Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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५५२
अट्ठ-अणईई ४७,६४,१२३,१७३,१६७,१६६,२७७,६८३, अट्ठावय [अष्टापद] ओ० १४६. रा० ८०६. ६८७,६६०,६६८,७०१,७१३,७१४,७१६,
जी० ३१५६७ ७१६,७२६,७५१ से ७५३,७५५,७५७,७५६, अट्ठावीस [अष्टाविंशति] ओ०१७०. रा० १५५. ७६१,७६३,७६५,७७१,७७४,७७६ से ७७८,
जी. ३५ ७८६,७८६,७६२,८१६. जी० ३।५८,८४,८५, अट्ठावीसइविह [अष्टाविंशतिविध ] जी० २०१२ १६ से २०३.२३६,२४७,२५६,२६६,२७१ अदावीसतिविष [अष्टाविंशतिविध] जी० २१६ २७० से २८५,३५०,४४३,५७७,५६६,६०१, अट्ठावीसतिविह । अष्टाविंशतिविध] ओ० ५० ६०२,६०५ से ६०७,६०६,६१०,६१२ से अट्ठासीत [अष्टासीति] जी० ३।८३७
अट्रि [अस्थि ] ओ० १२०. रा०६९८,७५२, ६७४,७००,७०६,७२१,७३१,७३८,७४१,
७८६. जी० ११९५,१३५:३१६२,१०६० ७४३,७४६,७५०,७६०,७६३,७६५,७६८, अद्विद्ध [अस्थियुद्ध] रा० ८०६ ७७०,७७६,७८२,७८६,७८७,८०८,८१६, अट्टिसुह [अस्थिसुख ] ओ०६३ ८२६,८३३,८३६,८४०,८५४,८५७,८६०, अडड [अटट] जो० ३८४१ ८६३,८६६,८६६,८७२,८७५,८७६,५८०,६२३, अडतालीस [अष्टचत्वारिंशत् ] जी० ३८२७ ६२५,६२७,९४१,९४८,६४६,६८९ से १६२, अडयाल [अष्टचत्वारिंशत् ] रा० १२६. ९६४ से ६९६,६६९,१०२४,१०२५,१०४२,
जी० ३१३५१ १०४४,१०४६,१०४६,१०५१ से १०५३
अडयालीस [अष्टचत्वारिंशत् ] रा०२३५.
जी० ३१६८ अट्ट [अष्टन् ] ओ० १२. रा० ८. जी २३६ अट्टअट्टमिया [अष्टाष्टकिका] ओ० २४ ।।
अख्यालीसप्रंसिय अष्टचत्वारिंशदस्त्रिक] रा० २३६ अद्वतीस [अष्टात्रिंशत्] जी० ३१७०
अडयालीसइकोडीय [अष्टचत्वारिंशत्कोटीक]
रा०२३६ अट्ठपिटुणिहिता [अष्टपिष्टनिष्ठिता] जी० ३८६०
अख्यालीसइविपहिय अष्टचत्वारिंशद्विग्रहिक अट्ठभाइया [अष्टभागिका] रा० ७७२
रा० २३६ अट्ठभाग [अष्टभाग] जी० २१३६,४४
अडवो [अटवी ] ओ० ११६,११७. रा० ७४४,७६५ अट्ठम {अष्टम ] ओ० १७४,१७६ अट्ठमभत्त [अष्टमभक्त] ओ० ३२. जी० ३।५६६
अडहत्तर [अष्टसप्तति ) जी० ३७७
अड्ढ [आढय] ओ० १४,१४१. रा० ६७१,६७५, अट्ठमी [अष्टमी ] ओ० १२०,१६२. रा० ६६८,
७६६. जी० ३१५६४ ___ ७५२,७८६. जी० ३।७२३,७२६
अड [अर्ध] जी० ३१६६२ अट्ठया [अर्थ ] ओ० २०,१३७,१३८
अड्डबावट्टि [अर्धद्विषरिट | जी० ३१६६३ अदविह अष्टविध] जी० ११५,१०,२।१७; ३।११७, ८।१,२३, ६।१६७,२०६,२२०
अड्डाइज्ज [अर्धतृतीय ] ग० १२६. जी० ३।६१, अट्ठसिर [अष्टशिरस् ] ओ० १३
२३७,२३८,२४३,३५५,६३२,६४७,६४६,
६७३,६६४,६७३,१०५३,१०५५:५।२६ अटार अष्टादशन् ] ओ०१६२ अट्ठारस [अष्टादशन् ] ओ० १४८. जी० २।४८
अणइक्कमणिज्ज [अनतिक्रमणीय ] ओ०१२०, अट्ठारसविह [अष्टादविध] रा० ८०६,८१०
१६२. रा०६६८,७५२,७८९
अणइक्कमणिज्जवयण [अनतिक्रमणीयवचन] अट्ठावण्ण [अष्टपञ्चाशत् ] जी० ३।६६१
ओ०६१ १. ईति रहित।
अणईइ अनीति'] ओ० ५,८. जी० ३१२७४
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