Book Title: Abhidhaappadipika
Author(s): Jinvijay
Publisher: Gujarat Puratattva Mandir Ahmedabad
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुजरात पुरातन मंदिर ग्रन्थावली अभिधानप्पदीपिका संपादक मुनि जिनविजय गुजरात पुरातत्व मंदिर-अमदाबाद Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुजरात पुरातत्त्व मन्दिर ग्रन्थावली मन्थाङ्क ९. Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक:-किशोरलाल घनश्यामलाल मशरुवाळा; महामात्र, गूजरात विद्यापीठ, अमदावाद. मुद्रकः-शाह चिमनलाल लखमीचंद; . . जैनसाहित्य मुद्रणालय, पूनासीटी, Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुजरात पुरातत्व मन्दिर ग्रन्थावली मोग्गल्लान थेर विरचित अभिधान प्प दी पिका नाम पाली-शब्दकोष (एकाक्षरकोष, विभक्त्यर्थ प्रकरण, अकारादि शब्दानुक्रम, सन्धिदर्शक पदच्छेद, इत्यादि समन्वित) संपादक मुनि जिनविजय . ( आचार्य, गुजरात पुरातत्त्व मन्दिर) स्वथापा गुजरात पुरातत्त्व मन्दिर अमदावाद प्रथमावृत्ति, प्रति ५००] [विक्रम संवत् १९८० (मूल्य ३०५) Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक, विज्ञापन संवत १९७९ भादरवा वद १३ ना रोज मळेली पुरातत्त्वमंदिर-प्रबंध समितिनी छठ्ठी बेठकना ठराव प्रमाणे अभिधानप्पदीपिका नाममुं आ पुस्तक प्रकट करवामां आवे छे. गूजरात विद्यापीठ कार्यालय, प्रकाशक चैत्री पूर्णिमा, सं. १९८०. Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समर्पण सुहृवर अध्यापक श्रीधर्मानन्द कोसंबी जेमणे-महान चीनी प्रवासी भिक्षुश्रेष्ठ श्रीयवनचंगनी नेम, स्वदेश छोडी अनेक कष्टो वेठी, कठोर तपस्या पूर्वक भगवान् बुद्धना आत्मोद्धारक आगमोनो ऊंडो अभ्यास करी भारत-वर्षनी भावी सन्तति सन्मुख एक आदरणीय आदर्श उपस्थित कर्यो; तथा, पाली-वाङ्मयना एक अगाध अभ्यासी तरीकेनी उत्तम ख्याति प्राप्त करी अमेरिका जेवा सुदूर विदेशना नामांकित विद्यापीठमां पोताना पाण्डित्यनो विशिष्ट परिचय आपी भारतना गौरवमन्दिरमा अभिन्दनीय उपहार दीप धर्यो; एमना एवा अनुकरणीय जीवन अने कार्यथी आनन्दित थई हुँ आ कृतिने एमना कर-कमलमां सादर समर्पण करूं छु. --संपादक Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रस्तावना. गुजरात-विद्यापीठे पोताना महाविद्यालयना अभ्यासक्रममा पाली भाषाने पण खास स्थान आपेलु होवाथी, ए भाषाना अध्ययनअध्यापनमा आवश्यक अने उपयोगी जणाता पुस्तको प्रसिद्ध करवानी फरज पण खास विद्यापीठने शिरेज आवी पडी छे. कारण भारतमा अद्यापि ए भाषाना अभ्यासने विशेष उत्तेजन मळेलुं न होवाथी, ए विषयने लगतां अत्यावश्यक अने प्रारंभिक पुस्तको पण आ देशनी राष्ट्रीय लिपिमा अद्यावधि क्याए अंकित थया नथी. कोई पण भाषाना अध्ययन माटे व्याकरण, वाचनमाळा, अने शब्दकोष ए त्रण साधनोनी आवश्यकता रहे छे. तेथी ए आवश्यकतानी पूर्ति करवाना उद्देशानुसार वाचनमाळाना अंग तरीके पाली पाठावली प्रथम प्रकट थई चुकी छे अने शब्दकोष आजे आ प्रकट थाय छे. संस्कृत भाषा माटे अमरसिंहकृत अमरकोष अने हेमचंद्र कृत अभिधानचिन्तामणि वगेरे, तथा प्राकृतभाषा माटे धनपालकृत प्राकृतलक्ष्मी ( पाइयलच्छी ) आदि, जे जातना प्राचीन शब्दकोषो छे ते ज जातनो पालीभाषा माटे अभिधानप्पदीपिका नामनो प्रस्तुत शब्दकोष छे. ____आ कोषनी रचना मोग्गलान थेर भामना एक सिंहलद्वीप (तिलोन ) निवासी बौद्ध भिक्षुए करेली छे. ए भिक्षु पराक्रमबाहु नामना राजाना राज्यकाळ वखते ( समय इ. स. ११९३, बुद्धनिर्वाणाब्द १६९६ ) विद्यमान हता अने पोलोन्नरुवा नामे नगरमा आवेला जेतवन विहारमा वसता हता. आ संस्करण, मुख्य करीने, सिलोननी राजधानी कोलंबोमां बसता आचार्य समतिजीप संपादित करेजी सिंहल-आपूचिमा आधारे Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तैयार करवामां आव्युं छे; पण प्रत्यन्तर तरीके बंगाली-आवृत्तिने पण सामे राखवामां आवी हती. ___कोषनी रचना-पद्धति अमरकोषादि जेवी न छे. प्रस्तुत संस्करणमां, १ थी ११२ पान सुधी सामान्य शब्दसमूह आवेलो छे; ११३ थी १४५ पानमां अनेकार्थवाचक शब्दो आवेला छे अने १४५ थी १५६ सुधीनां पानमां अव्यय अने उपसर्ग आवेला छे. दरेक पाननी डावी बाजूए, चालू मुख्य पंक्तिमां आवेल पाली शब्दनो अर्थवाचक प्रसिद्ध संस्कृत शब्द आपेल छे. ए शब्द आगळ जे अंक आपेल छे ते समानार्थक पाली शब्दनी संख्या सूचवे छे. एकार्थक शब्दोमी वच्चे (5) आवो स्वरूप-विराम आपवामां आव्यो छे अने भिन्नार्थक शब्दोनी वच्चे (.) आवो पूर्ण-विराम मुक्यो छे. ग्रन्थकारे पादपूर्तिना अर्थे अगर भिन्नार्थक शब्दोनी सूचना अर्थे जे 'च' 'तु'' अथ' इत्यादि शब्दोनो प्रयोग कयों छे तेमने ( ) आवी अर्धवर्तुल रेखावच्चे राखवामां आव्या छे. तेम ज अनेकार्थक-वर्गमांना मुख्य शब्द सिवायना भिन्नार्थक-शब्दोने पण तेवी ज रेसा वच्चे मुक्या छे. . १९७थी १६६ सुधीनां पानाओमां एकाक्षरी कोष आपेलो छे. एना कर्ता कोई सद्धर्मकीर्ति नामना स्थविर छे, जेओ मूळ ब्रह्मदेशना निवासी हता. तेमणे, ए कोषना छेवटे जणान्या प्रमाणे, संस्कृतभाषाना एकाक्षरी कोषनुं आ मात्र पालीमां भाषान्तर कर्यु छे. एना पछी जे विभक्त्यर्थ प्रकरण छे ते पण कोई संस्कृतप्रकरण, भाषान्तर होय तेम जणाय छे अने तेमां कई विभक्ति केटला अर्थमां प्रयुक्त थाय छे ते जणावेलुं छे. छेवटे आपेली अकारादि शब्दानुक्रमणिकामां मूळ पाली शब्द आपेल छे अने तेनी आगळ गाथा या श्लोकनो संख्यांक आपेलो छे. Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ने शब्द आगळ (एक) आवो शब्द आपलो होय ते शब्द एकाक्षर कोषमां आवेलो छे एम समजवानुं छे. तेनी पछी, सन्धि-पदोनी सूचि आपी छे ते एटला माटे के वे शब्दोनी वच्चे पाली व्याकरणना नियमानुसार सन्धि थवाना कारणे शब्दनुं स्पष्ट स्वरूप समजवामां ने कठिणता पडे ते ए सूचि जोवाथी दूर थई शके. ___ज्यां सुधी हुं जाणुं छु, पाली साहित्यमां आ जातनो मात्र आ एक न कोष उपलब्ध छे अने ते आ रीते प्रथम न देवनागरी लिपिमा प्रकट थाय छे; पाली-भाषाना विद्यार्थिओने पोताना अध्ययनमा ए खास मददगार निवडे एवी आशा रहे छे. मारा स्थानान्तरना निवास दरम्यान आ पुस्तकना प्रुफ विगैरे शोधवा-तपासवानुं काम, मारा तरुण-स्नेही श्रीयुत आर० डी० वाडेकर, बी. ए. (पूना ) ए जे उत्साह अने खंतथी कर्यु छे ते बदल हुं तेमनो खास आभारी छु. गुजरात पुरातत्त्व मंदिर अमदावाद मुनि जिनविजय चैत्र शुक्ल ९, संवत् १९८० ) Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभिधानप्पदीपिका || नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासंबुद्धस्स ॥ 1 A. P. १ तथागतो यो करुणाकरो करो, पयातमोरसज्ज सुखप्पदं पदं । अका परत्थं कलिसंभवे भवे, नमामि तं केवल दुक्करं करं ॥ २ अपूजयं यं मुनिकुंजरा जरा, रुजादिमुत्ता यहिमुत्तरे तरं । ठिता तिम्बुनिधिन्नरा नरा, तरिंसु तं धम्ममघप्पहं पहं ॥ ३ गतं मुनिन्दो रससूनुतं नुतं, सुपुञखेतं भुवनेसु तं सुतं । गणप पाणी कतसंवरं वरं, सदा गुणोघेन निरन्तरन्तरं ॥ Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभिधानप्पदीपिका नामलिंगेसु कोसल्ल-मत्थनिच्छयकारणं । यतो महब्बलं बुद्ध-वचने पाटवत्थिनं ॥ नामलिंगान्यतो बुद्ध-भासितम्सारहानहं । दम्सयन्तो पकासिम्स-मभिधानप्पदीपिकं ॥ भीयो रूपन्तरा साह-चरियेन च कत्थचि । क्वचाहचविधानेन अय्यं थपुिन्नपुंसकं ॥ अभिन्नलिगिनं येव द्वन्दो च लिंगवाचका । गाथापादन्तमझट्ठा पुब्बं यन्त्यपरे परं ।। पुमित्थियं पदं द्वीसु सब्बलिंगे च तीस्विति । अभिधानन्तरारम्भे अय्यं त्वन्तमथादि च ।। भीयो पयोगमागम्म सोगते आगमे क्वचि । निघंटु-युत्तिश्चानीय नामलिंग कथीयति ॥ Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ पठमो सग्गकण्डो ॥ बुद्ध नाम ३२ बुद्धो, दसबलो, सत्था, सबञ्ज, दिपदुत्तमो। मुनिन्दो, भगवा, नाथो, चक्खुमा,ऽङ्गीरसो, मुनि ॥ १ लोकनाथो,ऽनधिवरो, महेसी, ( च ) विनायको, । समन्तचक्खु, सुगतो, भूरिपो , ( च ) मारजि, ॥ २ नरसीहो, नरवरो, धम्मराजा, महामुनि, । देवदेवो, लोकगुरु, धम्मस्सामि, तथागतो. ।। ३ सयंभू, सम्मासंबुद्धो, वरपञो, ( च ) नायको,। जिनो. सक्को, ( तु ) सिद्धत्थो, सुद्धोदनि, ( च ) गोतमो, ॥ ४ सक्यसीहो, ( तथा ) सक्यमुनि, ( चा )ऽदिच्चबंधु. ( च ) ॥ ५ मोक्खो, निरोधो, निब्बाणं, दीपो, तण्हक्खयो, परं. । ताणं, लेणं अरूपं ( च ), सन्तं, सच्चं, अनालयं ॥६ शाक्यमुनि ७ निर्वाण ४६ Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभिधानप्पदीपिका [१,७-१३ असंखतं, सिवं, अमतं, सुदुद्दस्सं, परायणं, सरणं, अनीतिकं, ( तथा )। अनासवं, धुवं, अनिदस्सना, कता, ऽपलोकितं, निपुणं, अनन्तं, अक्खरं, ॥ ७ टुक्खक्खयो, ऽव्यापज्झं, ( च ) विवह, खेम, केवलं, । अपवग्गो, विरागो, (च) पणीतं, अच्चुतं, पदं, ॥ ८ योगक्षेमो, पारं, ( पि ) मुत्ति, सन्ति, विसुद्धि, यो । विमुत्य,-ऽसंखताधातु, सुद्धि, निब्बुतियो. ( सियु ) ॥ ९ अर्हत् ४ खीणासवो, ( त्व )ऽसेखो, (च) वीतरागो, ( तथा )ऽरहा. । स्वर्ग ५ देवलोको, दिवो, नाको, तिदिवो, तिदसालयो. ।। १० देवता १४ तिदसा, ( त्व )ऽमरा, देवा, विबुधा, ( च ) सुधासिनो। सुरा, मरु, दिवोका, ( चा- ) ऽमतपा, सग्गवासिनो, ॥ ११ निज्जरा, ऽनिमिसा, दिब्बा, । ( अपुमे ) देवतानि. * ( च ) ॥ १२ देवयोनि । सिद्धो, भूतो, ( च ) गन्धब्बो, गुय्हको, यक्ष, रक्खसा,। कुम्भण्डो, (च) पिसाचा,-(दि निद्दिट्ठा देवयोनियो ) ॥ १३ असुर ४ पुब्बदेवा, सुररिपु, * " देवता एव देवतानि, सकत्ये, निप्पच्चयो " ति टीका । Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, १४-२०] असुरविशेष ३ ब्रह्मा । विष्णु ५ महादेव ६ कार्तिकेय ३ पठमो सग्गकण्डो असुरा, दानवा. ( पुमे )। ( तब्बिसेसा ) पहारादो, संबरो, बलि. ( आदयो ) ।। १४ पितामहो, पिता, ब्रह्मा, लोकेसो, कमलासनो, । ( तथा ) हिरजगब्भो, ( च ) सुरजेठो, पजापति. ॥ १५ वासुदेवो, हरि, कण्हो, केसओ, चक्कपाण्या-(थ)। महिस्सरो, सिवो, सूली, इम्सरो, पसुपत्य,-(पि ) ॥ १६ हरो. ( वुत्तो ) कुमारो, ( तु )। खन्धो, सत्तिधरो. ( भवे ) ॥ १७ सक्को, पुरिन्दरो, देवराजा, वजिरपाणि, (च)। सुजम्पति, सहस्सक्खो, महिन्दो, वजिरावुधो, ॥ १८ वासवो, ( च ) दससत-, नयनो, तिदिवाधिभू,। सुरनाथो, (च) वजिरहत्थो, ( च ) भूतपत्य :-( पि ) ।। १९ मघवा, कोसियो, इन्दो, वत्रभू, पाकसासनो,। विडोजो. ( ऽथ ) सुजात,-(म्स भरिया; थ पुरम्भवे ) ॥ २० मसक्कसारो, वस्सोकसारा ( चेवा-) ऽमरावती.। वेजयन्तो, (तु पासादो); इन्द्र २० इन्द्रपत्नी १ इन्द्रपुरी ३ इन्द्रभवन १ Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६] देवसभा १ इन्द्ररथ १ इन्द्रसारथी १ इन्द्रहस्ती १ इन्द्रशिलासन १ इन्द्रपुत्र १ इन्द्रपुष्करणी १ इन्द्रकानन ४ इन्द्रवज्र ३ देवाङ्गना ४ गन्धर्व १ देवविमान २ अमृत ३ सुमेरु पर्वत १ महापर्वत ७ कल्पवृक्ष २ अभिधानपदीपिका सुधम्मा ( तु सभा मता ) ॥ २१ वेजयन्तो ( रथो तस्स ); (बुत्तो ) मातलि ( सारथी ) । रावणो ( गजो ); पण्डुकम्बलो. ( तु सिलासनं ) ॥ २२ सुवीरो- ( चादयो पुत्ता ); नन्दा ( पोखरणी भवे ) । विमानो, ( नित्थियं ) व्यम्भं. पीयूसं, अमतं सुधा ॥ २५ सिनेरु, मेरु. तिदिवाधारो, नेरु, सुमेरु. ( त्र ) । युगन्धरो, इसरो, करवीको सुदस्सनो ॥ २६ नेमिन्धरो, विनतको, अस्सकण्णो. (कुलाचला ) । आकाशगङ्गा ३ मंदाकिनी ( तथा - ) कास पारिजात वृक्ष ३ नन्दनं, मिस्सकं, चित्त लता, फारुसकं. ( वना ) ॥ २३ असनी, ( द्वीसु ) कुलिस, वजरं. (पुन्नपुंसके ) | अच्छरायो ( त्थियं वुत्ता ), रंभा (चा) इलम्बुसा - ( दयो ) ॥ २४ देवित्थियो. (थ गन्धव्वा ) पंचसिखो ( ति आदयो ) | ་ गंगा, सुरनदी . - ( यथ ) ।। २७ कोविकारो, ( तथा ) पारिच्छत्तको पारिजातको । कप्परुक्खो, (तु) सन्ताना. - • [ १, २१-२८ Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, २८-३४] पूर्व, पश्चिम, उत्तर दिशा दक्षिण दिशा १ अनुदिशा २ दिग्गज ८ गन्धर्वाधिपति २ विरूढक २ पन्नगेश्वर २ यक्षराज ४ पठमो सग्गकण्डो ( दयो देवहुमा सियु ) ॥ २८ पाची, पतीच्यु,-दीची, ( त्थी ) ( पुब्ब पच्छिम उत्तरा )। ( दिसाथ दक्षिणा ) पाची, विदिसा, ऽनुदिसा ( भवे ) ॥ २९ एरावणो, पुण्डरीको. वामनो, कुमुदो, ऽञ्जनो,। पुप्फदन्तो, सब्बभम्भो, सुप्पतीको. (दिसागजा ) ॥ ३० धतरट्ठो, ( च ) गन्धब्बाधिपो. कुंभण्डसामि, ( तु )। विरुळहको. विरूपक्खो, (तु ) नागाधिपती -( रीतो ) ॥ ३१ यक्खाधिपो, वेस्सवणो, कुवेरो, नरवाहनो.। अलका,-ऽलकमंदा- (म्स पुरी); ( पहरणं ) गदा ॥ ३२ ( चतुद्दिसानमधिपा, पुब्बादीनं कमा इमे )। जातवेदो, सिखी, जोति, पावको, दहनो,ऽनलो ।। ३३ हुतावहा,ऽच्चिमा, धूमकेत्व,ऽग्गि, गिनि, भानुमा, । तेजो, धूमसिखो, वायुसखो, ( च ) कण्हवत्तनी, ॥ ३४ वेस्सानरो, हुतासो. ( थ ) सिखा, जाला, ऽचि ( वा पुमे )। विप्फुलिंग, फुलिंग. ( च ) कुचेरभवन २ कुबेरायुध १ अग्नि १८ वन्हिशिग्वा ३ वन्हिकण २ Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८ ] अभिधानपदीपिका भस्म ३ भस्म, (तु) सेट्ठि, छारिका ॥ ३५ कुक्कुलो ( तुण्णहभस्मस्मि ); उष्ण भस्म १ इन्धन ५ आलोक ५ समीरण १ अङ्गार १ अग्निदण्ड २ अंगारो. डलात, मुम्मुकं । समिधा, इधुमं, ( चे ) धो, उपादानं, (तथे ) न्धनं ॥ ३६ ( अथो ) ssभासो, पकासो, ( चा- ) ssलोको, - ज्जोता,- ssतपा. ( समा ) । मालुतो, पवनो, वायुः वातो, ऽनिल, समरणा, ॥ ३७ गंधवाहो. (तथा) वायो. समीरो, (च) सदागति, । ( वायुभेदा इमे छो- ) गमो ( चा ) धोगमो, ( तथा ) ॥ ३८ देहस्थवायु ६ - प्रश्वास २ श्वास २ वेग ३ शीघ्र ६ O निरन्तर ७ अतिशय ७ कामदेव ४ कुच्छट्टो, कोद्वासयो, अस्सास, -ऽङ्गानुसारिनो । ( अथो ) अपानं, पस्सासो. अस्सासो, आनं. ( उच्चते ) ॥ ३९ वेगो, जवो, रयो. खिप्पं, (तु) सीवं, तुरितं, लहु, । आसु, तुन्नं, अरं (चा- ) विलंबितं, तुवट. (पिच) ॥ ४० सततं, निच्चं, अविरता, Sनारत, सन्ततं, अनवरतं (च ) धुवं । भूसं, अतिसयो, (च) दळ्हं, तिब्बे, sकन्ता ऽतिमत्त, बाळ्हानि ॥ ४१ ( खिप्पादि पण्डके दब्बे, गति ) । ये अविग्गहो, (तु) कामो, (च) [ १३९-४१ Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, ४२-४८ पठमो सग्गकण्डो मनोभू, मदनो. ( भवे ) ॥ ४२ मार । अन्तको, वसवत्ती, (च) पापिमा, ( च ) पजापति,। पमत्तबंधु, कण्हो, (च) मारो, नमुचि. ( तस्स तु ) ॥ ४३ मारदुहिता ३ तण्हा, रति, रगा, (धीतु ). मारहस्ती १ ( हत्थी तु) गिरिमेखलो.। यमराज ३ यमराजा, ( च ) वेसायी, यमायुध १ यमो. ( स्स ) नयनावुधं ॥ ४४ वैपचित्ति असुर २ वेपचित्ति, पुलोमो. ( च ) किन्नर २ किम्पुरिसो, ( तु) किन्नरो. । आकाश १५ अन्तलिक्खं, खं, आदिच्च पथो, ऽब्भ, गगना,-ऽम्बरं, ॥ ४५ वेहासो, ( चा- ) ऽनिलपथो, आकासो, ( नित्थिय ) नमं, । देवो, वेहासयो, तारा पथो, सुरपथो, अर्घः ॥ ४६ मेघ ११ मेघो, वलाहको, देवो, पज्जन्नो,ऽम्बुधरो, घनो,। धाराधरो, ( च ) जीमूतो, वारिवाहो, ( तथा ) ऽम्बुदो, ॥ ४७ वृष्टि ३ अभं. ( तस्विथ ) वस्स, ( च ) वस्सनं, वुहि. ( नारियं)। तडित ५ सतेरता, ऽक्खणा, विज्जु, विज्जुता, (चा-) ऽचिरप्पभा. ॥ ४८ मेघशब्द ३ ( मेघनादे तु ) थनितं, गजितं, रसिता.-(ऽऽदि च )। इन्द्रधनुष २ इन्दायुध, इन्दधनुः 2 A. P. Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ] वृष्टिकण १ अतिवृष्टि ३ करक २ दुर्दिन १ आच्छादन ६ चन्द्र १४ समानांश १ निर्मल २ ज्योत्स्ना ३ कान्ति ४ चिन्ह ७ परमशोभा १ शीतल ३ चन्द्रकला १ सूर्य वा चन्द्र मण्डल र बिम्बं एकांश ५ तुषार ५ अभिधानपदीपिका ( वातखित्तम्बु ) सीकरो. ॥ ४९ आसारो, धारा, संपातो. करका, (तु) घनोपलं. । दुद्दिनं. (मेच्छा ) पिधानं, (त्व ) ऽपधारणं ॥ ५० तिरोधान, अन्तराधान, ऽपिधान, ऽऽच्छादनानि (च ) । इन्दु, चन्दो, (च) नक्खतराजा. सोमो, निसाकरो. ॥ ५१ ओसीसो, हिमरसि, ससंको, चंदिमा, ससि । सीतरांस, निसानाथो, उळुराजा, (च) मा. ( मे ) ॥ ५२ कला . ( सोळसमो भागो ) [ १,४९–५५ (तु) मण्डलं. ( भवे ) । अडूढो, (त्व) sो, उपड्दो, (च) (वा) खण्डं, सकलं. ( घुमे ) ॥ ५३ अद्धं. ( वुत्तं समे भागे ) पसादो, (तु) पसन्नता । कोमुदी, चंदिका, जुण्हा. कन्ति, सोभा, जुति, च्छवि. ॥ ५४ 3 कलंको, लंछनं, लक्खं, अको, ऽभिञ्ञाण, लक्खणं, । चिण्हं. ( चापि तु सोभा तु, परमा ) सुसमा . ( Sथ च ) ॥ ५५ ( सीतं गुणो गुणीलिंगा ) सीतं, सिसिर, सीतलं । हिमं, तुहिनं, उस्सावो, Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [११ १,५६-६२] पठमो सग्गकण्डो नीहारो, महिका. ( ऽप्यथ ) ॥ ५६ तारका ६ नक्खत्तं, जोति, भ, तारा, ( अपुमे ) तारको,ऽ लु. ( च ) ॥ १७ नक्षत्र २७ अस्सयुजो, भरणि, (त्थि) (स ) कत्तिका, रोहिणी, ( चेव ) । मग्गसिर,- मद्दा, ( च ) पुनब्बसु, फुस्सो, (चा )s सिलेसा, (पि) ॥ ५८ मघा, ( च फग्गुनी, (द्वे च ) हत्थो, चित्ता, ( च ) साति, (पि) । विसाखा, 5 नुराधा, जेट्ठा, मूला, 5 साळहा, ( दुवे तथा ) ॥ ५९ सवनो, (च) धनिट्ठा, (च) सतभिसजो, पुव्वोत्तरभद्दपदा,। रेवत्य, -( ऽपीति कमतो सत्ताधिक वीस नक्खत्ता ) ॥६० राहु २ सोब्भानु, ( कथितो ) राहु. नवग्रह सूरा. * ( दी तु नवग्गहा )। १२ राशि रासि. ( मेसादिको ) भद्दपूर्व-उत्तर भाद्रपद २ पदा, पोट्ठपदा. (समा ) ॥ ६१ सूर्य १९ आदिच्चो, सुरियो, सूरो, सतरंसि, दिवाकरो,। वेरोचनो, दिनकरो, उण्हरंसि, पभंकरो, ॥ १२ अंसुमाली, दिनपति, तपनो, रवि, भानुमा,। * " सूर, चंद, अंगार, बुद्ध, जीव, सुक, असित, राहु, केतु, इति एते सूरादयो नवग्गहा ” ति टीका । Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२] अभिधानप्पदीपिका [१,६३-६९ रंसिमा, ss माकरो, भानु, अको, सहस्सरंसि. ( च )॥१३ किरण १४ रंसि, ( चा )ऽऽभा, पभा, दिति, रुचि, भा, जुति, दीधिति। मरीचि, ( द्वीसु ) मान्वं,-ऽसु, मयूखो, किरणो, करो. ॥ ६४ रश्मिमण्डल २ परिधी, परिवेसो. ( 2 ) मृगतृष्णा २ मरीच, मिगतहिका। सूर्योदय ? ( सूरस्सोदयतो पुब्बु द्वितरंसि सिया ) 5 रुणो. ॥ ६५ काल ४ कालो,ऽ द्धा, समयो, वेला. ( तब्बिसेसा खणादयो )। क्षण १ खणो. ( दसच्छरा कालो ) १० क्षणे लय १ (खणा दस ) लयो. ( भवे ) ॥ ६६ १० लये क्षणलय १ ( लया दस ) क्खणालयो. १०क्षणलये मुहूर्त १ मुहुत्तो. ( ते सिया दस )। ( दस ) खणमुहुत्तो. ( ते) दिवस ३ दिवसो, ( तु ) अहं, दिनं. ॥ ६७ प्रभात ४ पभातं, ( च ) विभातं. ( च ) पच्चसो, कल्लं. (अप्यथ )। प्रदोष २ अभिदोसो, पदोसो. (थ) सन्ध्या २ सायो, सञ्झा. ( दिनचये ) ॥ ६८ रात्रि ५ निसा, ( च ) रजनी, रति, तियामा, संवरी. ( भवे )। चन्द्रिका १ जुण्हा. ( तु चंदिकायुत्ता) तमित्रा १ ( तमुस्सन्ना ) तिमीसिका. ॥ १९ अर्ध रात्रि ३ निसीथो, ( मञ्झिमारत्ति) अड्ढरत्तो, महानिसा.। Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३ १, ७०-७७] पठमो सग्गकण्डो अन्धकार ४ अन्धकारो, तमो, (नित्थि ) तिमिसं, तिमिरं. ( मतं)॥ ७० चतुरग अन्धकार ( चतुरंगं तमं एवं काळपक्ख चतुद्दसी । वनसण्डो घनो मेघ पटलं चड्ढरत्तिति ) ॥ ७१ गाढ अन्धकार १ अन्धन्तम. ( घनतमे) पहारो. ( यामसनितो )। प्रतिपदादि तिथि (पाटिपदो तु दुतिया ततिया दि) तिथी. ( द्विसु ) ॥ ७२ पूर्णिमा ४ पप्णरसी, पंचदसी, पुण्णमासी, (तु) पुण्णमा. । अमावस्या २ अमावसी, ( ऽप्य )ऽमावासी. ( थियं पण्णरसी परा) ॥ ७३ अहोरात्र १ ( घटिका सट्ट्य-)ऽहोरतो, पक्ष १ पक्खो . ( ते दस पंचस )। पक्षद्वय १ ( ते तु पुत्वापरा) सुक्कमास १ काळा. मासो. ( तु ते दुवे ) ॥ ७४ १२ मासा चित्तो, वेसाख, जेट्ठो, ( चा ) ss साळ्हो, ( द्वीसु च ) सावणो । पोट्टपादा, 5 स्सयुज्जा, (च) ( मासा द्वादस ) कत्तिको, ॥ ७५ मागसिरो, ( तथा ) फुस्सो, ( कमेन ) माघ, फग्गुना.। पर्व-पश्चिम । (कत्तिकाऽस्सयुज्जा मासा ) कार्तिकमास । पच्छिम पुव्व कत्तिका. ॥ ७६ पुनः श्रावणमास (सावणो) निक्खमणीयो. चैत्रमास (चितमासो तु) रम्मको. ॥ ०७ Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४] ३ ऋतु ६ ऋतु ग्रीष्मकाल २ वर्षाकाल ३ दक्षिणायन उत्तरायण अभिधानप्पदीपिका [१, ७८-८४ (चतुरो चतुरो मासा, कत्तिक कालपक्खतो। कमा हेमन्त-गिम्हानवस्साना ) उतु यो ( द्विसु ) ॥ ७८ हेमन्तो, सिसिरं, ( उतुछ वा ) वसन्तो, ( च ) गिम्ह, वरसाना, । सरदो. (ति कपा मासा, द्वे द्वे वुत्तानुसारेन ) ॥ ७९ उण्हो, निदाघो. (गिम्हेथ ). वस्सो, वस्सान, पावुसा.। ( उतूहि तीहि वस्साना, दिकेहि ) दक्खिणायनं. ।। ८० उत्तरायणं.( अहि तीहि वस्सो थनद्वयं )। वस्स, संवच्छरा, (नित्थि ) सरदो, हायनो, समा. ॥ ८१ कप्पक्खयो, (तु ) संवट्टो युगन्त, पलया. ( अपि )। अल्लक्खी, कालकण्णी. (त्थि ) ( अथ ) लक्खी, सिरी. (त्थिय): ८२ दनु. ( दानवमाताथ )। ( देवमाता पना )ऽदिति. ॥ (३ पापं, ( च ) किब्बिसं, वेरा, ऽघं, दुचरित, दुक्कतं । अपुजा,ऽकुसलं, कण्हं, कुलसं, दुरिता, 5 गु. (च)॥ ८४ कुसलं, सुकतं, सुकं, पुजे, धम्म. ( अनित्ययं )। वत्सर ५ कल्पक्षय ४ लक्ष्मीहीन २ लक्ष्मी २ अदिति १ पाप १२ पुण्य ६ Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, ८१-९१] इहलौकिक ३ पारलौकिक २ तत्काले २ भविष्यत्काल २ सन्तोष १३ सुख ३ मङ्गल ७ दुःख ६ दैव ५ उत्पत्ति ५ कारण १२ आसन कारण पठमी सरकण्डो , सुचरितं. ( च मथो ) दिट्ठधम्मिकं, ( चे ) ऽहलोकिकं ॥ ८१ संदिट्टिको . ( मथ ) पार - लोकिक, संपरायिकं । तक्कालं, (तु) तदात्तं. (चो )तरकालो. (तु) आयति. ॥ ८६ हासो ऽत्तमन्ता, पीति, विति, तुट्ठि, ( च नारियं ) । आनन्दो, पमुदा, ssमोदा, सन्तोसो, नन्दि, सम्मो, ॥ ८७ पामोज्जं, (च) पमोदो. (थ) सुखं, सातं. (च) फास्व.- ( थ ) | भद्द, सेय्यो, सुभं, खेमं, कल्याणं, मंगलं, सिवं ॥ ८८ " दुक्खं, (च) कसिर, किच्छं, नीघो, (च) व्यसनं, अयं । ( दुव्वे तु पापपुमानि तीस्वा किच्छं सुखादि च ॥ ८९ भाग्यं, नियति, भागो, (च) भागधेय्यं, विधि. ( रितो ) । ( अथो ) उप्पत्ति, निब्बत्ति, जाति, जननं, उब्भवो ॥ ९० निमित्तं, कारणं, ठानं, पदं, बीजं, निबंधनं । निदानं, पभवो, हेतु, संभवो, सेतु, पच्चयो ॥ ९१ ( कारणं यं समासन्न ) पट्ठानं (ति तम्मतं ) । [ १५ Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, ९९–१०५ ] नृत्य ५ नाट्य १ नाट्यभूमि १ अभिनय १ अङ्गसंचालन २ नर्तक ३ शृङ्गारादिरस शृङ्गारलक्षण शृङ्गारविभाग वाक्य १ 3 A: P. मोरगकण्डो ( वालिंगा गुणी नेते गुणे सुक्कादयो मे ) ॥ ९९ नचं, नहं, (च) नटनं, नत्तनं, लासनं. ( भवे ) । ( नचतुवादितं गीतं इति ) नाट्यं . ( इदत्तयं ) ॥ १ ( नचट्ठानं सिया ) रंगो. Sभिनयो. ( सूच्चसूचनं ) । अंगहारो ऽङ्गविक्खेपो. नको, नटको नटो. ॥ १ सिंगारो, करुणो, वारा, सो) संभोगो, वियोगो. ( ति सिंगारो दुविधो मतो ) ॥ ४ 1 साधारण वाक्य १२ भासितं, लपितं, मासा, वोहारो, वचनं वचो । उत्ति, वाचा, गिरा, वाणी, भारति, ( कथिता ) वची. ॥ ५ भुत, हम्स, भयानका । सन्तो, बीभच्छ, रुहानि. ( नव ) नाट्यरसा (इमे ) ॥ २ ( पोसस्स नारियं पोसे इत्थिया संगमं पति । या पहा एस ) सिंगारो. ( रतिकीळादिकारणो ) ॥ ३ ( उत्तमप्प कति पायो इत्थी पुरिस हेतुको । ०० ( एकाख्यातो पदचयो सिया ) वाक्यं. ( सकारको ) । [ १७ Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६] अभिधानप्पदीपिका [१,९२-९८ आत्मा ३ जीवो, (तु) पुरिसो,ऽत्ता. ( थ ) प्रकृति २ पधानं, पकती. ( थियं ) ॥ ९२ प्राणी १३ पाणो, सरीरि, भूतं, ( वा) सत्तो, देही, ( च ) पुग्गलो,। जीवो, पाणि, पजा, जन्तु, जनो, लोको, तथागतो. ॥ ९३ पडायतन रूपं, सद्दो, गंध, रसा, फस्सो, धम्मो. (घ ) गोचरो, । अवलम्बन ५ आलम्बो, विसयो, ( तेना) रम्मणा,ऽलम्बनानि. ( च ) ॥ ९४ सुक्को, गोरो, सितो, दाता, धवलो, सेत, पण्डरो.। रक्तवर्ण सोणो, ( तु ) लोहितो, रत्तो, तम्ब, मजे?, रोहिता. ॥ ९५ कृष्णवर्ण ७ नीलो, कण्हो, सितो, काळो, मेचको, साम, सामला। पाण्डुवर्ण १ (सितपीते तु) पण्डु. (तो) ईषत्पाण्डु १ (ईसं पण्डु तु ) धूसरो. ॥ ९६ ईषद् रक्त १ अरुणो. ( किंचि रत्तोथ ) श्वेतरक्त-मिश्रित १ पाटलो. ( सेतलोहितो)। पीतवर्ण २ (अथो ) पीतो, हळिद्याभो. हरित वर्ण ३ पलासो, हरितो, हरि, ॥ ९७ नील-पीतामश्रित । कळारो, कपिलो, ( नीलवर्ण ४ J पीतेथ ) ( रोचनप्पमे )। पिंगो, पिसंगो. (प्यथवा) ( कळारादी तु पिंगले ॥ ९८ नानावर्णमिश्रित कम्मासो, सबलो चित्तो, वर्ण ३ सावो. (तु कण्हपीतके )। Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८ अभिधानप्पदीपिका [१, १०६-११२ द्वित्रिवार उच्चारण आमेण्डितं. ( तु विनेय्यं द्वेत्तिक्वत्तुमुदीरणं ) ॥ ६ आमेडित शब्द- 1 ( भये कोधे पसंसायं प्रयोगस्थान तुरिते कोतुहलच्छरे । हासे सोके पसादे च करे आमेण्डितं बुधो ) ॥ ७ वेदत्रयी इरु, ( नारि ) यजु, म्साम. ( मिति वेदा तयो सियुं । वेद ४ एते एव ) तयी, ( नारी) वेदो, मन्तो, सुति. ( त्थियं ) । वेदाप्रणेता मुनिगण १ ० अट्ठको, वामको, वाम देवो, ( चा )ङ्गीरसो, भगु, । यमतग्गि, ( च ) वासेट्ठो, भारद्वाजो, ( च ) कस्सपो, । वेस्सामित्तो, (ति मन्तानं कत्तारो इसयो इमे ) ॥ ९ कप्पो, व्याकरणं, जोतिसत्यं, सिक्खा, निरुत्ति, ( च )। छन्दोविचिति. ( चेतानि वेदंगानि वदन्ति छ ) ॥ ११० इतिहास इतिहासो. ( पुरावुत्त प्पबन्धो भारतादिको । शब्दार्थबोधकशास्र नामप्पकासकं सत्थं ) ( रुक्खादीनं ) निघण्डु. ( सो ) ॥ ११ चार्वाकशास्र १ (वितण्डसत्थं विजेय्यं यन्तं ) लोकायतं. ( इति )। काव्यशास्त्र १ केटुभं ( तु क्रियाकप्प विक्रप्पो कविनं हि तो ) ॥ १२ बेदाग ६ Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, ११३ - ११९ ] आख्यायिका १ प्रबन्धरचना १ अर्थशास्त्र १ वार्ता २ नाम ९ प्रतिवाक्य २ प्रश्न ३ उदाहरण ४ प्रतिध्वनि २ वाक्योपक्रम २ प्रशंसा ३ स्तोत्र ४ मयूरवाणी १ हस्तिनाद १ अश्वशब्द १ पठमो सरकण्डो आख्यायिको.- ( पलद्धत्था ) पबन्धकप्पना ) कथा | दण्डनीत्य, (त्थसत्थस्मि ) वृन्तन्तो, (तु) पवत्ति. ( च ) ।। १३ संक्षेप ५ मिथ्या अभियोग मुकद्दमा २ शपथ २ कीर्ति ३ यसो, सिलोको, कित्ति. (त्थि ) उच्चैः स्वरे कथन १ घोसना ( तुच्चसदनं ) || १७ सज्ञा, ख्या, डव्हा, समज्ञा, (चा)भिवानं, नाम, अव्हयो, । नामधेय्या, ऽधिवचनं. पटिवाक्यं, ( तु चो )- तरं. १४ पञ्हो, (तीस्व ) नुयोगो, (च ) पुच्छा.