Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 236
________________ किन्नर - कुंभिक्क किन्नर [ किन्नर ] ओ० १२०,१६२. रा० १७, १८, २०, ३२, ३७, १२६, १४१, १७३, १६२. जी० ३।३११ किन्नरकंठ [ किन्नरकण्ठ ] रा० १५५, २५८ किमंग [ किमङ्ग ] ओ० ५२. रा० ६८७ किमि [ कृमि ] जी० ३१८४ किमकुंभी [कृमिकुम्भी ] रा० ७५६ fafar [ कृमिक ] जी० ३।१११ किमिराग ] कृमिरोग ] रा० २७. जी० ३।२८० किर [ किल ] जी० ३।१२६ १ किरण [ किरण] ओ० १६. जी० ३३५६०, ५६६, कुंडधारपडिमा [ कुण्डधारप्रतिमा] रा० २५७ जी० ३१४१८ कुंडल [ कुण्डल ] ओ० १५, २१, ४७, ४६, ५१, ५४, ६३, ६५, ७२, १०८, १३१. २०८, २८५, ६७२, ७१४. जी० ३।४५१,५६३, ७७५, ६३३ कुंडलभद्द [ कुण्डलभद्र ] जी० ३ ६३३ कुंडलमहाभद्द [ कुण्डलमहाभद्र | जी० ३२६३३ कुंडलमहावर [ कुण्डलमहावर ] जी० ३१६३३ कुंडलवर [ कुण्डलवर ] जी० ३१६३३ कुंडलवरभद्द [ कुण्डलवरभद्र ] जी० ३१९३३ कुंडलवरमहाभद्द [ कुण्डलवरमहाभद्र ] जी० ३९३३ ૨ किरिया [ क्रिया ] ओ० ४०, १२०, १६२. रा० ६१८, कुंडलवरोभास [ कुण्डलवरावभास | जी० ३९३३ कुंडलवरोभासमहावर | कुण्डलोवरावभासमहावर ] ७५२, ७८६० जी० ३।२१०,२११ किलंत [क्लान्त ] जी० ३।११८, ११६ जी० ३०६३३ कुंडलवरोभासवर [ कुण्डलवरावभासवर | जी० ३१६३३ फिलाम [ क्लम ] रा० ७२६, ७३१, ७३२ किलेस [ क्लेश ] ओ० ४६ किव्विसिय [कित्विषिक ] ओ० ६८ किसलय [ किसलय ] ओ०५, ८. रा० १३६. जी० ३।२७४, ३०६ किसि [ कृषि ] जी० ३।६०७ किसिय [ कृशित ] ० ७६०, ७६१ कोड [ क्रीड् ] - कीर्डात जी० ३।२६८ htयगड [ क्रीतकृत ] ओ० १३४ / कील [ क्रीड् ] -- कीलंति रा० १८५. जी० ३।२१७ कोलग [कोलक] रा० २४. जी० ३।२७७ कीलण [ क्रीडन'] ओ० ४९ कोलिया [ कीलिका ] जी० ११११६ कुंकुम [ कुङकुम ] ओ० ११०, १३३. रा० ३०. जी० ३१२०३ कुंचस्सर [ क्रोञ्चस्वर] रा० १३५ कुंचि [ कुञ्चित] ओ० १६. जी० ३।५६६, ५६६ कुंजर [ कुञ्जर] ओ० १, १३, २७. रा० १७, १८, २०, ३२, ३७, १२६, ८१३. जी० ३ ११८, ११६, २८८, ३००, ३११, १७२ Jain Education International ६०१ कुंडिया [ कुण्डिका ] ओ० ११७ कुंडियाrय [ कुण्डिकालाञ्छ्णक | रा० ७६७ कुंत | कुन्द्र | ओ० ६४. जी० ३०११० कुंतरण [ कुन्ताग्र ] जी० ३.८५ कुंग्गाह [ कुन्तग्राह ] ओ० ६४ कुंथु [ कुन्थु ] रा० ७७२. जी० ३.१११ कुंब | कुन्द ] ओ० १६. रा० २६, ३८, १६०, २२२, २५५, २५६. जी० ३:२८२, ३१२,३३३, ३८१, ४१६, ४१७, ५६६, ५६७, ८६४ कुंद गुम्म [ कुन्दगुल्म ] जी० ३२५८० कुंदलया [ कुन्दलता ] ओ० ११. रा० १४५,३२६८, ५८४ कुंदलयापविभत्ति | कुन्दलताप्रविभक्ति ] रा० १०१ कुंदुरुक्क [ कुन्दुरुक] ओ० २,५५.०६, १२, ३२, १३२, २३६,२८१, २६२. जी० ३३३०२, ३७२, ३६८, ४४७, ४५७ कुंभ [ कुम्भ ] जी० ३१५६७ कुंभारावा [ कुम्भकारापाक ] जी० ३।११८ कुंभिक [ कौमिक, कुम्भात्र ] रा० ४० जी० ३।३१३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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