Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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उल्ल-सवाणिविट्ट
उल्ल [आर्द्र] रा० ७५३
रा० १२,१३३,६८६,७३२,७३३,७३७,७५८, उल्लंघ [उत् + लङ्ग.]-उल्लंघेज्ज, ओ० १८०
७५६,७६१,७६५. जी० ३.११८ उल्लंघण [उल्लङ्घन ] ओ० ४०
उवगरण [उपकरण] ओ० ३३. रा०७५६,७६१ उल्लाल [उत्+ लालय]---उल्लाले ति. रा० १४ उवगाइज्जमाण [उपगीयमान रा०६८५,७१०, उल्लालिय [उल्लालित ] रा० १४
८०४ उल्लालेमाण [उल्लाल यत् ] रा० १३
उवगारियालयण [उपकारिकालयन | रा० १८८. उल्लिहिय उल्लिखित ओ०१५ रा० ६७२
जी० ३१३६१ से ३६४ उल्लोइय [दे० ] ओ० २,५५. रा० ३२,२८१. उपगिज्जमाण [उपगीयमान | रा०७७४ जी० ३३७२,४४७
उवगूढ [उपगढ़ ] रा० ७६,१७३. जी० ३।२८५ उल्लोग [उल्लोक] जी० ३१३५५,८८८ उवगृहिज्जमाण | उपगूह्यमान] रा०८०४ उल्लोय [उल्लोक] रा० ३४,६६,१३०,१६४, उवचय [उपचय ) रा० ७५२,७५३
१८६,२०४ से २०७,२१३,२१६,२६७,२५१,। उवचित [उपचित ] जी० ३।२५६ २६०.जी० ३३००,३०८,३३७,३५६,३५६, उवचिय उपचित ओ० २,१६,५५. रा० २०, ३६४.३६८ से ३७१,३७४,३६६,४१२,४२१, ३२,३७,१३०,१७४,२८१. जी. ३११८ ४२६,६३४,६४८,६७३,६०४
११६,२८६,२८८,३००,३११,३७२,४४७,५९६ उवइय (उपचित ओ०१६. जी० ३१५९६ उवच्छर [उपस्तृत] रा० ७७४ उपउत्त उपयुक्त) ओ० १८२ से १८४,१६५।११. उवजु जिऊण [उपयुज्य जी० ३१७७
रा० १५. जी० ११३२,८७,१३२,१३३; उवज्झाय [उपाध्याय] ओ० ४०,१५५ ३।१०६,१५४,१११०६।३६,३७
उवमाययावच्च [ उपाध्यायवैयावृत्त्य] ओ० ४१ उसएस [उपदेश ] ओ० ५७. रा० ७४८ से ७५०, उवट्ठव [उप-! स्थापय्] —उवट्ठवेइ. रा० ७२५ ७६५.७६६,७७०,७७३
-उवट्ठति. रा० २७६. जी० ३।४४५ उवएसरुइ [उपदेशरुचि] ओ० ४३
उवट्ठवेत्ता [उपस्थाप्य ] ओ० ५८. रा०६८१ उवमओग [उपयोग ] ओ० ४६. जी० ११४,६६, उवट्ठाणसाला [उपस्थान शाला] ओ०१८,२०,५३, १०१,१११,१२८,१३३.१३६, ३११२७,४,
५५,५८,६२,६३. रा०६८३,६८५,७०८,
७५४,७५६,७६२,७६४ उवकरण [उपकरण] ओ० ३३
उवट्ठाविय [उपस्थापित | ओ० ६२ उपकरणत्त [-पकरणत्व ] जी० ३।११२८,११३० ।।
उट्ठिय [उरस्थित ] ओ० ७६,७७ उवकारियलयण | उपकारिकालयन] रा०१८६
उवणगरम्गाम उपनगरग्रम | ओ० १६,२० ‘उवक्खड (उप-|-स्कृ] - उवक्वडावेस्संति.
उवणच्चिज्जमाण उपनृ-यमान ] रा० ७१०,७७४, रा० ८०२
उवणिग्गय (उपनिर्गत] ओ० ५,८ उवक्खड [ उपस्कृत ! जी० ३१५६२
उपणिमंत उप नि--मन्त्रय-उवणिमंतिउवक्खडावेत्ता उपस्कृत्य] रा० ७८७
ज्जाह. रा०७०६ . उवणिमतिस्संति. रा० उबग [उपग] जी० ३१८३८२१
७०४--उवाणमंतेजा . रा०७७६. उधगत उपगत] रा० ७६०. जी० ३.११६.३०३ -उणिमद्धिति ओ० १४६. रा०८१० जयगय | उपगत ] ओ०६३,७४।५,१६५।१३. उवणिविट्ठ उपनिविष्ट | रा० १३८. जी० ३१२८८
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