०,१६२,१६७
जी० ३.४५७ परग [परक जी० ३१५८७
परामुसिता [परामृश्य] रा० २६४. जी० ३।४५७ परधर [ परगृह ] रा० ८१६
पिरावर्त [परा-1-वृत्]-परावत्तेइ. रा० ७२६ परच्छंवाणुवत्तिय [परच्छन्दानुवर्तित | ओ० ४० परपरिवाइय [परपरिवादिक] ओ० १५६
-परावत्तेहि. रा० ७२८ परपरिवाय परपरिवाद] ओ० ७१,११७,१६१.
परासर पराशर] ओ० ६६ । परिकच्छिय | परिकक्षित रा० ५२
परिकम्म [परिकर्मन् ] ओ० ३६ परपरिवायविवेग पर परिव दविवेक ओ० ७१
“परिकह परि-कथय ।----परिकहे ओ०७१. परपुट्ट | परपुष्ट] रा० २५. जी० ३ २७८
रा०६१ परम परम ओ०२०, २१, ५३, ५४, ५६, ६२, परिकले
५६, १२ परिकहे परिकथयितुम् ओ० १६५।१६ ६३,७८,८०,८१. स० ८,१०,१२ से १४,१६ परिकिलंत परिक्लान्त ] रा० ७२८, ७६०,७६१ से १८, ४७, ६०, ६२, ६३, ७२, ७४, २७७, परिकिलेस परि + क्लिश् । —परिकिलेसंति २७६, २८१,२८८, २६०, ६५५, ६८१,६८३,
ओ० पर ६६०, ६६५, ७००, ७०७, ७१०, ७१३,७१४,
परिकिलेस [परिक्लेश] ओ० १६१,१६३
, ७१६, ७१८, ७२५, ७२६, ७६५, ७७४,७७८,
परिकिलेसित्ता परिक्लिश्य ] ओ० ८६ ८०२. जी० ३११६, ४४३, ४४५,४४७,४५५
परिक्खित्त [परिक्षिप्त ] ओ० १, ५२, ६४, ७०. परमकिण्ह । परम कृष्ण ] जी० ३१८३, ६४
रा० १७,१८,१३२,१७०,१७४,२३३,६८१, परमकिण्हलेस्सा । परमकृष्ण श्या । जी० ३.१०२ ६८३, ६८७,६८८, ६६२, ७००, ७१६,८०४. परमट्ट [परमार्थ ] ओ० १२०, १६२. रा० ६६८, जी० ३.२५६,२८६,३०२,३५८,३६५,६३२, ७५२, ७८६
६६१, ६८३, ७६२, ८५७,८८२,६१०,६११
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