Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 216
________________ उष्णाम-उद ( उण्णाम [ उद् + नामय् ] -- उष्णामिज्जइ. जी० ३१७२६ उह [ उष्ण] ओ० ११७. रा० ७२८,७९६. जी० ३ ११८, ११६ उत्तप्प [उत्तप्त ] रा० ७३२,७३७ उत्तम [उत्तम ] ओ० २३,५१. रा० २६२. जी० ३।४५७, ५६२,५६६ से १८ उत्तमंग [उत्तमाङ्ग ] जी० ३१५६६ उत्तर [उत्तर] ओ० २१. रा० १६, ४०, ४१, ४४. १३२,१७०,१७३,२१०, २१२, २३५, २३६, ६५८,६६४,६८५,७६५, ८०२. जी० २२४८; ३१५,२२,२७,६३,६६ से ७२,७७,२२६, २२७, २३२,२५७.२६५,२८५, ३३६, ३४५.३५८, ३७३,३६७,३६८, ५५८, ५६२, ५६६,५६६, ५७७,५३५,५६७,६०१, ६६५,६३८, ६३६, ६४७,६५७,६६०, ६६१, ६६५, ६६६,६७३, ६८०, ६८२,६८६, ६९२, ६६५, ६६६, ७०१, ७११, ७१३, ७२२, ७३६,७४५, ७४७, ८१२, ८३६८८२,८८५६०२,१००४,१००६,१०१५ उत्तरंग [उत्तरङ्ग ] रा० १३०. जी० ३।३०० उत्तरकुरा [ उत्तरकुरु ] जी० २।१३;३।५७८, से ५६७,६०५ से ६२८, ६३१, ६३२, ६३६,६६६, ६६८,७०२ उत्तरकुरा [ उत्तरकुरा ] जी० ३।६१६,६३७ उत्तरकुरु [ उत्तरकुरु ] जी० २३३,६०,७०,७२, ६६,१३७,१३८, १४७, १४६; ३१२१८,२२८, ७६५ उत्तरकुरुद्दह [ उत्तरकुरुद्रह ] जी० ३१६६६ उत्तरकूलग [ उत्तरकूलक] ०६४ उत्तरतर [ उत्तरतर] ओ० ७६ से ८१ उत्तरपच्चत्थिम [ उत्तरपाश्चात्य ] जी० ३१२२५, ६८८, ७५३ उत्तरपच्चत्थिमिल्ल [ उत्तरपाश्चात्य ] जो० ३।२२१, ६६६,६६७,६१८,६२२ उत्तरपासंग [ उत्तरपार्श्वक ] रा० १३० उत्तरपासय [उत्तरपार्श्वक ] जी० ३१३०० Jain Education International ५८१ उत्तरपुरत्यिम [ उत्तरपौरस्त्य ] ओ० २. रा० २, १०,१२,१८,४१,५६,६५,२०६,२४६, २५१, २६०,२६२,२६५,२६७,२६६,२७२,२७३, २७६,६५८,६७०, ६७८. जी० ३।३३६, ३७२, ४०८,४१२, ४२१,४२५, ४२६, ४३१, ४३४, ४३७,४३८, ४४५,५५८, ६३५,६५७, ६६८, ६८०,६८३,७५० उत्तरपुर थिमिल्ल | उत्तरपौरस्त्य ] जी० ३।२१७, २२२, ५५६,६८९,६६८,६१८,६१६. उत्तरमंदा | उत्तरमन्द्रा उत्तरभन्दा] रा० १७३. जी० ३।२८५ उत्तरवेदिय [ उत्तरक्रिय] रा० १०,४७. जी० ११६४,६६, १३५, १३६, ३१२१, ६३, ४४६, १०८७, १०८८, १०६१,११२१,११२२ उत्तरागार [ उत्तरकार ] रा० १६५ उत्तरासंग [ उत्तरासङ्ग ] ओ० २१,५४, रा०८, ७१४ उत्तरासंगकरण [ उत्तरासङ्गकरण ] बो० ६६. रा० ७७८ उत्तरिज्ज [ उत्तरीय] ओ० ६३ उत्तरितए [ उत्तरीतुम् ] ओ० १२२ उत्तरिल्ल [ औदीच्य, औत्तराह ] रा० ४८,५६, ५७,२६७,३०२, ३०७,३१३ से ३१६,३१८, ३२१ से ३३१,३३६,३४१३४६, ३७६, ३६४, ४३५, ४५३, ४६६, ५१४,५५६, ५७४,६१६, ६३४. जी० ३१३३, ३६,३८, २२७,२४०, २४८, २५०,२५६,४६२,४६७,४७२४७८ से ४५१, ४८३, ४८६ से ४९६,५०१, ५०६, ५११, ५२३, ५२४,५२६,५३०, ५३७, ५३८, ५४४, ५४५, ५५१,५५२,६७३,६९७,६६८, ११६ उाग [ उतानक] ओ० १ उताण्यछत [उत्तान कछत्र ] ओ० १६४ उत्तालिज्जत [ उत्ताड्यमान ] रा० ७७ उत्तारणय [उत्त्रासनक ] जी० ३१८३ उमिंग [उत्तमाङ्ग ] ओ० १६. जी० ३।५९७ उब [उद ] जी० ३१२८६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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