- ( प्यथ ) निदस्सनं । उपोग्ातो, (च) तो, ( तथो ) sदाहरणं. ( भवे ) ।। १५ समा, संखेप, संहारा, समासो, संगहो . - (प्यथ ) | ( सतन्धारयसी त्याद्य - ) ब्भक्खानं. ( तुच्छभासनं ) ॥ १६ वोहारो, (तु) विवादो. ( - ) सपनं, सपथो. ( पिच ) । पटिघोसो, पटिरवो. ( थो) पञ्ञासो, वचीमुखं । कत्थना, (च) सिलाघा, (च) वण्णना. ( थ ) नुति, ( तू ) श्रुति ॥ १८ थोमनं, (च) पसंसा. (थ) her. ( नादो सिखण्डिनं ) । ( गजानं ) कुञ्चनादो. (थ ) ( मता ) हेसा. ( हयद्धनि ) ॥ १९ [ १९ Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०] अभिधानप्पदीपिका [१, १२०-१२५ पर्याय २ परियायो, वेवचनं. धर्मसंबन्धी आलाप२ साकच्छा, ( तु च ) संकथा. । निन्दा ७ उपवादो, (चु-)पक्कोसा,वण्णवादा, ऽनुवादा, (च)। जनवादा,ऽपवादा, (पि) परिवादो. ( च तुल्यत्था ) ॥ १२० निन्दायुक्त वाक्य ५ खेपो, निंदा, ( तथा ) कुच्छा, जिगुच्छा, गरहा. ( भवे)। निन्दापूर्वक वाक्य १ (निंदापुब्बो उपारम्भो ) परिभासनं. ( उच्चते ) ॥ २१ अनार्योचित । ( अट्ठा नरिय वोहारव्यवहार २ वसेन या पवत्तिता )। अतिवाक्यं ( सिया वाचा सावतिक्कम दीपनी ). ॥ २२ वारंवार कथन १ ( मुहम्भासा ).नुलोपो.(थ), वृथा वाक्य १ पलापो. ( नत्थिका गिरा) संभाषण १ (आदोभासनं ) आलापो. विलाप २ विलापो, (तु ) परिद्दवो. ॥ २३ विरोधवाक्य २ विप्पलापो, विरोधोत्ति. संवाद २ संदेसोत्ति, (तु ) वाचिकं. । परस्पर आलाप १ (संभासनं तु ) सल्लापो. (विरोधरहितमिति ) ॥ २४ कर्कश वाक्य १ फरुसं. ( निठुरं वाक्यं) युक्तियुक्त वाक्य १ ( मनुञ्ज ) हदयंगमं. । विरोधवाक्य २ संकुलं, (तु ) किलिटुं. (च) (पुब्बापरविरोधिनी) ॥ २५ अनर्थक वचन १ (समुदायत्थरहित-) मबद्धं, ( इति कित्तितं)। Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, १२६-१३२] पठमो सग्गकण्डो [२१ मिथ्या २ वितथं, (तु) मुसा. ( चाथ) (फरुसादि तिलिंगिका) ॥ २६ सत्य वाक्य ५ सम्मा,-( व्ययं चा )ऽवितथं, सञ्चं, तच्छं, यथातथं. । (तब्बन्ता तीस्व )-लिकं, (त्व )मिथ्या वाक्य ४ सच्चं, मिच्छा, मुसा.-( व्ययं ) ।। २७ शब्द १६ रवो, निनादो, निनदो, ( च ) सहो, निग्घोस, नाद, द्धनि, ( यो च ) रावो । आराव, संराव, विराव, घोसा, रवा, सुति, (त्थी) सर, निम्सनो. ( च ) ॥ २८ अष्टामस्वर (विस्सट्ट मञ्ज विनेय्या, सवनीया विसारिनो । बिन्दु गम्भीर निन्नादि, त्वेवपटुंगिको सरो) २९ तिर्थग्जातिरोदन १ तिरच्छानगतान हि। रुतं ) वस्सितं. ( उच्चते )। अव्यक्त ध्वनि २ कोलाहलो, कलकलो. गान ३ गीतं, गानं, (च) गीतिका. ॥ १३० तन्त्री १ (सरा सत्त तयो गामा चेकवीसति मुच्छना । ठानानेकूनपास इच्चेतं ) सरमण्डलं. ।। ३१ सप्तस्वरनाम उसभो, धेवतो, (चेव) छज, गन्धार, मज्झिमा,। पंचमो, (च) निसादो. (ति सत्तेते गदिता सरा ) ३२ ( नदन्ति उसभं गावो. तुरगा धेवतं तथा। Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२7 अभिधानप्पदीपिका [१, १३३-१३९ छज्जम्मयूरा गंधारमजा कोञ्चा च मज्झिमं ॥ ३३ पंचमं परपुट्ठादी निसादम्पि च वारणा । छज्जो च मज्झिमो गामा तयो साधारणो ति च ॥ ३४ सरेसु तेसु पञ्चेके तिस्सो तिस्सो हि मुच्छना। सियुं तथैव ठानानि सत्त सत्तेव लब्भरे ॥ ३५ तिस्सो दुवे चतस्सो च चतस्सो कमतो सरे । तिस्सो दुवे चतस्सो ति द्वावीसति सुती सियु ) ॥ ३६ अति उच्च ध्वनि (उच्चतरे रवे ) तारो, अस्फुट शब्द (थाव्यत्तमधुरे ) कलो. । गंभीर शब्द (गंभीरे तु रवे ) मन्दो. ( तारादि तीस्व-) (थो कले )। मधुर अस्फुट ध्वनि काकली. ( सुखमे वुत्तो) लय (क्रियादि समता ) लयो. ॥ ३७ वीणा २ वीणा, (च) वल्लकी. ( सत्त सप्ततन्त्रीविशिष्टवीणा तन्तिसा ) परिवादिनी. । वीणादण्डवक्र कष्ठ १ पोक्खरो. ( दोण वीणाय ) वीणादण्ड १ उपवीणो. (तु वेको ) ॥ ३८ आततं, चेव विततपञ्चाङ्गिक वाद्य माततविततं, घनं । सुसिरं, ( चेति तुरियं पंचंगिक मुदीरितं ) ॥ ३९ Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, १४०-१४७] पठमो सग्गकण्डो [२३ दुन्दुभि तथा । आततं. ( नाम चम्माववीणादिवाद्य १ नद्धेसु भेरियादिसु । तलेकेकयुतं कुम्भ थूणदद्दरिकादिकं ) ॥ १४० वायबिशेष १ विततं. ( चोभयतलं तुरियं मुरजादिकं)। ढक्कादिवाद्य १ आततविततं. ( सब्ब विनद्धं पणवादिकं)॥ ४१ बंसीध्वनि १ सुसिरं. ( वंससंखादि ) कांस्यध्वनि १ (सम्मतालादिकं ) घनं. । एककाले वणिा, ) आतोज्जं, ( तु च ) वादित्तं, मृदङ्ग,बंसी,करताल वादितं. वजं. ( उच्चते ) ॥ ४२ एवं चतुर्विध वाद्य ४ दुन्दुभि २ मेरि, दुंदुभि. ( वुत्तोथ ) मृदङ्ग २ मुदिंगो, मुरजो. ( म्स तु )। मृदङ्गविशेष ३ आलिंगं, क्यो, द्धका ( भेदा ) वाद्यविशेष ४ तिणवो, ( तु च ) देण्डिमो, ॥ ४३ आळम्बरो, ( च ) पणवो. वीणादिवादनदण्ड १ कोणो. ( वीणादिवादनं )। वाद्ययन्नविशेष ३ दद्दरी, पटभो, ( भेरि प्पभेदा ) मद्दला. ( ऽदयो ) ॥ ४४ कुङ्कुमादिमर्दनज- । (जनप्पिये विमदुत्थे नित मनोहरगन्ध १ ॥ गन्धे ) परिमलो. ( भवे )। अतिदूरप्रसारी ) ( सोत्वा ) मोदो ( दूरगामी मनोहरगन्ध । विम्सन्ता तीस्वितो परं ) ॥ ४५ सुगन्ध ४ इट्टगंधो, ( च ) सुरभी, सुगंधो, ( च ) सुगंधि. ( च )। दुर्गन्ध २ पूतिगंधि, ( तु ) दुग्गन्धो.चिताधूम १ (थ) विस्सं. ( आमगंधियं ) ।। ४७ Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४] अभिधानप्पदीपिका [१,७८-८४ कुकुमविशेष । कुंकुम, ( चेव ) यवनतथा तदीयगन्ध ४ 5 पुप्फं, ( च ) नगरं, ( तथा )। तुरुक्खो. (ति च तुज्जाति गंधा एते पकासिता ) ॥ ४७ रसप्रकार ६ कसावो, ( नित्थियं ) तितो, मधुरो, लवणो, ( ( इमे )। अम्बिलो, कटुको. ( चेति छरसा तब्बती तिसु ) ॥ ४८ स्पर्शेन्दिय २ ( सिया ) फस्सो, ( च ) फोहब्बो. इन्द्रिय ३ विसयी, ( त्व- )क्खं, इंद्रियः । चक्षु ६ नयनं, ( त्व- )क्खि, नेतं, ( च ) लोचनं, ( चा- ) च्छि, चक्खु. ( च ) ॥ ४९ कर्ण ५ सोतं, सद्दगहो, कण्णो. सवनं, सुति. नत्थु, ( तु ) नासिका ४ नासा, ( च ) नासिका. घानं. जिह्वा २ जिव्हा, ( तु ) रसना. ( भवे ) ॥ १५० शरीर १० सरीरं, वपु, गत्तं, ( चा ) त्तभावो, बोन्दि, विग्गहो, देहं, ( वा पुरिसे ) कायो, ( त्थियं ) तनु, कलेवरं. ॥ ५१ चित्त ६ चित्तं, चेतो, मनो, ( नित्थि ) विजणं, हदयं, ( तथा ) ज्ञानेन्द्रिय १४ मानसं. धी, ( तु ) पञ्ज, ( च ) बुद्धि, मेधा, मति, मुति, ॥ ५२ भूरी, मन्ता, ( च ) पञ्जाणं, आणं, विज्जा, ( च ) योनि, ( च )। पटिभानं, अमोहो. (थ) प्रज्ञा २ ( पञ्जाभेदा ) विपस्सना, ॥ ९३ Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, १६४-१६० ] पठमो सग्गकण्डो [२५ सम्मादिट्ठि. ( प्पभूतिका ) प्रमाणद्वाराअर्थपरीक्षा वीमंसा. (तु विचारणा )। इष्टानिष्टचिन्तनप्रज्ञा संपजनं, (तु ) नेपक्कं. सुखदुःखानुभव २ वेदयितं, (तु) वेदना. ॥ ५४ संकल्प ५ तक्को, वितको, संकप्पो, जीवित २ अप्पनो,- ऽहा. ऽऽयु, (तु ) जीवितं । एकाग्रता ४. एकग्गता, (तु) समथो, अविक्वेपो, समाधि. (च)॥ ५५ उत्साह १० उस्साहा,- तप्प, पग्गाहा, वायामो, (च) परक्कमो, । पधानं, विरियं, (चे-)हा, उय्यामो, (च) धिती. (त्थियं ) ॥ ५६ चतुर्विध वीर्याग चत्तारि विरियंगानि तचस्स च नहारुनो। अवसिस्सनमट्ठिस्स मंसलोहितसुस्सनं ।। ५७ अतिशय उत्साह उस्सोव्हि. ( त्वाधमत्तेहा) स्मृति २ सति, (त्व )नुस्सति. ( त्थियं )। लज्जा २ लज्जा, हिरि. ( समानाथ ) पापभय २ ओत्तप्पं, पापभीरुता. ॥ ५८ मध्यस्थता ३ मज्झत्तता, (तु )sपेक्खा, (च) | अदुक्खमसुखा. ( सिया )। मानसिक परिपूर्णतार चित्ताभोगो, मनकारो. मुक्ति २ अधिमोक्खो, (तु ) निच्छयो. ॥ ५९ करुणा ५ दया, ऽनुकंपा, कारुनं, करुणा, (च) अनुद्दया.। विरति ३ ( थियं ) वेरमणि, (चेव) विरत्या,- ऽरति. (चाप्यथ ) ॥ १६० 4 A: P. Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६] अभिधानपदीपिका [१, १६१-१६७ क्षान्ति ४ तितिक्खा, खन्ति, खमनं, मैत्री २ खमा. मेत्ता, (तु) मेत्य.- (थ) । सिद्धान्त ५ दस्सनं, दिठि, लद्धि, (त्थि) सिद्धन्तो, समयो. ( भवे ) ॥६१ इच्छा २५ तण्हा, (च) तसिना, एजा जालिनी, ( च ) विसत्तिका, । छन्दो, जटा, निकन्त्या, ऽसा, सिब्बनी, भवनेत्ति, (च) ॥ ६२ अभिज्झा, वनथो, वानं, लोभो, रागो, (च) आलयो । पिहा, मनोरथो, इच्छा,ऽभिलासो, काम, दोहळा,। आकंखा, रुचि. ( वुत्ता सा अत्यन्तस्पृहा त्वधिका ) लालसा. ( द्विसु ) ॥६३ विद्वेष ३ वेरं, विरोधो,विद्देसो. क्रोध ६ दोसो, (च)पटिचं, ( च वा )। कोधा, ऽघाता, कोप, रोसा. परद्रोहचिन्तन २ व्यापादो, ऽनभिरद्धि. ( च ) ॥ ६४ चिरद्वेष १ (बद्धवेरं ) उपनाहो. शोक २ ( सिया ) सोको, (तु) सोचनं. । रोदन ५ रोदितं, कन्दितं, रुण्णं, परिदेवो, परिद्दवो. ॥ ६५ भय ३ भीती, ( त्थी ) भय, उत्तामो. महाभय १ भेरवं, (तु महब्भयं ) ॥ ६६ भयानक ९ भेरवं, भिंसनं, भीम, दारुणं, (च)भयानकं,। घोरं, पटिभयं, भेस्मं, भयंकर, ( इमे तिसु) ॥६७ Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १, १६८-१७४] पठमो सग्गकण्डो ईर्ष्या २ इम्सा, उसूया. मच्छेरं, मात्सर्य ३ (तु) मच्छरियं, मच्छरं.। अविद्या ३ मोहो, ऽविज्जा, (तथा-) आणं. मान ३ मानो, विधा, (च) उण्णति. ॥ ६८ औद्धत्य २ उद्धच्चं, उद्धटं. (चाथ) पश्चात्ताप ५ तापा, कुक्कुच्चं, (एव च)। पच्छात्तापो, ऽनुतापो, (च) विप्पटिसारो. ( पकासितो ) ॥ ६९ संशय ९ मनोविलेख, संदेहो, संसयो, (च) कथंकथा,। द्वेव्हकं, विचिकिच्छा, (च) कंखा, संका, विमत्य.- (पि) ॥ १७० अहंकार ३ गब्बो, ऽभिमानो, ऽहंकारो. चिन्ता २ चिंता, (तु) झानं. (उच्चते)। निश्चय २ निच्छयो, निण्णयो. (वुत्तो) प्रतिवाक्य २ पटिना, (तु) पटिम्सवो. ॥ ७१ अवज्ञा ६ अवमानं, तिरोकारो, परिभवो, ( प्य-) नादरो,। पराभवो, ( प्य- )वज्ञा. (थ) भ्रम २ उम्मादो, चित्तविम्भमो. ॥ ७२ स्नेह ३ पेम, सिनेहो, स्नेहो. ( थ ) मन:पीडा २ चित्तपीळा, विसञ्जिताः। प्रमाद २ पमादो, सतिवोस्सग्गो. कुतूहल २ कोतृहल, कुतूहलं. ॥ ७३ विलास ६ विलासो, ललितं, लीला, हावो, हेळा, ( च ) विब्भमो. । ( इच्चादिका सियुं नारीसिंगारभावजा क्रिया ) ।। ७४ Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८] हास्य ३ मंदहास्य २ अट्टहास्य २ रोमाञ्च २ परिहास ६ निद्रा ५ शठता ५ अभिधानप्पदीपिका [१, १७५-७९ हसनं, हसितं, हासो. ( मंदो सो ) मिहितं, सितं. । अट्टहासो, महाहासो. रोमञ्चो, लोमहंसनं. ॥ ७५ परिहासो, दवो, खिड्डा, केळि, कीळा, (च) कीळितं. । निद्दा, (तु) सुपिनं, सोप्पं, मिद्धं, (च) पचलायिका. ॥ ७६ (थियं ) निकति, कूटं, (च) दम्भो, सट्टयं, (च) केतवं. । सभावो, (तु ) निसग्गो, (च) सरूपं, पकती, (त्थियं ) ॥ ७७ सीलं, (च) लक्खणं, भावो. उस्सवो, (तु) छणो, महो. ॥ ७८ धारेन्तो जन्तु सस्नेहमभिधानप्पदीपिकं । खुद्दकाद्यत्थजातानि संपस्सति यथासुखं ॥ ७९ ॥ निठितो पठमो सग्गकण्डो ॥ स्वभाव ७ उत्सव ३ Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ दुतियो भूकण्डो॥ वग्गा भूमि पुरी मच्च, चतुब्बण्णवनादिहि। पातालेन च वुच्चन्ते सोङ्गोपाङ्गहि धकमा ॥ १८० पृथ्वी १९ वसुंधरा, छमा, भूमि, पठवी, मेदिनी, मही,। उब्बी, वसुमती, गो, कु, वसुधा, धरणी, धरा, ॥ ८१ पुथुवी, जगती, भूरी, भू, (च) भूतधरा, ऽवनी । क्षार मृत्तिका १ (खारा तु मत्तिका ) ऊसो. क्षारभूमि २ उसवा, (तू )ऽसरो. (तिसु ) ॥ ८२ स्थलभाग २ थलं, थली. ( त्थि) (भूभागे अरण्य १ थद्ध लूखाम्हि ) जंगलो.। पूर्वविदेहादि ४ । पुब्बविदेहो, (चा) ऽपरमहाद्विप | गोयानं, जंबुदीपो, (च)। उत्तरकुरु. (चेति सियुं चत्तारो मे महादिपा ) ॥ (३ नाना देश २१ (पुम्बहुत्ते ) कुरू, सक्का, कोसला, मगधा, सिवी। कालिंगा, ऽवन्ति, पंचाला, वजी, गंधार, चेतयो, ॥ ८४ Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभिधानप्पदीपिका [२, १८५-१९१ वंगा, विदेहा, कंबोजा, मद्दा, भग्गा, ऽङ्ग, सीहळा, । कस्मीरा, कासि, पंडवा. ( दि सियु जनपदन्तरा ) ॥ ८५ लोक २ लोको, (च) भुवनं. (वुत्तं ) देश २ देसो, (तु ) विसयो.-(प्यथ )। म्लेच्छदेश २ मिलक्खदेसो, पञ्चन्तो. मध्यदेश २ मज्झदेसो, (तु ) मज्झिमो. ॥ ८६ जलप्रायदेश २ अनूपो, ( सलिलप्पायो) कच्छं. (पुमनपुंसके)। नवतृणाच्छन्न स्थान १ सदलो. ( हरिते देसे तिणेनाभिनवेन हि ) ॥ ८७ ( नद्यम्बुजीवनो देसो नदीमातृक देश १ वुद्धिनिप्पज्जसस्सको । देवमातृक देश १ यो ) नदीमातिको. देव मातिको ( च कमेन सो ) ॥ ८८ चिरस्थायी १ (तीस्वनूपाद्यथो चन्द सूरादो ) सम्सती.- (रितो )। रद्वं ( तु) विजितं, ( चाथ) सेतु १ (पुरिसे ) सेतु. ( आलिय ) ॥ ८९ नगरसमीप भूमि १ ( उपान्तभू ) परिसरो. गोष्ठ ३ गोट्ट, ( तु ) गोकुलं, वजो.। मार्ग ११ मग्गो, पंथो, पथो. ( चा-) ऽद्धा, अंजसं, वटुमं, ( तथा ) ॥ १९० पजो, ऽयनं, (च) पदवी, वत्तनी, पद्धती. ( त्थियं)। मार्गविशेष २ (तभेदा ) जंघ, सकट मग्गा. (ते थ) मतद्धनि ॥ ९१ Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [३१ २, १९२-१९८] दुतियो भूकण्डो एकपदी १ एकपद्ये,( कपदिके) दुर्गम पथ ? कन्तारो. ( तु च दुग्गमे )। प्रतिपथ २ पटिमग्गो, पटिपथो. दीघेपथ १ अद्धानं. ( दघिमञ्जसं ) ॥ ९२ सुपथ २ सुप्पथो, ( तु ) सुपन्थो. ( च )। उत्पथ २ उप्पथं, ( त्व- )पथं, ( भवे ) ॥९३ अणु १ . (छत्तिस परमाणन मेको )ऽणु. ( छत्तिस ते )। तज्जारी १ तज्जारी. ( तापि छत्तिंस ) रथरेणु १ रथरेणु. ( च्छत्तिस ते ) ।। ९४ लिक्खा-ऊका १-१ लिक्खा. ( ता सत्त ) उका. ( ता ) धान्यमास १ धामासो. ( ति सत्त ) ( ते । अगुल १ सत्ता- ) गुलं. ( अमुद्विच्छ ) विहस्त १ विदत्थी. ( ता दुवे सियुं) ९५ हस्तपरिमाण १ रतनं. ( तानि सत्तेव ) यष्टि-ऋषभ १-१ यहि. ( ता वीसतू )ऽमहं. । गव्यूत १ गावूतं. ( उसमा सीति) योजन १ योजनं. ( चतुगावुतं ) ॥ ९६ क्रोश १ (धनु पंचसतं ) कोसो, करीष १ करीसं. ( चतु रभ्मणं । अभ्यन्तर निर्णय १ अब्भन्तरं. ( तु हत्थान मट्ठ वीसप्पमाणतो ) ॥ ९७ पुर५ पुरं, नगरं, ( इत्थी वा) ठानीयं, पुटभेदनं,। ( थियन्तु ) राजधानी. (च) खन्धावारो. ( भवेथ च ) ॥९८ शिबिर १ Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२ ] शाखानगर १ साखानगरं . ( अञ्ञत्र यन्तं मूलपुरा पुरं ) | प्राचीन नगर २० बाराणसी, (च) सावत्थी, रथ्या ४ प्राकार २ राज्ञः सामान्यगृह२ भित्ति २ पुरद्वार २ प्रस्तरस्तंभ २ अट्टालिका २ अभिधानपदीपिका बहिर्द्वार १ परिखा २ गृह २४ चतुर्दिग्मिलनमार्ग १ ब्यूहो. ( रच्छा अनिब्बिद्धा ) एक दिग्गामी मार्ग १ चतुष्क २ वेसाली, मिथिला, ssळवी, ॥९९ कोसम्बू, -ऽज्जेनि, (यो ) तक्कसिला, चंपा, (च) सागलं, I सुंसुमारगिरं, राज 7 गर्ह, कपिलवत्थु ( ) २०० ॥ साकेत, इन्दपतं, (चो- ) कट्ठा, पाटलिपुत्तकं । जेतुत्तरं (तु) संकस्सं, कुसिनारा.- ( दयो पुरी ) ॥ १ रच्छा, (च ) विसिखा, ( वुत्ता ) रथिका, वीथि. ( चाप्यथ ) | [ २, १९९-२०१ ( निब्बिद्धा तु ) पथद्धि. ( च ) ॥ २ चतुक्कं, ( चच्चरे मग्ग सन्धि ) सिंघाटकं. ( भवे ) । पाकारो, वरणो. ( चाथ ) उद्दापो, उपकारिका ॥ ३ कुड्डु, (तु) भित्ति. ( नारीथ ) गोपुर, द्वारको को. । एसिका, इन्दखीलो. (च ) अट्टो, (त्व - ) हालको. ( भवे ) ॥ ४ तोरणं. ( तु बहिद्वारं ) परिखा, ( तुच ) दिग्धिका. । मंदिरं, सदना- गारं निकायो, निलया, लयो, ॥ ९ Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [३३ २, २०६-२१२] दुतियो भूकण्डो आवासो, भवनं, वेस्मं, निकेतन, निवेसनं, । घरं, गहं ( चा-) वसथो, सरणं, (च) पतिस्सयो, ॥ ६ ओकं, साला, खयो, वासो, ( थियं ) कुटि-, वसत्य- (पि )। देवास्य २ गेहं. (चानिस्थि ) सदुमं । चेतिया, ऽयतनानि, ( तु ) ॥ ७ इष्टकादिरचित गृह १ पासादो. ( चेव ) यूपो, (थ) मुद्धच्छद्दो. ( सहम्मियं)। हस्तिनखनाम गृहविशेष १( यूपो तु गजकुम्भम्हि ) हत्थिनखो. ( पतिट्टितो)॥ ८ गरुडपक्षतुल्य गृह १ (सुपण्णवंकसदन-) मड्डयोगो. ( सिया थच )। एकाच्छादन गृह १ (एककूटयुतो ) मालो. प्रासाद १ पासादो. ( चतुरस्स को ) ॥९ सभा २ सभायं, (च) सभा. ( चाथ ) मण्डप २ मंण्डपं, (वा ) जनालयो. । आसनशाला १ ( अथो आसनसालायं) पटिक्कमनं. ( ईरित ) ॥ २१० बुद्धवासभवन १ ( जिनस्स वासभवन मित्थी ) गन्धकुटी-(प्यथ )। रन्धनशाला ३ ( थियं ) रसवती, पाक द्वानं ( चेव ) महानसं. ॥ ११ शिल्पगृह २ आवेसनं, सिप्पसाला. पानागार १ सोण्डा. (तु पानमन्दिरं )। शौचस्थान १ ( वचट्टानं ) वच्चकुटी. आश्रम १ ( मुनानं ठानं ) अस्समो ॥ १२ क्रयविक्रयस्थान २ (पण्यविक्कयसाला तु) 5A. P. Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४] अभिधानप्पदीपिका । २, २१३-२१९ आपणो, पण्यवीथिका.। भाण्डार १ उद्देसितो. ( भण्डसाला) पादचारण गृह २ चंकमणं, (तु) चंकमो. ॥ १३ अमिशाला १ जन्ताघरं. (स्वग्गिसाला ) जलसत्र १ पा. ( पानीयसालिका )। प्रकोष्ठ २ गब्मो, ओवरको. वासाशयनगृह २ गारं, (तु ) सयानग्गहं. ॥ १४ अंतःपुर ४ इत्थागारं, (तु ) ओरोधो, सुद्धन्तो ऽन्तेपुरं. ( पि च )। राजगुप्तप्रकोष्ठ १ ( असव्वविसयट्टानं रञ्ज) कच्छन्तरं. ( मतं ) ॥ १५ सोपान २ सोपानो, ( वा ) रोहणं.( च ) निःश्रेणिः २ निस्सेणी, ( सा-) ऽधिरोहिणी. । वातायन ५ वातपानं, गवक्खो, (च) जालं, ( च ) सहिपञरं, ॥ १६ आलोकसन्धि. ( वुत्तोथ ) अर्गला २ लंङ्गी, ( स्थी ) पलिघो. ( भवे )। अर्गलस्तम्भ २ कपिसीसो,- ऽग्गल स्थम्भो. आच्छादनकुटी १ निव्वं. ( तु छद्दकोटियं ) ॥ १७ तृणछदन ३ छदनं, पटलं, छइं. प्राङ्गण ३ अजिरं, चच्चरा,- ऽङ्गणं.। अलिन्दभूमि ५ पघाणो, पघणा,-ऽलिन्दा, पमुख, द्वारबन्धनं. ॥ १८ बहिरप्रकोष्ठ २ पितृसंघाटक, द्वारगृहकूट २ बाहा. कूटं, (तु ) कणिका. । द्वार २ द्वारं, ( च ) पटिहारो. ( थ ) देहली २ उम्मारो, देहिली. (त्थियं ) ॥ १९ स्तम्भ ४ एलको, इन्दखीलो, (थ) थम्भो, थूणो. ( पुमित्थियं )। Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [३५ २, २२०-२२६] दुतियो भूकण्डो पाषाण खण्ड १ पाटिका. ( व्वेन्दुपासाणो) इष्टक २ गिञ्जका, (तु च ) इडका. ॥ २२० गृहस्थूणा १ ( बलमिच्छादि दारुम्हि वंके ) गोपानसी. ( थियं )। कपोतार्थ काष्ठगृह १ (कपोसपालिकायं तु) विटंको. ( निस्थियं भवे )॥२१ कुंचिकाछिद्रं २ कुञ्चिका विवरं, तालकुंचिका ३ च्छीग्गलो. ( -प्यथ ) कुञ्चिका, । तालो, -वापुरणं. ( चाथ ) वेदी २ वेदिका, वेदि. ( कथ्यते ) ॥ २२ गृहाङ्गविशेष १ संघाटो, पक्खपासो. ( च ) तुला १ ( मन्दिरगा) तुला. ( अपि)। सम्मार्जनी ३ ( थियं ) सम्मुज्जनी, (चेव सम्मज्जनी, ( च ) सोधनी. ॥ २३ अवकरनिकर ३ संकटीरं, (च) संकार धानं, संकारकूटकं.। धूलि ४ ( अथो ) कचवरो,- ऽकलापो, संकारो, (च) कसम्बु. (पि ) ॥ २४ वास्तुभूमि १ (धरादि भृमतं ) वत्थु. ग्राम २ गामो, संवसस्थो. ( थ सो । नगर १ पाकटो ) निगमो. ( भोग-- सीमा ३ मञ्चादिभ्यो- ) ऽधि, ( तूदितो ) ॥ २५ समा, (च) मरियादा. ( थ ) गोपालग्राम २ घोसो, गोपालगामको ।। २६ ॥ पुरवग्गो॥ मनुष्य १० मनुस्सो, मानुसो, मच्चो, मानवो, मनुजो, नरो, पोसो, पुमा, ( च ) पुरिसो, Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६] पण्डित २६ स्त्री १५ अभिधानप्पदीपिका [२, २२७-२३४ पोरिसो.-( प्यथ ) पण्डितो, ॥ २७ बुधो, विद्वा, विभावी, ( च ) सन्तो, सप्पञ्ज, कोविदो,। धीमा, सुधी, कवी, व्यत्तो, विचक्षण, विसारदा, ॥ २८ मेधावी, मतिमा, पञ्जओ, विज्ञ, ( च ) विदुरो, विदू, धीरो, विपस्सी, दोसञ्ज, बुद्धो, ( च ) दब्बविद्दसु. ॥ २९ इत्थी, सीमन्तिनी, नारी, थी, वधू, वनिता,-ऽङ्गना, पमदा, सुन्दरी, कन्ता, रमणी, दयिता,-ऽबला. ॥ २३० मातुगामो, ( च ) महिला, ललना, भीरु, कामिनी. ।। कुमारिका. (तु ) कञा, (थ) तरुणी, युवती. ( भवे ) ॥ ३१ महेसी. ( साभिसेक ) भोगिनी. ( राजनारियो)। ( ध्वस्थिनी तु संकेतं याति या सा- ) ऽभिसारिका ॥ ३२ गणिका, वेसिया, वण्णदासी, नगरसोभिनी,। रूपूपजीविनी, वेसी. कुलटा, (तु च ) बन्धकी. ॥ ३३ वरारोहो,-ऽत्तमा, मत्तकामिनी, वरवण्णिनी.। पतिब्बता, ( त्वपि ) सती. कुलित्थी, कुलपालिका. ॥ ३४ विविधस्त्री ३ कन्या २ युवती स्त्री ३ पट्टराज्ञी १ राज्ञी १ अभिसारिका १ वेश्या ६ कुलटा स्त्री २ उत्तम स्त्री ४ सती २ कुलस्त्री २ Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, २३५-२४१ विधवा १ स्वयंवरा स्त्री २ प्रसूता ४ lili silli d दूती २ दासी ३ भविष्यवित् स्त्री २ क्षत्रियाणी २ भार्या ९ सखी ३ व्यभिचारिणी २ स्त्रीरजः ३ रजस्वला स्त्री ३ गर्भवती ३ दुतियो भूकण्डो [३७ विधवा. ( पतिसुझा थ ) पतिवरा, सयंवरा.। विजाता, (तु ) पसूता, ( च ) जातापच्चा, पसूतिका. ॥ ३५ दूती, सञ्चारिका. दासी, (तु ) चेटी, कुलधारिका.।। वारुणी,-ऽक्खणिका. ( तुल्या) खत्तियानी, (तु) खत्तिया. ॥ ३६ दारो, जाया, कलत्तं, (च) घरणी, भरिया, पिया, पजापती, (च) दुतिया, ( सा ) पादपरिचारिका. ॥ ३७ सखी,-ऽली, वयस्सा ( थ ) जारि. (चेवा-) ऽभिचारिणी । ( पुमे ) उतु, रजो, पुप्फं. उतुनी, (तु ) रजस्सला, ॥ ३८ पुप्फवती. गरुगब्भा,ऽपन्नसत्ता, ( च ) गब्भिनी. । गब्भासयो, जलाबू. (च) कललं. ( पुन्नपुसंके ) ॥ ३९ धवो, (तु ) सामिको, भत्ता, कन्तो, पति, वरो, पियो । ( अथो-) ऽपपति, जारो, ( था-) ऽपञ्चं, पुत्तो,-ऽत्तजो, सुतो, ॥ २४० तनुजो, तनयो, सूनु.. ( पुत्तादि धीतरिस्थियं )। ( नारियं ) दुहिता, धीता. ( संजाते स्वो-) ऽरसो ( सुतो ) ॥ ४१ जायापति, जानिपति, गर्भाशय २ गर्भ १ स्वामी ७ उपपति २ पुत्र ७ पुत्री २ स्वपुत्र, सीपुरुष ४ Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८] अभिधानप्पर्दापिका [२, २४२-२४८ नपुंसक ३ ज्ञाति ३ सपिण्ड ५ पिता ३ माता ६ धात्री २ श्यालक ? ननन्द २ मातामही २ मातुल १ मातुलानी १ श्वश्रू १ श्वशुर १ जयम्पति, ( तु ) दम्पति.। ( अथ ) वस्सवरो, ( वुत्तो) पण्डको, ( च ) नपुंसकं. ॥ ४२ बन्धवो, बन्धु, सजनो. सगोत्तो, जाति, जातको,। सालोहितो, सपिण्डो. ( च ) तातो, ( तु ) जनको, पिता. ॥ ४३ अम्मा,-ऽम्बा, जननी, माता, जनेती; जनिका. ( भवे )। उपमाता (तु ) धाती,- ( स्थी ) सालो. ( जायाय भातिको ) ॥ ४४ ननन्दा, सामिभगिनी. मातामही, (तु ) अय्यका. । मातुलो. ( मातुभातास्स ) मातुलानी. ( पजापती ) ॥ ४५ ( जायापतीनं जननी ) सस्सु. ( वुत्ता थ तप्पिता )। ससुरो. भगिनेय्यो (तु । पुत्तो भागिनियः भवे )॥ ४६ नत्ता, ( वुत्तो ) पपुत्तो. ( थ ) (स्वाभिभाता तु ) देवरो. । (ध तुपति तु ) जामाता. अय्यतो, ( तु) पितामहो. ॥ ४७ मातुच्छा. ( मातुभगिनी ) पितुच्छा. ( भगिनी पितु) । पपितामहो, पय्यको. ( तु ) सुण्हा. ( तु ) सुणिसा, हुसा ॥ ४८ सोदरियो, सगब्भो, (च) सोदरो, सहजो. ( प्यथ )। भागिनेय १ पौत्र २ देवर १ जामाता १ पितामह २ माताभगिनी १ पिताभगिनी १ प्रपितामह २ पुत्रवधू ३ सहोदर Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, २४९-२५६ ] दुतियो भृकण्डो ( मातापितृते ) पितरो. पुता ( तु पुत्तधीतरी ) ॥ ४९ ससुरा (सस्सुससुरा ) ( भातुभगिनी ) भातरो. 1 मातापितारौ १ पुत्रपुत्री ! श्वश्रूश्वशुर १ भ्राताभगिनी १ बाल्यावस्था ३ यौवन २ पलिन केश १ जरा २ शावक ६ अतिशय शिशु ३ तरुण ७ सुकुमार २ वृद्ध ५ ज्येष्ठ ३ कनिष्ठ ३ जीर्णत्वक व्यक्ति २ वलित्तचो, (तु) वलिना. मस्तक ५ केश ५ बद्धकेश १ काकपक्ष २ केशसमूह २ बालतं, बालता, बाल्य. योव्वज्ञ, (तु) योब्बनं. ।। २५० ( सुक्का तु ) पलितं. ( केसा -- दयोथ ) जरता, जरा. पुथुको, पिल्लको, छापो, कुमारो, बाल, पोतको ।। ५१ ( अथो - ) तानसयो, - तानसेय्यको. थनपो. ( पिच ) ॥ ५२ तरुणो, (च) वयट्ठो, (च ) . दहरो, (च) युवा, सुसु, । मावो. दारको ( चाथ ) सुकुमारो, सुखेधितो ॥ ५३ महल को, (च) वुद्धो, (च) थेरो, जिणो, (च) जिण्णको । अग्गजो, पुव्वजो, जेहो. कनिट्टो, कनियो, -ऽनुजेो. ॥ ५४ 2 ( तीसूत्तानसयादयो ) ॥ ५५ सीसो, - ऽत्तमङ्गानि, सिरो, मुद्धा, (च) मत्थको. ( भवे ) | सो, (तु) कुन्तलो, बालो, - त्तमङ्गरुह, मुद्धजा. ॥ ५६ धमिलो ( संयतसा ) काकपक्खो, सिखण्डको । पासो, हत्थो. ( केसचये ) " • [३९ Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४० ] जटा १ वेणी २ शिखा २ सीमन्त १ लोम ३ अक्षिरोम ३ श्मश्रू १ भ्रू ३ अश्रु ३ कनीनिका २ वदन ६ दन्त ६ दष्टा १ चक्षुष्कोण १ ओष्ठ ४ गण्ड ३ चुबुक १ कण्ठ ५ कम्बुग्रीवा १ स्कंध ३ स्कन्धसन्धि १ अभिधानपदीपिका ( तापसानं तहिं ) जटा ॥ ५७ (थियं ) वेणी, पवेणी. (च ) ( अथो ) चूला, सिखा ( सिया ) । सीमन्तो. ( तु मतो नारीसमज हि पद्धति ) ॥ ५८ लोमं तनुरुहं, रोमें. , पन्हं, पखुमं, अक्खिजं. मस्तु ( वुत्तं पुममुखे ) भू, ( विस्था ) भमुको, भमू. ॥ ५९ बप्पो, नेत्तजला, - Sस्सूनि. नेत्ततारा, कनीनिका । वदनं, (तु) मुखं, मुण्डं, वत्तं, लपनं, आननं ॥ २६० द्विजो, लपनजो, दन्तो, दसनो, रदनो, दो दाठा. ( तु दन्तभेदस्मिं ) अपाड्गो ( स्वक्खि कोटिसु ) ॥ ६१ दन्तावरणं, ओठ्ठो, ( चाप्य - ) धरो, दसनच्छदो. । गण्डो, कपोलो, हन्वि. - ( स्थी ) चुबुकं. ( स्वधरा अधो ) ॥ ६२ गलो, (च) कण्ठो, गांवा, (च) . कंधरा, (च) सिरोधरा. । कम्बुग्गीवा ( तु या गांवा सुवण्णलिंगसन्निभा । अंकिता तीहि लेखाहि [२, २५७-२६३ कम्बुगीवाथ वा मता ) ॥ २६३ अंसो, (नित्थि ) भुजसिरो, खन्धो ( तस्सन्धि ) जन्तु. ( तं ) । Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, २६४-२७०] दुतियो भूकण्डो [४१ बाहुमूल २ बाहूमूलं, (तु ) कच्छो. (ऽधोकक्षस्याधाभाग स्वस्स ) पस्सं. ( अनित्थियं ) ॥ ६४ बाहु ३ बाहु, भुजो, (द्वीसु ) बाहा. हस्त ३ हत्थो, (तु) कर, पाणयो.। मणिबन्ध १ मणिबन्धो. (पकोद्वन्तो) भुजमध्यस्थ प्रन्थि २ कप्परो, (तु ) कफोण्य.-(थ) ॥२६५ कराग्र भाग १ (मणिबन्धकनिट्ठानं पाणिस्स ) करभो (-न्तरं )। अङ्गुलि २ करसाखा, ऽङ्गुली. ( ता तु अङ्गुष्ठादि नाम पंचा) ऽगुट्ठो, (च) तज्जनी, मज्झिमा, ऽनामिका, (चा पि ) कनिट्ठा ( ति कमा सियुं)॥ ६६ पञ्जाङ्गुलि परिमाण पदेसो, ताल, गोकण्ण, वितस्त १ विदथी. (स्थि कमा तते । तजन्यादियुतेऽङ्गुढे ) प्रसृतपाणि १ पसतो. ( पाणिकुंचितो ) ॥ ६७ रतनं, कुक्कु, हत्थो. (थ) अञ्जलि २ (पुमे ) करपुटो, ऽञ्जलि. । नख २ करजो, (तु ) नखो. (नित्थि ) मुष्टि २ खटको, मुट्टि. ( च द्विसु)॥ ६८ व्याम १ व्यामो. ( सहकरा बाहु द्वेपस्स द्वय विस्थता )। उद्धन्नतभुजे 'पासपौरुष १ प्पमाणे ) पोरिसं. (तिसु ) ॥ ६९ वक्षःस्थल २ उरो, ( च ) हदयं. (चाथ) स्तन ३ थनो, कुच, पयोधरो. । स्तनाग्र भाग १ चूचुकं. (तु थनग्गस्मि ) पृष्ठ २ पिट्ठ, ( तु) पिट्ठी ( नारियं ) ॥ २७० रीरमध्यभाग ३ मझो, ( निस्थि ) विलग्गो, (च) 6 A. P. Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४२] अभिधानप्पपिका [२, २७१-२७७ उदर ३ कोष्ठ १ जघन ४ स्त्रीपुरुषलिङ्ग ८ अण्डकोश ३ योनि २ शुक्र ३ मलद्वार २ विष्टा ८ मज्झिमं. कुच्छि ( तु द्विसु)। गहणी, थयुदरं, गम्भो. कोट्ठो. (न्तो कुच्छियं भवे ) ॥ ७१ जघनं, (तु ) नितंबो, (च) सोणी, ( च ) कटि, ( नारियं ) ॥ ७२ अंगजातं, रहस्संग, वस्थगुय्हं, (च) मेहनं, । निमित्तं, ( च ) वरंगं, (च) बीजं, ( च ) फलं. ( एव च )। लिंगं, अण्डं, (तु ) कोसो. (च) योनी, (वित्थी पुमे ) भगं, ॥ ७३ असुची, संभवो, सुक्कं. पायु, ( तु पुरिसे ) गुदं.। (वा पुभे ) गूथ, करीस, वच्चानि, ( च ) मलं. छकं ॥ ७४ उच्चारो, मीळ्हं, उक्कारो. पस्सावो, मुत्तं. ( उच्चते )। पूतिमुत्तं. ( च गोमुत्ते ) ( अस्सादीनं ) छकनं. ( मले ) ॥ ७५ (द्वीस्वधो नाभिया ) वस्थि. उच्छङ्ग-ऽका. (तु भो पुमे )। ऊरु, सत्थि, (पुमे; ऊरुपब्बं तु ) जाणु, जण्णु. ( च ) ॥ ७६ गोष्फको, पादगण्ठी. ( पि ) ( पुमे तु ) पण्हि, पासनि. । पादग्गं, पपदो. पादो, ( तु) पदो, चरणं ( च वा) ॥ ७७ अंगं, ( त्व-) वयवो. ( वुत्तो) फासुलिका, (तु ) फासुका. । मूत्र २ गोमूत्र १ अश्वादिपशुमल मूत्राशय १ उत्सङ्ग २ ऊरु २ जानु २ पादग्रन्धि २ पाणि २ पादाग्र २ चरण ३ अवयव २ परशु २ Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दुतियो भूकण्डो ( पण्डके ) अट्ठ, धावि - (त्थी ) ( गलन्तट्ठेि तु ) अक्खको ॥ ७८ कप्परो, (तु) कपालं. (वा) कण्डरा, (तु) महासिरा. । ( पुमे ) नहारु, (च) सिरा, धमन्य. (-थ ) रसग्गसा ॥ ७९ रसहरण्य. - ( थो) मंसं, आमिसं, पिसितं. ( भवे ) । ( तिलिंगिकन्तं ) वल्लुरं, उत्तत्तं. ( अथ ) लोहितं ॥ २८० रुधिरं, सोणितं, रतं. , लाला, खेळो, एळा ( भवे ) । ( पुरिसे) वायु, पित्तं (च ) सेम्हो, ( नित्थी ) सिलसुमो. ॥ ८१ वसा, विलीन स्नेहो. (थ ) मेदो, (चव ) वपा ( भवे ) | आकप्पो, वेसो, नेपच्छं. , मण्डनं, (तु) पसाधनं ॥ ८२ विभूसनं, ( चा ) sभरणं, अलंकारो, पिलन्धनं । किरीट, मकुटा - ( नित्थि ) किरीट २ मुकुटस्थ प्रधानमणि २ चूळामणि, सिरोमणि ॥ ८३ उष्णीष २ सिरोवेठनं, उण्हीसं. कुण्डलं, कण्णवेनं । कणिका, कण्णपूरो, (च) ( सिया ) कण्णविभूसनं ॥ ८४ कंठभूसा, (तु) गविय्यं. हारो, मुत्तावली. (त्थियं ) । नियुरो, वलयो, ( नित्थि ) २, २७८-२८४ ] अस्थि २ ग्रीवानिम्नग्रन्थि मस्तकास्थि २ प्रधान शिरा २ नाडी ३ रसग्राही स्नायु २ मांस ३ शुष्कमांस २ रुभिर ४ लाला ३ वायुपित २ कफ २ वसा २ मेद २ परिच्छेद ३ आभरण ६ कुण्डल २ कर्णाभरण २ कण्ठालङ्कार २ मुक्तामाला २ वलय ४ [ ४३ Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४४] अभिधानप्पदीपिका [२, २८६-२९२ करभूषण २ किङ्किणी २ अगुलीयक २ मुद्रिका २ मेखला २ केयूर ३ नूपुर १ अलङ्कारविशेष ४ कटकं, परिहारकं. ॥ ८५ कंकणं, करभूसा, (थ) किंकिणी, खुद्दघण्टिका.। अंगुलीयकं, अंगुल्याभरणं ( सक्खरन्तु तं ) ॥ ८६ मुदिका,--ऽङ्गुलिमुद्दा (थ) रसना, मेखला ( भवे )। केयूरं, अंगदं, (चेव) बाहुमूलविभूसनं. ॥ ८७ पादंगदं, (तु ) मंजरोि, पादकटक, नूपूरा. ॥ ८८ ( अलंकारप्पभेदा तु) मुखफुलं, ( तथो ) ऽण्णतं, । उग्गस्थनं, गिंगमकं. ( इच्चेवमादयो सियुं )॥ ८९ चेलं, अच्छादनं, वत्थं, वासो, वसनं, अंसुकं,। अंबरं, ( च ) पटो, (नित्थि) दुस्स, चोळो, ( च ) साटको. ॥ २९० खोम, दुकूलं, कोसेय्यं, पत्तुण्णं, कंबलो, ( च वा )। सानं, कोटुम्बरं, भंगं.(त्यादि वस्थन्तरम्मतं ) ॥ ९१ निवासना, ऽन्तरीया, ( त्य-) न्तरं, अन्तरवासको.। पावारो, (तु ) ऽत्तरासङ्गो, उपसंव्यानं, उत्तरं ॥ ९२ उत्तरीयं. ( अथो वत्थं ) अहतं. (ति मतं नवं )। वस्त्र ११ वस्त्रविशेष ८ परिधानवस्त्र ४ उत्तरीयवस्त्र ५ नूतन वस्त्र १ Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, २९३-३०० ] छिन्न वस्त्र २ जीर्णवस्त्र २ कञ्चुक २ वस्त्रान्त १ शिरस्त्राण १ "दैर्ध्य ३ विस्तार २ चीवर ३ दुतियो भूकण्डो नन्तकं, कप्पटो. जिण्ण- वसनं, (तु) पळचरं ॥ ९३ कंचुको, वारवाणं. (वा ) ( थवत्थावयवे ) दसा. । तालपट्ट. ( तु कथितो उत्तमंगाम्ह कञ्चुको ) ॥ ९४ आयामो, दीघता, ss रोहो. परिणाहो, विसालता ॥ ९५ मध्यगत क्षुद्रखण्ड १ मंडलं. ( तु तदंगानि ) अन्तिमखण्ड २ वस्त्रोत्पत्तिस्थान ४ चंदन ३ चन्दनविशेष ३ अरहद्धजो, (च) कासाय, कासावानि. ( च चीवरे ) | कार्पासवस्त्र १ वल्कलवस्त्र १ कौशेयवत्र २ ऊर्णायुवस्त्र २ यवनिका २ वितान २ वितानं. ( द्वयमीरीतं ) । नहानं. (च सिनोने थो. ) स्नान १ शरीरनिर्मलीकरण २ डब्बट्टनु, म्मज्जनं ( समं ) ॥ ९९ तिलक ३ विसेसको, (तु) तिलको, ( त्युभो नित्थि च ) चित्तकं. 1 चंदन, ( नित्थिय ) गंध- सारो, मलयजो. (प्यथ ) ॥ ३०० गोसीस, तेलपण्णिकं, विट्ट, कुसि. ( आदयो ) ॥ ९६ फल त्तच किमि रोमा ( तेता वत्थस्स योनियो ) । ( फलं ) कप्पासिकं . ( तीसु ) खोमा. ( दी तु तचुब्भवा ) ॥ ९७ कोसेय्यं, किमिजं रोम मयं, ( तु ) कम्बलं. ( भवे ) । ( समानत्था ) जवनिका, ( सा ) तिरोकरणी. ( प्यथ ) ॥ ९८ ( पुन्नपुंसकं ) उल्लोचं. [ ४५ Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६] अभिधानप्पदीपिका [२, ३०१-३०७ ( पुमे वा ) हरिचंदनं.। रक्तचन्दन १ तिलपण्णि , (तु ) पत्तंगं, रञ्जनं, रत्तचंदनं, ॥ ३०१ सुगन्धि काष्ठ २ काळानुसारी, काळीयं. अगरु ३ लोह, (त्व ) ऽगरु, (चा) गळु. । कालागरु १ काळागरु. (तु काळेस्मि) गन्ध द्रव्य २ तुरुक्खो, (तु च ) पिण्डको. ॥ ३०२ कस्तूरी २ कत्थूरिका, मिगमदो. कुट २ कुटुं, (तू ) अजपालकं.। लवङ्ग २ लवंग, देवकुसुमं. कुङ्कुम २ कस्मीरजं (तु ) कुंकुम. ॥ ३०३ ., यक्षधूप २ यक्खधूपो, सज्जुलसो. ककोलफल ३ तक्कोलं, ( तु च ) कोलकं,। कोसफलं. ( अथो ) जातिजातिफल २ कोस, जातिफलं. ( भवे ) ॥ ३०४ कपूर ३ घनसारो, सितब्भो ( च ) कप्पूरं. ( पुन्नपुंसके )। लाक्षा १ अलत्तको, यावको, (च) लाखा. जतु. ( नपुंसके ) ॥ ३०५ तार्पिण तैल २ सिरिवासो, (तु ) सरलअञ्जन २ -दवो.ऽञ्जनं, (तु ) कज्जलं.। नानाविध गन्धद्रव्य २ वासचुण्णं, वासयोगो. विलेपन २ वण्णक, (तु ) विलेपनं. ॥ ३०६ गन्धमाल्यादि संस्कार (गंधमाल्यादि संखारो यो तं ) वासनं. ( उच्चते)। माला २ माला, माल्यं. ( पुप्फदामे ) गन्धमयद्रव्य २ भावितं, वासित. (तियु ) ॥ ३०७ शिखास्थित माला ४ उत्तंसो, सेखरो, ऽवेळा, ( मुद्धमाल्ये ) ऽवटंसको.। Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ३०८-३१५] दुतियो भूकण्डो [४७ शय्या ३ सेय्या, (च) सयनं, सेनं. पयङ्क २ पल्लंको, (तु च ) मंचको. ॥ ३०८ मञ्चावलम्बन २ मंचाधारो, पटिपादोमञ्चावयव १ ( मञ्चङ्गे ( त्व-)ऽटनि-( स्थियं ) ॥ ३०९ मश्चविशेष ४ कुळीरपादो, आहच्च -पादो, (चेव ) मसारको, । ( चत्तारो) बुदिकाबद्धो. (तिमे मंचन्तरा सियुं ) ॥ ३१. उपधान २ बिम्बोहनं, ( चो-) ऽपधानं. आसन ३ पिट्टिका, पीठं, आसनं.। आसनविशेष २ कोच्छं, (तु भद्दपीठेथा-) ----ऽसन्दि. ( पीठन्तरे मता ) ॥ ११ गोणक १ ( महन्तो कोजवो दीघ लोमको ) गोनको. ( मतो)। विचित्रासन १ ( उण्णामयं त्वत्थरणं ) चित्तका. ( वानचित्तकं)॥ १२ घनपुष्प १ ( धनपुप्फ ) पटलिका. कोमल श्वेतासन १ (सेतन्तु ) पटिका. ( प्यथ )। ऊर्ध्वलोमी १ (द्विदसेका दसान्यु-) ऽद्दएकान्तलोमी १ लोमी. एकन्तलोमिनो. ॥ १३ षोडषस्त्रीनृत्योपयोगी (तदेव सोळसिस्थीनं स्थान १ नच्चयोग्गं हि ) कुत्तकं.। सिंहव्याघ्रादि- (सीहव्यग्धादि रूपेहि चित्रितच्छवि १ चित्तं ) विकतिका. ( भवे ) ॥ १४ रत्नालङ्कृत कौशेय- कहिस्सं, कोसय्यं. आसन २ ( रतनपतिसिब्बितमस्थरणं कमा । कोसियकहिस्समयं कोसिय सुत्तेन पकतं च ) ॥ १५ प्रदीप ३ दीपो, पदीपो, पज्जोतो. Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४८] अभिधानप्पदीपिका [२, ३१६-३२२ दर्पण २ ( पुमेत्वा-) ऽऽदास, दप्पना. । कन्दुक २ गेण्डुको, कन्दुको. तालतालवृन्त २ -वण्टं, ( तु) वीजनी. ( स्थियं ) ॥ १६ संन्यासिजलपात्र ४ चंगोटको, करंडो, (च) समुग्गो, संपुटो. ( भवे )। मैथुन ५ गामधम्मो, असद्धम्मो, व्यवायो, मेथुनं, रति. ॥ १७ विवाह ४ .. विवाहो, पयमा, पाणि गहो, परिणयो. ( प्यथ )। त्रिवर्ग १ तिवग्गो. ( धम्म कामत्था ) मोक्ष सह चतुवर्ग १ चतुब्बग्गो. ( समोक्खका )॥१८ कुब्ज २ खुजो, ( च ) गंडुलो. रस्सो, वामन ३ वामनो, (तु ) लकुण्टको.। पङ्घ ५ पंगुळो, पठिसप्पी, (च) । पंगु, छिन्निरियापथो, ॥ १९ खञ्ज २ पक्खो. खंजो, ( तु ) खोण्डो. ( थ ) मूक १ मूगो. ( सुञवचो भवे )। वक्रहस्त १ कुणी. ( हत्थादि वंको च ) वलितहस्त २ वलिरो. (तु च ) केकरो. ॥ ३२० केशहीन शीर्ष २ निकेससीसो, खल्लाटो. मुण्डित शीर्ष ३ मुण्डो, (तु ) भण्डु, मुण्डिको.। काण १ काणो. ( अक्खनिमेकेन ) अन्ध १ ( सुझो ) अन्धो. ( द्वयेन थ ) ॥ २१ बधिर २ बधिरो, सुतिहीनो. (थ) पीडित ३ गिलानो, व्याधिता, ऽतुरा. । उन्मादरोगी १ ( उम्मादवति ) उम्मत्तो. ( खुज्जादि वाच्चलिंगका ) ॥ २२ रोग ९ आतंको, आमयो, व्याधि, गदो, रोगो, रुजा,( पि च )। Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [४९ २, ३२३-३२९] दुतियो भूकण्डो गेला , ऽकल्ल,-माबाधो. यक्ष्मा रोग २ सोसो, ( तु च ) खयो. (सिया ) ॥ २३ नासारोग २ पिनासो, नसिकारोगो. श्लेष्म १ (घाने ) सिंघानिका. ( स्सवो )। व्रण २ (अय्यं त्व-) ऽरु, वण्णो. ( निस्थि ) विस्फोट २ फोटो, ( तु) पिळका. ( भवे ) ॥ २४ पूय २ पुब्बो, पूयो. ( थ ) रत्तातिरक्तातिसार २ सारो, पक्खन्दिका. ( प्यथ )। अपस्मार २ अपमारो, अपस्मारो. पादस्फोट २ पादफोटो, विपातिका. ॥ २५ कोशवृद्धिरोग २ वुद्धिरोगो, (तु ) वातण्डं. श्लीपद २ सीपदं, भारपादता.। कण्डु, कण्डुति, कण्डूया, खज्जु, कण्डूवनं. ( प्यथ )॥ २६ विकचरोग ३ पामं, वितच्छिका, कच्छू शोफ २ सोफो. ( तु ) सयथू. (-दितो)। दुन्नामकं, (च) अरिसं. वमन २ छद्दिका, वमथू (-दितो ) ॥ २७ दाह २ दवथू, परितापो. (थ) तिल चिन्ह २ तिलको, तिळकाळको.। अतिसार २ विसूचिका, ( इति ) महा विरेको, (थ) भगन्दला. ॥ २८ रोगविशेष ८ मेहो, जरो, कास, सासो, कुटुं, सूला, ( मयन्तरा)। चिकित्सक ४ ( वुत्तो) वेजो, भिसक्को, ( च ) रोगहारी, तिकिच्छको. ॥ २९ शस्त्रचिकित्सक २ सल्लवेजो, सल्लकत्तो. चिकित्सा २ तिकिच्छा, (तु ) पतिक्रिया. । औषध १ भेसज्जं, अगदो. ( चेव) 7 A. P. अर्श २ Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ] सुस्थता ३ रोगशून्यता २ वंश ७ चतुर्वर्ण १ सज्जन ६ राजा १३ क्षत्रिय ५ चक्रवर्ती २ मण्डलेश्वर १ लिच्छविराजा २ शाक्यराजा २ यशोधरा ४ धनी क्षत्रिय १ अभिधानपदीपिका भेजं. (चो - ) सधं. ( प्यथ ) ॥ ३३० ऽऽरोग्यं. कुसला, ऽनामया, ( अथ ) कल्लो, निरामयो. ॥। ३१ . ॥ नरवग्गो || -:9:1 [ २, ३३०-३३७ कुलं, वंसो, (च) संताना, - ऽभिजना, गोत्तं, अन्वयो, । (थियं ) संतत्य. - (थो ) वण्णा. ( चत्तारो खत्तियादयो ) ॥ ३२ कुलीनो, सज्जनो, साधु, सभ्यो, ( चा )य्यो, महाकुलो, राजा, भूपति, भूपालो, पत्थिवो, (च) नराधिपो ॥ ३३ भूनाथो, जगतीपालो, दिसम्पति, जनाधिपो । रहाधिपो नरदेवो, भूमिपो, भूभुजो. ( प्यथ ) ॥ ३४ राजञ, खत्तियो, खत्तं, मुद्धाभिसित्त, बाहुजा । सब्बभुम्मो, चक्कवत्ती. ( भूपो ) मण्डलि सरो. ॥ ३५ ( पुमे ) लिच्छवि, वज्जी. (च ) सक्को, (तु) साकियो. ( थच ) । भद्दकच्चाना, राहुल-माता, बिम्बा, यसोधरा ॥ ३६ ( कोटीनं ट्टिमन्तेन सतं येसं निधानगं । कहापणानं दिवसवो वीसतम्मणं ॥ ३७ Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [५१ २, ३३८-३४४ ] दुतियो भूकण्डो ते ) खत्तियमहासाला.धनी द्विज १ (ऽसीति कोटि धनानि तु । निधानगानि दिवसवलंजो च दसम्मणं ॥ ३८ येसं ) द्विजमहासाला. धनी गृहपति १ ( तदुपड्ढे निधानगे। वलंजो च ) गहपति –महासाला (धने सियुं ) ॥ ३९ प्रधान २ महामत्तो, पधानं. (च) राजमन्त्री २ मतिसचिवो, ( च )मन्तिनी.। विश्वस्त अमात्य ३ सजीवो, सचिवो,-ऽमच्चो. सेनापति २ सेनानी, (तु ) चमूपति. ॥ ३४० न्यायाधीश १ ( न्यासादनि विवादान-) मक्खदस्सो. ( पदट्ठरि )। द्वारपाल ४ दोवारिको, पटिहारो, द्वारठ्ठो, द्वारपालको. ॥ ४१ अङ्गरक्षक १ अनीकट्ठो. (ति राजुन मंगरक्खगणो मतो )। कञ्चुकी २ कंचुकी, सोविदल्लो. ( च ) सेवक २ अनुजीवी, (तु ) सेवको. ॥ ४२ अध्यक्ष २ अज्झक्खो ,-ऽधिकतो. ( चेव ) स्वर्णकार २ हेरझिको, (तु ) निक्खिको.। शत्रुराजा १ ( सदेसानन्तरो ) सत्तु. मित्रराजा १ मित्तो. ( राजा ततोपरं ) ॥ ४३ शत्रु १९ अमित्तो, रिपु, वेरी, (च) सपत्तो,-राति, सत्व,-ऽरि, । पच्चत्थिको, परिपन्थी, पठिपक्खा,-ऽहिता, परो. ॥ ४४ पञ्चामित्तो, विपक्खो, (च) Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२ ] अनुवर्तन २ मित्र ५ चार २ पथिक ३ दूत २ गणक २ लेखक २ चिरमित्र २ प्रथमदर्शने मित्र १ संदिट्ठो ( दिट्ठमत्तको ) ॥ ४६ अक्षर २ चतुर्विध नीति भेद २ दण्ड ३ सप्त राज्याङ्ग त्रिविध राजशक्ति प्रभाव १ प्रताप १ मन्त्रणा २ चतुष्कर्ण मन्त्रणा १ षट्कर्ण मन्त्रणा १ गुप्त मन्त्रणा २ अभिधानपदीपिका पच्चन, विरोधि, (नो ) । विदेसी, (च) दिसो, दिट्ठो. ( था - ) ऽनुरोधो, - नुवत्तनं ॥ ४५ मित्तो, ( नित्थी ) वयस्सो, (च) सहायो, सुहदो, सखा । संभतो, दहमित्तो. (च ) [ २, ३४५-३५२ 5 चरो, (च) गूळ्हपुरिसो. पथावी, पथिको, - ऽद्भूगु. । दूतो, (तु) संदेसहरो. गणको, (तु) मुहुत्तिको . ॥ ४७ लेखको, लिपिकारो. (च ) वण्णो, (तु) अक्खरो. (प्यथ ) | भेदो, दण्डो, साम, दाना. - न्युपाया चतुरो इमे ॥ ४८ उपजापो (तु) भेदो. (च ) दण्डो, (तु) साहस, दमो. ॥ ४९ साम्य, -ऽमच्चो, सखा, कोसो, दुग्गं, (च) विजितं बलं । ( रज्जुंगानि च सत्तेते " सियुं पकतियो पिच ) ॥ ३५० पभावू, उत्साह, मन्तानं. ( वसा तिस्सो हि सत्तियो ) । पभावो. ( दण्डजो तेजो ) पतापो. ( तुच को सजो ) ॥ . ५१ मन्तो, (च) मन्तणं. ( सो तु ) चतुकण्णो ( द्विगोचरो ) । ( तिगोचरो तु ) छक्कण्णो. रहस्i, गुय्हं. ( उच्चते ) ॥ ५२ Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ३५३-३५९] दुतियो भूकण्डो [५३ निर्जनस्थान १ (तीसु ) विवित्त, विजनं, ( च ) छण्णा, रहो. ( रहोव्ययं )। विश्वास २ विस्सासो, (तु च ) विस्सम्भो. युक्तियुक्त २ युत्तं, ( त्वो ) ऽपायिकं. (तिसु ) ॥ ५३ सुपरामर्श ३ ओवादो, ( चा- ) ऽनुसिट्ठि (स्थि ) ( पुमवज्जे ) ऽनुसासनं.। आज्ञा २ आणा, ( च ) सासनं. ( नेय्य ) बन्धन २ उद्दानं, (तु च ) बंधनं. ॥ ५४ अपराध २ आगु, ( वुत्तं ) अपराधो. राजकर २ करो, (तु ) बलिं. ( उच्चते )। उपहार १ पुण्णपतो. ( तुट्ठिदाये.) उपढौकन ६ उपदा, (तु च ) पाभतं, ॥ ५५ ( ततो- ) ऽपायनं, उक्कोचो, पण्णकारो, पहेणकं. । शुल्क १ सुंकं. ( त्वनिस्थि गुम्बादिधनप्राप्ति २ देयो ) ( था- ) ऽयो, धनागमो. ॥ ५६ छत्र २ आतपत्तं, ( तथा ) छत्तं. सिंहासन १ (रञ्जन्तु हेममासनं-)। सहिासनं. ( अथो ) वालचामर २ वीजनी, ( थी च ) चामरं. ॥ ५७ पञ्च राजचिन्ह खग्गो, ( च ) छत्तं,- मुण्हसिं, पादुका, वालवजिनी.। ( इमे ककुधभण्डानी भवन्ति पंच राजुनं ) ॥ ५८ पूर्णकुम्भ २ भद्दकुम्भो, पुण्णकुम्भो. स्वर्णमय जलपात्र २ भिंकारो, जलदायको. । चतुरङ्गिणी सेना हत्थ, ऽस्स, रथ, पत्ती. (तु ) ( सेना हि चतुरंगिनी ) ॥ ५९ हस्ती १० कुंजरो, वारणो, हत्थी, Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५४] अभिधानप्पदीपिका । २, ३६०-३६६ मातंगो, द्विरदो, गजो,। नागो, द्विपो, इभो, दन्ती. यूथपति २ यूथजेट्ठो, ( तु) यूथपो. ॥ ३६० गज कुल १० काळावक, गंगेय्या, पण्डर, तम्वा, (च) सिंगलो, गंधो,। मंगल, हेमो,-पोसथ, छद्दन्ता. ( गजकुलानि एतानि ) ॥ ६१ बालहस्ती २ कळभो, ( चेव ) भिको. ( 2 ) मदमत्त हस्ती ३ पभिन्नो, मत्त, गज्जिता.। हस्तिसमूह २ हत्थिघटा, (तु ) गजता. हस्तिनी २ हत्थिनी, (तु ) करेणुका. ॥ ६२ हस्तिकुम्भ १ कुम्भो. ( हस्थिसिरोपिण्डो) कर्णमूल १ ( कण्णमूलन्तु ) चूलिका.। स्कन्धदेश १ आसनं. ( खंधदेसम्हि) पुच्छमूल १ (पुच्छमूलन्तु ) मेचको. ॥ ६३ हस्तिबन्धनस्तम्भ ३ आलानं,-आम्हको, थम्भो. निगड ३ (नित्थीतु ) निगलो,-ऽन्दुको, । गण्ड ३ संखलं. ( तोस्वथो ) गंडो, मद १ कटो. दानं. ( तु सो मदो) ॥ ६४ हस्ति शुण्ड २ सोण्डो, (तु द्वीसु ) हत्थो. ( थ ) शुण्डाग्रभाग २ . करग्गं, पोक्खरं. ( भवे )। हस्तिकक्षार्चमरज्जु १ ( मज्झम्हि बंधनं ) कच्छा. हस्त्रिपृष्ठाच्छादनवस्त्र १ कप्पनो. ( तु कुथादयो ) ॥ ६५ राजवाही हस्ती २ ओपवय्हो, राजवय्हो. सज्जित हस्ती २ सज्जितो. ( तुच ) कप्पितो.। तोमरो. ( नित्थियं पादे सिया विज्झनकण्टको ) ॥ ६६ हस्ति कर्णमूळविद्ध तुत्तं. (तु कण्णमूलम्हि ) करणार्थ यन्त्र; अंकुश १ ( मत्थ कम्हि तु ) अंकुसो.। तोमर १ Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [५५ २, ३६७-३७३ ] दुतियो भूकण्डो हस्तीपक ४ हत्थारोहो, हस्थिमेण्डो, हत्थिपो, हस्थिगोपको. ॥ ६७ हस्ति-अश्वादिशिक्षक १ गामणीयो. (तु मातंग हयाद्याचरियो भवे )। अश्व ६ हयो, तुरंगो, तुरगो, वाहो, अस्सो, (च) सिंधवो. ॥ ६८ अश्वतर १ ( भेदो ) अस्सतरो. ( तस्सा-) सुशिक्षित अश्व २ जानीयो, (तु) कुलीनको. । उत्कृष्ट भारवाही० २ सुखावाही, विनीतो. (थ) अश्व शावक २ किसोरो, हयपोतको. ॥ ६९ घोटक २ घोटको, (तु ) खळुको. ( थ ) द्रुतगामी अश्व २ जवनो, ( च ) जवाधिको.। खलीन २ मुखाधानं, खलीनो. (वा) कशा १ कसा. ( स्वस्सादि ताळिनी ) ॥ ३७० नासा रज्जु १ कुसा ( तु नासा रज्जुम्हि ) घोटकी २, खुर २ बळवा, स्सा. खुरो, सफं. । पुच्छ ४ पुच्छं, ( अनित्थी ) नंगुटुं, वालहत्थो, ( च ) वालधी. ॥ ७१ रथ २ संदनो, ( च ) रथो. पुस्सक्रीडा रथ १ -रथो. ( तु नरणाय सो )। चमावृत रथ २ (चम्मावुतो ) वेय्यग्यो. दीपो. ( व्यग्घस्स दीपिनो ) ॥ ७२ शिविका २ सिविका, याप्ययानं. (चाशकट २ नित्थी तु) सकटो, (प्य-) नं. । चक्र १ चकं. ( रथङ्गमाख्यातं ). नेमि १ ( तस्सन्तो ) नेमि. ( नारियं ) ॥ ७३ चक्रनाभि १ ( तम्मज्ञ पिंडिका ) नाभि. युगन्धर २ कुब्बरो, (तु ) युगन्धरो.। शकटानकीलक १ (अक्खग्गकीले ) आणी. ( स्थी) Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६] अभिधानप्पदीपिका [२, ३७४-३८१ रथगुप्ति २ वरूथो, रथगुत्य. ( थ ) ॥ ७४ रथाग्रभाग १ धुरो. ( मुखे रथस्संगारथावयव २ ( त्व-) क्खो,- पक्खर. ( आदयो )। वाहन ३ यानं, (च) वाहनं, योग्गं. ( सब्वहस्थादि वाहने ) ॥ ७५ सारथि ४ रथाचारी, (तु) सूतो, (च) पाजिता, ( चेव ) सारथी.। रथारोही ३ रथारोहो, ( च ) रथिको, भट २ रथी. योधो, (तु यो ) भटो. ।। ७६ पदाति ४ पदाति, पत्ती, (तु पुमे ) पदगो, पदिको. ( मतो)। कवच ६ सन्नाहो, कंकटो, वम्म, कवचो, ( वा ) उदरच्छदो, ॥ ७७ सन्नद्ध ३ जालिका. ( थ च ) सन्नद्धो, सज्जो, ( च ) वम्मितो. ( भवे )। आभरणयुक्तव्यक्ति २ आमुत्तो, पटिमुक्को, ( थ ) पुरो गामी ४ पुरेचारी, पुरेचरो. ॥ ७८ पुब्बंगमो, पुरेगामी. मन्दगामी २ मंदगामी, (तु ) मन्थरो.। शीघ्रगामी ३ जवनो, तुरितो, वेगी. जेतव्य १ (जेतब्बं ) जेय्यं. ( उच्चते ) ॥ ७९ वीर पुरुष ३ सूर, वीरा, (तु ) विक्कन्तो. अनुचर २ सहायो, ऽनुचरो. ( समा )। ( सन्नद्धप्पभुती तासु ) पाथेय २ पाथेय्यं, (तु च ) सम्बलं. ।। ३८० सेना ७ वाहिनी, धजिनी, सेना, चमु, चकं, बलं, ( तथा )। अनीको. ( वाथ विन्यासो)। न्यूह १ व्यूहो. ( सेनाय कथ्यते ) ॥ ८१ Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ३८२-३८८] दुतियो भूकण्डो [५७ चतुरङ्ग सेना ( हस्थी द्वादस पोसो ति पुरिसो तुरगो रथो। चतु पोसोति एतेन लक्खणेनाधमन्ततो ) ॥ ८२ हत्थानीकं, हयानीकं, रथानीकं. ( तयो तयो । गजादयो स सस्था तु) पत्तानीकं, ( चतुजना ) ॥ ८३ अक्षौहिणी ( सहि वंसकलापेसु पञ्चेकं सट्ठिदण्डिसु । धूलिकतेसु सेनाय यन्तिया ) ऽक्खोहिणी ( स्थियं)॥ ८४ संपत्ति ४ संपत्ति, संपदा, लक्खी, विपत्ति २ सिरी. विपत्ति, ( चा- ) पदा.। आयुध४ ( अथा- ) युधं, ( च ) हेती, (स्थि ) सस्थं, पहरणं. ( भवे ) ॥ ८५ अस्त्र प्रकार ( मुत्तामुत्त-ममुत्तं च पाणितो मुत्तमेव च । यन्तमुत्तन्ति सकल ..... मायुधं तं चतुबिधं)॥ ८६ मुद्गरादि मुत्तामुत्तं. ( च यद्वयादि ) क्षुरिकादि १ अमुत्तं. (रिकादिकं )। शस्त्रादि १ पाणिमुत्तं. ( तु सत्त्यादि ) शरादि १ यन्तमुत्तं. ( सरादिकं)॥ ८७ धनुष्य ५ इस्सासो, धनु, कोदण्डं, चापो, (नित्थी ) सरासनं । ज्या ३ ( अथो ) गुणो, जिया, ( थ ) ज्या. शर ९ सरो, पत्ती, ( च ) सायको, ॥ ८८ बाणो, कण्ड, मुसु, (द्वीसु ) A. P. 8 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५८] अभिधानप्पदीपिका [२, ३८९-३९५ खुरप्पो, तेजना,- सनं.। तूणीर ५ तुणी, (स्थियं ) कलायो, (च) तूणो, तूणीर, बाणधि, ॥ ८९ पक्ष २ पक्खो, (तु ) वाजो, दिद्धो. (थ विषाक्त बाण १ विसपीतो सरो भवे )। लक्ष्य ३ लक्खं, वेझं, सरव्यं, (च) शरक्षेपण २ सराभ्यासो, ( तू-) पासनं. ॥ ३९० खड्ग ५ मण्डलग्गो, ( तु) नेत्तिसो, असि, खग्गो ( च ) सायको.। कोष १ कोसि, ( स्थी तप्पिधाने थो) खड्गमुष्टि १ थरु. (खग्गादि मुट्ठियं)॥ ९१ चर्मफलक ३ खेटकं, फलकं, चम्म. खड्गाकार क्षुरिका ३ इल्ली, (तु ) करपालिका. । क्षुरिका ३ छूरिका, सत्त्य,-सिपुत्ति. मुद्गर २ लगुळो, (तु च ) मुग्गरो. ॥ ९२ शेल २ सल्लो, ( नित्थी ) संकु. (पुमे) वासी २ वासी, (तु) तच्छनी. ( स्थियं )। कुठार २ कुठारी, (स्थी) फरसु. ( सो) टंक १ टंको. (पासाणदारणे ) ॥ ९३ अस्त्र विशेष ६ कणयो, भिन्दिवाळो, (च) चकं, कुन्तो, गदा, ( तथा )। सत्त्या. (-दि सस्थभेदाथ ) शस्त्राग्रभाग ३ कोणो,-ऽस्सो, कोटि. ( नारियं ) ॥ ९४ गमन ६ निय्यानं, गमनं, यात्रा, पट्टानं, ( च ) गमो, गति.। धूली ५ चुण्णो, पंसु, रजो, (चेव) धूली, ( स्थी ) रेणु. ( च द्विसु ) ॥ ९५ मधुक २ मागधो, मधुको. ( वुत्तो) स्तुतिपाठक २ वन्दी, (तु ) थुतिपाठको.। Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [५९ युद्ध ९ * २, ३९६-४०२] दुतियो भूकण्डो वैतालिक २ वेतालिको, बोधकरो, वारंवारस्तुतिपाठक २ चककिको, (तु च ) घंटिको. ॥ ९६ ध्वजा ५ केतु, द्धजो, पताका, (च) कदली, केतनं. ( प्यथ)। अहमहमिका १ ( योहंकारोऽञमञस्स सा-) ऽहमहमिका. ( भवे ) ॥ ९७ बल ४ बलं, थामो, सह, सत्ति. विक्रम १ विक्कमो. ( त्वतिसूरता)। जयपान १ ( रणे जितस्स यं पानं ) जयपानं. (ति तम्मतं ) ॥ ९८ युद्ध ९ संगामो, संपहारो, (चानित्थियं ) समरं, रणं,। आजि, (स्थि ) आहवो, युद्ध, मायोधनं, (च) संयुगं. ॥ ९९ कलह ५ भण्डनं, ( च ) विवादो, ( च ) विग्गहो, कलह, मेधगा.। मोह २ मुच्छा, मोहो. (थ) पसय्हो, बलात्कार ३ बलकारो, हठो. ( भवे ) ॥ १०० शुभाशुभसूचक १ उप्पादो, ( भूतविकति या सुभासुभसूचिका )। उपद्रव ४ इति, (स्विस्थि ) अजनं, (च) उपसग्गो, उपद्दवो. ॥ ४०१ । मलयुद्ध १ निब्बुद्धं, ( मल्लयुद्धम्हि ) जय २ जयो, (तु ) विजयो. ( भवे )। पराजय १ पराजयो. ( रणे भंगो) पलायन १ ( पळायनं ) अपक्कमो. ॥ ४०२ वध ११ मारणं, हननं, घातो, नासनं, (च) निसूदनं,। हिंसनं, सरणं, हिंसा, Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६.] अभिधानप्पदीपिका [२, ४०३-१०९ मरण १० प्रेत ३ चिता २ श्मशान २ शव २ कबन्ध १ वधो, ससन, घातनं. ॥ ४०३ मरण, कालकिरिया, पलयो, मच्चु, (चा- ) च्चयो, । निधनो, (नित्थियं ) नासो, कालो, ऽन्तो, चवनं. ( भवे ) ॥ ४०४ ( तीसु ) पेतो, परतो, ( च ) मतो. ( थ ) चितको, चिता. । आळाहनं, सुसाणं. ( चानित्थियं ) कुणपो, छवो. ॥ ४०५ कवन्धो. ( निस्थियं देहो सिरो सुझो सहक्रियो ) । ( अथ ) सीवथिका. ( वुत्ता सुसानस्मि हि आमके) ॥ ४०६ बन्दी, (स्थियं ) करमरो. पाणो, ( त्व- ) सु. ( पकासितो )। कारा, (तु ) बन्धनागारं. कारणा, (तु च ) यातना. ॥ ४०७ खत्तिय वग्गो। परित्यक्त शव १ बन्दी २ प्राण २ कारागृह २ यातना २ ब्रामण ८ शिष्य २ चतुराश्रम ४ ब्रह्मबन्धु, द्विजो, विप्पो, ब्रह्मा, भोवादी, ब्राह्मणो, । सोस्थियो, छंदसो. ( सोथ ) सिरसा,ऽन्तेवासि. नो ( पुमे ) ॥ १०८ ब्रह्मचारी, गहट्ठो, (च) वानपन्थो, ( च ) भिक्खु. (ति । भवन्ति चतुरो एते ) अस्समा. ( पुन्नपुंसके ) ॥ ४०९ ( चरन्ता सह सीलादी) सब्रह्मचारी. नो ( मिथु )। सब्रह्मचारी १ Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [६१ २, ४१० - ४१६] दुतियो भूकण्डो उपाध्याय २ . उपज्झायो, उपज्झा. ( था-) आचार्य १ ऽऽचरियो. ( निस्सयदादिको ) ॥ ४१० ब्रामण-आचार्य १ ( उपनीयाथवा पुब्ब वेदमज्झापये द्विजो। यो सांग सरहस्सं चा चरियो ब्राह्मणेसु सो)॥ ११ परम्पर उपदेश ४ पारम्परिय,- मेतिह, मुपदेसो (तथे-) तिहा.। यज्ञ ३ यागो, (तु ) कतु, यजओ. (थ) बेदी १ वेदी. ( स्थी भू परिक्खता ) ॥ १२ पञ्चमहायज्ञ अस्समेधो, (च) पुरिसमेधो, (चेव ) निरग्गळो,। सम्मापासो, वाजपेय्य. (मिति यागा महा इमे ) ॥ १३ याजक २ इरित्विजो, याजको. (थ) सभ्य २ सभ्यो, समाजिको. ( प्यथ )। सभा ५ परिसा, सभा, समज्जा, (च) ( तथा ) समिति, संसदो. ॥ १४ १ बौद्धपरिषदू ( चतस्सो परिसा ) भिक्खु, भिक्खुनी, (च) उपासका,। उपासिका. यो (ति इमा; थवाहपरिसा सियुं)॥ १५ ८ प्रकार बौद्धपरिषद तावतिंस, द्विज, क्खत्त, मार, गहपतिस्स, (च)। समणानं, ( वसा ) चातु म्महाराजिक, ब्रह्मनं ॥१६ गायत्रीप्रभृति छन्द (गायत्ति पमुखं छन्दं चतुर्वासक्खरन्तु यं। वेदानमादिभूतं सा) Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२]. यज्ञीय द्रव्य यज्ञीय अंग यज्ञामि ३ दान ९ पञ्च महादान अभिधानप्पदीपिका [२, ४१७-४२४ सावित्ती. (स्थि पदं सिया ) ॥ १७ ( हव्यपाके ) चरु. ( मतो) सूजा. (तु होम दब्बियं )। ( परमन्नन्तु ) पायासो, हव्यं. (तु ) हवि. ( कथ्यते )।। १८ यूपो. ( थूणाय, निम्मन्थ्य दारुम्हि त्व- ) रणी. ( द्विसु )। गाहपञ्चा-हवनीयो, दक्खिणम्गि. ( तयोग्गयो ) ॥ १९ चागो, विस्सजन, दानं, वोस्सग्गो, (च) पदेसनं, । विस्साननं, वितरणं, विहायिता,-पवजनं. ॥ ४२० पंचमहा परिचागो. ( वुत्तो ) सेठ्ठधनस्स ( च )। ( वसेन ) पुत्तदारानं रजस्संगान (-मेवच ) ॥ २१ अन्नं, पानं, घरं, वत्थं, यानं, माला, विलेपनं, । गंधो, सेय्या, पदीपेय्यं. ( दानवत्थु सियुं दस ) ॥ २२ (मतत्थं तदहे दानं तस्वेितमु-) द्धदेहिकं. (पितूदानन्तु ) नीवापो. सद्धं, (तु तं वसस्थतो ) ।। २३ (पुमे ) अतिथि, आगन्तु, पाहुना,- ऽऽवेसिका. ( प्यथ )। ( अञस्थ गन्तुमिच्छन्तो) गमिको, ( था-) ऽग्घ,-मग्धियं ॥ २४ दश प्रकारदान वस्तु मृतार्थ दान १ पितृदान १ श्राद्ध १ · अतिथि ४ अन्यत्र गामी १ अर्घ्य २ Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ४२५-४३१] दुतियो भूकण्डो पाप १ पजं. ( पादोदकादो थ सत्तागन्त्वादयो तिसु)। पूजा ६ अपचित्य,-ऽच्चना, पूजा, पहारो, बलि, मानना. ॥ २५ नमस्कार १ नमस्सा, (तु ) नमक्कारो, वन्दना, (चा- ) ऽभिवादनं. । प्रार्थना ३ पत्थना, पणिधानं, (च) ( पुरिसे ) पणिधी.-(रितो ) ॥ २६ आराधना १ अज्झेसना. (तु सकार पुव्वङ्गमनियोजनं ) ॥ २७ अन्वेषण . परिपेसना,ऽन्वेसना, परियेट्टि, गवेसना.। যুগু ২ उपासनं, (तु ) सुस्सूसा, ( सा ) पारिचरिया. ( भवे ) ॥ २८ मौन ३ मोन,-मभासनं, तुहीआनुपूर्वी ५ भावो. ( थ ) पटिपाटि, ( सा )। अनुक्कमो, परियायो, अनुपुब्य, (-पुमे ) कमो. ॥ २९ शील ३ तपो, (च) संयमो, सलिं. प्रत २ नियमो, (तु ) वतं. ( च वा)। व्यतिक्रम २ वीतिकमो,-ऽज्झाचारो. ( थ ) विवेक २ विवेको, पुथुगत्तता. ॥ ४३० आभिसमाचार १ (खुद्दानुखुदकं ) आभि समाचारिक. (-मुच्चते )। आदि ब्रह्मचर्य १ आदि ब्रह्मचरियं. ( तु तदजं सीलमीरितं ) ॥ ३१ उपवास १ ( यो पापेहि उपावत्तो वासो सद्धिं गुणेहि सो)। उपवासो. ( ति विद्येय्यो Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शैक्ष्य १ ६४] अभिधानप्पदीपिका [२, ४३२-१३९ सब्बभोगविवजितो ) ॥ ३२ भिक्षु ५ तपस्सी, भिक्खु, समणो, पब्बजितो, तपोधनो.। मुनि २ वाचंयमो, (तु ) मुनि. (च) तापस २ तापसो. (तु ) इसी. (-रितो) ॥ ३२ जितेन्द्रिय २ ( येसं यतिन्द्रियगणा) यतयो, वसिनो. ( च ते )। सारिपुत्र थेर ३ सारिपुत्तो, पतिस्सो, (तु) धम्मसेनापती. (-रितो)॥ ३४ मौद्गलायन थेर २ कोलितो. मोग्गल्लानो. (थ) आर्य १ अरिया. (- धिगता सियुं)। ( सोतापन्नादिका ) सेखा. अनार्य २ ऽनरियो, (तु ) पुथुज्जनो. ॥ ३५ अर्हत २ अञ, (तु ) अरहत्तं. ( च ) स्तूप २ थूपो, (तु ) चेतियं. ( भवे )। आनन्द थेर २ धम्मभण्डागारिको, (च) आनन्दो. ( द्वे समा थ च ) ॥ ३६ विशाखा उपासिका २ विसाखा, मिगारमाता. अनाथपिण्डिक २ सुदत्तो.- ऽनाथपिण्डिको. ॥ ३७ पश्च सहधर्मी भिक्खू,- (ऽपि) सामणेरो, (च) सिक्खमाना, ( च ) भिक्खुनी,। सामणेरी, (ति कथिता) ( पंचेते सहधम्मिका ) ॥ ३८ ८ भिक्षु उपकरण पत्तो, तिचीवरं, काय बंधनं, वासि, सूचि, (च)। परिस्सावन, ( मिच्चेते परिक्खारट्ठ भासिता ) ॥ ३९ श्रामणरे २ सामणेरो, ( च ) समणुनिम्रन्थ ३ देसो ( चाथ ) दिगंबरो, Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२, ४४०-४४६] दुतियो भूकण्डो अचेळको, निगण्ठो. ( च ) जटाधारी २ जटिलो, (तु ) जटाधरो. ॥ ४४० ९६ पाषण्ड ( कुटीसकादिकाचतु त्तिस द्वासद्विदिट्टियो। इति च्छन्नवुती एते ) पासण्डा. ( सम्पकासिता ) ॥ ४१ पवित्र ३ पवित्तो, पयतो, पूतो. चर्म २ चम्म, (तु ) अजिनं. ( प्यथ ) । दन्तकाष्ठ २ दन्तपोणो, दन्तकटुं. वल्कल २ वक्कलो, ( वा ) तिरीटकं. ॥ ४२ पात्र २ पत्तो, पाती. (स्थियं नित्थी ) कमण्डलु २ कमण्डलु, (तु ) कुण्डिका. । ( अथालम्बनदण्डस्मि) यष्टि १ कत्तरयहि. ( नारियं)॥ ४३ शरीरकृत्य १ ( यं देहसाधनापेक्खं निच्चं कम्ममयं ) यमो.। समयविशेष कार्य १ ( आगन्तूसाधनं कम्म मनिच्चं ) नियमो. ( भवे ) ॥ ४४ ॥ ब्राह्मणवग्गो ॥ वैश्य २ वेस्सो, ( च ) वेसियानो. ( थ ) जीविका ५ जीवनं, वुत्ति, जीविका,। आजीवो, वत्तनं. (चाथ ) कृषिकर्म २ कसिकम्म, कसी. (स्थियं ) ॥ ४५ वाणिज्य २ वाणिज, (च) वणिज्जा, (थ) पसुपालन २ गोरक्खा, पसुपालनं.। ( वेस्सस्स वुत्तियो तिस्सो) गृही २ गहठ्ठा,ऽगारिका, गिही. ॥ ४६ कृषक २ खेत्ताजीवो, कस्सको. (थ) A. P.9 Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्षेत्र २ लेष्ठु १ खन्ता २ दात्र ३ गोताडनदण्ड ३ रज्जु ३ फाल २ लांगल ३ ईषा १ युगकीलक ? लागलरेखा २ मुद्गादि शालिआदि ७ प्रकार धान्य अभिधानप्पदीपिका [२, ४४७-४५३ खेत्तं, केदार. (-मुच्चते )। लेड्ड्ड. ( तो मत्तिकाखण्डो) खणित्ती, (-स्थ्य-) वदारणं. ॥ ४७ दात्तं, लवित्तं, असितं. पतोदो, तुत्त, पाचनं.। योत्तं, (तु ) रज्जु, रस्मि. ( स्थी ) फालो, (तु ) कसको. ( भवे ) ॥ ४८ नंगलं, (च) हळं, सीरो. ईसा. ( नंगलदण्डके )। सम्मा. ( युगकीलस्मि ) सिता, (तु ) हलपद्धति. ।। ४९ ( मुग्गादिके ) ऽपरन्नं. (च) पुब्बन्नं. ( सालिआदिके )। सालि, वीहि, ( च ) कुद्रूसो, गोधूमो, वरको, यवो, ॥ ४५० कंगु. ( ति सत्त धानि ) नीवारा. ( दी तु तब्भिदा )। चणको ( च ) कळायो. ( थ ) सिद्धत्थो, सासपो. ( भवे) ॥ ५१ ( अथ ) कंगु, पियंगु. ( स्थी) उम्मा, (तु) अतसी. ( भवे )। किट्ठ, ( च ) सस्सं. ( विज्ञेय्यं ) वीही, थम्भकरी. (--रितो )॥ ५२ कण्डो , (तु ) नाळ, (--मथ सो) पलालं ( निन्थि निष्फले )। भूसं, कळिंगरो. ( चाथ ) थुसो, (धनत्तचे थ च ) ॥ ५३ सेतट्टिका. ( सस्सरोगो) कणो, (तु ) कुण्डको. ( भवे )। नावार चणकादि २ सषेप २ कंगु २ अतसी २ शस्य २ ब्रीही २ शस्यकाण्ड २ पलाल १ भूस २ तुष १ शस्यराग १ कग २ Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [६७ २, ४५४-४६०] दुतियो भूकण्डो खलो, ( च ) धजकरणं. गुल्म १ थम्भो. ( गुम्बो तिणादिनं ) ॥ ५४ मुशल २ अयोग्गो, मुसलो. ( ऽनिस्थी ) कुल्लो, सुप्प, (- मनिस्थियं) ( अथो-) द्धनं, ( च ) चुल्ली. (स्थि ) कट २ किलंजो, (तु ) कटो. ( भवे) ॥ ५५ पीठर ८ कुंभी, ( स्थी ) पीठरो, कुण्डं, खलो, पयू,-क्खलि, थाल्यू,-खा, अलिंजर ३ कोलंबो. ( चाथ ) मणिकं, भाणको, ( च ) अरञ्जरो. ॥ ५६ घट ५ घटो, (द्वीसु ) कुटो, (निस्थि ) कुम्भो, कलस, वारका. । भोजन पात्र १ कंसो. (भुंजनपत्तो थ ) साधारणपात्र ३ 5 मत्तं, पतो, (च) भाजनं. ॥ ५७ जलपात्राधारभूत २ अण्डुपकं, चुम्बटकं. शराव २ सरावो, (तु च ) मल्लको. । दर्वी २ (पुमे ) कटच्छु, दब्बी. (स्थि ) कुशूल २ कुसूलो, कोट्ट. (-मुच्चते) ॥ ५८ शाक २ साको, ( अनिथियं ) डाको. आद्रक २ सिंगिवेरं, (तु ) अद्दकं.। शुण्ठी १ महोसधं, (तु तं सुक्खं ) मरिच २ मरिचं, (तु च ) कोलकं. ॥ ५९ कांजी ६ सोवीरं, कंजियं, ( वुत्तं) आरनाळं, थुसोदकं, । धम्बिलं, विळंगो. ( थ ) लवण २ लवणं, लोणं. ( उच्चते ) ॥ ४६० पश्चलवण सामुई, सिंधवो, ( निस्थि ) काळलोणं, (तु ) उब्भिदं, । बिळाळं, (चेति पंचेते Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इक्षुसार ५ मिश्री १ अक्षत २ धाणा १ सत्तु २ पिष्टक ३ पाचक ६ व्यंजन २ अन्न ५ आहार ४ अभिधानप्पदीपिका [२, ४६१-४६८ पभेदा लवणस्स हि ॥ ६१ ।। गुळो, ( च ) फाणित, खण्डो, मच्छण्डि, सक्खरा. ( इति )। ( इमे उच्छुविकारा थ) ( गुळस्मि ) विसकण्टकं. ॥ ६२ लाजो, (सिया-) क्खतं. ( चाथ ) धाना. ( भट्ठयवे भवे )। ( अथो ) सत्तु, ( च ) मन्थो. ( च ) पूपा, पुपा, (तु ) पिट्ठको. ॥ ६३ भत्तकारो, सूपकारो, सूदो, आळारिको, ( तथा )। ओदनिको, (च) रसको. सूपो, (तु ) व्यञ्जनं, ( भवे ) ॥ ६४ ओदनो, ( वा ) कुरं, भत्तं, भिक्खा , (चा-- ) नं. ( अथा- ) सनं, । आहारो, भोजनं, घासो. तरलं, यागु. ( नारियं ) ॥ ६५ खजं, ( तु ) भोज्ज, लेय्यानि, पेय्यं. ( ति चतुधासनं )। निस्सावो, ( च तथा-) चामो. आलोपो, कबळो. ( भवे ) ॥ ६६ मण्डो. ( नित्थि रसग्गस्मि ) विघासो. ( भुत्तसेसको ) । विघासादो, ( च ) दमको. पिपासा, (तु च ) तस्सनं. ॥ ६७ खुदा, जिघच्छा. ( मंसस्स ) पटिच्छादनियं. ( रसे)। उद्रेको, (चेव ) उग्गारो. सोहिचं, तित्ति, तप्पनं. ॥ ६८ यागु २ चतुर्विधाहार आचाम २ ग्रास २ मण्ड १ उच्छिष्ट १ उच्छिष्टभोजी २ तृषा २ क्षुधा २ मांसरस १ उद्गार २ तृप्ति ३ Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ४६९-४७५ ] पर्याप्त ५ वणिक ४ विक्रेता २ क्रेता २ उत्तमर्ण २ अधमर्ण २ ऋण २ मूलधन २ सत्यकार २ विक्रेययोग्य २ प्रत्यर्पण २ न्यास २ संख्याप्रकार संख्याविशेष २४ दुतियो भूकण्डो कामं, (स्वि) हूं, निकामं, (च) परियत्तं यथिच्छितं । कयविक्कयिको, सत्थवाहा, ssपणिक, वाणिजा ॥ ६९ विक्कयिको, (तु) विक्रेता. कायको, ( तु च ) कायिको. 1 उत्तमण्णो, (च) धनिको. saमणो, (तु) इणायिको. ॥ ४७० " उद्धारो, (तु) इणं. ( वुत्तं ) मूलं, (तु) पाभतं. ( भवे ) । सच्चापणं, सच्चकारो. विक्य्यं, पणियं (तिसु ) ॥ ७१ पतिदानं, परिवत्तो. न्यासो. ( तु ) पणिधी . ( - रितो ) । ( अट्ठारसन्ता संखेय्ये संख्या एकादयोतिसु ॥ ७२ संख्याने तु च संखेय्ये कत्ते वसतायो । बग्गभेदे बहुतेप ता आनवुति नारियं ) ॥ ७३ सतं, सहस्सं, नहुतं, लक्खं, कोटि, पकोटियो, । कोटिप्पकोटि, हुतं, ( तथा ) निन्नहुतं, ( पिच ) ॥ ७४ अक्खोहिणी, (स्थियं ) बिन्दु, अब्बुदं (च) निरब्बुदं । 9 " अहं, अबब, ( चेवा - ) टटं, सोगन्धिकु, - प्पलं ॥ ७५ , कुमुदं पुण्डरीकं, (च ) 9 [ ६९ Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७० सार्द्धत्रय साद्धद्वय सार्द्ध रति १ माषक १ अक्ष १ धरण १ सुवर्ण १ निष्क १ चतुर्थीश १ पल १ तुला १ भार १ कार्षापण २ अभिधानप्पदीपिका [२, ४७६-४८१ पदुमं, कथानं, (पि च )। महाकथाना,- संखय्या,(निच्चतासु सतादि च ॥ ७६ कोट्यादिकं दसगुणं सतलक्खगुणं कमा )। ( चतुत्थोड्ढेन ) अड्ढुड्ढो, ( ततियो-) डूढतियो, ( तथा ) ॥ ७७ अड्ढतेय्यो, दियड्ढो, (तु) दिवड्ढो ( दुतियो भवे )। ( तुला पत्थंगुलि वसा तिधा माणमथो सिया ) ॥ ७८ ( चत्तारो वीहयो ) गुंजा. (ढे गुंजा ) मासको. ( भवे )। (द्वे ) अक्खा. ( मासका पंचाक्खानं ) धरणं. ( अट्ठकं ) ॥ ७९ सुवण्णो. ( पंच धरणं) निक्खं. ( त्वनिास्थ पंच ते )। पादो. ( भागे चतुत्थे थ ) (धरणानि ) पलं. ( दस ) ॥ ४८० तुला ( पलसतं चाथ) भारो. ( वीसति ता तुला )। ( अथो ) कहापणो, (निस्थि कथ्यते ) करिसापणो. ॥ ८१ कुडुबो, पसतो. ( एको) पत्थो. ( ते चतुरो सियु)। आल्हको. ( चतुरो पस्था ) दोणं. ( वा चतुराळ्हकं ) ॥ ८२ माणिका. ( चतुरो दोणा) खारि. (स्थी चतुमाणिका )। कुडव २ प्रस्थ १ आढक १ द्रोण १ माणिका १ खारी १ Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, १८३-१८९] दुतियो भूकण्डो [७१ वाह १ ( खारियो वीस ) वाहो. ( थ ) कुंभ १ ( सिया ) कुंभो. ( दसम्मणं ) ॥ ८३ सेर २ आळहको, ( नित्थियं ) तुंबो. नाळी २ पत्थो, (तु ) नाळि. ( नारियं )। शकट २ वाहो, (तु ) सकटो, (चेकाअम्मण दस दोणा तु ) अम्मणं. ॥ ८४ अंश ४ पटिविंसो, ( च ) कोट्ठासो, धन ८ अंसो, भागो. धनं, तुसो, । दब्बं, वित्तं, सापतेय्यं, वस्व, --स्थो, विभवो. ( भवे )॥ ८५ कोष २ कासो, हिरञ्ज. ( च कता कतं कञ्चनरूपियं)। कुप्य १ कुप्पं, (तदनं तम्बादि) रूप्य १ रूपियं. (द्वयमाहतं)॥ ८६ सुवर्ण १३ सुवण्णं, कनकं, जात रूपं, सोण्णं, ( च ) कंचनं,। सत्थुवण्णो, हरि, कम्बु, चारु, हेमं, (च) हाटकं, ॥ ८७ तपनीय, हिरञ्ज, (तसुवर्णभेद ४ ब्भेदा ) चामीकर, (पि च )। सातकुम्भ, ( तथा ) जम्बु नदं. सिंगी. ( च नारियं ) ॥ ८८ रजत ५ रूपियं, रजतं, सज्झु, रत्न ३ रूपि, सज्झं. ( अथो ) वसु, । रतनं, ( च ) मणि. (द्वीसु) रत्नप्रकार फुस्सरागा. (-दि ताब्भदा)॥ ८९ सप्तरत्न सुवणं, रजत, मुत्ता, मणि, वेलुरियानि, ( च )। वजिरं, (च) पवाळं. (ति Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२] पद्मरागमणि ३ वैडूर्यमाण २ प्रवाल २ मसारगल्ल २ मुक्ता २ पित्तल २ अभ्र २ लोह ३ पारद २ त्रपु २ हरिताल २ सिंदुर २ तूल २ मधु.१ मधूच्छिष्ट २ गोप ३ गोस्वामी २ वृषभ ६ अभिधानपदीपिका [२, १९०-४९७ सत्ताहु रतनानिमे ) ॥ ४९० लोहितको, (च) पदुमरागो, रत्तमणी. ( प्यथ)। वंसवण्णो, वेळुरियं. प्रवाळं. ( वा च ) विमो. ॥ ९१ मसारगलं. कबरमणि. ( अथ ) मुत्ता, ( च ) मुत्तिकं. रीरि, (स्थी) आरकुटो. (वा) अमलं, ( स्व-) ब्भकं. ( भवे) ।। ९२ लोहो, ( निस्थि ) अयो, काळायसं. (च) पारदो, रसो.। काळतिपु, ( तु) सीसं. (च) हरितालं, (तु) पीतनं. ॥ ९३ चीनपिढे, ( च ) सिंदूरं. ( अथ ) तूलो, ( तथा ) पिचु. । (खुद्दजन्तु मधु-) खुदं. मधुच्छिटुं, (तु ) सित्थकं. ॥ ९४ गोपालो, गोप, गोसंख्या. गोमा, (5) गोमिको. ( प्यथ )। उसभो, बलिवद्दो, (थ) गोणो, गो, वसभो, वुसो. ॥ ९५ (बुद्धो ) जरग्गवो. ( सोथ) दम्मो, वच्छतरो. ( समा)। धुरवाही, (तु ) धोरयहो. गोविंदो (धिकतो गवं ॥ ९६ वहो. ( च वन्धदेसोथ ) ककुधो, ककु. ( वुच्चते )। ( अथो ) विसाणं, सिंगं. (च) रत्तगावी, (तु) रोहिणी. ॥ ९७ वृद्धवृषभ १ वत्सतर २ भारवाही २ गोविन्द १ गोस्कन्ध १ ककुध २ शंग २ रक्तवर्णा गौ २ Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [७३ २, ४९८-५०३] दुतियो भूकण्डो गावी, ( च ) सिंगिनी, गो. ( च ) वंध्या गौ १ ( वंझा तु कथ्यते ) वसा. । धेनू १ ( नवप्पसूतिका ) धेनु, वत्सला गौ १ (वच्छकामा तु ) वच्छला. ॥ ९८ मन्थनपात्र २ गग्गरी, मन्थनी. ( स्थि द्वे) सन्दान २ संदानं, दाम. (-मुच्चते )। गोमय १ ( गोमीळ्हो ) गोमयो. ( निस्थि ) घृत २ ( अथो ) सप्पि, घतं, ( भवे) ॥ ९९ नवनति १ ( नवुद्धट तु) नोनीतं. दधिमण्ड २ दधिमण्डं, (तु) मत्थु. ( च )। क्षार ४ खीरं, दुद्धं, पयो, थअं. तक २ तकं, ( तु ) मथितं. (प्यथ ) ॥ ५०० पञ्च गोरस खीरं, दधि, घतं, तक, नोनीतं. ( पंचगोरसा )। मेष ६ उरब्भो , मेण्ड, मेसा, (च) उरणो, अवि, एळको. ॥ ५०१ छाग ३ वस्सो, ( त्व- ) जो, छकलको. ऊष्ट २ ओट्ठो, (तु ) करभो. ( भवे )। गर्दभ २ गद्रभो, (तु ) खरो. ( वुत्तो) छागी ३ उरणी, (तु ) अजी, अजा. ॥ ५०२ ॥ वेस्सवग्गो ॥ शूद्र ३ मिश्रवर्ण मागध उग्र सुद्दो, ऽन्तवण्णो, वसलो. सकिण्णा. ( मागधादयो )। मागधो. ( सुदखत्ताजो) उग्गो ( सुहाय खत्तजो ) ॥ ५०३ ( द्विजा खत्तियजो ) सूतो. कारु, ( तु ) सिप्पिका.( पुमे )। ( संघातो तु सजातनिं शिल्पी २ श्रेणी A. P. 10 Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४] अभिधानप्पदीपिका । २, ५०४-५११ तेसं ) सेणि. ( द्विसुच्चते ) ॥ ५०४ पंच प्रकार शिल्पी तच्छको. तन्तवायो. ( च ) रजको. ( च ) नहापितो. । (पंचमो) चम्मकारो (ति कारवो पंचिमे सियुं ) ॥ ५०५ तक्षक ५ तच्छ को, वड्डकी, ( मतो) पलगंडो, थपत्य,-(पि )। सुवर्णकार २ रथकारो . ( थ ) सुवण्ण कारो, नाळिन्धमो. ( भवे ) ॥ ५०६ तन्तुवाय २ तन्तवायो, पेसकारो, मालाकार २ मालाकारो, (तु ) मालिको.। कुंभकार २ कुंभकारो, कुलालो. ( थ ) सूचिक २ तुण्णवायो, ( च ) सोचिको. ॥ ५०७ चर्मकार २ चम्मकारो, रथकारो. कल्पक २ कप्पको ( तु ) नहापितो. । चित्रकार २ रंगाजीवो, चित्तकारो. पुष्पवजक १ पुक्कसो, पुष्फछड्डको. ॥ ५०८ नळकार ३ वेणो, विलीवकारो, (च) नळकारो. ( समा तयो )। चुंदकार २ चुंदकारो, भमकारो. कार २ कम्मारो, लोहकारको. ॥ ५०९। रजक २ निन्नेजको, ( च ) रजको. जलाहारक २ नेत्तिको, उदहारको.। वीणावादक २ वीणावादी, वेणिवि को. ( थ ) धानुक २ उसुकारो, सुवड्ढकी. ।। ५१० वंशीवादक २ वेणुधमो, वेणविको. हस्तवाद्यवादक २ पाणिवादो, ( तु ) पाणियो.। पिष्ठविक्रेता २ पुपियो, पूपपणियो.। मद्यविक्रेता २ सोण्डिको. मज्जविक्कयि. ॥ ५११ Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [७५ २, ५१२-५१८ ] दुतियो थूकण्डो इन्द्रजाल २ माया, (तु ) संबरी. मायाऐन्द्रजालिक २ कारो, (तु ) इन्दजालिको, ॥ १२ शौकरिक २ ओरब्भिक, सूकरिका.। मृगयाकारी मागविका. ( च ) साकुणिका. । हन्त्वा जीवन्त्योळक सूकर-मिग-पक्खिनो कमतो) ॥ १३ वागारक २ वागुरिको, जालिको. (थ) भारवाही २ भारवाहो, (तु ) भारिको । भृत्य ३ वेतनिको, (तु ) भतको, ( तथा ) कम्मकरो. ( भवे ) दास ५ दासो, ( च ) चेटको, पेस्सो, किंकारो, परिचारिको. ।। १४ क्रीतदास ४ अन्तोजातो, धनक्कीतो, दासव्योपगतो. ( सयं । दासा ) करमरानीतो. (चेवन्ते चतुधा सियु)॥ १५ दासकर्ममुक्त २ अदासो, (तु ) भुजिस्सो. (थ) नचि ३ नीचो, जम्मो, निहीनको.। अनलस २ निकोसज्जो, अकिलासु, मन्द २ मन्दो, (तु ) अलसो. ( प्यथ ) ॥ १६ चाण्डाल ४ सपाको, (चेव ) चण्डालो, मातंगो, सपचो. ( भवे )। किरातादि ( तब्बिसेसा ) किराता. (- दि) म्लेच्छजाति मिलक्खजातियो (प्यथ ) ॥ १७ व्याध ३ नेसादो, लुद्दको, व्याधो. मृगव्याघ २ मिगवो, । तु ) मिगव्यधो.। श्वान ११ सारमेय्यो, ( च ) सुनखो, सुणो, सोणो, (च) कुक्कुरो, ॥ १८ स्वानो, सुवानो, साळुरो, Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६] उन्मत्तश्वान २ श्वानशृखल वन्यजन्तुबन्धन० बन्धन २ जालादि २ मत्स्यगलदारक २ जाल २ वध्यभूमि २ शूना २ तस्कर ५ चौर्य ३ वेम २ अभिधानप्पदीपिका [२, ५१९-५२५ सूनो, सानो, ( च ) सा. ( पुमे )। ( उम्मत्तादितमापन्नो ) अळको,-तिसुणो. ( मतो ) ॥ १९ साबंधनं, ( तु ) गलो . दीपको, ( तु च ) चेतको. । बंधनं, गाण्ठिपासो. (थ) वाकरा, मिगबंधिनी. ॥ ५२० ( थियं ) कुवेणि, कुमिनं, आनायो, जाल. (-मुच्चते )। आघातनं, वधट्टानं. सूणा, (तु ) अधिकोट्टनं ॥ २१ तक्करो, मोसको, चोरो, थेने,- कागारिका. ( समा)। थेय्यं, ( च ) चोरिको, मोसो. वेमो, वायनदण्डको. ॥ २२ सुत्तं, तन्तू, ( पुमे ) तन्तं. पोत्थं. ( लेप्यादि कम्मनि )। पंचालिका, पोत्थलिका. ( वत्थदन्तादि निम्मिता ) ॥ २३ उग्घाटनं, घटीयन्तं. ( कूपाम्बुब्बाहनं भवे )। मंजूसा, पेळा पिटको, (वित्थियं ) पच्छि, पेटको. ॥ २४ व्याम, ( ङ्गीस्विस्थियं ) काजो. सिक्का. ( तत्रावलंबनं )। . उपाहनो, (वा) पादु. (स्थि ) ( तब्भेदा ) पादुका ( प्यथ ) ॥ २५ वरत्ता, वट्टिका, नन्धि. भस्ता, चम्मपसिब्बकं. । तन्तु ३ पुस्तक पंचालिका २ घटीयन्त्र २ मंजूषा २ पिटक ३ भारवहनदण्ड २ सिका उपाहन २ तभेद वरत्रा ३ भस्त्रा २ Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ५२६-५३१] दुतियो भूकण्डो [७७ मूषा १ मुद्गर १ संडास १ अधिकरणी २ गम्गरी १ कर्तरी १ निकष २ आर २ क्रकच २ शिल्प १ प्रतिमा ४ सदृश्य १० ( सोण्णाद्यावत्तनी) मूसा. (थ) कुटं, ( वा ) अयोधनो.॥ २६ ( कम्मारभण्डा) संडासो. मुठ्या,- धिकरणी. (त्थियं)। ( सब्भस्ता ) गग्गरी. ( नारी ) ( सस्थन्तु ) पिप्फलं, ( भवे ) ॥ २७ साणो, (तु ) निकसो. ( वुत्तो ) आरा, (तु) सूचिविज्झनं. । खरो, ( च ) ककचो. ( निस्थि ) सिप्पं, ( कम्मं कलादिकं ) २८ पटिमा, पटिबिम्ब, ( च ) बिम्बो, पटिनिधी. (-रितो )। ( तीसु ) समो, पटिभागो, सन्निकासो, सरिक्खको. ॥ २९ समानो, सदिसो, तुल्यो, संकासो, संनिभो, निभो.। ओपम्म,-मुपमानं, (चो-)। पमा. भति, ( तु नारियं ) ॥ ५३० निब्बेसो, वेतनं, मूल्यं. जूतं, ( त्वनित्थि ) केतवं.। धुत्तो, ऽक्खधुत्तो, कितवो, जूतकार, ऽक्खदेवी. ( नो ) ॥ ३१ पाटिभोगो, (तु ) पटिभू. अक्खो , (तु ) पासको. ( भवे )। ( पुमे वा ) ऽहापदं, सारिफलको, ( च ) पणो,-भुतो. ॥ ३२ किण्णं. (तु मदिराबीजे ) मधु. ( मध्वासवे मतं)। मदिरा, वारुणी, मज्ज, उपमा ३ वेतन ४ द्यत २ धूर्त ५ प्रतिभू २ पाशक २ सारिफलक २ पण २ मद्यवीज १ मधु १ मदिरा ४ Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७८] अभिधानप्पदीपिका [२, ५३३-५४० आसव २ सुरा. ऽऽसवो. (तु ) मेरयं. ॥ ३३ पानपात्र २ सरको, चसको. ( निस्थि ) पानस्थान २ आपानं, पानमण्डलं. ॥ ३४ येत्र भूरिप्पयोगत्ता योगिकेकस्मिमीरिता। लिंगन्तरेपि ते अय्या तद्धम्मत्ताञ वुत्तियं ॥ ५३५ । सुद्दवग्गो । ॥ चतुब्बण्णवग्गो ॥ अरण्य ७ महारण्य २ उपवन २ उद्यान १ प्रमदवन १ अरज, काननं, दायो, गहनं, विपिन, वनं, । अटवी. ( स्थि ) महारब्ध, (स्व-) रञानि ( स्थिय भवे ) ॥ ३६ (नगरा नातिदूरस्मिं सत्तेहि योभिरोपितो। तरुसण्डो स ) आरामो, ( तथो-) पवन. (-मुच्चते ) ॥ ३७ (सब्ब साधारणारज रज्ञ--) मुय्यान, (-मुच्चते )। ( अय्यं तदेव ) प्पमदवन. (-मन्ते पुरोचितं ) ॥ ३८ पन्ति, वीथ्या,-वलि,-स्सेणी, पाळि. रेखा, (तु ) राजि. ( च )। पादपो, विटपी, रुक्खो, अगो, साळो, महीरुहो, ॥ ३९ दुमो, तरु, कुजो, साखी. गच्छो. ( तु खुद्दपादपो )। (फलन्ति ये विना पुप्फ ते वुच्चन्ति ) वनप्पति. ॥ ५४० श्रेणी ५ रेखा २ वृक्ष १० क्षुद्र तरु १ बनस्पति Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [७९ २, ५४१-५४७] दुतियो भूकण्डो ( फलपाकावसाने यो ओषधि मरत्यो- ) सघि. ( सा भवे )। निष्फल वृक्ष २ (तीसु ) वंझा, ऽफला. ( चाथ ) फलवान् वृक्ष ३ फलिनो, फलवा, फली. ॥ ४१ प्रस्फुटित ४ सम्फुल्लितो, (तु) विकचो, फुल्लो, विकसितो. ( तीसु )। वृक्षाग्र भाग ३ सिरो, ऽग्गं, सिखरो. (नित्थी) शाखा २ साखा, (तु कथिता ) लता. ॥ ४२ पत्र ६ दलं, पलासं छदनं, पण्णं, पत्तं, छदो. (प्यथ)। पल्लव २ पल्लवो, ( वा ) किसलयं, जालक २ खारको, (तु च ) जालकं.। कलिका २ कलिका, कोरको. ( निस्थि ) वृन्त १ वण्टं, ( पुप्फादिबंधनं ) ॥ ४४ पुष्प ३ पसवो, कुसुमं, पुप्फं. पराग १ परागो. ( पुप्फजो रजो)। मकरन्द २ मकरन्दो, मधु. ( मतं) गुच्छक २ थबको, (तु च ) गोच्छको. ॥ ४५ अपक्क फल १ ( फलेवामे ) सलाटु. (त्तो ) फलं. (तु पक्कमुच्चते )। (चंपकादी तु कुसुमफलनामं नपुंसके ।। ४६ मल्लिकादी तु कुसुमे सलिंगा वहियो फले )। जम्बू ३ जम्बू, (थि ) जाम्बवं, जम्बु. शाखापल्लव-समूह २ विटपो, विटभी. ( स्थियं ) ॥ ४७ ( मूलमारब्भ साखन्तो) स्कन्ध १ खन्धो ( भागो तरुस्स थ )। कोटर १ कोटरो. ( निस्थियं रुक्ख Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८.] काष्ठ २ वृक्षमूल ३ शंकु २ कन्द २ वशांकुर २ मञ्जरी २ वल्ली २ गुल्म २ पत्रादि लता अश्वत्थ वृक्ष २ वट २ कपित्थ २ उदुम्बर २ रक्त काञ्चन ३ राजवृक्ष ५ अभिधानप्पदीपिका [२, ५४८-५५५ च्छिद्दे ) कट्ठ, (तु ) दारु. ( च ) ॥ १८ बुंदो, गूलं, ( च ) पादो. ( थ ) संकु, ( त्तो ) खाणु. ( निस्थियं )। करहाटं, (तु ) कंदो. (थ) कळीरो, मत्थको. ( भवे ) ॥ ४९ वल्लरी, मंजरी. ( नारी) वल्ली, (तु कथिता ) लता.।। थम्मो, (तु ) गुंबो. ( अक्खन्धे ) ( लता ) विरू, ( पतानिनी ) ॥ ५५० अस्सत्थो, बोधि. ( च द्वीसु ) निग्रोधो, (तु) वटो. ( भवे )। कविट्ठो, ( च ) कपित्थो. ( च ) यजगो, (तु ) उदुम्बरो. ॥ ५१ कोविळारो, युगपत्तो, उद्दालो. वातघातको, । राजरुक्खो , कतमाली,न्दविरा, व्याधिघातको. ॥ ५२ दन्तसठ्ठो, ( च ) जम्भीरो. वरणो, (तु ) करेरि. (च)। किंसुको, पाळिभद्दो. (थ) वंजुलो, (तु च) वेतसो. ॥ ५३ अंबाटको, पतिनको. मधुको, (तु ) मधुदुमो.। ( अथो ) गुळफलो, पीलु. सोभंजनो, ( च ) सिग्गु. ( च )॥ ५३ सतपण्णि, छत्तपण्णो. तिनीसो, ( त्व- ) तिमुत्तको. । किंसुको, (तु) पलासो. (थ) अरिहो, फेणिलो. ( भवे ) ॥ ५५ जम्भीर २ वरण २ किंसुक २ वेतस २ अंबाटक २ मधुक २ पलि २ सोभंजन २ सप्तपणे वृक्ष २ तिनीश २ पलाश २ अरिष्ट २ Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८१ २, ५५६-५६२ ] दुतियो भूकण्डो श्रीफलवृक्ष ३ मालुर, बेलुवा, बिल्लो. पुन्नाग २ पुन्नागो, (तु च ) केसरो। लोध्र २ गालवो, (तु च ) लोहो. ( 2 ) पियाल २ पियालो, सन्नकदु. ( च ) ॥ ५६ अंकोल २ लिकोचको, ( तथा-) ऽङ्कोलो. गुग्गुल २ ( अथ ) गुग्गुळ, कोसिको.। आम्र २ अम्बो, चूतो. सहो, ( त्वेसो) सहकार २ सहकारो. (सुगंधवा ) ॥ ५७ पुण्डरीक २ पुण्डरीको, ( च ) सेतम्बो. बहुवारक २ सेलु, (तु ) बहुवारको.। कास्मरी २ सेपण्णी, कास्मरी. ( चाथ ) बदरी २ कोली, (च) बदरी. ( स्थियं ) ॥ ५८ बदर २ कोलं, ( चानिस्थि ) बदरो. पिप्पली २ पिलक्खो, पिप्फली. ( थियं )। पाटली वृक्ष २ पाटली, कण्हवण्टा. ( च ) कंटकित गुल्म २ सादुकण्टो, विकंकतो. ॥ ५९ तिन्दुक ४ तिन्दुको, काळक्खन्धो, ( च ) तिम्बरूसक, तिम्बरू.। नारंग २ एरावतो, (तु ) नारंगो. काकतिन्दुक २ कुलको, काकतिन्दुको. ॥ ५६० कदम्ब २ कदम्बो, पियको, नीपो. भल्लातक २ भल्ली, भल्लातको. (तिसु )। पिचुल २ झावुको, पिचुलो. ( चाथ ) तिलक २ तिलको, खुरको. ( भवे )॥६१ चिंचा २ चिंचा, ( च ) तिन्तिणी. ( घाथ ) कपीतन २ गदूभण्डो, कपीतनो.। शाल ३ साळो, ऽस्सकण्णो, सज्जो. ( थ ) अर्जुन २ अज्जुनो, ककुधो. ( भवे ) ॥ ६२ निचुल ३ निलुलो, मुचालिंदो, (च) A. P. 11 Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२ ] पतिशाल ३ झाटल २ श्रीरिवृक्ष २ कुम्भी २ पूग २ पट्टिकालोध्र २ इंगुदी २ भूर्जपत्र २ सिंबली २ कूट सिंबली २ पूर्तिक २ रोहितक २ एरंड २ समी २ करंज २ खदिर २ कदर २ मदन २ इन्द्रशाल ३ देवदारु २ चम्पक २ पनस २ हरीतकी २ बिभीतक २ आमलक २ लबुज २ कर्णिकार २ अभिधानपदीपिका नीपो. (थ) पियको, ( तथा ) | असनो, पीतसाळो. (थ ) गोलीसो, झाटलो. ( भवे ) ॥ ६३ खरिका, राजायतनं. कुम्भी, कुमुदिका. ( भवे ) । पूगो, (तु) कुमको. ( चाथ ) पट्टि, लाखापसादनो. ॥ ६४ [ २, ५६३-५६९ इंगुदी, तापसतरु. भुजपत्तो, (तु) आभुजी । पिच्छिला, सिंबली. ( द्वीसु ) रोचनो, कुटसिंबली. ॥ ६५ पकिरियो, पूतिको (थ ) रोहि, रोहितको . ( भवे ) । एरंडो, ( तु च ) आमंडो. ( अथ ) सत्तुफला, समी. ॥ ६६ नत्तमालो, करंजो. (थ ) खदिरो, दन्तधावनो । सोमवक्को, (तु) कदरो. सल्लो, (तु) मदनो. ( भवे ) ॥ ६७ ( अथापि ) इन्दसाला, (च) सल्लकी, खारको ( सिया ) । देवदारु, भद्ददारु. चंपेय्यो, ( तु च ) चम्पको. ॥ ६८ " पनसो, कण्टकीफलो. अभया, (तु) हरीतकी. । अक्खो, विभीटको (तीसु ) अमता, ऽऽमलकी (तिसु ) ॥ ६९ लबुजो, लिकुवो. ( बाथ ) कणिकारो, दुमुपलो. Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८३ २, ५७०-५७६] दुतियो भूकण्डो निंब ३ निंबो, अरिहो, सुचिमन्दो. दाडिम २ करको, (तु च ) दालिमो. ॥ ५७० सरल २ सरलो, पूतिकडं, (च) शिशप २ कपिला, (तु च ) सिंसपा. । प्रियंगु ३ सामा, पियंगु, कंगु. (पि) शिरीष २ सिरीसो, (तु च ) भंडिलो. ॥ ७१ शोण वृक्ष २ सोनको, दीपवण्टो. (च) बकुल २ वकुलो, (तु च ) केसरो.। काक उदुम्बर २ काकोदुम्बरिका, फेग्गु. नाग २ नागो, (तु ) नागमालिका. ॥ ७२ अशोक २ असोको, वंजुलो. ( चाथ ) वैजयन्ती २ तकारी, वेजयन्तिका.। तमाल २ तापिंजो, (च) तमालो. (थ) कुटज २ कुटजो, गिरिमल्लिका. ॥ ७३ इन्द्रयव १ इन्दयवो. (थले तस्सा-) कणिका २ ऽग्गिमन्थो, कणिका. ( भवे )। निर्गुण्डी २ निग्गुण्डि, (स्थी ) सिंदूवारो. मल्लिका २ तिणसूलं, (तु ) मल्लिका. ॥ ७४ शेफालिका २ सेफालिका, नीलिका. (थ) वनमल्लिका २ अप्फोटा, वनमल्लिका.। बन्धुक ४ बन्धुको, जयसुमनं, भण्डिको, बंधुजीवको. ॥ ७५ मालती पुष्प ५ सुमना, जातिसुमना, मालति, जाति, वस्सिकी. । यूथिका २ यूथिका, मागधी. ( चाथ ) नवमल्लिका २ सत्तला, नवमालिका. ॥ ७६ माधवी लता २ वासन्ति, (स्थि ) अत्तिमुत्तो. करवीर २ करवीरो, ऽस्समारको.। बजिपूरक २ मातुलुंगो, बीजपूरो. Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४] मातुल २ करमईक २ कुन्द २ जीमूत २ आमला वृक्ष २ शिंटिका वृक्ष ४ श्वेतपर्णाश १ जम्बार विशेष २ जपा २ क्रकच २ वृक्षादनी २ चित्रक २ अर्क २ श्वेतार्क १ गळोची २ मुव्वा लता २ कपिकच्छू २ मञ्जिष्ठा २ आम्बष्ठ २ कटुक २ शैखरिक २ पिष्फलीलता २ गोक्षुर २ कोलवल्ली २ वच २ अपराजिता २ सिंहपुच्छी २ शालपर्णी २ अभिधानप्पदीपिका [२, ५७७-५८४ उम्मत्तो, (तु च ) मातुलो. ॥ ७७ करमद्दो, सुसेनो. ( च ) कुन्दं, (तु ) माध्य,-( मुञ्चते )। देवतासो, (तु ) जीमूतो. ( था-) मिलातो, महासहा. ॥ ७८ ( अथो ) सेरेय्यको, दासी, किंकिरातो, कुरण्डको.। अज्जुको. ( सितपन्नासे ) समीरणो, फणिज्झको. ॥ ७९ जपा, (तु ) जीवसुमनं. करीरो, ककचो. ( भवे )। रुक्खादनी, (च) वन्दाका. चित्तको, (स्व-) ऽग्गिसञितो ॥ ५८० अक्को, विकिरणो. ( तस्मिस्व-) ळको. ( सेतपुप्फके )। पुतिलता, गळोची. (च) मुब्बा, मधुरसा. ( प्यथ )।। ८१ कपिकच्छु, दुफस्सो. (थ) मंजिठा, विकसा. ( भवे )। अंबढा, ( च तथा ) पाठा. कटुका, कटुकरोहिणी. ॥ ८२ अपामग्गो, सेखरिको. पिप्फली, मागधी, ( मता )। गोकण्टको, ( च ) सिंघाटो. कोलवल्ली,- भपिप्फली. ॥ ८३ गोलोमी, (तु ) वचा. ( चाथ ) गिरिकण्ण्य,-ऽपराजिता. । सीहपुच्छि, पम्हि पण्णी. सालपण्णी. ( तु च ) ऽस्थिरा. ॥ ८४ Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ५८५-५९१] दुतियो भूकण्डो [ ८५ कंटकारी २ निदिण्डिका, (तु ) ब्यग्घी, (च) " मधुपर्णिका २ ( अथ ) नीली, (च) नीलिनी. गुंजिका २ जिजुको, ( चेव ) गुंजा. ( 2 ) शतमूली २ सतमूली, सतावरी. ॥ ८५ अतिविषा २ महोसधं, ( स्व-) तिविसा. सोमराजी वृक्ष २ बाकुची, सोमवल्लिका.। दारु हरिद्रा २ दाब्बी, दारुहाळदा. ( थ ) विरंग २ विळंगं, चित्रतण्डुला. ॥ ८६ स्नुही २ नुही, (चेव ) महानामो. मधुरसा २ मुद्दिका, (तु ) मधुरसा. । यष्टिमधु ३ ( अथापि ) मधुकं, यहि मधुका, मधुलठिका. ॥ ८७ बार्ताक २ वातिंगणो, (च) भंडाकी. बृहती २ वात्ताकी, ब्रहती. ( प्यथ )। नागवला २ नागबला, ( चेव ) झसा. लांगली २ लांगली, (तु च ) सारदी. ॥ ८८ . कदली ३ रम्भा, ( च ) कदली, मोचो. कापास २ कप्पासी, बदरा. ( भवे)। तांबूल २ नागलता, (तु ) तांबूलि. धातकीपुष्प २ अग्गिजाला, ( तु )धातकी, ॥ ८९ शुक्लवर्ण तेवरी २. तिवुता, तिपुटा. ( चाथ ) कृष्णवर्ण तेवरी २ सामा, काळा. ( च कथ्यते )। कर्कटशंगी २ (अथो ) सिंगी, (च) उसभो. रेणुकानामकगंधद्रव्य २ रेणुको, कपिला. ( भवे ) ॥ ५९० पाला २ हिरिवेर, ( च ) वालं. (च) रक्तफला २ रक्तफला, (तु ) बिम्बिका. । श्वेतार्क २ सेलेय्य,-मस्मपुप्फं, (च) एला २ एला, (तु ) बहुला. ( भवे ) ॥ ९१ कुष्ट २ कुटुं, ( च ) व्याधि. ( कथितो) Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६ ] कुटन्नट २ ओषधि २ दश प्रकार शाक फल्गु फल २ अल्पमारिष २ जीवनीलता २ जीवक वृक्ष २ लसून २ पलाण्डु २ पटोललता २ भृंगराज २ पुनर्नवा २ वितुन्नक २ करवेल २ तुम्बी ३ आलु २ कालिंग २ इंद्रवारुणी २ बथवा २ मूलक २ ताम्रपत्रविशेष २ शाकभेद हरिद्वर्ण तृण २ श्वेतदुर्वा १ अभिधानपदीपिका " वायं (तु) कुटन्नटं । ओसधी, (जातिमत्तम्भ्यो - ) सधं, ( सब्बमजातियं ) ॥ ९२ ( मूल पत्तं कलीरगं कण्डं मिजा फलं तथा । तो पुष्पं च छत्तन्ति ) साकं ( दसविधं मतं ) ॥ ९३ पपुन्नाटो, एळगलो. तण्डुलेय्यो ऽप्पमारिसो. । [ २, ५९२-५९८ " जीवन्ती, जीवनी. ( चाथ ) मधुरको, (च) जीवको. ॥ ९४ महाकन्दो, (च) लसुनं. पलण्डु . (तु) सुकन्दको. । पटोलो, तित्तको ( चाथ ) भिंगराजो, (च) माकवो ॥ ९५ " पुनन्नवा, सोथघाति. वितुन्नं, सुनिसन्नकं । कारवेल्लो, (तु) सुसवि. तुंब्य, - लाबु, (च) लाबु. ( सा ) ॥ ९६ एळालू, (च) कक्कारी. कुंभण्डो, ( तु च ) वल्लिभो । इन्दारुणि, विसाला. वस्थुलं वत्थुलेय्यको ॥ ९७ मूलको, ( नित्थियं ) चुच्चू. तंबो. (च ) कलंबको. । ( साकभेदा ) कासमद्द. झज्झरी. फग्गवा . - ( दयो ) ॥ ९८ सद्दलो, ( चेव ) दुब्बा. (च ) गोलोमी. ( सा सिता भवे ) । Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ५९९-६०५] दुतियो भूकण्डो [८७ मूथा २ गुंदा, ( च ) भद्दमुत्तं. ( च ) इक्षु २; वंश ४ रसालो, ( तू-) च्छु. वेळु, ( तु ) ॥ ९९ तसारो, वेणु, वंसो. वंशादिग्रन्थि ३ पब्बं, (तु ) फलु, गण्ठि. ( सो )। कीचक १ कीचका. ( ते सियुं वेणु ये नदंत्यनिलोद्भुता) ॥ ६०० नल २ नळो ( च ) धमनो. पोटकाशतृण २ गलो, (तु ) कास. (-मित्थि न )। शरवण २ तेजनो. ( तु ) सरो. ( मूलं बीरण २ तु) सीरं ( धीरणस्स हि )॥ ६०१ कुशतृण ४ कुसो, बरिहिसं, दब्भो. भूतृण २ भूतिणकं, (तु ) भूतिणं.। घास २ घासो, ( तु) यवसो ( चाथ ) फूगवृक्ष २ पूगो, (तु ) कमुको. ( भवे )॥ ६०२ तालवृक्ष २ तालो, विभेदिका ( चाथ ) खजूरवृक्ष २ खज्जुरी, सिन्दि. ( वुच्चति ) ॥ ६०३ हिन्ताल १ हिन्ताल. ( ताल खज्जूरि ) नालिकेर १ नालिकेरा. ( तथैव च ) ताली १ ताली. ( च ) केतकी. ( नारी) केतकी १ ( पूगो च तिणपादपा ) ॥ ६०४ ॥ अरज्ञवगो ॥ पर्वत ९ पाषाण ५ पब्बतो, गिरि, सेलो,ऽद्दी, नगा,ऽचल, सिलुच्चया, । सिखरी, भूधरो. ( थ ) ब्भ, पासाण,- ऽस्मो,-पलो, सिला. ॥ ६०५ गिज्झकूटो. ( च ) वेभारो. वेपुलो, ऽसिगिली. ( नगा)। विंझो. पण्डव. का. (-दि) पर्वत विशेष Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८] अभिधानप्पदीपिका [२, ६०६-६१२ उदयाचल २ पुब्बसेलो. ( तु चो-) दयो.। अस्ताचल ३ मंदारो, ऽपरसेलो. ऽत्थो. हिमालय ५ हिमवा, (तु ) हिमाचलो. ॥६०६ हिमालय कूट ५ गंधमादन, केलास. चित्तकूट, सुदस्सना,। काळकूटो. (तिकूटास्स) सानु २ पत्थो, (तु ) सानु. ( वेत्थियं ) ॥ ६०७ पर्वत शंग ३ कूटो, ( वा ) सिखरं, सिंगं. प्रपात २ पपातो, ( तु ) तटो. ( भवे )। पर्वतपार्श्व २ नितम्बो, कटको. ( निस्थि ) निर्झर १ निज्झरो. ( पसवोम्बुनो)॥ ६०८ पर्वत कन्दरा २ दरी, (स्थी) कन्दरो. (द्वीसु ) पर्वत गुहा ३ लेनं, (तु ) गब्भरं, गुहा. । शिलावेष्टितपुष्करिणी२ सिलापोक्खरणि, सोण्डी. लताकुस्न २ कुज, निकुंज. (-मिस्थि न )॥ ६०९ अधिस्यका १ ( उद्धम- ) घिच्चका, ( सेलउपत्यका १ स्सासन्ना भूम्यु-) पच्चका.।। पर्वतपाद २ पादो, (तु ) पन्तसेलो. ( थ ) धातु १ धातु. ( तो गेरिकादिको)॥ ६१० ॥ सेलवग्गो ॥ सिंह ३ चित्रक २ व्याघ्र २ शार्दूल १ भल्लुक २ क्षुद्रसिंह २ रोहितमृग २ मृगविशेष ३ मिगिंदो, केसरी, सीहो. तरच्छो, (तु ) मिगादनो.। व्यग्यो, (तु ) पुण्डरीको. ( थ ) सदुलो. ( दीपिनारितो) ॥ ११ अच्छो, इको. ( च ) इस्सो, ( तु ) काळसीहो, इसो. ( प्यथ )। रोहिच्चो, रोहितो. ( चाथ ) गोकण्णो, गणि, कण्टको. ॥ १२ Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [८९ २, ६१३-६१९] दुतियो भूकण्डो खड्गिन् १ खग्ग, खग्गविसाणा, (तु) पलासादो, (च) गण्डको । श्वापद २ ( व्यग्धादिके) वाळमिगो, बानर ७ सापदो. ( 2 ) प्लवंगमो, ॥ १३ मक्कटो, वानरो, साखामिगो, कपि, वलीमुखो,। प्लवंगो. ( कण्ह तुण्डो) कृष्णमुखी वानर १ गोनंगुलो. (ति सो मतो ) ॥ १४ शृगाल ५ सिगालो, जम्बुको, कोस्थु, भेरण्डो, (च) सिवा. ( प्यथ )। बिडाल ३ बिळारो, बब्बु, मज्जारो. बक २ कोको, (तु च ) बको. ( भवे) ॥ १५ महिष २ महिसो, (च) लुलायो. (थ) गवय २ गवजो, गवयो. ( समा)। शल्यक २ सल्लो. (तु) सल्लको. ( थास्सशलल २ लोमम्हि ) सललं, सलं. ॥ १६ हरिण ५ हरिणो, मिग, सारंगा, मगो, अजिनयोनि. (च)। शूकर २ सूकरो, (तु ) घराहो. (थ) शशक २ पेलको, ( च ) ससो. ( भवे ) ॥ १७ एणिमृग २ एणेय्यो, एणिमिगो. प्राणिविशेष २ पम्पटको, (तु ) पम्पको. । वातमृग २ वातमिगो, (तु) चलनी. मूषिक ३ मूसिको, ( स्वा-) खु, उन्दुरो. ॥ १८ मृगविशेष ८ चमरो, पसदो, (चेव) कुरंगो, मिगमातुका, रूरु, रंकु, (च) निको, (च) सरभा. ( दि मिगन्तरा ) ॥ १९ चमरी मृग ३ पियको, चमुरु, कदलि A. P. 12 Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०] अभिधानप्पदीपिका [२, ६२०-६२६ मिगा, (दि चम्पयोनयो )। पशु २ मिगा, (तु ) पसवो. ( सीहा दयो सब्बचतुप्पदा ) ॥ ६२० मर्कटिका ४ लूता, लूतिका, उण्ण नाभि, मक्कटको. (सिया )। वृश्चिक २ विच्छिको, ( त्वा-) लि ( कथितो) गृहकोलिका २ सरबू, घरगोलिका. ॥ २१ स्थलगोधिका २ गोधा, कुण्डो. ( प्यथो ) कण्णजलौका २ जलुका, सतपद्य. (-थ )। कलंदक २ कलंदको, काळका. (थ) नकुल २ नकुलो, मुंगुसो. ( भने ) ॥ २२ सरट २ ककण्टको, (च) सरटो. कीटादि क्षुद्रजन्तु ४ कीटो, (तु) पुळवो, किमि, । पाणको. ( चाप्यथो ) उच्चागोमयच्छत्रिका २ लिंगो. लोमसपाणको. ॥ २३ पक्षी १५ विहंगो, विहगो, पवित्र, विहंगम, खगा,-ऽण्डजा, । सकुणो, ( च ) सकुन्तो, (पि ) पतंगो, सकुणि, द्विजो, ॥ २४ वकंगो, पत्तयानो, (च) पतन्तो, नीळजो. (भवे )। पक्षिविशेष ११ ( तब्भेदा ) वदका, जीव जीवो, चकोर, तित्तिरा. ॥ २५ सालिका, करवीको, (च) रविहंसो, कुकुत्थको,। कारण्डवो, ( च ) पिलवो, योक्खरसातका. (-ऽऽदयो ) ॥ २६ पक्ष्मन् ७ पतन्तं, पेखुणं, पत्तं, पक्खो, पिञ्ज, छदो, गुरु.। Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [९१ २, ६२७-६३३] दुतियो भूकण्डो अंड १ अण्डं. (तु पक्खिबीजे थ) नाड २ नीळो, ( निस्थि ) कुलावकं. ॥२७ गरुडमाता १ ( सुपण्णमाता ) विनता. मिथुन १ मिथुनं. ( थी पुमद्वयं )। युगल ६ युगं, (तु ) युगलं, द्वन्दं, यमकं, यमलं, यम. ॥ २८ समूह २९ समूहो, गण, संघाता, समुदयो, ( च ) संचयो,। संदोहो, निवहो, ओघो, विसरो, निकरो, चयो, ॥ २९ कायो, खन्धो, समुदयो, घटा, समिति, संहती,। रासि, पुजो, समवायो, पूगो, जातं, कदम्बकं, ॥ ६३० ब्यूहो, वितान, गुम्बा, ( च ) कलापो, जाल, मण्डलं. । समानजात्यादिसमूह १ ( समानानं गणो ) वग्गो. जन्तुसमूह २ संघो, सस्थो. ( तु जन्तूनं ) ॥ ३१ ( सजातिकानं तु ) कुलं, एकस्वभावविशिष्ट १ निकायो. ( तु सधम्मिनं )। पशुपक्षिसमूह १ यूथो ( नित्थी सजातीय तिरच्छानानंमुच्चते ) ॥ ३२ गरुडपक्षी ४ सुपण्णो, वेनतेय्यो, (च) गरुळो, विहगाधिपो.। कोकिल ५ परपुट्ठो, परभातो, कुणालो, कोकिलो, पिको. ॥ ३३ मयूर ८ मोरो, मयूरो, वरिहि, नीलगीव, सिखण्डिनो,। कलापी, (च) सिखी, केकी. Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९२] मयूरशिखा २ मयूरपिच्छ ४ पिच्छचित्र २ भ्रमर ७ कपोत ४ गृध्र २ श्येनपक्षी ३ श्येनपक्षीविशेष १ पक्षिविशेष २ उलूक ४ अभिधानप्पीपिका [२, ६३४-६४१ चूळा, (तु च ) सिखा. ( भवे ) ॥३४ सिखंडो, बरिहं, (चेव ) कलापो, पिञ. (-मप्यथ)। चंदको मेचको. ( चाथ ) छप्पदो, (च) मधुब्बतो, ॥ ३५ मधुलीहो, मधुकरो, मधुपो, भमरो, अली.। पारापतो, कपोतो, (च) ककुटो, ( च ) पारेवटो. ॥ ३६ गिझो, गंडो. (थ) कुललो, सेनो, व्यग्घिनसो. ( प्यथ )। (तब्भेदा ) सकुणग्घी. (स्थि ) आटो, दब्बिमुखद्विजो. ॥ ३७ उहुंकारो, उलूको (च) कोसियो, वाघसारि, (च)। काको, ( स्व-)ऽरिट्ठो, धंको, ( च ) बलिपुट्ठो, ( च ) वायसो. ॥ ३८ काकोलो, वनकाको. (थ) लापो, लटुकिका. ( प्यथ )। वारणो. हस्थिलिंगो. ( च ) (हस्थिसोण्डविहंगमो)॥ ३९ उक्कुसो, कुररो, ( कोलद्विपक्खिम्हि च ) कुक्कुहो.। सुवो, (तु ) कीरो, (च) सुको. तम्बचूलो, (च) कुक्कुटो. ॥ ६४० वनकुक्कुटो, ( च ) निज्जिव्हो. ( अथ ) कोश्चा, ( च ) कुंतनी.। चक्कवाको, (तु) चक्कव्हो. सारंगो, ( तु च ) चातको. ॥ ११ काक ५ वनकाक २ लटुकी २ हस्तिशुंडपक्षी ३ कुरलपक्षी ३ कुक्कुट २ वन्यकुक्कुट २ कोंच २ चक्रवाक २ चातक २ Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ६४२-६४८] दुतियो भूकण्डो [९३ पक्षाबडाल २ तुलियो, पक्खबिळालो. सारस २ सतपत्तो, (तु ) सारसो.। बक २ बको, (तु ) सुक्ककाको. (थ) बलाका २ बलाका, बिसकण्ठिका. ॥ ४२ कंक २ लोहपिट्ठो, ( तथा ) कंको. खंजन २ खंजरीटो, (तु) खंजनो.। चटक २ कलविंको, तु) चटको. दिन्दिभ २ दिन्दिभो, (तु ) किकी. ( भवे ) ॥ ४३ कालहस २ कादम्बो, कालहंसो (थ) शकुन्तपक्षी १ सकुन्तो. ( भासपक्खिनि)। कलिंगपक्षी २ धूम्याटो, (तु ) कलिंगो. (थ) कालकण्टक २ दात्यूहो, कालकंटको. ॥ ४४ मधुमक्षिका २ खुद्दा, (-ऽऽदि मक्खिका भेदा ) पिंगलमक्षिका २ डंसो, पिंगलमक्खिका. । मक्षिकाण्ड २ आसाटिका. ( मक्खिकाण्ड ) शलभ २ पटंगो, सलभो. ( भवे ) ॥ १५ मशक २ सूचिमुखो, (च) मकसो. झिल्लिक २ चीरी, (तु) झल्लिका. ( थच )। जतुका २ जतुका, जिनप्पत्ता. (थ) हंस २ हंसो, सेतच्छदो. ( भवे ) ॥ ४६ राजहंस १ (ते ) राजहंसा. ( रत्तेहि पादतुण्डेहि भासिता )। मलिनकायहंस १ मालिका. (ऽऽख्या ) धतरहा. ( मालिने हसिते हि च )॥ ४७ तिर्यग् २ 'तिरच्छो, (तु ) तिरच्छानो. (तिरच्छानगते सिया ) ॥४८ । सीहादिवग्गो। ॥ अरमादिवग्गो ॥ Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४] अभिधानप्पदीपिका [२, ६४९-६५५ नागलोक ४ अधोभुवन, पातालं, नागलोको, रसातलं.। छिद्र ९ रन्धं, (तु ) विवरं, छिई, कुहरं, सुसिरं, बिलं, ॥ ४९ सुसी, ( स्थी ) जिग्गलं, सोभं. ( सच्छिद्दे सुसिरं तिसु)। गव्हर २ (थियन्तु ) कासु, आवाटो. वासुकी २ सप्पराजा, ( तु ) वासुकी. ॥ ६५० नागराज २ अनन्तो, नागराजा. (थ) अजगरसर्प २ वाहसो, जगरो. ( भवे )। सर्पविशेष २ गोनसो, (तु ) तिलिच्छो. (थ) राजुलसर्प २ देड्डभो, राजुलो. ( भवे ) ॥ ५१ मेरुपादस्थितनाग २ कंबलो, ऽस्सतरो. ( मेरु पादे नागा थ ) धम्मनी, । गृहसर्प ३ सिलुत्तो, घरसप्पो. ( थ.) नीलसर्प २ नीलसप्पो, सिलाभु. ( च ) ॥ ५२ सर्प १९ आसिविसो, भुजंगा, ऽहि, भुजगो, (च) भुजंगमो, । सिरिसपो, फणी, सप्पा, ऽलगद्दा, भोगि, पन्नगा, ॥ ५३ द्विजिव्हो, उरगो, वाळो, दीघो, ( च ) दीघपिट्टिको,। पादूदरो, विसधरो. सर्प शरीर १ भोगो. ( तु फणिनो तनु ) ॥ ५४ सर्प विषदंत १ आसी, ( स्थी ) सप्पदाढा. ( 2 ) सर्प कञ्चुक २ निम्मोको, कंचुको. ( समा )। विष २ विसं, ( स्वनित्थी ) गरळं. विषविशेष २ ( तब्भेदा वा ) हलाहलो, ॥ ५५ काळकूटा, ( दयो चाथ ) Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ६५६-६६२] अहितुण्डिक २ निरय २ अष्ट महानरक वैतरणी नदी २ निरयपाल २. निरयस्थप्राणी २ सागर ७ दुतियो भूकण्डो [९५ वाळगाय्ह,-हितुण्डिको.। निरयो, दुग्गती. ( स्थी च ) ( नरको सो महादृधा ) ॥ ५६ संजीवो, काळसुत्तो (च) महारोरुव, रोरुवा,। पतापनो, अवीचि, ( स्थी) संघातो, तपनो. ( इति ) ॥ ५७ ( थियं ) वेतरणी, लोह-- कुम्भी, ( तत्थ जलासया)। कारुणिको, निरयपो. नेरयिको, (तु ) नारको. ॥ ५८ अण्णवो, सागरो, सिंधु, समुद्दो, रतनाकरो,। जलनिध्यु,- दधी. ( तस्स भेदा ) खीरण्णवा. (-दयो ) ॥ ५९ वेला. (ऽस्स कूलदेसो थ ) आवट्टो, सलिलब्भमो.। थेवो, (तु ) बिंदु, फुसितं. भमो. ( तु जलनिग्गमो ) ॥ ६६० आपो, पयं, जलं, वारि, पानीयं, सलिलं, दकं, अण्णो, नीरं, वनं, वालं, तोय, मम्बू,- दकं, (च) कं. ॥ ६१ तरंगो, ( च तथा ) भंगो, ऊमि, वाचि. ( पुमिस्थियं )। उल्लोलो, (तु च ) कल्लोलो. ( महावीचीसु कथ्यते) ॥ ६२ जंबोलो, कललं, पंको, चिक्खलं, कहमो. ( प्यथ )। क्षीर समुद्र १ समुद्रकूल १ आवर्त २ बिंदु ३ जलनिर्गमनपथ १ जल १५ तरंग १ महोी २ पंक ५ Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९६] अभिधानप्पदीपिका [२, ६६३-६६९ वालभूमि ६ द्वीप २ तट ५ दूरवर्ती तीर १ निकटवर्ती तीर २ प्लव ५ तरणी ३ कूपस्तंभ २ मत्स्यबंध २ कर्णधार २ अरित्र २ नियामक २ सांयात्रिक १ पुलिनं, वालुका, वण्णु, मरू,-रु, सिकता. ( भवे ) ६३ अन्तरीपं, (च) दीपो. (वा जलमज्झगतं थल )। तीरं, (तु ) कूलं, रोध, (च) पतरिं, (च) तट. (तिसु ) ॥ ६१ पारं, ( परम्हि तीरम्हि ) ओरं, ( स्व-) पार, (-मुच्चते )। उठ्पो, (तु) प्लवो, कुल्लो, तरो, (च) पच्चरी. (त्थिय ) ॥ ६५ तरणी, तरि, नावा. (च) कूपको, (तु च ) कुंभकं. मच्छाबंधो, गोटविसो. कण्णधारो, (तु) नाविको. ॥ ६६ आरितं, केनिपातो. (थ) पोतवाहो, नियामको.। संयत्तिका. (तु नावाय वानिजमाचरन्ति ये ) ॥ ६७ ( नावायंगा ) लकारो, (च) वटाकारो, पिया. (दयो । पोतो, पवहणं. (वृत्तं) दोणी, (स्विस्थी तथा-)ऽम्मणं. ॥ ६८ गभीर, निन्न, गम्भीर. ( थो) त्तानं. ( तब्बिपक्खके )। अगाधं, ( त्व-) तलम्पस्सं. अनच्छो, कळुसा,-विला. ॥ ६९ अच्छो, पसभो, विमलो. ( गभीरप्पभुती तिसु)। धीवरो, मच्छिको, मच्छ नौकांगविशेष ३ नौकाविशेष ३ द्रौणी २ गंभीर ३ उत्तान १ अतलस्पर्शी २ मालन ३ निर्मल ३ धीवर ५ Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ६७०-६७७] दुतियो भूकण्डो बन्ध, केवट्ट, जालिंका. ॥ ६७० मत्स्य ६ मच्छो, मीनो, जलचरो, पुथुलोमो,ऽम्बुजो, झसो.। मस्स्यविशेष १३ रोहितो, मग्गुरो, सिंगी, वलजो, मुंज, पावुसा, ॥ ७१ सतवंको, सबको, (च) नलमीनो, ( च ) गंडको,। सुसुका, सफरी, (मच्छ प्पभेदा ) मकरा. (-दयो ) ॥ ७२ महामत्स्य ७ ( महामच्छा ).तिमि, तिमि-- ङ्गलो, तिमिरपिंगलो,। आनन्दो, ( च ) तिमिन्दो, ( च ) अज्झारोहो, महातिमि. ॥ ७३ पाषाणमत्स्य २ पासाणमच्छो, पाठीनो. बडिश २ वंको, (तु ) बळिसो. ( भवे )। कुंभीर ३ सुंसुमारो, (तु ) कुंभीलो, कूर्म २ नक्को. कुम्मो, (तु ) कच्छपो. ॥ ७४ कर्कटक २ कक्कटको, कुळीरो. (च) जलौका २ जलूका, (तु च ) रत्तपा. । भेक ३ मण्डूको, दद्दरो, भेको. केंच २ गण्डुप्पादो, महीलता. ॥ ७५ शुक्ति २ ( अथ ) सिप्पी, (च) सुत्ति. (वी) शंख २ संखो, कम्बु. ( मनिस्थियं )। क्षुद्रशंख २ खुद्दसंखो, संखनखो. शंबुक २ जलसुती, (च) सम्बुको. ॥ ७६ जलाशय २ जलासयो, जलाधारो. ( गम्भीरो) रहदो. ( स च )। कूप २ उदपानो, पानकूपो. पुष्करिणी २ खातं, पोक्खरणी. (स्वियं)॥ ७७ A.P. 13 Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नदी ६ ९८] अभिधानप्पदीपिका [२, ६७८-६८४ सरोवर ६ तळाको, ( च ) सरो, ( निस्थी) वापी, ( च ) सरसी, (स्थिय )। दहो,ऽम्बुजाकरो. ( चाथ ) क्षुद्रसरोवर १ पल्ललं. ( खुद्दको सरो)॥ ७८ सप्त महासर अनोतत्तो, ( तथा ) कण्ण मुण्डो, (च) रथकारको, । छदन्तो, (च) कुणालो, (च) ( वुत्ता ) मंदाकिणी, (थियं) ७९ ( तथा ) सीहप्पपातो. (ति एते सत्त महासरा )। निपान २ आहावो, (तु )निपानं. (चा-) स्वाभाविक जलाशय २ ऽखातं, (तु ) देवखातकं. ॥ ६८० सवन्ती, निन्नगा, सिन्धु, सरिता, आपगा, नदी.। गंगा २ भागीरथी, (तु ) गंगा. (थ) नदी संगमस्थल २ संभेदो, सिंधुसंगमो. ॥ ८१ पंच महानदी गंगा, चिरवती (चेव) यमुना, सरभू, मही.। (इमा महानदी पंच) नदीविशेष चन्दभागा. सरस्सती. ॥ ८२ नेरजरा. ( च ) कावेरी. नम्मदा. ( -दी च निन्नगा)। पयः प्रणाली २ चारिमग्गो, पणाली. (स्थी) ग्रामद्वारेस्थित- (पुमे ) चंदनिका, (तु च ) ॥ ८३ क्षुद्रजलाशय ३ जम्बालि, ओलिगल्लो, (च गामद्वारम्हि कासयं)। पद्म १२ सरोरुह, सतपतं, अरविन्दं, (च) वारिज, ॥ ८४ ( अनिस्थी ) पदुमं, पंके Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २, ६८५-६९०] दुतियो भूकण्डो रुहं, नलिन, पोक्खरं,। मूळाल पुप्फ, कमलं, भिसपुप्फं, कुसेसयं. ॥ ८५ श्वेतपद्म १ पुण्डरीकं, (सितं; रत्तं-) रक्तवर्णपद्म २ कोकनदं, कोकासको.। पद्मरेणु २ किञ्जक्खो, केसरो. ( निस्थि ) पननाल २ दण्डो, (तु) नाल. (-मुच्चते) ॥ ८६ पद्ममूल २ भिसं, मुळालो. ( नित्थी च) बीजकोष २ बीजकोसो, (तु ) कणिका. । ( पदुमादि समूहे तु पाषण्ड भवे ) सण्ड. (-मनिस्थियं)॥ ८७ उत्पल २ उप्पलं, कुवलयं. (च) नीलवर्णपद्म १ (नालं स्वि--) न्दीवरं. ( सिया)। श्वेतकुमुद १ (सेते तु ) कुमुदं. ( चस्स सालक १ कन्दो) सालुक. (-मुच्चते ॥ ८८ श्वेत कुमुदपुष्प ३ सोगंधिकं, कल्लहारं, दकसीतलिकं. ( प्यथ )। शैवल २ सेवालो, नीलिका. ( चाथ ) अम्बुजिनी २ भिसन्य,-म्बुजिनी. ( भवे ) ॥ ८९ शेवाल विशेष ३ ( सेवालो ) तिलबाज, (च) संखो, (च) पणका. (-दयो)॥६९० । पातालवग्गो। ॥ निहितो दुतियो भूकण्डो॥ Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ततियो सामञकण्डो॥ ॥ विसेस्साधीनवग्गो॥ सौंदर्य १८ (विसेस्साधीनसंकिण्णा-) नेकत्थे हव्ययहि च । सांगोपांगेहि कथ्यन्ते कण्डे वग्गा इहक्कमा ॥ ६९१ गुणदब्ब क्रिया सदा सियु सब्बे विसेसना । विसेस्साधीनभावेन विसेस्स समलिंगिनो ) ॥ ९२ सोभनं, रुचिरं, साधु, मनुज, चारु, सुंदरं,। वग्गु, मनोरमं, कन्त, हारि, मञ्ज (च) पेसलं, ॥ ९३ भदं, वाम, (च) कल्याणं, मनापं, लद्धक, सुभं.। उत्तमो, पवरो, जेट्ठो, पमुखा,- ऽनुत्तरो, वरो, ॥ ९१ मुरयो, पधानं, पामोक्खो, पर, मग्गज,-मुत्तरं,। पणीतं, परमं, सेय्यो, गामणी, सेट्ट, सत्तमा, ॥ ९५ विसिट्ठा-,ऽऽरिय, नागो,-को,सभ, ऽग्गा, मोक्ख, पुंगवा, । (सीह, कुञ्जर, सद्ला . उत्तम २९ Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१] संतोषकर २ प्रिय ६ शून्य ३ असार २ पवित्र ३ अविरुद्ध २ उत्कृष्ट २ निकृष्ट ११ अभिधानप्पदीपिका [३, ६९६-७०३ दी तु समासगा पुमे ) ॥ ९६ (चित्त क्खि पति जनन-) मव्यासेक,- मसेचनं.। इ8, (तु ) सुभगं, हज़, दयितं, वल्लभं, पियं. ॥ ९७ तुच्छं, ( च ) रित्तकं, सुझं. ( अथा ) ऽसारं, ( च ) फेग्गु. ( च )। मेज्झं, पूतं, पवित्तो. ( थ ) अविरुद्धो, अपण्णको. ॥ ९८ उक्कट्ठो, (च) पकट्ठो. (थ) निहीनो, हीन, लामका,। पतिकिट्ठ, निकिटं, (च) इत्तरा, ऽवज, कुच्छिता, ॥ ९९ अधमो,- मक, गारव्हा. मलिनो, (तु ) मलीमसो.। ब्रहा, महन्तं, विपुलं, विसालं, पुथुलं, पुथु, ॥ ७०० गरू,- रु, वित्थिण्ण. (-मथो ) पनि, थूलं, ( च ) पविरं, । थुल्लं, (च) वठरं. (चाथ ) आचितं, निचितं. ( भवे ) ॥ ७०१ सब्बं, समत्त,-मखिलं, निखिलं, सकलं, ( तथा )। निस्सेसं, कसिणा, ऽसेस, समग्गं, (च) अनूनकं. ॥ ७०२ भूरी, पहूतं, पचुरं, भीय्यो, संबहुलं, बहु,। येभुय्यं, बहुलं. ( चाथ ) बाहिरं, परिबाहिरं. ॥ ७०३ मलिन २ बृहत् ९ स्थूलाकार ५ गृहति २ समुदाय १० प्रचुर ८ बाछ २ Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ७०४-७१०] ततियो सामञ्चकण्डो [१०२ शताधिक परोसता, (दि ते येस परम्मत्तं, सतादितो)। अल्प १३ परितं, सुखुमं, खुदं, थोकं, अप्पं, किसं, तनु, ॥ ७०४ चुल्लं, मत्ते, (-स्थियं ) लेस, लवा,-णु, (हि ) कणो. ( पुमे))। निकट १३ समपिं, निकटा, सन्नो, पकट्ठा,ऽभ्यास, सन्तिकं, ॥ ७०५ अविदूरं, ( च ) सामन्तं, सन्निकट्ठ,-मुपन्तिकं,। सकासं, (चा-) न्तिकं, अत्तं. । दूरं, (तु ) विप्पकट्ठकं. ॥ ७०६ निरन्तर ३ निरन्तरं धनं, सन्दं. विरल ३ विरळं, पेलवं, तनु.। सुदीर्घ २ ( अथा-)ऽऽयतं, दीघं. (-मथो ) गोल ३ नित्तलं, वट्ट, वट्ठलं. ॥ ७०७ उच्च ५ उच्चो, (तु ) उण्णतो, तुंगो, उदग्गो, ( चेव ) उच्छितो. । नीच ३ नीचो, रस्सो, वामनो. (थ) सरल ३ अजिम्हो, पगुणो, उजु. ॥ ७०८ वक्र ६ अळारं, वेल्लितं, वंकं, कुटिलं, जिम्ह, कुञ्चितं.। ध्रुव ५ धुवो, (च) सस्सतो, निचो. सदातन, सनन्तना, ॥ ७०९ अपरिवर्तनशील १ कूटट्ठो. ( त्वेकरूपेन कालव्यापी पकासितो)। क्षुल्लक २ लहु, सल्लहुकं. (चाथ ) संख्यात ३ संख्यातं, गणितं, मितं. ॥ ७१० तीक्ष्ण ३ तिण्हं, (तु ) तिखिणं, तिब्बं, Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उग्र ३ गतिशील १ कम्पन २ अतिरिक्त २ स्थावर १ चंचल ४ पुरातन ? नूतन कर्कश ५ अन्तिम ७ अभिधानप्पदीपिका [३, ७११-७१७ चण्डं, उग्गं, खरं. ( भवे ) जंगमं, (च) चरं, (चेव) तसं, (अय्यं ) चराचरं. ॥ ११ कम्पनं, चलनं. (चाथ ) अतिरित्तो, ( तथा-)ऽधिको.। थावरो. ( जंगमा अजो ) लोलं, (तु ) चंचलं, चलं, ॥ १२ तरलं. ( च ) पुराणो, (तु) पुरातन, सनन्तना,। चिरन्तनो. (थ) पञ्चग्यो, नूतनो, ऽभिनवो, नवो. ॥ १३ कुरूर, कठिनं, दळ्हं, निठुरं, कक्खलं. ( भवे )। ( अनिस्थ्य-) न्तो. परियन्तो, पन्तो, ( च ) पच्छिमा,-न्तिमा, ॥ १४ जिघनं, चरिमं. पुब्ब, ( स्व-) गं, पठमं,-मादि. ( सो)। पतिरूपो,ऽनुच्छविकं. ( अथ ) मोघं, निरस्थकं. ॥ १५ व्यत्तं, फुट. ( च ) मुदु, (तु) सुकुमारं, (च) कोमलं. । पच्चक्खं, (इन्द्रियग्गय्हं ) अपञ्चक्ख. (- मनिन्द्रियं ) ॥१६ इतरा,- अतरो, एको, अज्ञो . बहुविधो, (तु च )। नानारूपो, (च) विविधो. अबाधं, (तु ) निरग्गलं. ॥ १७ ( अथे-) काकी, (च) एकचो, एको, ( च ) एकको ( समा )। पूर्व ४ उपयुक्त २ निष्फल २ व्यक्त २ कोमल ३ प्रत्यक्ष १ अप्रत्यक्ष १ अपर १ नानाविध ३ बाधाशून्य २ असहाय १ Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ७१८-७२४ ] ततियो सामञ्चकण्डो [१०४ साधारण २ साधारणं, (च) सामनं. अप्रशस्त समय २ सम्बाधो, (तु च ) संकटं. ॥ १८ वामांग १ ( वाम कलेवरं ) सव्यं. दक्षिणांग १ अपसव्यं. (तु दक्खिणं )। प्रतिकूळ २ पटिकूलं, (त्व-) पसव्यं. दुष्प्रवेश २ गहनं, कलिलं. ( समा ) ॥ १९ अनेकप्रकार २ उच्चावचं, बहुभेदं. निरंतर व्याप्त ३ संकिण्णा,-किण्ण, संकुला.। सुदक्ष ११ कतहत्थो, ( च ) कुसलो, पर्वाणा,-भिञ्ज, सिक्खिता, ॥ ७२० निपुणो, ( च ) पटु, ( च ) छेको, चतुरो, दक्ख, पेसला. । निर्बोध ७ बालो, दत्तु, जलो, मूळहो, मन्दो,- ऽवि, ( च ) बालिसो. ॥ २१ पुण्यवान् ३ पुजवा, सुकती, धो. अत्यंत अध्यवसायी २ महुस्साहो, महाधिति. । महेच्छावान् २ महातण्हो, महिच्छो, ( थ ) सदन्तःकरणविशिष्ट २ हदयी, हदयालु. ( च ) ॥ २२ आनन्दित २ सुमनो, हट्ठचित्तो. ( थ ) दुःखित २ दुम्मनो, विमनो. ( प्यथ )। वदान्य ३ वदानीयो, वद, (च) दानसोण्डो. (बहुप्पदे ) ॥ २३ विख्यात १० व्यातो, पतीतो, पता, भिजाता, पथितो, सुतो, विस्सुतो, विदितो, ( चेव) पसिद्धो, पाकटो. ( भवे ) ॥ २१ प्रभु १२ इस्सरो, नायको, सामि, पती,- ऽसा,-धिपति, पभू, अय्या,-ऽधिपा,-ऽधिभू, नेता. Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ७२५–७३१ ] धनाढ्य ३ दाना २ स्नेहशील २ परीक्षक २ आसक्त २ दयाशील ३ - उद्योगी पुरुष १ दीर्घसूत्री २ पराधीन २ अधीन ४ स्वाधीन १ अविमृष्यकारी १ लोलुप १ लुब्ध ३ अनिपुण व्यक्ति १ कामुक ५ मदमत्त १ सत्यरक्षक ३ प्रतिभाशाली २ भीरु २ अधीर २ हिंसक २ क्रोधनशील ३ अत्यंत क्रुद्ध २ क्षमाशील ५ A. P. 14 अभिधानप्पदीपिका [ १०५ इब्मो, (स्व - ) ऽड्ढो, ( तथा ) धनी ॥ २५ दानारहो, दक्खिय्यो. सिमिद्धो, ( तु च ) वच्छलो । परिक्को, कारणिको. आसत्तो, ( तु च ) तप्परो. ॥ २६ कारुणिको, दयालु, (पि) सूरतो, उस्सुको. ( तु च । इथे उय्युतो; चाथ ) दधिसुत्तो, चिरक्रियो ॥ २७ पराधीनो, परायत्तो. आयत्तो, ( तु च ) सन्तको, । परिग्गहो, अधीनो. (च ) सच्छन्दो. ( तुच सेरिनि ) ॥ २८ ( अनिसम्मकारी ) जम्मो. ( अतितहो तु ) लोलुपो. । गिद्धो, (तु) लुद्धो, लोलो. (थ ) कुण्ठो ( मंदो क्रियासु हि ) ॥ २९ कामयिता, (तु) कमिता, कामनो, कामि, कामुका. । सोण्डो. ( मत्ते ) विधेय्यो, (तु) अस्सवो, सुब्बचो (समा ) ॥ ७३० पगन्भो, पटिभायुक्तो. ( भिसीले ) भीरु, भीरुको. । अधीरो, कातरो. ( चाथ ) " हिंसासीलो (च ) घातुको || ३१ कोधनो, रोसनो, कोपी, चण्डो, (त्व - ) ऽच्चन्त को धनो । सहणो, खमणो, खन्ता, Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ततियो सामञ्चकण्डो [३, ७३२-७३८ तितिक्खावा, ( च ) खन्तिमा, ।। ३२ श्रद्धायुक्त २ सद्धायुत्तो, (हि ) सद्धालू. ध्वजावान् २ धजवा, (तु ) धजालु. (च)। निद्राशील २ निदालु, निदासीलो. (थ) दीप्तिशालि २ भस्सरो, भासुरो. ( भवे ) ॥ ३३ नग्न ३ नग्गो, दिगंबरो,- ऽवत्थो. भोक्ता २ घस्मरो, (तु च ) भक्खको.। श्रवणवाक्शक्तिरहित १ एळमूगो, (तु वत्तुश्च सोतुश्चाकुसलो भवे ) ॥ ३४ मुखर ३ मुखरो, दुम्मुखा,- बद्ध मुखो. ( चाप्पिय वादिनी)। वाचाल १ वाचालो. ( बहुगारव्हवक्ता २ वचो ) वत्ता, ( तु सो ) वदो. ॥ ३५ स्वकीय ३ निजो, सको, अत्तनियो. विस्मय २ ( विम्हये--) ऽच्छरियो,- ऽब्भुता. । व्याकुल २ विहत्थो, व्याकुलो. ( चाथ ) आततायी २ आततायि, वधुद्यतो. ॥ ३६ वधार्ह व्यक्ति १ ( सीसच्छेज्जम्हि ) वज्झो. (थ) कूटबुाद्ध ३ निकतो, (च) सठा,-ऽनुजु. कुपरामर्षदाता ३ सूचको, पिसुणो, कण्णप्रतारक २ जपो. धुत्तो, (तु) वंचको. ॥ ३७ ( अनिसम्म हि यो किच्चं, पुरिसो वधबंधनादिमाचरति.। अविनिच्छितकारिता सो खलु ) चपलो (ति विनेय्यो ) ॥ ३८ कृपण ५ खुद्दो, कदरियो, थद्ध, मच्छरी, कपणो. ( प्यथ )। दरिद्री ५ अकिंचनो, दळिद्दो, (च) Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ७३९-७४५] अभिधानप्पदीपिका [१०७ दीनो, निद्धन, दुग्गता. ॥ ३९ काकतालीय १ ( असम्भावित सम्पत्तं) काकतालीय. (-मुच्चते)। याचक ४ ( अथ ) याचनको, अस्थी, याचको, (च ) वणिब्बको. ॥ ७४० अण्डजप्राणी १ अण्डजा. ( पक्खि सप्पादि ) जरायुज १ (नरादी तु) जलाबुजा. । स्वेदज १ सेदजा. ( किमि डंसादी) औपपातिक १ ( देवादित्वो-) पपातिका. ॥ ४१ जानु प्रमाण १ जण्णुतग्घो. ( जण्णुमत्ते) तदपेक्षा किंचिदून १ कप्पो. (तु किंचिदूनके )। अन्तर्गत ३ ( अन्तरंगते तु ) परिया पन्नं. अन्तोगधो,- ऽगधा. ॥ ४२ पूर्णकृत २ राधितो, साधितो. ( चाथ) अतिशय पक २ निप्पकं, कठितं. ( भवे )। विपदापन्नो १ आपन्नो. ( स्वापदम्पत्तो ) अवश २ विवसो. ( स्व-) ऽवसो. ( भवे ) ॥ ४३ निक्षिप्त ६ नुण्णो, नुत्ता,- ऽत्त, खित्ता, (चे- ) कंपित ४ ऽरिता,-ऽविद्धा. ( 2 ) कम्पितो, । धूतो, आधूत, चलिता. निशित २ निसितं, (तु च ) तेजितं, ॥ ४४ प्राप्तव्य ३ पत्तब्वं, गम्म,-मासज्जं. पक २ पकं, परिणतं. ( समा)। आवृत ५ वेठितं, (तु ) वलयितं, रुद्धं, संवुत,-मावुतं. ॥ ४५ वेष्टित २ परिक्खित्तं, ( च ) निवुतं. विस्तृत ३ विसर्ट, वित्थतं, ततं.। लिप्त २, गूढ २ लित्तो, (तु) दिद्धो. गूळहो, (तु) Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८] पोषित २ लज्जाप्राप्त २ शब्दित २ बद्ध ५ निष्पन्न २ विदारित २ आच्छादित १ वेधित २ आनीत ३ कष्टसहिष्णु २ शान्त २ पूर्ण २ पूजित ७ ततियो सामञकण्डो [३, ७४६-७५२ गुत्तो. पुट्ठो, (तु ) पोसितो. ॥ ४६ लज्जितो, हीळितो. ( चाथ) सनित, धनितं. ( प्यथ )। संदानितो, सितो, बद्धो, कीलितो, संयतो. ( भवे ) ॥४७ ( सिद्धे ) निप्फन्न, निब्बत्ता. ( दारिते ) भिन्न, भेदिता. । छन्नो. ( तुच्छादितो चाथ ) ( विद्धो ) छिदित, वेधिता. ॥ ४८ आहटो, आभता,ऽनीता. दन्तो, (तु ) दमितो. ( सिया )। सन्तो, (तु ) समितो. (चेव ) पुण्णो, (तु) पूरितो. ( भवे ) ॥ १९ अपचायितो, (च) महितो, पूजिता,ऽरहिता,ऽच्चिता,। मानितो, ( चा ) ऽपचितो. ( च ) तच्छितं. (तु तनूकते ) ॥ ७५० सन्तत्तो, धूपितो. ( चो-) पचरितो, (तु) उपासितो. । भट्ट, (तु ) गलितं, पन्नं, चुतं, (च) धंसितं. ( भवे ) ॥ ५१ पीतो, पमुदितो, हट्ठो, मत्तो, तुट्ठो. ( थ ) कन्तितो, । संछिन्नो, लूण, दाता. ( थ) पसत्थो, वण्णितो, थुतो. ॥ ५२ तिन्तो.- ऽल्ला,-ऽह, किलिन्नो,-न्ना, माग्गितं, परियेसितं, । अन्वेसितं, गवेसितं, सूक्ष्मीकृत १ सन्तप्त २ उपासित २ भ्रष्ट ५ प्रमुदित ५ छिन्न ४ प्रशंसित ३ आर्द्र ५ अन्वेषित ४ Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ७५३–७५८ ] लब्ध २ रक्षित ७ त्यक्त ४ कथित ११ अवमानित ४ क्षुधित : ज्ञात ६ भक्षित ६ विशुद्धकर्म १ अभिरति १ विदारण ३ अभिधानपदीपिका लद्धं, (तु) पच. (मुच्चते ) ॥ ५३ रक्खितं, गोपितं, गुप्तं, तातं. गोपायिता, -ऽविता, । पालित. ( - मथ ) वोस्सहं, चत्तं, हीनं, समुज्झितं. ॥ ५४ भासितं, लपितं, वुत्ता, - ऽभिहिता, ख्यात, जपिता, । उदीरितं, ( च ) कथितं, गदितं भणितो, -ऽदिता ॥ ५५ · 2 अवनिता, वगणिता, परिभूता - ऽवमानिता । जिघच्छितो, (तु) खुदितो, छातो, ( चेव ) बुभुक्खितो. ॥ ५६ ( अय्यं लिंगमिश्चापि पञ्चयत्थवसेन च ) । क्रिया, (तु) किरियं, कम्मं. सन्ती, ( तु ) समथो, समो . । क्रिया ३ शान्ति ३ तपक्षसहिष्णुता ३ दयो, (च) दमथो, दत्ती. वतं. ( तु सुद्धकम्मनि ) । ( अथो आसंगवचनं बुद्धं, जातं, पटिपन्नं, विदिता, -ऽवगतं मतं. गिलितो, खादितो, भुत्तो, " भक्खिता, ऽज्झो हटा, - ऽसिता ॥ ५७ " || विसेस्साधन वग्गो ॥ तीसु वृत्तं ) परायणं ॥ ५८ भेदो, विदारो, पुटनं. [ १०९ Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११०] ततियो सामञकण्डो [३, ७५९-७६५ संतोष २ तप्पनं, (तु च ) पणिनं. । अभिशाप २ अक्कोसन,- मभिस्संगो. भिक्षा ३ भिक्खा, (तु ) याचना, स्थना. ॥ ५९ इच्छा १ (निन्निमित्तं ) यदिच्छा. ( था-) आपृच्छा ३ ऽऽपुच्छना,- ऽनन्दनानि, ( च )। न्याय २ सभाजन, (-मथो ) आयो, स्फाति १ नये. फाति. ( तु वुद्धियं ) ॥ ७६० ग्लानि २ किलमथो, किलमनं. गर्भविमोचन १ पसवो. ( तु पसूतियं)। आधिक्य २ उक्सो , ( त्व-) ऽतिसयो. (थ) जय ३ जयो, ( च ) जयनं, जिति.॥ ६१ कान्ति २; वेध १ वसो, कन्ति. व्यधो. ( वेधो ) ग्रहण १; वरण २ गहो. (गाहे ) वरो, वुति. । पाक १: आव्हान २ पचो. ( पाके ) हवो. हति. वेदन २ वेदो, वेदन. (-मिस्थि वा) ॥ ६२ जीर्णता १; रक्षण १ ( जीरणे ) जाति. ( ताणे तु ) निश्चयज्ञान २ रक्खणं. पमिति,-प्पमा.। परस्परमिलन २ सिलेसो, सन्धि, ( च ) खयो, अपचय २; रव १ (स्व-)ऽपचयो. ( रवे ) रणो. ॥ ६३ शब्द १, दर्प १ निगादो . ( निगदे ) मादो. बंधन १ ( मदे ) पसिति. ( बंधने )। इंगिताकार ३ आकारो, (वि-) गितं, इंगो. व्यय १ ( अथ स्थापगमे ) व्ययो. ॥ ६४ अन्तरायो, ( च ) पच्चूहो. विकार २ विकारो. ( च ) विकत्य. (-पि )। दुरवस्था २ पविस्सिलेसो, विधुरं. उपवेशन २ उपवेसन,- मासनं. ॥ ६५ अभिप्राय ७ अज्झासयो, अघिप्पायो, विघ्न २ Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मर्दन २ ३, ७६६-७७२ ] अभिधानप्पदीपिका [ १११ आसयो, ( चा-) ऽभिसंधि, (च)। भावो,- ऽधिमुत्ति, छन्दो. ( 2 ) उपद्रव २ दोसो, आदीनवो. ( भवे ) ॥ ६६ गुण २ आनिसंसो, गुणो. ( चाथ ) मध्य २ मज्झं, वेमज्झ, (-मुच्चते )। मध्यान्हसमय २ मज्झन्तिको, (तु ) मज्झण्हो. संभ्रम २ वेमत्तं, ( तु च ) नानता. ॥ ६७ जागरण २ ( वा ) जागरो, जागरियं. प्रवाह २ पवाहो, (तु )पवत्ति. ( च )। प्रपंच ३ व्यासो, पपंचो, विस्थारो. इंद्रियसंयम ३ यामो, (तु ) संयमो, यमो. ॥ ६८ संवाहणं, मद्दनं. (च) प्रसार २ पसरो, ( तु ) विसप्पनं.। परिचय २ सन्थवो, (तु ) परिचयो. संमलिन २ ( मेलके ) संग, संगमा. ॥ ६९ सन्निधान १ सन्निधि. ( सन्तिकट्ठम्हि ) अदर्शन २ विनासो, (तु ) अदस्सनं. । धान्यादि छेदन ३ लवो,- ऽभिलावो, लवनं. अवसर २ पस्थावो,- ऽवसरो. ( समा ) ॥ ७७० अवसान २ ओसानं, परियोसानं, अतिशय २ उकंसो,- ऽतिसयो. ( भवे )। संस्थिति २ सन्निवेसो, ( च ) सण्ठानं, अभ्यन्तर २ ( अथा-) ऽब्भन्तर,-मन्तरं. ॥ ७१ आश्चर्यदृश्य ३ पाटिहीरं, पाटिहेरं, पाटिहारिय. (-मुच्चते )। कर्तव्य कर्म २ किच्चं, (तु ) करणीय. ( च ) वासना २ संखारो, वासना. ( भवे ) ॥ ७२ पावन ३ पावनं, पव, निप्पावा. Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२] सूत्रवेष्टन २ संक्रम १ उपक्रम २ पठन २ अन्वेषण २ आलिंगन ४ दर्शन ४ ततियो सामञ्अकण्डो [३, ७७३-७८१ तसरो, सुत्तवेठनं.। संकमो. ( दुग्गसंचारे ) पक्कमो, (तु ) उपक्कमो. ॥ ७३ (पाठे) निपाठो, निपठो. विचयो, मग्गना, (ऽपुमे )। आलिंगनं, परिसंगो, सिलेसो, उपगृहणं. ॥ ७४ आलोकनं, (च) निशानं, इक्खन, दस्सनं. ( प्यथ)। पञ्चादेसो, निरसनं, पञ्चक्खानं, निराकति. ॥ ७५ विपल्लासो,- ऽजथाभावो, व्यत्तयो, ( च ) विपरिययो, । विपरियासो. तिक्कमो, ( त्व-) ऽतिपातो. उपच्चयो. ॥ ७६ ॥ संकिण्णवग्गो॥ खण्डन ४ विपर्यास ५ अतिक्रमण ३ Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ७७७-७८८ ] समय वण्ण उपोसथ चक्क ब्रह्मचरिय धम्म अस्थ केवल गुण भूत अभिधानपदीपिका || अनेकत्वग्गो || --- ( अनेकत्थे पवक्खामि गाथद्ध पादतो कमा । एत्थ लिंगविसेसत्थमेकस्स पुनरुत्तता ) ॥ ७७७ समयो. ( समवाये च समूह कारणे खणे । पटिवेधे सिया काले पहाणे लाभदासु ) || ७८ वण्णो. ( सण्ठानरूपेसु जातिच्छविसु कारणे । पमाणे च पसंसायं अक्खरे च यसे गुणे ) ॥ ७९ ( उसे पातिमोक्खस्स पण्णत्तयं ) उपोसथो । ( उपवासे च अहंगे उपोसथ दिने सिया ) ॥ ७८० ( रथंगे लक्खणे धम्मोऽरचक्के स्विरियापथे ) | चक्कं. ( संपत्तियं चक्करतने मंडले बले ।। ८१ कुलालभण्डे आणायमायुधे दानरासिसु ) | ( दानस्मि ) ब्रह्मचरियं. ( अप्पमासु सासने ) ॥ ८२ मेथुनाऽरतियं वेय्यावच्चे सदारतुट्ठियं । पंचसीलाऽरियमग्गोपोसथंगधितासु च ) ॥ ८३ धम्मो . ( सभावे परियत्ति पञ्ञा येसु सच्चपकती पुजे । वैय्ये गुणाऽऽचारसमाधिसूपि निस्सत्तताsपत्ति कारणादो ) ॥ ८४ अत्थो, ( पयोजने सदाऽभिधेये वुद्धियं धने । हि कारणे नासे हिते पच्छिमपब्बते ) ॥ ८५ ( येभुय्यता व्यामिस्सेसु विसं योगे च ) केवलं । ( दहत्थेऽनतिरेके चाऽनवसेसम्हि तन्तिसु ) ॥ ८६ गुणो ( पटलसीसु आनिसंसेच बंधने । अप्पधाने च सीलादो सुक्कादिम्हि जियाय च ) ॥ ८७ ( रुक्खादो विज्जमाने चारहन्ते खन्धपंचके ) । भूतो. ( सत्त महाभूताऽमनुस्सेसु न नारियं ) ॥ ८८ A. P. 15 [ ११३ Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४] साधु अन्त जाति गति माणदस्सन उक्का ततियो सामञ्चकण्डो [३, ७८९-८०२ ( वाचलिंगो अतीतस्मि जाते पत्ते समे मतो ) ॥ ८९ ( सुंदरे दळ्हि कम्मे चाऽयाचने सम्पटिच्छने । सजने सम्पहंसायं ) साध्व.(-भिधेय्यऽलिंगिकं ) ॥ ७९० अन्तो. ( नित्थि समीपेचाऽवसाने पदपूरणे । देहावयवकोटासनाससीमासु लामके ) ॥ ९१ (निकायसंधिसामअप्पसूतिसु कुले भवे । विसेसे सुमनायं च ) जाति. ( संखतलक्खणे ) ॥ ९२ ( भवभेदे पतिठ्ठायं निट्ठाज्झासयवुद्धिसु। वासट्ठाने च गमने विसदत्ते ) गती. (-रिता)॥ ९३ ( फले विपस्सना दिब्बचक्खु-सब्बञ्जतासु च । पञ्चवेक्खणञाणम्हि मग्गे च ) जाणदस्सनं. ॥ ९४ ( कम्मारुद्धन अंगार कपल्ल दीपिकासु च । सुवण्णकार भूसाय उक्का. (वेगे च वायुनो ) ॥ ९५ (केसोहारणजीवितवुत्तिसु वपने च वापसमकरणे । कथने पमुक्कभावज्झेसनादो ) वुत्त. (-मपि तीसु ) ॥ ९६ ( गमने विस्सुते चाऽव धारिता पचितेसु च । अनुयोगे किलिन्ने च ) सुतो. (ऽभिधेय्यलिंगिको) ॥ ९७ ( सोतविद्येय्यसत्थेसु ) सुतं. ( पुत्ते ) सुतो. ( सिया)। कप्पो. ( काले युगे लेसे पञत्ति परमायुसु ॥ ९८ सदिसे तीसु समणवोहार कप्प बिन्दुसु । समन्तत्तेऽन्तरकप्पादिके तके विधिम्हि च ) ॥ ९९ ( निब्बाण मग्ग विरति सपथे सच्चभासिते । तच्छे चाऽरियसञ्चाम्ह दिट्टियं ) सञ्च. (-मीरितं ) ॥८०० ( संजाति देसे हेतुम्हि वासहानाकरेसु च । समोसरणढाने चा-)ऽयतनं. ( पदपूरणे ) ॥ ८०१ अन्तरं. ( मज्झवत्थाअखणोऽकासोऽधिहेतुसु । व्यवधाने विनात्थे च भेदे छिद्दे मनस्य पि ) ।। ८०२ (आरोग्ये ) कुसलं. ( इट्ठविपाके ) कुसलो. ( तथा । कप्प सच्च आयतन अन्तर कुसल Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बोधि ३, ८०३-८१७ ] अभिधानप्पदीपिका [११५ अनवज्जम्हि छेके च कथितो वाच्चलिंगिको) ॥ ८०३ . ( द्रवाचारेसु विरिये मधुरादीसु पारदे ।। सिंगारादो धातुभेदे किच्चे संपत्तियं ) रसो. ॥ ८०१ बोधि. ( सब्बञ्जताणेऽरियमग्गे च नारियं । पञत्तियं पुमेस्सत्थरुक्खम्हि पुरिसिस्थियं ) ॥ ८०५ विसय (सेवितो येन यो निच्चं तस्थापि ) विसयो. (सिया । रूपादिके जनपदे तथा देसे च गोचरे ) ॥ ८०६ भावो. ( पदत्थे सत्तायमधिप्पायक्रियासु च । सभावस्मि च लीलायं पुरिसिस्थिन्द्रियेसु च ) ॥ ८०७ सो. ( बन्धवेऽत्तनी च ) सं. सो. ( धनस्मिमनिस्थियं)। सा. (पुमे सुनखे वुत्तोऽत्तनिये ) सो. (तिलिंगिसो) |८०८ सुवण्ण सुवण्णं. ( कनके वुत्तं ) सुवण्णो. ( गरुळे तथा । पंचधरणमत्ते च छविसंपत्तियं पि च )॥ ८०९ वरो. ( देवादितो इढे जामातरि पतिम्हि च । उत्तमे वाच्चलिंगो सो ) वरं. ( मन्दाप्पियेऽव्ययं ) ॥ ८१० ( मुकुले धनरासिम्हि सिया ) कोस. (-मनिास्थयं । नेत्तिसादि पिधाने च धनुपंचसते पिच ) ॥ ११ ( पितामहे जिने सेढे ब्राह्मणे च पितुस्वपि )। ब्रह्मा. ( वुत्तो तथा ) ब्रह्म. ( वेदे तपसि वुच्चते ) ॥ १२ ( हत्थीनं मज्झबन्धे च पकोडे कच्छबंधनं । मेखलायं मता ) कच्छा. कच्छो. ( वुत्तो लताय च ॥ १३ तथैव बाहुमूलस्मिमनुपम्हि तिणे पि च ) ॥ १५ पमाण पमाणं. ( हेतुसत्थेसु माणे च सच्चवादिनि । पमातरि च निच्चस्मि मरियादायमुच्चते )॥ १५ सत्त सत्तं. ( दब्बात्तभावेसु पाणेसु च बले सिया। सत्तायं च जने ) सत्तो. ( आसत्ते सो तिलिगिको)॥१६ धातु ( सेम्हादो रसरत्तादो महाभूते पभादिके )। धातु. ( द्वीस्वहि चक्खादि भवादी गेरिकादिसु )॥ १७ वर Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पकति खुद्द अरिट्ठ तुला संगर ततियो सामञ्जकण्डो [३, ८१८-८३१ ( अमच्चादो सभावे च योनियं ) पकती. (-रिता । सत्वादि साम्यवस्थाय पच्चया पठमेपि च ) ॥ १८ पदं. ( ठाने परित्ताणे निब्बाणम्हि च कारणे । सद्दे वस्थुम्हि कोट्ठासे पादे तल्लन्छने मतं ) ॥ १९ ( लोहमुग्गरमेघेसु ) घनो. ( ताळादिके ) घनं. । ( निरन्तरे च कठिन वाचलिंगिकमुच्चते ) ॥ ८२० खुद्दा. ( च मक्खिका भेदे मधुम्हि ) खुई. ( अप्पके । अधमे कपणे चापि बहुम्हि चतुसुत्तिसु ) ॥ २१ (तके मरणलिंगे च ) अरिह. (-मसुभे सुभे)। अरिठ्ठो. ( आसवे काके निम्मे च पेणिलद्दुमे ) ॥ २२ ( मानभण्डे पलसते सदिसत्ते ) तुला. ( तथा । गेहानं दारुबन्धत्थं पीटिकायं च दिस्सति ॥ २३ (मित्ताकारे लञ्चदाने बळरासि विपत्तिसु । युद्धे चेव पटिनायं ) संगरो. ( संपकासितो ) ॥ २४ ( खन्धे भवे निमित्तम्हि ) रूपं. ( वण्णे च पच्चये । सभाव सद्द सण्ठान रूपज्झान वपूसु च )॥ २५ ( वत्थू किलेस कामेसु इच्छायं मदने रते )। कामो. काम. ( निकामेचाऽनुजायं काममव्ययं)॥ २६ पोक्खरं. ( पदुमे देहे वजभण्ड मुखे पि च । सुन्दरत्ते च सलिले मातंग कर कोटियं ) ॥ २७ (रासि निच्चल मायासु दम्हाऽसच्चेस्वयोधने । गिरिसिंगम्हि सिरंगे यन्ते ) कूट. (-मनिस्थियं ) ॥ २८ ( वढियं जनने कामधात्वादिम्हि च पत्तियं । सत्तायं चेव संसारे ) भवो. ( सस्सतदिद्वियं ) ॥ २९ ( पटिवाक्योत्तरासंगे सू-) त्तरं, उत्तरो. (तिसु । सेढे दिसादि भेदे च परस्मिमुपरीरितो)॥ ८३० नेक्खम्म. ( पठमझाने पब्बजायं विमुत्तियं । विपस्सनायं निस्सेसकुसलस्मि च दिस्सति ) ॥ ३१ काम पोक्खर कूट भव उत्तर नेक्खम्म Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छन्न चित्त ३, ८३२-८४५] अभिधानप्पदीपिका [११७ संखार संखारो. ( संखते पुञाऽभिसंखारादिके पि च । पयोगे कायसंखाराद्यभिसंखरणेसु च ) ॥ ३२ . सहगत ( आरम्मणे च संसढे वोकिण्णे निस्सये तथा । तब्भावे चाप्यभिधेय्यलिंगो) सहगतो. ( भवे ) ॥ ३३ ( तीसु ) छन्नं. ( पतिरूपे छादिते च निगूहिते। निवासन पारुपने रहो पत्तियं पुमे ) ॥ ३४ चक्खु ( बुद्धसमन्तचक्खूस ) चक्खु. ( पायमिरितं । धम्मचक्खुम्हि च मंस-दिब्बचक्खु द्वयेसु च ) ॥ ३५ अभिकन्त ( वाचालंगो ) अभिकन्तो ( सुन्दरस्मिमभिक्कमे । अभिरूपे खये वुत्तो तथेवाब्भनुमोदने ) ॥ ३६ परियाय ( कारणे देसनायञ्च वारे वेवचने पि च । पाकारस्मि अवसरे ) परियायो. ( कथीयति ) ॥ ३७ (विणे चित्तकम्मेच विचित्ते ) चित्त. (-मुञ्चते । पञत्ति चित्त मासेसु ) चित्तो. ( तारन्तरे थियं)॥ ३८ सामं. ( वेदन्तरे सान्त्वे तम्पीते सामले तिसु । सयमत्थे व्ययं ) सामं. सामा. ( च सारिबाय पि ॥ ३९ ( पुमे आचरियादिम्हि ) गरु. ( मातु पितुस्वपि )। गरु. ( तीसु महन्ते च दुजराऽलहुकेसु च )॥ ८४० सन्त ( अच्चिते विज्जमाने च पसत्थे सच्च साधुसु । खिन्ने च समिते चेव ) सन्तो. (-भिधेय्यलिंगिको ) ॥५१ देवो. (विसुद्धिदेवादो मेघ मच्चु नभेसु च )। माणव ( अथापि तरुणे सत्तेचोरेपि ) माणवो. ( भवे)॥ ४२ अग्ग ( आदि कोहास कोटीसु पुरतो )ऽग्गं. ( वरे तीसु)। ( पच्चानिकोत्तमेस्वझे पच्छाभावे ) परो. (तीसु)॥ १३ भग ( योनि काम सिरिस्सेर धम्मुय्यामयसे ) भंग, । उळारो उळारो. ( तीसु विपुले सेटे च मधुरे सिया) ॥ १४ संपन्न संपन्नो. ( तीसु संपुणे मधुरे च समंगिनि )। संखा संखा. ( तु आणे कोट्टासे पञत्ति गणनेसु च)॥ १५ देव पर Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११८ ] ठान विव दम वेद योनि वेला बोहार नाग एक मानस मूल खंध आरंभ हृदय अनुसय कुंभ परिवार आलम्बर खण अभिजन आहार पणय पच्चय विहार समाधि योग भोग अंगण ततियो सामञ्नकण्डो [ ३, ८४६-८६० ठान. ( - मिस्स रियो का सहेतुसु ठितियम्पि च ) | ( अथो माने पकारे च कोट्ठासे च ) विघो. ( द्विसु ) ॥ ४६ वासन्ती ) मो. ( इन्द्रियसंवरे ) | ( ( जाणे च सोमनस्से च ) वेदो. ( छन्दसि चोच्चते ) ॥४७ ( खन्धकोट्ठास पस्सावमग्गे हेतुसु ) योनि. ( सा ) | ( काले तु कूले सीमायं ) वेला. (रासिम्हि भासिता ) ॥ ४८ बोहारो. ( सह पण्णत्ति वणिज्जा चेतनासु च ) । नागो. ( तूर - हत्थीसु नागरुक्खे तथोत्तमे ) || ४९ ( सेट्ठासहाय संखा तुल्यस्वे - ) को. ( तिलिंगिको ) । ( रागे तु ) मानसो. ( चित्तारहत्तेसु च ) मानसं ॥ ८५० मूलं. ( सन्तिके मूलमूले हेतुम्हि पाभते ) । ( रूपाद्यं सपधेसु ) खंधो. ( रासि गुणेसु च ) ॥ ५१ आरम्भो. ( विरिये कम्मे आदिकविकोपने ) | ( अथो हृदयहि चित्ते च ) हृदयं . ( उ ) ॥ ५२ ( पच्छातापानुबंधे रागादो - )नुसयो. ( भवे ) । ( मातंगमुपिण्डे तु घटे ) कुंभो. ( दसम्मणे ) ॥ ५३ परिवारो. ( परिजने खग्गको से परिच्छदे ) । आलम्बरो. ( तु सारम्भे भेरिभेदे च दित्सति ) ॥ ५४ खणो. ( कालविसेसे च निव्यापारट्टितिम्हि च ) । ( कुलेत्व - ) भजनो . ( वुत्तो उपपत्ति भूमियं पिच ) ॥५५ आहारो. ( कवलिंकाराहारादिसु च कारणे ) । ( विस्सा से याचनायं च पेमे च ) पणयो. ( मतो ) ॥ ५६ ( णादो सद्धा चीवरादि हेत्वाधारेसु ) पच्चयो. ( कीळा दिब्ब विहारादो ) बिहारो .. ( सुगतालये ) || ५७ ( समत्थने मतो चित्तेकग्गतायं ) समाधि (च ) । योगो. ( संगे च कामादो झानोपायेसु युक्तियं ) ॥ ५८ भोगो. ( सप्पफ कोटिले भुञ्जने धने ) । ( भूमिभागे किलेसे च मले चा - ) ऽङ्गण. ( - मुच्चते ॥ ५९ Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिन्धु ३, ८६०-८७३ ] अभिधानप्पदीपिका [ ११९ आभिमान (धनादिदप्पे पआयम-)ऽभिमानो. ( मतोथ च )। अपदेस अपदेसो. ( निमित्ते च छले च कथने मतो ) ॥ ८६० अत्त (चित्ते काये सभावे च सो ) अत्ता. ( परमत्तनि )। गुब ( अथ ) गुम्बो. ( च थम्भीस्म समूहे बलसज्जने )॥ ६१ कोट्ठ (अन्तोधरे कुसूले च ) कोट्टो. (ऽन्तो कुच्छियं प्यथ )। उण्हीस (सोपानंगम्हि ) उण्हीसो. ( मुकुटे सीस वेठने )॥ ६२ निय्यूह (निय्यासे सेखरे द्वारे ) निय्यूहो. ( नागदन्तके )। कलाप ( अथो सिखण्डे तूणीरे ) कलापो. ( निकरे मतो ) ॥ ६३ चूळा, मालि चूळा. (संयतकेसेसु, मकुटे) मोलि. ( च द्विसु )। संख संखो. ( त्वनित्थियं कम्बु ललाटट्ठीसु गोष्फके ) ॥ ६४ पक्ख पक्खो. ( काले बले साध्ये सखीवाजेसु पंगुले )। ( देसेऽण्णवे पुमे ) सिन्धु. ( सरितायं सनारियं ) ॥ ६५ कणेरु ( गजे) कणेरु. ( पुरिसे सो हस्थिनियमिस्थियं )। वजिर ( रतने ) वजिरो. (नित्थी मणिवेधिन्दहेतिसु)॥ ६६ विसाण विसाणं. ( तीसु मातंगदन्ते च पसुसिंगके )। कोण (कोटियन्तु मतो ) कोणो. ( तथा वादित्तवादने)॥६७ निगम ( वणिप्पथे च नगरे वेदे च ) निगमो. ( थ च )। अधिकरण (विवादादो-)धिकरणं, ( सिया धारे च कारणे ) ॥६८ ( पसुम्हि वसुधायं च वाचादो ) गो. ( पुमिस्थियं )। हरि ( हरिते तु सुवण्णे च वासुदेवे ) हरी. (-रितो)॥ ६९ परिग्गह ( आयत्ते परिवारे च भरियायं ) परिग्गहो. । उत्तंस उत्तंसो. ( स्व )ऽवतंसो. ( च कण्णपूरे च सेखरे ) ॥ ८७० असनि (विज्जुयं वजिरे चेवा- )ऽसनि. ( स्थी पुरिसेप्यथ ) । ( कोणे संख्याविसेसस्मिमुक्कंसे ) कोटि. ( नारियं)॥ ७१ सिखा ( चूळा जाला पधानग्गमोरचूळासु सा ) सिखा. । आसि सप्पदाठयमा-)ऽऽसि. ( स्थी इट्ठस्सासिसनाय पि)॥ ७२ वसा वसा. ( विलीनतेलस्मिं वसगा वझगाविसु )। रुचि ( अभिलासे तु किरणे अभिस्संगे ) रुचि. (स्थियं) ।। ७३ कोटि Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सन्ना सुत्त १२०] ततियो सामञकण्डो [३, ८७४-८८७ सम्ञा. ( सञ्जानने नामे चेतनायञ्च दिस्सति )। कला ( अंसे सिप्पे ) कला. ( काले भागे चन्दस्स सोळसे )।७४ कणिका ( बीजकोसे घरकूटे कण्णभूसाय ) कणिका. । आयति (आगामिकाले दीपत्ते पभावे च मता-)ऽऽयति. ॥ ७५ उण्णा उण्णा ( मेसादि लोमे च भूमज्झे रोमधातुयं )। वारुणी वारुणी (स्विस्थियं वुत्ता नत्तकी मदिरासु च ) ॥ ७६ किया,-किरिय (क्रिया चित्ते. च करणे ) किरियं. ( कम्मनि ) क्रिया । वधू ( सुणिसायं तु काय जायाय च ) वधू ( मता) ॥ ७७ मत्त (पमाणिस्सरिये ) मत्ता. ( अक्खरावयवेऽप्पके )। सुत्तं, ( पावचने सिद्धे तन्ते तं सुपिने तिसु ) ॥ ७८ ककुध ( राजलिंगोसभंगेसु रुक्खे च ) कुकुधो. (प्यथ )। व्यंजन (निमित्तक्खरसूपसु ) व्यञ्जनं. ( चिन्हे पदे )।। ७९ देवन ( वोहारे जेतुमिच्छायं कीळादो चापि ) देवनं. । खेत्त ( भरियायं तु केदारे सरीरे ) खेत्त. (-मारितं ) ॥ ८८० उपासन (सुस्सुसायञ्च विञ्जय्यं इट्ठाभ्यासेप्यु-) पासनं.। सूल सूलं. ( त्वनिस्थियं हेति भेदे संकु रुजासु च ) ॥ ८१ तन्ति तन्ति ( वीणागुणे ) तन्तं. ( मुख्या सिद्धन्ततन्तुसु )। ( रथाचंगे तु च ) युगो. ( कप्पम्हि युगले ) युगं. ॥ ८२ ( इस्थिपुप्फे च रेणुम्हि ) रजो. ( पकतिजे गुणे )। निय्यातन (न्यासप्पणे तु दानम्हि ) निय्यातन. (-मुदीरितं)॥ ८३ ( गुरुपायावतारेसु, )तित्थं, ( पूतम्बु दिठिसु )। जोति (पण्डके) जोति. (नक्खत्त रंसिस्वाग्गिम्हि) जोति. (सो) ॥८४ कण्ड कण्डो. ( निस्थि सरे दण्डे वग्गे चाऽवसरे प्यथ )। पोरिस ( उद्धबाहु द्वयुम्माने सूरत्ते पि च ) पोरिसं. ॥ ८५ उठानं. ( पोरसेहासु निसिन्नाद्युग्गमे प्यथ )। इणि ( अनिस्सयमहीभागे स्वि-) रीण. (-मूसरे सिया ) ॥८६ आरान आराधनं. ( साधने च पत्तियं परितोसने )। सिंग ( पधाने तु च सानुाम्ह विसाणे ) सिंग. (-मुच्चते ) ॥८५ युग तिस्थ उद्यान Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पब्ब व्यसन मंद ३, ८८८-९०१] अभिधानप्पदीपिका [१२१ दस्सन (दिठ्यादिमग्गे आणक्खिक्खणलद्धिसु ) दस्सनं. । निक्ख (हेमे पंचसुवण्णे च ) निक्खो. ( निस्थि पसाधने ) ॥ ८८ (तिथिभेदे च साखादिफलुम्हि ) पब्ब. (-मुच्चते )। पाताल ( नागलोके तु ) पातालं. ( भासितं बळबामुखे )॥ ८९ ( कामजे कोपजे दोसे ) व्यसनं. ( च विपत्तियं )। साधन ( अथोपकरणे सिद्धि कारकेसु च ) साधनं. ॥ ८९० वदन (तिस्वितो दान सीले च ) वदच. ( वग्गुवादिनि )। पुरक्खत पुरक्खतो. ( भिसित्ते च पूजिते पुरतो कते ) ॥ ९१ मंदो. (-भाग्यविहीने चाऽप्पके मूळ्हाऽपटुस्वपि )। उस्सित ( वुद्धियुत्ते समुन्नद्धे उप्पन्ने चो-) स्सितं. ( भवे ) ॥ ९२ अक्ख (रथंगे)ऽक्खो. (सुवण्णस्मि पासके) अक्ख. (-मिन्द्रिये-)। धुव (सस्सते च) धुवो. (तीसु) धुवं. (तक्के च निच्छिते) ॥९३ सिव ( हरे ) सिवो. सिवं. ( भद्दमोक्खेसु जम्बुके ) सिवा । बल (सेनायं सत्तियं चेव थूलत्ते च ) बलं. ( भवे ) ॥ ९४ पदुम ( संख्या नरकभेदे च ) पदुमं. ( वारिजेप्यथ )। ( देवभेदे ) वसु. ( पुमे, पण्डकं रतने धने ) ॥९५ निब्बाण निब्बाणं, ( अत्थगमने अपवग्गे सिया थ च )। पुंडरीक (सेतम्बुजे ) पुण्डरीकं. ( व्यग्घे रुक्खन्तरे पुमे ) ॥ ९६ बलि ( उपहारे ) बलि. ( पुमे करस्मिश्चाऽसुरन्तरे )। सुक्क सुक्कं .( तु संभव ) सुक्को. (धवले कुसले तिसु ) ॥९७ दाय दायो, ( दाने विभत्तब्बधन च पितुनं वने )। ( पभुत्ताऽयतत्ताऽयत्ताऽभिलासेसु ) वसो. ( भवे ) ॥ ९८ परिभासन परिभासन. (-मक्कोसे नियमे भासने थ च )। सेलन ( धनिम्हि ) सेलनं. (योध-सीहनादम्हि दिस्सति ) ॥९९ . पभव पभवो. ( जातिहेतुम्हि ठाने चाद्युपलद्धियं )। ( अथो-) तु (नारिपुप्फस्मि हेमन्तादिम्हि च द्विसु )९०० करणं. ( साधकतमे क्रियागत्तेसु चेन्द्रिये )। ताळो. (तु कुंचिकायं च तुरियंगे दुमन्तरे ) ॥ ९०१ A. P. 16 वसु वस उतु करण ताळ Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण १२२] ततियो सामञ्चकण्डो [३, ९०२-९१५ पसव ( पुप्फे फले च ) पसवो. ( उप्पादे गब्भमोचने )। गंधब्ब ( गायने गायके अस्से ) गन्धब्बो. ( देवतन्तरे ) ॥ २ वनप्पति (विनापुप्फ फलग्गाही रुक्खे रुक्खे ) वनप्पति.। रूपिय ( आभत हेमरजते ) रूपियं. ( रजते पि च ) ॥ ३ पास (खगादिबन्धने ) पासो. ( केसपुब्बो चये प्यथ )। तार तारा. (-क्खिमज्झे नक्खत्ते ) तारो. ( उच्चतरस्सरे )॥४ कंस ( पत्ते च सब्बलोहास् ) कंसो. ( चतुकहापणे)। मज्झिम मज्झिमो. ( देहमज्झस्मि मज्झभावे च सो तिसु) ॥५ आवेसन आवेसनं. ( सियावेसे सिप्पसाला घरेसु च )। सिरी, लक्खी (सोभासम्पत्तिसु ) सिरी. लक्खी. (त्थी देवताय च )॥ ६ कुमार कुमारो. ( युवराजे च खन्धे वुत्तो सुसुम्हि च )। पवाळ (अथानिस्थि ) पवाळो. ( च मणिभेदे तथांकुरे)॥ ७ पणो. ( वेतनमूलेसु वोहारे च धने मतो)। पटिग्गह पटिग्गहो. ( तु गहणे कथितो भाजनन्तरे ) ॥ ८ ( असुभे च सुभे कम्मे ) भाग्यं. ( वुत्तं द्वये प्यथ )। पिप्फल पिप्फलं. ( तरु भेदे च वत्थच्छेदन सस्थके)॥९ अपवग्ग अपवग्गो. ( परिच्चागोवसानेसु विमुत्तियं)। लिंगं. (तु अंगजातस्मि पुमत्तादिाम्ह लक्खणे) ॥९१० सग्ग ( चागे सभावे निम्माणे ) सग्गो. (ऽज्झाय दिवे प्यथ )। रोहित रोहितो. ( लोहित मच्छभेदे चेव मिगन्तरे )॥ ११ निट्ठा निट्ठा. ( निप्फत्तियं चेवावसानस्मिमदस्सने )। कण्टक कण्टको. (तु सपत्तास्मं रुक्खंगे लोभहंसने ) ॥ १२ मुख ( मुख्योऽपायेसु वदने चादिस्मि ) मुख. (--मीरितं )। दब्ब दब्बं. ( भब्बे गुणाधारे वित्ते च बुधदारुसु ) ॥ १३ मान मानं. ( पमाणे पत्थादो ) मानो. ( वुत्तो विधाय च )। वायाम ( अथो परिस्समे वुत्तो ) वायामो. (विरिये पि च )॥१४ सतपत्त (सरोरुहे ) सतपत्तं. सतपत्तो. (खगन्तरे )। सुसिर (छिद्दे तु छिद्दवन्ते च ) सुसिरं. ( तुरियन्तरे )॥१५ भाग्य Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समान (एकास्म जेट सेय्य समा ३, ९१६-९२९] आभिधानप्पदीपिका [१२३ (एकीस्म सदिसे सन्ते ) समानं. ( वाचलिागकं)। संभम ( अथो गारवभीतीसु संवेगे ) संभमो. ( मतो ) ॥ १६ जुण्हा जुण्हा. ( चन्दप्पभायं च तदुपेतनिसाय च ) विमान विमानं. ( देवतावासे सत्तभूमघरम्हि च ) ॥ १७ ( मासे ) जेट्ठो.(-तिवुद्धातिप्पसत्थेसु च तीसु सो)। (धम्मे च मंगले ) सेय्यो. ( सो पसस्थतरे तिसु) ॥ १८ गह ( आदिच्चादिम्हि गहणे निबन्धे च घरे ) गहो.।। काच काचो. (तु मत्तिकाभेदे सिक्कायं नयनामये ) ॥ १९ गामाण (तीसु ) गामणि. ( सेट्ठस्मिमधिपे गामजेट्टके ) । बिम्ब बिम्बं. (तु पटिबिम्बे च मण्डले बिम्बिकाफले )॥ ९२० भण्ड ( भाजनादि परिक्खारे ) भण्ड. ( मूल धने पि च )। मग मग्गो. ( त्वरियमग्गे च सम्मादिट्टयादिके पथे ) ॥ २१ समा. ( वस्से ) समो. ( खेदसन्तीसु सन्निभे तिसु)। इस्सास (चापेविं-) स्सास. (-मुसुनो) इस्सासो. (खेपकम्हि च)॥२२ बालो. (तिस्वादिवयसासमांगीनि अपण्डिते )। रतं. (तु सोणिते तम्बानुरत्त रंजिते तिसु ) ॥ २३ ( तचे काये च ) तन्वि. (-स्थी तीस्वप्पे विरळे किसे )। ( उतुभेदे तु ) सिसिरो. ( हिमे सो सीतले तिसु ) ॥ २४ सक्खरा सक्खरा. ( गुळभेदे च कठले पिच दिस्सति )। ( अनुग्गहे तु संखपे गहणे ) संगहो. (मतो ) ॥ २५ ( दक्खे च तिखिणे व्यत्ते रोगमुत्ते ) पटु. (तिसु )। राजा राजा. (तु खत्तिये वुत्तो नरनाथे पभुम्हि च ) ॥ २६ खल खलं. ( च धञ्जकरणे कक्के नीचे ) खलो. ( भवे )। समुदय ( अथुप्पादे ) समुदयो. ( समूहे पञ्चये पि च ) ॥ २७ अस्सम ( ब्रह्मचारि गहठ्ठादो ) अस्समो. ( च तपो वने )। कुरूर ( भयंकरे च कठिने ) कुरूरो. ( तीसु निये ) ॥ २८ कनिट्ठ कनिहो, कनियो. ( तीसु अत्यप्पेऽतियुवे प्यथ )। ( सीघम्हि ) लहु. (तं इवनिस्साराऽगरुसुत्तिसु)॥ २९ तनु सिसिर संगह पटु लहु Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वितत खय १२४] ततियो सामञ्अकण्डो [३, ९३०-९४२ अधर अधरो. (तिस्वधो हीने पुमे दन्तच्छदे प्यथ )। सुस्सूसा सुस्सूसा. ( सोतुमिच्छाय सा पारिचरियाय च ) ॥ ९३० हत्थ हत्थो. ( पाणिम्हि रतने गणे सोण्डाय भन्तरे )। कूप ( आवाटे चोदपाने च) कूपो. (कुंभे च दिस्सति ) ॥ ३१ पठम, पमुख ( आदो पधाने ) पटमं, पमुखं. ( च तिलिंगिकं )। ( वजभेदे च ) विततं. (तं वित्थारे तिलिंगिकं ) ॥ ३२ सार सारो. ( बले थिरंसे च उत्तम सो तिलिंगिको )। भार भारो. ( तु बन्धभारादो द्विसहस्सपळे पि च ) ॥ ३३ ( मन्दिरे रोगभेदे च ) खयो. ( अपचयम्हि च )। वाळ वाळो. (तु सापदे सप्पे कुरूरे सो तिलिगिको ) ॥ ३४ A साळ साळो. ( सज्जुदुमे रुक्खे ) साळा. (गेहे च दिस्सति)। सवन ( सोते तु ) सवनं. (वुत्तं यजने सुतियम्पि च ) ॥ ३४ B पेत, परेत (तीसु ) पेतो. परेतो. ( च मते च पेतयोनिजे )। ( ख्याते तु हटे विज्ञाते) पथितं. ( वाच्चलिंगिकं )॥३५ आसय ( अधिप्पाये च आधारे ) आसयो. ( कथितो थ च ) । पत्त पत्तं. ( पक्खे दले ) पत्तो. ( भाजने सोगते तिसु ॥ ३६ सुकत ( कुसले ) सुकतं. ( सुट्ठकते च ) सुकतो. (तिसु )। तपस्सी तपस्सी. ( त्वनुकम्पायारहे वुत्तो तपोधने ) ॥ ३७ (तीसु सुरादि लोलस्मि ) सोण्डो. (हत्थिकरे द्विसु )। रसन ( अस्सादने तु ) रसनं. ( जिव्हायश्च धनिम्हि च ) ॥३८ पणीत पणीतो. ( तीसु मधुरे उत्तमे विहिते प्यथ )। वीथि ( अञ्जसे विसिखायञ्च पन्तियं ) वीथि. ( नारियं ) ॥३९ ( पापस्मि गगने दुक्खे व्यसने चा-)ऽघ. (-मुच्चते )। पटल ( समूहे ) पटलं. ( नेत्तरोगे वुत्तं छदिम्हि च ) ॥९४० सन्धि सन्धि. ( संघटने वुत्तो ) सन्धि. ( स्थी पटिसन्धियं )। सत्तम ( सत्तन्नं पूरणे सेटे तिसन्ते ) सत्तमो. (तिसु ) ॥ ४१ ओज ओजा ( तु यापनायञ्च ) ओजो. ( दित्तिबलेसु च )। निसामनं (अथो ) निसामनं.( वुत्तं दस्सने सवने पि च )॥ ४२ पथित सोण्ड अघ Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ओघ जटा ३, ९४३-९५६] अभिधानप्पदीपिका [ १२५ गब्भ गब्भो. ( कुच्छिट्ठसत्ते च कुच्छिओवरकेसु च )। अपदान (खण्डने त्व-) पदानं. ( च इतिवुत्ते च कम्मनि )॥ ४३ तिलक (चित्तके रुक्खभेदे च ) तिलको. ( तिलकालके)। पटिपत्ति (सीलादो ) पटिपत्ति. (स्थी बोधे पत्तिपवत्तिसु ) ॥ ४४ पाण ( असुम्हि च बले ) पाणो. ( सत्ते हदयगानिले)। छन्द छन्दो. ( वसे आधिप्पाये वेदेऽच्छाऽनुठ्ठभादिसु ) ॥ ४५ ( कामोघादो समूहस्मि ) ओघो. ( वेगे जलस्स च)। कपाल कपालं. ( सिरसहिम्हि घटादि सकले पि च ) ॥ ४६ ( वेण्वादि साखा जालस्मि लग्गकेसे ) जटा. (ऽऽलये ) । सरण सरणं. ( तु वधे गेहे रक्खितस्मि च रक्खणे ) ॥ ४७ कन्ता (थियं) कन्ता. (पिये) कन्तो. (मनुञ्जे सो तिलिंगिको )। जाल ( गवखे तु समूहे च ) जालं. ( मच्छादिबन्धने ) ॥४८ ( पुच्छायं गरहायश्चानियमे ) किं. ( तिलिंगिकं )। सद्धा ( ससद्धे तीसु नीवापे ) सद्धं. सद्धा. ( च पच्चये )॥४९ बीज बीजं. ( हेतुम्हि अद्विस्मि अंगजाते च दिस्सति)। पुब्बो. (पूरोग्गते आदो सो दिसादो तिलिंगिको ) ॥९५० ( फलचित्ते हेतुकते लाभे धादिके ) फलं. । आगम ( आगमने तु दीघादि निकायस्मिं च ) आगमो. ॥ ५१ सन्तान सन्तानो. ( देवरुखे च वुत्तो संततियं प्यथ )। (उत्तरविपरीते च सेटे चा-)ऽनुत्तरं. (तिसु ) ॥ ५२ विक्कम (सत्ति संपत्तियं वुत्तो कन्ति मत्ते च ) विक्कमो. । छाया छाया. (तु आतपाभावे पटिबिम्बे पभाय च ) ॥ ५३ घम्म, निदाघ (गिम्हे ) घम्मो. निदाघो. ( च उण्हे सेदजले प्यथ )। कप्पन कप्पनं. ( कन्तने वुत्तं विकप्पे सज्जनेत्थिय ) ॥ ५४ अंग अंगा. ( देसे बहुम्ह )ऽङ्ग. ( तथाऽवयवहेतुसु )। ( देवालये च थूपस्मि ) चेतियं. (चेतियद्दुमे ) ॥ ५५ सज्जन सज्जनो. ( साधुपुरिसे ) सज्जनं. ( कप्पने थ च )। सुपिन सुपिनं. ( सुपिने सुत्तविज्ञाणे च मनिस्थियं ) ॥ ५६ पुब्ब चेतिय Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२६] सन्निधि भीय दिद्ध अधिवास विसारद सिस्थ कसाय उग्गमन फरुस पवाह परायण कंचुक तम्ब अवसित पटिपादन मरु सत्थ वुत्ति परक्कम ततियो सामञ्जकण्डो [३, ९५७-९७० (पच्चक्खे सन्निधाने च ) सन्निधि. ( परिकित्तितो )। भीयो. ( बहुतरत्थे सो पुनरत्थेऽव्ययं भवे ) ॥ ५७ (विसलित्तसरे ) दिद्धो, दिद्धो, (लित्ते तिलिंगिको )। (वासे धूपादिसंखारे )ऽधिवासो. ( सम्पटिच्छने ) ॥ ५८ ( वुत्तो ) विसारदो. ( तीसु सुप्पगब्भे च पंडिते)। ( अथ ) सित्थं, ( मधुच्छिढे वुत्तमोदनसम्भवे ) ॥ ५९ (द्रवे वण्णे रसभेदे ) कसायो. (सुरभिम्हि च )। ( अथो) उग्गमनं. ( वुत्तमुप्पत्तुद्धगतीसु च)॥९६० (लूखे निठुरवाचायं ) फरुसं. ( वाच्चलिंगिकं)। पवाहो. ( त्वम्बु वेगे च सन्दिस्सति पवत्तियं)॥ ६१ ( निस्सये तप्परे इडे ) परायण. ( पदं तिसु)। (कवचे वारवाणे च निम्मोके पि च ) कंचुको. ॥ ६२ (लोहभेदे मतं ) तम्बं. तम्बो. ( रत्ते तिलिंगिको)। (तीसुत्व-) वसितं. ( आते अवसानगते मतं)॥ ६३ (बोधने च पदाने च विजेय्यं ) पटिपादनं. । ( सेले निजलदेसे च देवतासु ) मरू.(-दितो ) ॥ ६४ सस्थ. (-मायुधगन्थेसु लोहे ) सत्थो. ( संचये )। (जीविकायं विवरणे वत्तने ) वुत्ति. ( नारियं)॥ ६५ (विरिये सूरभावे च कथीयति ) परक्कमो. । ( अथ) कम्बु. ( मतो संखे सुवण्णे वलये पि च )॥ ६६ सरो. ( कण्डे अकारादो सद्दे वापिम्हि निस्थियं)। ( दुफस्से तिखिणे तीसु गद्रभे ककचे ) खरो. ॥ ६७ ( सुरायोऽपद्दवे कामासवादिम्हि च ) आसवो, । ( देहे वुत्तो रथंगे च चतुरोपधिसू-) पधि. ॥ ६८ वत्थु. (-तं कारणे दब्बे भूभेदे रतनत्तये )। यक्खो. ( देवे महाराजे कुवेराऽनुचरे नरे)॥ ६९ ( दारुखण्डे पीठिकायं आपणे ) पीठ. (–मासने ) (परिवारे) परिक्खारो. ( संभारे च विभूसने ) ॥ ९७० कम्बु यश सर खर आसव उपधि वत्थु यक्ख पठि परिक्खार Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मधु कटु ३, ९८२-९८४ ] अभिधानप्पदीपिका [१२७ पञत्ति (वोहारस्मि च ठपने ) पत्ति (-स्थी पकासने )। पटिभान पटिभानं. ( तु पञ्जायमुपट्टितगिराय च ) ॥ ७१ हेतु ( वचनावयवे मूले कथितो ) हेतु. ( कारणे )। गहणी ( उदरे तु तथा पाचानलीस्म) गहणी. ( स्थियं ) ॥ ७२ पिय पियो. ( भत्तरि जायाय ) पिया. ( इढे पियो तिसु )। यम ( यमराजे तु युगले संयमे च ) यमो. ( भवे )॥ ७३ ( मुद्दिकस्स च पुप्फस्स रसे खुद्दे ) मधू.-(दितं )। वितान ( उल्लोचे तु च वित्थारे) वितानं. ( पुन्नपुंसके ) ॥ ७४ अमत ( अपवग्गे च सलिले सुधाय-) ममतं. ( मतं )। तम ( मोहे तु तिमिरे साम्यगुणे ) तम, (--मनिस्थियं ) ॥७५ ( खरे चाऽकारिये तीसु रसम्हि पुरिसे ) कटु.। पुञ्ज ( पण्डके सुकते ) पुनं. ( मनुब्बे पावने तिसु ) ॥ ७६ रुक्ख रुक्खो. ( दुमम्हि फरुसाऽसिनिद्धसु च सो तिसु )। संभव ( उपत्तियं तु हेतुम्हि संगे सुके च ) संभवो. ॥ ७७ निमित्त निमित्तं. ( कारणे वुत्तं अंगजाते च लञ्छने )। आदि आदि. ( सीमा पकारेसु समीपेऽवयवे मतो ) ॥ ७८ मन्त (वेदे च मन्तणे ) मन्तो. मन्ता. ( पञ्जायमुच्चते )। अनय अनयो. ( व्यसने चेव सन्दिस्सति विपत्तिय ) ॥ ७९ अरुण अरुणो. ( रंसिभेदे चाव्यत्तरागे च लोहिते )। अनुबन्ध अनुबन्धो. (तु पकतानिवत्ते नस्सनक्खरे ) ॥ ९८० अवतार अवतारो. (ऽवतरणे तित्थस्मि विवरे प्यथ )। आकार आकारो. (कारणे वुत्तो सण्ठाने इंगिते पि च ) ॥ ८१ ( सुत्थिीतनये खत्ता ) उग्गो. ( तिब्बम्हि सो तिसु )। पधान पधानं. (तु महामत्ते पकत्यग्गधितीसु च )॥ ८२ कल्ल कलं. ( पभाते निरोगे सज्जदक्खेसु तीसु तं )। कुहना. ( कूटचरियायं ) कुहनो. ( कुहके तिसु ) ॥ ८३ कपोतो. ( पक्खिभेदे च दिह्रो पारापते थ च )। सारद सारदो. ( सरदुब्भूते अप्पगब्भे मतो तिसु ) ॥ ८४ उग्ग कुहन कपोत Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२८ ] कक्कस कोपीन कदली दक्खिण दुतिया धूमकेतु निस्सरण नियामक निरोध पटिभय पिटक वलि भिन्न भेद मण्डल सासन सिखर सम्पत्ति खम अद्धू करीस उसभ पाळि कट जगती तक सुदस्सन दपि ततियो सामण्डो [ ३, ९८५-९९८ ( तासु खरे च कठिने ) कक्सो. ( साहसप्पिये ) । ( अकारिये तु गुरहंगे चीरे ) कोपीन . ( - मुच्चते ) || ८५ ( मिगभेदे पताकायं मोचे च ) कदली. ( स्थीयं ) । दक्खिणा. (दानभेदे च वामतोऽञहि) दक्खिणो ॥ ८६ दुतिया. ( भरियायं च दिनं पूरणियं मता ) । ( अप्पादे सिया ) धूमकेतु . ( वेस्सानरे पि च ) ॥ ८७ भवनिगमने याने द्वारे ) निस्सरणं. ( सिया ) । नियामको. ( पोतवाहेतिलिंगो सो नियन्तरि ) ॥ ८८ ( अपवग्गे विनासे च ) निरोधो . ( रोधनेप्यथ ) । ( भये ) पटिभयं . ( वुत्तं तिर्लिगं तं भयंकरे ) ॥ ८९ पिटकं. ( भाजने वृत्तं तथेव परियत्ति ) । ( जरासिथिलचम्ममि उदरंगे मता ) चली. ॥ ९९० भिन्नं. ( विदारितेऽञ्ञस्मिं निस्सिते वाच्चलिंगिकं ) । ( उपजापे मतो ) भदो. ( विसये च विदारणे ) ॥ ९१ मण्डलं. ( गामसन्दोहे बिम्बे परिधिरासि ) | ( आणायमागमे लेखे ) सासनं. ( अनुसासने ) ॥ ९२ ( अग्गे तु ) सिखरं. ( चायोमयविज्झन कण्टके )। ( गुणुकं से च विभवे ) सम्पत्ति ( चैव सम्पदा ) ॥ ९३ ( भूखन्तिसु ) खमा . ( योग्गे हिते युत्ते ) खमो. (तिसु ) । अ ( भागे थे काले एकसेद्धा व्ययन्तरे ) । ॥ ९४ ( अथो ) करसिं. ( वच्चस्मि वचते चतुरम्मणे ) || उसभो. ( - सधगोसेट्टेसू-) सभं. ( वसियट्ठियं ) । ॥ ९५ ( सेतुमि तन्ति मन्लासु नारियं ) पाळि . ( कथ्यते) कटो. (जये थी निमित्ते किलंजे सो कते तिसु ) ।। ९६ ( माहियं ) जगती ( वुत्ता मन्दिरालिन्दवथुनि ) ( वितके मथिते ) तक्को. ( तथा सूचिफले मतो ) ॥ ९७ सुदस्सनं. ( सक्कपुरे तीसु तं दुद्दसेतरे ) दीपो. ( Sन्तरीपपज्जत पतिट्ठानिब्बुतीसु च ) ॥ ९८ Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ९९९-१०१२ ] सित पजापति कण्ह उपचार सक परिहार अरिय सुसुक इन्दीवर असन धुर असित पवारणा इन्दखील पोत्थक धञ पाणि पीत न्यूह राग पदर सिंघाटक एळा आधार अभिधानपदीपिका [ १२९ ( बद्धनिस्ति सेते ती तं मिहिते ) सितं ॥ ९९ (थियं ) पजापति. ( दारे ब्रह्मे मारे सुरे पुमे ) | ( वासुदेवेन्त के) कण्हो . ( सो पापे असिते तिसु ) ॥ १००० उपचारो . ( उपट्टाने आसने रोपने ) । सक्को. ( इन्दे जनपदे साकिये सो खमे तिसु ) ॥ १ कार करका पत्ति ( वज्जने ) परिहारो. ( च सकारे चेव रक्खने ) । ( सोतापन्नादिके अग्गे ) अरियो. ( ती द्विजे पुमे ) ॥ २ सुसुको. ( संसुमारे च बालके च उलूपिनि ) । इन्दीवरं. ( मतं नीलुप्पले उद्दाल पादपे ) || ३ असो. ( पियके कण्डे भक्खने खिपने - ) सनं । ( युगेऽधिकारे विरिये पधाने चान्तिके ) धुरो ॥ ४ ( काले च भक्खिते ती लवित्ते ) असितो . ( पुमे ) । पवारणा. ( पटिक्खेपे कथिताऽज्झेसनाय च ) ॥ ५ ( उम्मारे एसिका थभे ) इन्दखीलो. ( मतो थ च ) । पोत्थकं . ( मकचिवत्थे गन्थे लेप्पादि - कम्मनि ) ॥ ६ ध. (साल्यादि वृत्तं ) धन्ञो. (पुञ्ञवति त्तिसु ) । पाणि. ( हत्थे च सत्ते भू सन्हकरणियं मतो ) ॥ ७ (तिसु ) पतिं . ( हलिया मे हट्टे च पायिते सिया ) | व्यूहो. (निब्बिद्धरच्छायं बलन्यासे गणे मतो ) ॥ ८ ( लोहितादिम्हि लोहे च ) रागो. ( च रञ्जने मतो ) । पदरो. ( फलके भंगे पवुद्धदरियम्पि च ) ॥ ९ सिघाटकं. ( कसेरुस्स फले मग्गसमागमे ) | (बहुला च खेळम्हि ) एळा (दोसे - ) ळ. ( -मीरितं ।। १०१० आधारो. ( चाधिकरणे पत्ताधारे लवालके ) का. (sगभेदे सकारे सो मे बन्धनालये ) || ११ करका. ( मेघपासाणे ) करको . ( कुण्डिकाय च ) । ( पापने च पदातिमि गमने ) पत्ति. ( नारियं ) ॥ १२ छिद्द, रन्ध, विवर, छिद्द. रन्धं. (च) विवरं . ( सुसिरे दूसन म्हिच ) । A. P. 17 Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३०] मुत्त वारण दान निबुती नेगम पलास पकास पिण्ड वट्ट पटिहार भीरु विकट वाम लक्ख सेनी चुण्ण ततियो सामञ्चकण्डो [३, १०१३-१०२६ मुत्ता. ( तु मुत्तिके ) मुत्तं. ( पस्सावे मुश्चिते तिसु) ॥१३ (निसेधे ) वारण. ( हस्थीलिंगहाथीसु ) वारणो. । दानं. ( चागे मदे सुद्धे खण्डने लवने खये ) ।। १४ ( मनोतोसे च निब्बाणेऽत्थगमे ) निब्बुती. ( स्थियं )। नेगमो. ( निगमुब्भुते तथा पण्योपजीविनि ) ॥ १५ ( हरितस्मिं च पण्णे च ) पलासो. ( किंसुकदुमे )। पकासो. ( पाकटे तीसु आलोकस्मि पुमे मतो) ॥ १६ पक्कं. ( फलम्हि तं नासुम्मुखे परिणते तिसु )। पिण्डो. ( आजीवने देहे पिण्डने गोळके मतो ) ॥ १७ वट्टो. ( परिब्बये कम्मादिके सो वट्ठले तिसु )) ( पच्चाहारे ) पटिहारो. ( द्वारे च द्वारपाळके ) ॥ १८ ( नारियं ) भीरु. ( कथिता भीरुके सा तिलिंगिका )। विकट. ( गूथ मुत्तादो ) विकटो. ( विकते तिसु ) ॥१९ वाम. ( सव्यम्हि तं चारु विपरीतेसु तीस्वथ )। ( संख्याभेदे सरव्ये च चिण्हे ) लक्ख. (-मुच्चते ) ॥ १०२० सेनी. ( त्थी समसिप्पनिं गणे चावलियं पि च )। ( सुधाय धूलियं ) चुण्णो. चुण्णं. (च वासचुण्णके )॥२१ ( जेतब्बे तिप्पसत्थेतिवुद्धे ) जेय्यं. (तिसूदितं )। (तके तु) मथितं, (होत्याऽलोलिते) मथितो. (तिसु )॥२२ अब्भूतो. (-च्छरिये तीसु पणे चेवा-)ऽब्भुतो. ( पुमे )। मेचको. ( पुच्छमूलम्हि कण्हे पि मेचको तिसु)॥ २३ वसवत्ति. ( पुमे मारे वसवत्तापके तिसु)। (संभवे चा-)ऽसुचि. (पुमे अमेज्झे तीसु दिस्सति )॥२१ अच्छो. ( इक्के पुमे वुत्तो पसन्नम्हि तिलिगिको )। . ( बलिसे सेलभेदे च ) वंको. ( सो कुटिले तिसु ) ॥ २५ ( कुणपम्हि ) छवो. ( अय्यो लामके सो तिलिंगिको )। ( सब्बस्मि ) सकलो. ( तीसु अद्धम्हि पुरिसे सिया)॥२६ (चन्दग्गाहादिके चेवो-)प्पादो. ( उप्पत्तियं पि च )। जेय्य मथित अब्भुत मेचक वसवत्ति असुचि अच्छ वंक छव सकल उप्पाद Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महेसी ३, १०२७-१०४०] अभिधानप्पदीपिका [१३१ पदोस (पदुस्सने ) पदोसो. ( च कथितो ( संवरीमुखे ) ॥२७ लोहित (रुधिरे ) लोहितं. ( वुत्तं रत्तम्हि ) लोहितं. (तिसु )। मुद्र ( उत्तमंगे पुमे ) मुद्धो. मुद्धो. ( मूळ्हे तिलिगिको ) ॥२८ विजित ( रट्ठम्हि ) विजितं. ( वुत्तं विजिते ) विजितो. (तिसु )। परित्त परितं. (तु परित्ताणे ) परित्तो. ( तीसु अप्पके)॥ २९ कुम्भण्ड कुम्भण्डो. ( देवभेदे च दिस्सति वल्लिजातियं )। पाद ( चतुत्थंसे पदे ) पादो (-पच्चन्तसेलरंसिसु ) ॥ १०३० वंग वंगो. (रोगन्तरे वंगादेसे पुभ बहुम्हि च )। मुहि (कम्मारभण्डभेदे च खटके ) मुहि. ( च द्विसु ) ॥ ३१ अम्मण अम्मंणं. ( दोनियं चेकादसदोणप्पमाणके )। अधिट्टान अधिट्ठितियमाधारे ठाने )ऽधिद्वान. (-मुच्चते ) ॥३२ (पुमे ) महेसी. ( सुगते देवियं नारियं मता)। उपसग ( उपद्दवे ) उपसग्गो. (दिस्सति पादिके पि च ) ॥ ३३ वकं. ( कोहासभेदस्मि ) वको. ( के तिसुच्चते ) । विजा विजा. ( वेदे च सिप्पे च तिविज्जादो च बुद्धियं ) ॥ ३४ एकग ( समाधिस्मि पुमे-) कग्गो. (ऽनाकुले वाचलिंगिको) । पज्ज पजं. (सिलोके) पज्जो. (द्वे) पज्जो. (पादहिते तिसु)॥३५ कतक कतको. ( रुक्खभेदस्मि ) कतको. ( कित्तिमे तिलु) । अस्सव ( विधेय्ये ) अस्सवो. (तीसु पुब्बम्हि पुरिसे सिया)॥ ३६ ( कल्याणे कथितं ) खमं. ( तीसु लद्धस्थ रक्खणे )। पयोजन ( अथो नियोजने वुत्तं कारिये पि ) पयोजनं. ॥ ३७ अस्सत्थ अस्सत्थो. ( तीसु अस्सास प्पत्ते बोधिद्दुमे पुमे ) । लुद्द (तीसु ) लुद्दो. ( कुरूरे च नेसादम्हि पुमे सिया ) ॥ ३८ विलग्ग विलग्गो. (तीसु लग्गस्मि पुमे मज्झम्हि दिस्सति )। अड्ढ अड्ढो. ( स्वनित्थियं भागे धनिस्मि वाच्चलिंगिको ) ॥ ३९ कट्ठ. ( दारुम्हि तं किच्छे गहणे कसिते तिसु । अज्झत्त ( ससन्ताने च विसये गोचरे )ऽज्झत्त. ( मुच्चते ) ॥१०४० वक कट्ठ Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३२] लोक सिखी सिलोक धव निग्रोध घंक वार पयोधर अङ्क रस्मि आलोक बुद्ध भानु दण्ड अनिमिस पत्थ आतंक मातंग मिग कोसिय विग्गह पुरिस दायाद सीस ततियो सामञ्जकण्डो {३, १०४१-१०४७ ( भुवने च जने ) लोको. ( मोरे स्वऽग्गिम्हि सो ) सिखी । सिलोको. ( तु यसे पज्जे ) ( रुक्खे तु सामिके ) धवो. ॥ ४१ ( वटव्यामसु ) निग्रोधो. धंको. (तु वायसे बके)। वारो. ( त्वऽवसराऽहेसु) ( कुचे स्वब्भे ) पयोधरो. ॥ ४२ ( उच्छंगे लक्खणे चा-)ऽको. रस्मि ( स्थी जुति रज्जुसु )। (दिह्रो भासेसु ) आलोको. बुद्धो. (तु पंडिते जिने ) ॥ ४३ ( सुरांसुसु पुमे ) भानु. दण्डो (तु मुग्गरे दमे )। ( देव मच्छेस्व-)ऽनिमिसो. पत्थो. (तु मानसानुसु ) ॥ ४४ आतंको. ( रोगतापेसु) मातंगो. (सपचे गजे)। मिगो. ( पसु कुरंगेसु) (उलुकिन्देसु) कोसियो. ॥ ४५ विग्गहो. ( कलहे काये ) पुरिसो. ( माणवऽत्तसु ) दायादो. ( बन्धवे पुत्ते ) (सिरे ) सीसं. (ति पुम्हि च ) ॥ ४६ ( बलिहत्थांसुसु ) करो, ( दन्ते विप्पेऽण्डजे ) द्विजो.। वत्तं. ( पज्जाऽननाऽचारे ) (धनंगे सुखुमे ) कणो. ॥ ४७ कर द्विज वत्त कण Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३३ गण ३, १०१८-१०५३] अभिधानप्पदीपिका थम्भ थम्भो. (थुणा जलत्तेसु) सूपो. ( कुम्मास व्यञ्जने)। गण्ड गण्डो. ( फोटे कपोळम्हि) अग्ध अग्घो. ( मूले च पूजने ) ।। ४८ पकार पकारो. ( तुल्यभेदेसु) सकुन्त सकुन्तो. ( भासपक्खिसु)। विधि ( भाग्ये ) विधि. ( विधाने च ) सायक ( सरे खग्गे च ) सायको. ॥ ४९ सारंग सारंगो ( चातके एणे) सत्ति सत्ती. (तु सर पक्खिसु)। पाक (सेदे ) पाको. ( विपाकेथ ) ( भिक्खुभेदे चये ) गणो. ॥ १०५० रासि रासि. (पुंजे च मेसादो) सिन्धव ( अस्से लोणे च ) सिन्धवो. । पलय ( संवट्टे ) पलयो. ( नासे ) पूगो. ( कमुक-रासिसु ) ॥ ५१ सुधा ( अमते तु ) सुधा. ( लेपे) आभिख्या आभिख्या. ( नामरंसिसु)। सस्थि सत्थि. ( सामस्थिये सत्थे ) मही मही. ( नजन्तरे भुवि ) ॥ ५२ उपलद्धि ( नाणे लाभे ) उपलाद्ध. पवेणि पवेणि ( कूथवेणिसु. )। पवत्ति पवत्ति.( वुत्ति वात्तासु) भती ( वेतने भरणे ) भती. । लीला लीला. ( क्रियाविलासेसु) पजा ( सत्ते तु अत्तजे ) पजा. ॥ ५३ मरियादा ( आचारे चापि ) मरियादा. भूति भूति ( सत्ता समिद्धिसु )। पग Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३४] तन्दी यात्रा निन्दा कंगु सन्ति भात्ति कन्ति रति वसति वाहिनी नालि thrilletter til समिति तण्हा वत्तनी नाभि विझत्ति वित्ति ततियो सामञ्चकण्डो [३, १०५१-१०६० ( सोप्पे पमादे) तन्दी . ( च ) यात्रा. ( गमनवुत्तिसु) ॥५४ निन्दा. ( कुच्छा पवादेसु) कंगु. ( धञपियंगुसु )। ( मोक्खे सिवे समे ) सन्ति. (विभागे ) भत्ति. ( सेवने ) ॥ ५५ ( इच्छायं जुतियं ) कन्ति. ( रंजने सुरते ) रति.। (गेहे ) वसति. ( वासेथ ) ( नदी सेनासु ) वाहिनी. ॥ ५६ ( पत्थे नाले च ) नालि. (स्थि ) (गणे ) समिति. ( संगमे )। तण्हा. ( लोभे पिपासायं) ( मग्गवुत्तिसु ) वत्तनी. ॥ ६७ ( पाण्यंगे ) नामि. ( चक्कन्ते ) ( याचे ) विमत्ति. ( आपने )। वित्ति. ( तोसे वेदनायं) (ठाने तु जीविते ) ठिति. ॥ ५८ ( तरंगे चान्तरे ) वाचि. (धीरत्ते धारणे ) धिति.। भू. ( भूमियं च भमुके) ( सद्दे वेदे सवे ) सुति. ॥ ५९ गोतं. ( नामे च वंसेथ ) (नगरे च घरे) पुरं.। ओकं. (तु निस्सये गेहे ) कुलं. ( तु गोत्तरासिसु )॥ १०६० ( हेमे वित्ते ) हिरनं. ( च ) पाणं. ( त्वंकबुद्धिसु )। ठिति वीचि पिति मोक कुल हिरम पन्नाण Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३५ वन पय ཧྥ ཤྩ བྷཱུ བྷྱཱ བླ ཟླ = ཝཱ ཙྪཱ བྷྱཱ ཐ ཝ ཟླ ཝཱ ཙྪཱ བྷྱཱ ཀྵ ཟླ ३, १०६१-१०६७] अभिधानप्पदीपिका अम्बर ( अथा )ऽम्बरं. ( च खे वस्थे ) गुरह गुय्हं. ( लिंगे रहस्यपि ) ॥ ६१ तप तपो. (धम्मे वते चेव ) किब्बिस (पापे स्वागुम्हि ) किब्बिसं.। रतन रतनं. ( मणिसेढेसु) वस्स वस्सं. ( हायन वुट्टिसु ) ॥ ६२ वनं. ( अरज वारीसु) (खीरम्हि तु जले) पयो. । अक्सर अक्खरं. (लिपि मोक्खेसु) मेथुन मेथुनं. ( संगमे रते ) ॥ ६३ सोतं. ( कण्णे पयोवेगे) रिहं. ( पापासुभेसु च )। आगु. ( पापाऽपराधेसु) ( केतुम्हि विन्हे ) धजो. ॥ ६१ गोपुरं. ( द्वारमत्ते पि) मन्दिर मन्दिरं. ( नगरे घरे )। ( वाञ्चलिंगा परमितो) ब्यत्त ब्यत्तो. (तु पंडित फुटे ) ॥ ६५ वल्लम वल्लभो. ( दयितेऽज्झक्खे ) थूल (जळे ) थूलो. ( महत्त्यपि )। भीम (कुरूरे भेरवे ) भीमो. लोल लोलो. (तु लोलुपे चले ) ॥६६ बीमच्छ बीभच्छो. (विकते भीमे) मुदु ( कोमलाऽतिखिणे ) मुदु.। सादु ( इहे च मधुरे ) सादु. ( सादुम्हि च पिये ) मधु. ॥ ६७ ओदात (सिते तु सुद्धे ) ओदातो. द्विजिन्ह द्विजिव्हो. ( सूचकाऽहिसु )। मागु धज गोपुर मधु Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३६ ] समस्थ समत्त सुद्ध जिघन्म पोण इतर सुचि पेसल अधम अलिक संकिण्ण भब्ब सुखुम ततियो सामञ्चकण्डो [३, १०६८-१०७४ ( सके ) समत्थो. ( संबन्धे ) समत्तं. ( निहिताऽखिले ) ॥ ६८ सुद्धो. ( केवलपूतेसु ) जिघो . (ऽन्ताऽधमेसु च )। पोणो. ( पणत-निन्नेसु ) ( अञ्जनीचेसु चे-) तरो. ॥ ६९ सुचि. ( सुद्धे सिते पूते ) पेसलो. ( दक्ख चारुसु )। अधमो. ( कुच्छिते ऊने) ( अप्पियेप्य )ऽलिको. ( भवे ) ॥ १०७० ( ब्यापे असुद्धे) संकिण्णो. भब्बं. ( योग्गे च भाविनि)। सुखुमो. ( अप्पकाऽणुसु) वुद्धो. (थेरे च पंडिते ) ॥ ७१ ( सुभे साधुम्हि ) भद्दो. (थ) ( त्यादो च विपुले ) बहु.। धीरो. (बुधे घितिमन्ते ) वेल्लितं. ( कुटिले धुते ) ॥ ७२ विसदो. ( व्यत्त सेतेसु ) तरुणो. (तु युवे नवे )। योग्गं. ( याने, खमे ) योग्गो, पिण्डितं. ( गणिते घने ) ॥ ७३ ( बुधे )ऽभिजातो. ( कुलजे ) ( वुद्धोरूसु ) महल्लको.। कल्याणं. ( सुन्दरे चापि ) हिमो. (तु सतिले पि च ) ॥ ७१ ( लोले तु सीधे ) चपलो. ( वुत्ते ) उदित. (-मुग्गते)। बुद्ध धीर वलित विसद तरुण योग्ग पिण्डित अभिजात महल्लक कल्याण हिम चपल उदित Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, १०७५ - १०८१] १०७५-१०८१ दिस पिट्ठ बीत माविल भट्ठ पुट्ठ जात पटिभाग सूर दुट्ठ दिन बालिस खेप नियम कुस वय अवलेप अण्डज बब्बु मन्थ बाल संघात घोस सूत पाल्य वाह अपचय काल A. P. 18 अभिधानप्पदीपिका ( आदित्ते गब्बिते ) दित्तो. पिट्ठ. ( तु चुणिते पिच ) ॥ ७५ ( विगते वायने ) वीतं. भावितं (वडते पिच ) । ( भज्जिते पतिते ) भट्ठो. पुट्ठो ( पुच्छित पोसिते ) ॥ ७६ जातो. ( भूते चये ) जातं. पटिभागो. ( समाsरिसु ) | सूरो. ( वीरे रवि सूरे ) दु. ( कुद्धे च दूसिते ) ॥ ७७ दिट्ठो (रिम्हक्खिते दिट्ठो ) ( मूळ हे पोते च ) बालिसो. । ( निंदायं खेपने ) खेपो. नियमो . ( निच्छये वते ) || ७८ ( सला कार्य ) कुसो. ( दब्भे ) ( बाल्यादो तु खये ) वयो . । ( लेपगब्बे स्व-) वलेपो. अण्डजो. ( मीन पक्खिसु ) ॥ ७९ ( बिलाळे नकुले ) बब्बु. मन्थो . ( मन्थान सत्सु ) | बालो. ( केसेस्सादि लोमे ) संघातो. ( घातरासिसु ) ॥। १०८० ( गोपगा मे रखे ) घोसो. सूतो. ( सारथि वन्दिसु ) | माल्यं. ( तु पुष्फे तद्दाम ) वाहो. ( तु सकटे हये ) ॥ ८१ ( खयेच्चने चा - ) ऽपचयो. कालो . ( समय मच्चु ) | [ १३७ Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३८] तारका सीमा आभोग आलि दळह लता मुत्ति काय पुथुज्जन भत्ता सिखण्ड पुग्गल सम्बाध पराभव वच्च जुति ततियो सामञ्जकण्डो [३, १०८२-१०८८ ( भे ) तारका. ( नेतमज्झे ) सीमा (ऽवधि थुतासु च ) ॥ ८२ आभोगो. ( पुण्णतावजेस्वा-)ऽऽलि. ( स्थी सखि सेतुसु )। ( सत्ते थूले तीसु ) दळहो. लता ( साखाय वल्लियं ))॥ ८३ मुत्ति. ( स्थी मोचने मोक्खे ) कायो. ( तु देहरासिसु)। ( नीचे ) पुथुज्जनो. ( मूळ्हे ) भत्ता. ( सामिनि धारके ) ॥ ८४ ( सिखा पिंजेसु ) सिखण्डो. ( सत्ते त्वत्तनि ) पुग्गलो.। सम्बाधो. ( संकटे गुय्हे ) ( नासे खेपे ) पराभवो. ॥ ८५ बच्चो. ( रूपे करीसे थ) जुति. ( स्थी कन्ति रंसिसु )। लब्भं. (युत्ते च लद्धब्बे ) ( खण्डे पण्णे ) दलं. ( मतं)॥ ८६ सल्लं. ( कण्डे सलाकायं) ( सुचित्ते ) धावनं. ( गते )। ( भन्तत्ते ) विब्भमो. ( भावे ) मोहो. (विजाय मुच्छने ) ॥ ८७ सेदो. ( घम्मजले पाके) ( गोळे उच्छुमये ) गुळो.। ( गित्ते सहाये च ) सखा. विभू. ( निच्चप्पभूसु सो ) ।। ८८ ( खग्गे कुरूरे ) नेत्तिसो. ( परस्मि चात्र तीस्व-)ऽमु.। लब्भ दल सल्ल धावन विब्भम मोह गुळ सखा विभू नेत्तिस अमु Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१३९ वंस तल पुप्फ # ३, १०८९-१०९५] अभिधानप्पदीपिका कलंक कलंको. (ऽङ्कापवादेसु) जनपद ( देसे ) जनपदो. ( जने ) ॥ ८९ गाथा ( पजे ) गाथा. ( वचीभेदे ) वंसो. ( त्वन्वय वेणुसु )। यान यानं. ( रथादो गमने) ( सरूपस्मिमधो ) तलं. ॥१०९० मज्झो. (विलग्गे वेमज्झे) पुष्फं. (तु कुसुमोतुसु)। सीलं. ( सभावे सुव्वते ) पुंगवो. ( उसमे वरे ) ॥ ९१ ( कोसे खगादि बीजे )ऽण्डं. कुहर कुहरं. ( गब्भरे बिले)। खग्ग (नेत्तिसे गण्डके ) खग्गो. कदम्ब कदम्बो. (तु दुमे चये )॥ ९२ रोहिणी (भे धेनुयं ) रोहिणी, (त्थी ) वरंग वरंगं, ( योनियं सिरे )। ( अक्कोसे सपथे ) सापो. पंकं. ( पापे च कद्दमे ) ॥ ९३ ( भोगवत्युरगे ) भोगि.इस्सर स्सरो. (तु सिव सामिसु )। ( बले पभावे ) विरियो. तेजो. ( तेसु च दित्तियं ) ॥ ९४ धारा धारा ( सन्तति खग्गंगे ) वान वानं. ( तण्हाय सिब्बने )। खत्ता खत्ता. ( सूते पटिहारे ) (वित्ति पीळासु ) वेदना. ॥ ९५ मति ( थियं ) मति. (-च्छा पञ्बासु) ( पापे युद्धे वे ) रणो.। साप भोगि विरिय वेदना Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४०] लव भुस बाधा मातिका स्नेह आलय केतन भूमि लेख भगवा गद आसन तथागत समुस्सय विल वज्ज अद्धान सेतु ओकास सभा यूप अयन अक्क अस्स ततियो सामञ्चकण्डो [३, १०९६-११०२ लवो. (तु बिन्दु च्छेदेसु) ( पलापेऽतिसये ) भुसं. ॥ ९६ बाधा. ( दुक्खे निसेधे च ) (मूलपदे पि ) मातिका. । स्नेहो. (तेलेधिकप्पेमे ) ( घराऽपेक्खासु ) आलयो. ॥ ९७ ( केतुस्मि ) केतनं. (गेहे ) ( ठाने) भूमि.( स्थियं भुवि)। लेखो. ( लेख्ये, राजि) लेखा. ( पुज्जे तु ) भगवा. ( जिने ) ॥९८ गदा. (.सत्थे ) गदो. ( रोगे) (निसज्जा पीठेस्वा-)ऽसनं. । तथागतो. ( जिने सत्ते) (चये देहे ) समुस्सयो. ॥ ९९ बिलं. ( कोट्ठासछिद्देसु) वजं. ( दोसे च भेरियं)। ( काले दीघजसे-)ऽद्धानं. ( आलियं ) सेतु. ( कारणे ) ॥ ११०० ओकासो. ( कारणे देसे) सभा. ( गेहे च संसदे)। यूपो. ( थम्भे च पासादे ) ( था-)ऽयनं. (गमने पथे ) ॥ ११.१ अको. ( रुक्खन्तरे सूरे ) अस्सो. ( कोणे हये प्यथ )। अंसो. ( खन्धे च कोट्ठासे)। ( जालंऽसुस्व-चि. ( नो पुमे ) ॥२ ( नासासत्तेस्व-)ऽभावो. ( 2 ) अन्न. ( मोदन भुत्तिसु )। अंस अच्चि अभाव অল্প Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१४१ निकाय केतु कवि 4 . ४ . * 5 1 4 4 4 अ 4 FRATHI ३, ११०३-११०९] अभिधानप्पदीपिका जीव जीवं. ( पाणे जने ) जीवो. घास घासो. ( त्वन्ने च भक्खने ) ॥३. भच्छादन (छदने )ऽच्छादनं. ( वत्थे ) निकायो. ( गेहरासिसु )। मामिस ( अन्नादो) आमिसं. ( मंसे ) दिक्खा दिक्खा . (तु यजनेऽच्चने ) ॥ ४ ॥ कारिका ( क्रियायं ) कारिका. ( पजे) केतु. (तु चिहने धजे)। कुसुम कुसुमं. ( थीरजे पुप्फे ) ( वानरे तु बुधे ) कवि. ॥ ५ ॥ ( अधरे खरभे ) ओट्ठो. लुद्धो. ( तु लुद्दके पि च )। कलुस कलुसं. ( त्वाऽविले पापे ) कलि ( पापे ) कलि. ( पराजये) ॥ ६ कन्तार कन्तारो. ( वनदुग्गेसु) चरो. ( चारम्हि चंचले )। गाम ( जनावासे गणे ) गामो. चम्म. (तु फलके तचे ) ॥ ७ आमोदो. ( हास गन्धेसु) चारु चारु. (तु कनके पि च )। ( सत्तायं ) भवनं. (गेहे) छल (लेसे तु खलिते ) छलं. ॥ ८ वेरं. ( पापे च पटिघे) तचो. ( चम्मनि वक्कले )। (उच्चेऽधिरोहे ) आरोहो. नेत्तं. ( वस्थन्तराक्खिसु ) ॥९ ( पटिहारे मुखे ) द्वारं. (पेते जाते ) मतो. (तिसु)। चर भामोद भवन वेर आरोह द्वार मत Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४२] मास नग्ग पटिघ नाम दर भिक्खा भर सुजा अब्भ मोदक मणि मलय ततियो सामञ्चकण्डो [३, १११०-१११६ मासो.(ऽपरन्न कालेसु) नग्गो. ( त्वचेळके पि च ) ॥ १११० ( दोसे घाते च) पटिघो. (मिगादो छकले ) पसु.। ( अरूप चाव्हये ) नाम, दरो. ( दरथ भीतिसु ) ॥ ११ ( याचने भोजने ) भिक्खा. ( भारेत्वतिसये ) भरो.। (दबिऽन्दजायासु ) सुजा. ( मेघे स्व-)ऽब्भं. (विहायसे ) ॥ १२ मोदको. ( खजभेदे पि ) ( मणिके रतने ) मणि.। ( सेलाऽरामेसु ) मलयो. ( सभा वंकेसु ) लक्खणं. ॥ १३ गवि. ( सप्पिम्हि होतब्वे ) सिरो. ( सेटे च मुद्धनि)। ( विचारे पि ) विवेको. (थ) सिखरी. ( पब्बते दुमे ) ॥ १४ वेगो. ( जवे पवाहे च ) संकु. (तु खिल हेतुसु)। (निग्गहीते कणे ) बिन्दु. वराहो. ( सूकरे गजे)॥ १५ ( नेत्तन्ते चित्तके )ऽपाङ्ग. सिद्धत्थो. ( सासपे जिने )। हारो. ( मुत्तागुणे गाहे ) खारको. ( मुकुले रसे ) ॥ १६ ॥ अञ्चयो. (-ऽतिकमे दोसे) (सेलरुक्खेस्व-)ऽगो. नगो.। लक्खण गवि सिर विवेक सिखरी वेग संकु बिन्दु वराह अपांग सिद्धस्थ हार खारक अच्चय अग, नग Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, १११७- ११२३ ] मत्त अपचिती ओतार पिता पितामह पोत सोण दिव चास चुल्ल कण्ण माला भाग कुट्ठ सेय्या भम अंसु निपात विटप सत्तु सामिक पट्ठान रंग पान उद्धार एळक पहार सरद अभिधानपदीपिका ( स्वप्पेऽवधारणे ) म. अपचित्य, (ऽच्चने खये ) ॥ १७ ॥ ( छिद्दावतरणे स्वो - ) तारो. ( ब्रह्मे च जनके ) पिता । पितामहो . ( Sय्यके ब्रह्मे ) पोतो. ( नावाय बालके ) ॥ ६८ ( रुक्खेवणे सुणे ) सोणो. ( सम्गे तु गगने ) दिवो. । ( वस्थे गंधे घरे ) वासो. चुल्लो. ( खुद्दे च उद्धने ) ॥ १९ कण्णो. ( कोणे च सवणे ) माला. ( पुप्फे चपन्तियं ) । भागो. ( भाग्येकदेसेसु ) कुटुं. ( रोगेऽजपालके ) ॥ ११२० सेय्या ( सेनासने सेने ) ( चुन्दभण्डम्हि च ब ) भमो. । ( वस्थादिलो मे प्यं - ) सु. ( करे ) निपातो. ( पतने व्यये ) ॥ २१ ( साखायं ) विटपो. (थम्भे ) सतु. ( खज्जन्तरे दिसे ) । सामिको ( पति अरियेसु ) पानं. ( गति हेतुसु ) ॥ २२ ( रागे ) रंगो. ( नचट्टाने ) पानं. ( पेय्ये च पतियं ) । ( इणुक्खेपे ) उद्धारो. ( उम्मारे ) एळको. ( अजे ) ॥ २३ J पहारो ( पोथने यामे ) सरदो. (हायनोतुसु ) । [ १४३ Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४४] तुंब पलाप कासु उपनिसा कास दास भट्ट दव उप्पतन उय्यान वोकार. पाभत दसा कारण ततियो सामञ्चकण्डो [३, ११२४-११३० ( कुण्डिकायाऽव्हके ) तुंबो. पलापो. ( तु भुसम्हि च ) २४ (मता वाटे चये) कासु. - पनिसा. ( कारणे रहे )। कासो. ( पोटकिले रोगे) दोसो. ( कोधे गुणेतरे ) ॥ २५ ( युत्यट्टालट्टितेख-)ऽट्टो. (कीळायं कानने ) दवो. । ( उप्पत्तियं चो-) पतनं. उय्यानं. ( गमने वने ) ॥ २६ वोकारो. (लामके खन्धे ) ( मूलो पादासु) पाभतं. । दसा. (-ऽवस्था पटन्तेसु) कारणं. (घात हेतुसु ) ॥ २७ ( हस्थिदाने ) मदो. ( गब्बे ) घटा. ( घटन रासिसु )। उपहारो. (ऽभिहारे पि ) चयो. ( बन्धन रासिसु ) ॥ २८ गन्धो. ( थोके घायनीये ) चागो. ( तु दान हानिसु )। ( पाने पमोदे ) पीति. (स्थि ) (इणे ) गीवा. ( गले पि च ) ॥ २९ पतिट्ठा. ( निस्सये ठाने) ( बलकारे पि ) साहसं. भंगो. ( भेदे, पटे) भंगं. छत्तं. (तु छवके पि च ) ॥ ११३० ( आणे भुवि च ) भूरि. (स्था) ( अनंगे ) मदनो. ( दुमे )। मद घट उपहार चय गंध चाग पीति गीवा पतिट्ठा साहस भंग छत्त भूरि मदन Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मोक्ख ३, ११३१-११३७] अभिधानप्पीपिका { १४५ माता ( पमातरि पि ) माता (थ) वेठन ( वेठुण्हीसेसु ) वेठनं. ॥ ३१ ॥ मारिस मारिसो. ( तध्दुलीयेऽय्ये ) मोक्खो. ( निब्बान मुत्तिसु )। इन्दो. (ऽधिपति सक्केस्वा-) आरम्मण रम्मणं. ( हेतु गोचरे ) ॥ ३२ ॥ सण्ठाण ( अंके ) सण्ठाण. (-माकारे ) वप्प ( वप्पे ) वप्पो. ( तटे पि च )। सम्मुति सम्मुत्या. (-नुञा वोहारेअक्खत स्वथ लाजासु च)ऽक्खतं. ॥ ३३ सत्रं. ( यागे सदा दाने) सोमो. ( तु ओसधिन्दुसु )। संघाट संघाटो. ( युग गेहंगे ) खारो. ( ऊसे च भस्मनि ) ॥ ३४ आताप आतापो. (विरिये तापे) ओधि ( भागे सीमाय ) ओधि. ( च ) ॥ ११३५ ॥ अनेकत्थवग्गो ॥ सत्र सोम चिरकाल ४ सह १ पुनः पुनः ५ ( अव्ययं वुच्चते दानि) चिरस्सं, ( तु ) चिरं, ( तथा )। चिरेन, चिररत्ताय. सह, सद्धिं, समं, अमा. ॥ ३६ पुनप्पुनं, अभिण्हं, ( चा-) ऽसकी. ( चा-)ऽभिक्खणं, मुहु. । ( वजने तु ) विना, नाना. अन्तरेन, रिते, पुथु. ।। ३७ बलव,सुटु, ( चा --)ऽतीवा,(ऽतिसये ) किमुत, स्व,-ऽति. । वर्जन ५ अतिशय ६ A. P.19 Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४६] ततियो सामञ्जकण्डो [३, ११३८-११४४ वितर्क ६ अहो,( तु ) किं, क्रिमु,-दाहु, (विकप्पे ) किमुतो,-द. ( च ) ॥ ३८ संबोधन १० ( अव्हाने ) भो, अरे, अम्भो, हम्भो, रे, जे, ऽङ्ग, आवुसो, । पश्नबोधक ६ हे, हरे. ( 2 ) कथं, किंसु, ननु, कच्चि, नु, किं. ( समा ) ॥ ६९ वर्तमानसमय ४ अधुने,-तरही,-दानि, सम्पति. अञदत्थु, ( तु)। निश्चयार्थे ८ तग्घे,(कंसे ) ससकं, ( चा-) ऽद्धा, काम, जातु, वे, हवे. ॥ ११४० परिच्छेदार्थ वाचक ७ यावता, तावता, याव, ताव, कित्तावता, ( तथा )। एत्तावता. (च) कीवे. (ति परिच्छेदस्थ वाचका) ॥ ४१ उपमा वाचक १७ यथा, तथा, यथे चे,-वं, यथानाम, तथाहि, (च)। सेय्यथाप्ये,-वमेवं, (वा) तथेव, (च तथा पि, ( च ) ॥ १२ एवं पि, ( च ) सेय्यथापिनाम, यथरिवा, (ऽपि च )। ( पटिभागस्थे ) यथा च, विय, तथरिवा. (ऽपि च ) ॥ १३ स्वय ३ सं, सामं, ( च ) सयं. ( चाथ ) अनुमोदने ६ आम, साहु, लहु, (पि च )। ओपायिकं, पतिरूपं, साध्वेऽवं. ( सम्पटिच्छने ) ॥ ४४ हेत्वर्थे ६ यं, तं, यतो, ततो, येन, तेने. (--ति कारणे सियुं )। Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ११४५-११५१] अभिधानप्पदीपिका [ १४७ अल्पमात्र ग्रहणे २ ( असाकल्ये तु ) चन, चि. निरर्थकार्थे १ (निष्फले तु ) मुधा. ( भवे ) ॥ ४५ अनियत कालार्थ २ कदाचि, जातु. ( तुल्या थ ) सर्व प्रकारार्थे ४ सब्बतो, (च) समन्ततो. । परितो, ( च ) समन्ता. (पि) मिथ्या वाक्य २ (अथ) मिच्छा, मुसा. ( भवे ) ॥ ४६ निषेधार्थे ६ (निसेधे ) न, अ, नो, माऽलं, अनियमार्थे । नहि. चे (तु ) सचे, यदि. । अनुकूलार्थे १ ( आनुकूल्ये तु) सद्धं. (च) रात्रि २; दिवा १ रतं, दोसो. दिवा. ( त्वहे ) ॥ ४७ अल्पार्थे ३ ईसं, किञ्चि, मनं. ( अप्पे ) अतर्कितार्थे १ सहसा. ( तु अतक्किते )। अभिमुख ३ पुरे,ऽग्गतो, (तु ) पुरतो. जन्मान्तरे २ पेच्चा,ऽमुत्र. ( भवन्तरे ) ॥ ४८ विस्मयार्थे २, मौन १ अहो, हि. ( विम्हये ); तुण्ही. प्रादुर्भाव २ (तु मोने ) ( था )ऽऽवि, पातु. (च)। तत्क्षणे २ (तं खणे ) सज्जु. सपदि. बलात्कार १ ( बलकारे ) पसव्ह. (च) ॥ ४९ पद पूरणे ६ सुदं, खो, अस्सु, यग्घे, वे, हा (ऽऽदयो पद पूरणे)। अन्तरालय ३ अन्तरेन,ऽन्तरा, अन्तो. निश्चय २ ऽवस्सं, नून, च. (निच्छये ) ॥ ११५० संतोष २ ( आनंदे ) सं, ( च ) दिट्ठा. ( थ) विरोध प्रकाश १ (विरोधकथन ) ननु. । इच्छा प्रकाश १ (कामप्पवेदने ) कच्चि, अस्तु १ ( उसूयोपगमे )ऽत्थु. ( च ) ।। ५१ अवधारणार्थे १ एवा. (-ऽवधारणे अय्यं ) भविपरीतार्थे यथत्तं, (तु) यथा तथं. । Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४८] ततियो सामञ्चकण्डो [३, ११५२-११५८ अल्पार्थे १; प्रचुरार्थे १ नीचं. ( अप्पे ); ( महत्यु-) चं. पुर्वाह २ ( अथ ) पातो, पगे. ( समा ) ॥ ५२ अनवरत २; बाहुल्य १ ( निच्चे ) सदा, सनं. पायो. ( बाहुल्ये ); बाहिरं, बही, । बहिरर्थे ४ बहिद्धा, बाहिरा. ( बाले ) शीघ्रार्थे १ ( सीधे तु ) सणिकं. ( भवे ) ॥ ५३ विनाशार्थे १ अस्थं. ( अदस्सने ); दुछु. निन्दार्थे १; प्रणामार्थे १ ( निन्दायं ); ( वन्दने ) नमो. । प्रशंसाथै २ सम्मा, सुठ्ठ. ( पसंसायं ) विद्यमानार्थे १ ( अथो सत्तायम-)ऽस्थि. (च)॥ ५४ सध्या १; अद्य १ सायं. ( साये-); ऽज. ( अत्राहे ) श्वः २ सुवे, (तु ) स्वे. ( अनागते )। परश्व १ ( ततो परे ) परसुवे. ह्यः १ हिय्यो. (तु दिवसे गते ) ॥ ५५ यत्र ३ यस्थ, यत्र, यहिं. ( चाथ ) तत्र १ तस्थ, तत्र, तहि, तह.। ऊध्र्व २ ( अथो ) उद्धं, ( च ) उपरि. अधः २ हेढा. (तु च ) अधो. ( समा) ॥ ५६ नियोगार्थे २ ( चोदने ) इंघ, हन्दा. (ऽथ ) दूरार्थे ३ आरा, दुरा, ( च ) आरका. । असम्मुखार्थे २ परम्मुखा, (तु च ) रहो. सम्मुखार्थ ३ सम्मुखा, ( त्वा-)ऽवि, पातु. (च)॥ ५७ संशयार्थे ३ ( संसयथम्हि ) अप्पेव, अप्पेवनाम, नु. ( ति च )। निदर्शनार्थे ३ (निदस्सने ) इति,-स्थं, (च) क्लेशे १; विषादे १ एवं. ( किच्छे ) कथञ्चि, (च) ॥ ५८ प्रत्यक्षे १ हा. ( खेदे ); सच्छि. ( पच्चक्खे ) ध्रव १ धुवं. (थिरावधारणे )। Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ११५९ - ११६५ ] अभिधानप्पदीपिका amera ३ कुत्सार्थे २ भाशीषार्थे १ निंदार्थे १ कुत्र ७ अत्र ५ सर्वत्र २ कदाचन २ तदा २ प - उपसर्ग परा-उपसर्ग नि-उपसर्ग तिरो, (तु) तिरियं . ( चाथ ) ( कुच्छा) दुट्टू, कु. ( - खते ॥ ५९ सुवस्थि. ( आसित्थम्हि ) ( निन्दायं तु ) धि. ( कथ्यते ) | कुहिञ्चनं, कुहिं, कुत्र, कुत्थ, कत्थ, कहं, क्व. ( थ ) ।। ११६० इहे - , धाऽत्र, (तु) एस्था, - Sत्थ. ( अथ ) सब्बत्र, सब्बधि. कदा, कुदाचनं ( चाथ ) 1 तदानि, (च) तदा ( समा ) ।। ६१ ( आदिकम्मे भुत्थे च सम्भवो तिण्ण तित्तिसु । नियोगि-स्सरीयम्पीति दानपूजाऽग्ग सन्तीसु ॥ ६२ दस्सने तप्परे संगे पसंसा गति सुद्धिसु । हिंसा पकारऽन्तोभाव वियोगावयवेसु च ।। ६३ परा. ( सद्दो परिहानि पराजय गतीसु च । भुसत्थे पटिलो मत्थे विकमा मसनादि ) ॥ ६४ ( निस्सेसऽभाव सन्यास भुसरथ मोक्खरासिसु । गेहादेसोपमाहीनपसाद निगताच्चये ॥ ६५ दस्सनोसाननिक्खन्ता sar भागेस्ववधारणे । [ १४९ Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५०] नी-उपसर्ग उ-उपसर्ग दु-उपसर्ग ततियो सामअकण्डो [३, ११६६-११७१ सामिप्ये बंधने छेका ऽन्तोभागोऽपरतीसु च ॥ ६६ पातुभावे वियोगे च निसेधादो) नि. ( दिस्सति )। ( अथो नीहरणे चेवाऽवरणादो च ) नी. (सिया ॥ ६७ ( उद्धंगम वियोगऽत्तलाभ तित्ति समिद्धिसु । पातुभावऽच्चया भाव पबलते पकासने। दक्खग्गतासु कथने सत्ति मोक्खादिके ) उ. ( च ) ॥ ६८ दु. ( कुच्छितेऽसदस्थेसु विरूपत्ते प्यऽसोभने । सियाऽभावाऽसमिद्धीसु किच्छेचाऽनन्दनादिके ) ॥ ६९ सं. ( समोधान संखेप समन्तत्थ समिद्धिसु। सम्मा भुस सहऽप्पत्था ऽभिमुखत्थेसु संगते । पिधाने पभवे पूजा पुनप्पुन क्रियादिसु ) ॥ ११७० ( विविधाऽतिसयाऽभावे भुसस्थिस्सरियाऽच्चये। वियोगे कलहे पातुभावे भासे च कुच्छने ॥ ७१ दूराऽनभिमुखत्थेसु मोहाऽनवद्वितीसु च । सं-उपसर्ग वि-उपसर्ग Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१५१ ३, ११७२-११७७] अभिधानप्पदीपिका पधान दक्खता खेदे सहत्थादो ) वि. (दिस्सति) ॥ ७२ अव-उपसर्ग (वियोगे जानने चाधो भावाऽनिच्छय सुद्धिसु। ईसदस्थे परिभवे देसब्यापनहानिसु । वचो क्रियाय थेय्ये च बाणप्पत्तादिके ) अव, ॥ ७३ अनु-उपसर्ग ( पच्छा भुसस्थ सादिस्सा ऽनुपच्छिन्नाऽनुवत्तिसु। हीने च ततियत्था धोभावस्वनुगते हिते। देसे लक्खण वीच्छेत्थ म्भूत भागादिके ) अनु. ॥ ७४ परि-उपसर्ग ( समन्तत्थे परिच्छेदे पूजालिंगनवजने। दोसक्खाने निवासनाऽवनाऽऽधारेसु भोजने । सोक ब्यापन तत्वेसु लक्खणादो सिया ) परि. ॥ ७५ अभि-उपसर्ग (आभिमुख्यविसिठ्ठद्ध कम्म सारुप्प वुद्धिसु। पूजाऽधिककुलाऽसच्च लक्खणादिम्हि चाप्य-) ऽभि. ॥ ७६ अधि-उपसर्ग ( अधिकिस्सर पाठाऽधि. ठान पापुणनेम्व---)ऽधि. । (निच्छये चोपरित्ताऽधिभवने च विसेसने ) ॥ ७७ Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५२] पति-उपसर्ग सु-उपसर्ग आ-उपसर्ग ततियो सामञकण्डो [३, ११७८-१९८३ ( पतिदान निसेधेसु वामाऽऽदान निवत्तिसु। सादिस्से पटिनिधिम्हि आभिमुख्य गतीसु च ॥ ७८ पतिबोधे पतिगते तथा पुन क्रियाय च । संभावने पटिच्छत्थे) पती. (ति लक्खणादिके)। सु. ( सोभने सुखे सम्मा भुस सुठ्ठ समिद्धिसु ) ॥ ७९ ( आभिमुख्य समीपादिकम्माऽलिंगन पत्तिसु । मरियादुद्धकम्मिच्छा बन्धनाऽभिविधीसु) आ. ॥ ११८० निवासऽव्हान गहण किच्छेऽसत्थ निवत्तिसु। अप्पसादाऽसि सरण पतिद्वा विम्हयादिसु ) ॥ ८१ ( अन्तोभावभुसस्थाऽति-- सय पूजास्वतिक्कमे । भूतभावे पसंसायं । दहत्थादो सिया ) अति. ॥ ८२ ( संभावने च गरहा ऽपेक्खासु च समुच्चये। पन्हे संचरणे चेव आसंसत्थे ) अपी.-(रित ) ॥ ८३ ( निद्देसे वजने पूजा ऽपगते बारणे पि च । अति-उपसर्ग अपि-उपसर्ग अप-उपसर्ग Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [१५३ ३, १९८१-११८९ ] आभिधानप्पदीपिका पदुल्सो च गरहा चोरिकादो सिया) अप. ॥ ८४ ॥ उप-उपसर्ग ( समीप पूजा सादिस्से दोसक्खानेपपत्तिम्। भुसस्थापगमाऽधिक्य पुब्बकम्म निवत्तिसु। गयहाकारोऽपरित्तेसु) उप. ( इत्यनसनादिके ) ॥ ८५ ॥ एवं-उपसर्ग एवं, (निदम्सनाऽकारो पमासु संपहंसने । उपदेसे च वचनपटिग्गाहेऽवधारणे। गरहायेदमत्थे च परिमाणे च पुच्छने ) ॥ ८६ ॥ च-निपात ( समुच्चये समाहारे ऽन्ताचये चतरीतरे। पदपूरणमत्ते ) च, ( सदो अवधारणे ) ॥ ८७ ।। इति-निपात इति. ( हेतु प्रकारेसु आदिहि जावधारण । निदने पदस्थरस विपल्लास समापने ) ।। ८८ ।। वा-निपात ( समुन्धये चोपमायं संसये पदपूरणे । ववस्थितविभासायं वा, (-वस्सग्गे विकप्पने ) ॥ ८९ ॥ अलं-निपात रसग कामे चा--) ऽलं अथो-अथ-निपात (बुन्नो गति)। अयो- सन्तराम A. 20 Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५४] अपिनाम-निपात नून-निपात ननु-निपात वन-निपात हन्द-निपात याव. ताव-निपात पुरत्थ-निपात तनियो सामञकण्डो [३, ११९०-११९० पन्हेसु पदपूरणे ) ॥ ११९०॥ ( पसंसा गरहा सजा स्वीकारादो ऽपि नाम . (-थ )। (निच्छये चाऽनुमानास्म सिया ) नून. (वितकने ) ॥ ९१॥ ( पृच्छाऽवधारणाऽनुजा सास्वनाऽऽलपने ) ननू. । वते (-कंस दया हास खेदालपन विम्हये ) ॥ ९२ ॥ ( वाक्यारम्भ विसादेसु हन्द. ( हासेऽनुकम्पने )। याव. ( तु ) ताव. ( साकल्य माणाऽवध्यवधारणे) ॥ ९३ ॥ (पाचि पुराग्गतो त्थेसु) पुरस्थो. ( पठमेप्यथ )। . ( पवन्धे च चिरातीते निकटागामिके ) पुरा. ॥ ९ ॥ (निसेधे बाक्यालंकाराऽवधारणपसिद्धिसु। खल्वा-सन्ने तु) अभितो. (भिमुखोभयतो दिके ) ॥ ९५ ॥ काम ( यद्यपि सहत्थे एकसत्थे च हिस्सति । ( अश्रो ) पन, (विसबम्मि तथैव पद पूरणे ) ॥ १६ ॥ हि. ( कारणे विसेसावधारणे पदपूरणे )। तु. ( हेतु बजे तत्थाथ ) कु-( पापेऽसत्थःच्छने ) ॥ ९७ ॥ पुरा-निपात खलु-निपात अभितो-निपात काम-निपात पन-निपात हि-निपात तु-निपात कु. निपात Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३, ११९८ - १२०३ ] नु-निपात ताना-निपात किं-निपात क्रं - निपात अमा-निपात पुत - निपात किर-निपात उद-1 - निपात पच्छा-निपात सामि-निपात पातु-निपास मिथो - निपात हा - निपात अहह - निपात भि-निपात तिरो-निपात अभिधानपदीपिका नु. (संसये च पडे ) नाना. (नेकत्थ बज्ज ) । किं. ( तु पुच्छा जिगुच्छासु ) कं. ( तु वारिहि मुनि ) ॥ ९८ ॥ अमा. ( सह समीपे थ ( भेदे अप्पटमे पुन. किरा. ( नुम्सवारुचिसु ) उदा. ( -Sप्यथे विकप्पने ) ॥ ९९ ॥ ( पतीच चरिमे ) पच्छा. सामि - ( जिगुच्छ ने ) | ( पकासे संभवे ) पातु. ( अनोजे तु रहे ) मिथो हा. (खेढे सोकदुक्खेसु ) ( खेदेव - Sह ( विम्ये ) | ( हिंसापने ) धि ( निंदार्य ) ( पिधाने तिरियं ) तिरो ॥ १ ॥ तून स्वान -तवे-त्वा-तुवा-सो-था- क्खत्तु - ( मेवच ) | तो-थ-त्र-हिश्वनं-हिं-हंधि-ह-हि-धुना - रहि - ॥ २ ॥ दानि - वो-दाचने-दा-ज्ज - थं-थत्ता–ज्झ-ज्जू-( आदयो । समास चाव्ययीभावो अभिधानपदी पिकासमन्त्ता । यासो चाऽव्ययं भवे ) ।। १२०३ ॥ ॥ अव्ययवगो || सामञ्जकण्डो तनियो || [ १५५ ॥ १२०० ॥ Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५६] अभिधानप्पर्दापिका। कचुसंढस्सनादिगाथा सगकण्डो च भूकण्डो तथा सामञकण्डो ति । काहत्तयान्विता एसा अभिदानप्पदीपिका ॥१॥ तिदिवे महियं भुजगावसये सफलत्थसमव्हयदीपनीयं । इह यो कुसलो मतिमा स नरो पटु होति महामुनिनो वचने ॥२॥ परकमभुजो नाम भूपालो गुणभुसनो । लंकायमासि तेजस्सी जया केसरिविक्कमो ॥ ३ ॥ चिहिन्नचिरमि भिक्खुसंघनिकाय - तस्मिञ्च कारोसं सम्मा समग्गे । सदेह व निच्चादरो दीघकालं ।। महम्घहि रक्लेसि यो पञ्चयेहि ॥ ४ ॥ येन लंका विहारोह मामाराम पुरीहि च । कित्तिया विय सङ्घाधिकता खेत्तेहि वापीहि ॥५ यासासाधारणं पत्ता-नुग्रहं सव्वकामदं । अहंपि गन्थकारत्तं पत्तो बिबुधगोचरं ॥ ६ ॥ कारिते तेन पासादगोपुरादिविसिते ! सम्गकण्डे व तत्तो यासयाम्म पटिविम्बिते ॥ ७ ॥ महाजेतवनाख्याम्हि विहार साबुसम्मते । सरोगामसमूहम्हि बसता सन्लवुक्तिना।। ८ ॥ पद्धम्मद्वितिकामेन मोगलानेन धीमता । थेरेन रचिता एसा आभिदानपदीपिका ॥ Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ एकक्खरकोस ॥ [ नमो बुद्धाय । ] एकन्तसारद सेटुं वन्देकन्तगुणाकरं । एकक्खरादिना धम्मं देसितारं जिनम्बुधिं ॥ १॥ विमुत्तंकरसं धम्म, वन्देकजिनसंभवं । एकन्तपूजितं तेन मुनिनादिच्चबन्धुना ॥ २ ॥ एकन्तपुझखेत्तग्गं एकन्तसारसंभवं । एकन्तविचिनं संघं वन्देकगुणसागरं ॥ ३ ॥ संगीता वण्णिता कता गन्थन्तरादिचकिका । आरूळ्हा पोत्थकं येपि गारवो गरवो च मे ।। ४ ।। वन्दाहं सिरसा सेट्टे सद्धम्मवंसपालके । यावज सोपकारे ते साधुजनममायिते ॥ ५ ॥ इच्चेकन्तविहितस्स पणामस्सानुभावतो । हतन्तरायो सब्बत्थ हुत्वाहं सुद्धचेतसा ॥ ६ ॥ दुब्बिञ्जय्यमलिताय सकताय निरुत्तिया । पोराणेकक्खरकोसे रचितं किञ्चि मत्तकं ॥ ७ ॥ पालियट्ठकथादीनं वणने वाचके पि सो । सासने गरु सेठानं नत्थं साधेति सब्बसो ॥ ८ ॥ भासन्तरं ततो हित्वा पालियुत्तकतादिय । जिनपाठादिके सन्तं विचिन्येकक्खरं तथा ॥ ९॥ सम्पुण्णेकक्खरकोसं सुद्धसज्जनगोचरं । सुद्धसुमतिदातारं कुमती धंसकं वरं ॥ १० ॥ सासने खे रविन्दूव जाणालो ककरं परं । विरचिम्समहं दानि सासनस्थम्मसिनो ॥ ११ ॥ निस्साय गरुवरानं मतं विबुद्धिवणितं ।। जिनपाठादिके साधु ओगाहेत्वा यथावलं ॥ १२ ॥ Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५८ ha chor अभिधानप्पदीपिका । वुड्ढि तब्भावसदिस निसेधचप्पके रजे । निन्दा विरुद्ध विरह सुझे अ पदपूरणे. ॥ १३ ॥ ईसानुस्सत्यत्थे कोधे मुदट्ट पदपूरणे । निपातभूतो आ सद्दो भवतीति पकित्तितो ॥ १४ ॥ आभिमुखसमीपादि कम्मालिंगन पत्तिसु । मरियादुद्धंगमिच्छा बन्धनाभिविधीसु आ । निवासव्हान गहण पेसनादो च दिस्सति ॥ १५ ॥ इ कामे अतिक्कमे च अज्झेसने च दिस्सति । पवत्ते गमने पत्ते आगते च सज्झायने ॥ १६ ॥ ई लक्खी पेम वाक्येसु. उ सिधे दुक्खलाभके । निसेधे रोगमुत्ते च पट्टाने संभवुग्गते ॥ १७ ॥ उद्धंगमवियोगत्त लाभतित्तिसमिद्धिसु । पातुभावच्चयाभाव पबलत्ते पकासने । दक्खगतासु कथने सत्तिमोक्खादिकेसु च ॥ १८ ॥ ऊ पुच्छायं दुस्सोधिते, ए कारो तु अजे भवे । ओ पणवेनुमत्यत्थे बम विण्हु महिस्सरे ॥ १९॥ को बह्मत्तानिलक्कग्गि मोरपुमेसु भूमियं । के सुखे च जले सीसे को पकासे तिलिंगिको ॥ २० ॥ निंदा नियम पुच्छासु निप्फले सम्पठिच्छने । सब्बनामिकपदं किं जलजे सदिसे तु किं ॥ २१ ॥ कि तु हिंसा विकिणेसु; कु के सद्दे पकित्तिता । कु भूमि पाप सत्थेसु कुच्छिते अप्पके ब्ययं ॥ २२ ॥ खमिन्द्रिये सुख सम्गे सुझाकासे च विवरे । निग्गहीतन्तं पण्डक लिंगं खं ति पदं मतं ॥ २३॥ गो गोणे थि पुमे सेसे पुमिन्द्रिये जले करे। सग्गे वजिर वाचायं भूम्यं आणे च सूरिये ॥ २४ ॥ गीतरी खन्धे गन्धब्बे चन्दे दुक्खे सगायने । सूरस्सति दिसायं च गो सद्दो समुदीरितो ॥ २५ ॥ गु सगुग्गमे करीस उस्सग्गे, गे तुच्चारणे । Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ घापा घ; घा-धातु घि घु एकक्खरकोस। १५९ घो घण्टी सा पञ्चयेसु घा किंकिणियमुच्चते ॥ २६ ।। घो कारासहने रत्थ घायनवेदनेसु धा। घि गत्यक्खिपने घु तु सद्देभिगमने भव ॥ २७॥ वुत्तेप्येकक्खरकोसे पोराणे ङस्सस्थे निध । वुत्ता सन्ता पाळियट्ठ-कथादीसुत्थभेदका ॥ २८ ॥ कवग्गमोलि अलिनं सेवित पादपंकजं । किन्दातिकिन्दकिन्दस्स मुनिसेट्ठस्स सासने ॥ २९ ॥ कवम्गपञ्चेकत्थानं निच्छयं सारसंभवं । सद्धाआणादयोपेता सज्जना मोदयन्तु नो ॥ ३०॥ ।कवग्गं निहितं । च-निपात चे-निपात छा; छि चन्द चोर निम्मलेसु चो ततिमेसु चं मतं । कारिये कारिनोत्यस्स पदिस्सति पयोगतो ॥ ३१ ॥ चि चये चियने धंसे पगुणुच्चिनने तथा । वड्ढने चु तु वचने पदिस्सति पयोगतो ॥ ३२ ॥ समुच्चये ब्यतिरेके विकप्पस्थावधारणे । वाक्यारम्भानुकड्ढने पदपूरे च दिस्सति । संसयस्थे च निपातो चे कारोति पकित्तितो ॥ ३३ ॥ छो पच्चये कारिये च छेदने आहु रूव्हिया । छा तु खुद्दा पिपासासु छि दित्ति सित निच्छये । पटिच्छन्ने छेदने च छु तिन्त हीण छेदने ॥ ३४ ॥ जो जेतरी कारिये च वेगिते ज्याभिवजितो। जये पराजये जु तु थेय्य दित्ति गतीसु च ॥ ३५ ॥ जे खये जेतु सामीनं दासीनामन्तणे भवे । सज्झायं च झो वायस्थ नट्ठ गीतरिचापरे ॥ ३६॥ झे तु उज्झानडव्हने आणदित्तिचिंतासु च । सज्झायोपनिज्झानेसु वेदितब्बा विभाविना ॥ ३७ ॥ अकारो घोररवेत्थ पच्चयेण्यस्सकारिये। आ त्वावधारणे आणे साणे च विजानने । Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६० to दि टु ठ ठा-धातु डि व्य दि ण त ता ति अभिधानपदीपिका | मारणे तोसने चापि निसे निसामने तथा ॥ ३८ ॥ चक्कातिचक्क चक्किन्द चक्कराजसमंगिनो । कसे चवग्गत्थे निच्छ्यं सारं संभवं । सद्धा जाणादयोपेता सज्जना मोदयन्तु नो ॥ ३९ ॥ | चवग्गं निहितं । 10 टोखे ढं तु पुथव्यंकुरकोटे पकित्तितं । तु पक्खन्दने रथ गमणे तिक्खणे तथा ॥ ४० ॥ कम्मच सिया दक्खे व्यत्ते अच्छादने पिच । त्वाभिपोळने धंसे विरूहे च पकित्तिता ॥ ४१ ॥ महारवे हरे सुज्ञ चंदबिम्बे च ठो सिया । ठाम्हि धातुम्हि च तस्स कारिये ठा पकितिता ॥ ४२ ॥ ठा तु रुप्पज्जने ठानु ठानु पट्ठान सन्तिसु । खायने गत्यत्थे सेवे भवतीती पकित्तिता ॥ ४३ ॥ संकरे तास ससु डकारो समुदीरितो । डी तु पविसना कास गमने वत्तते तथा ॥ ४४ ॥ उपहासे सिया हिंसे आदाने च यथारहं । ca froगुणस ढकारो समुदीरितो ॥ ४५ ॥ ढी तु मुम्हनत्थे होति जानितब्बा विभाविना । बाणास्म निम्गतम्हिच णकारो समुदीरितो ॥ ४६ ॥ तिलोकमुद्धिभृतस्स मुनि मुद्धिन्द मुद्धिना । मुनिनो सासने सेय्य टादिवग्ग मुधाजनं ॥ ४७ ॥ नानत्थनिच्छयं सारं सद्धम्मसारमेसिनो | पसन्नचित्ता सब्बे पि निसामयथ साधवो ॥ ४८ ॥ | टवग्गं निहितं । चोर सिंगल वाले पच्चये सब्बनामिके । तकारो, ता तु धातुम्हि पच्चये सब्बनामिके ॥ ४९ ॥ ति तु धातुम्हि पचये संख्याय च पकित्तितो । Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या 2. एकक्खरकास। १६१ तुकारो पच्चये ब्यये पवत्तति यथारहं ॥ ५० ॥ पञ्चये उपयोगे च करणे संपदानिये । सामिाम्हि चाति ते सद्दो पञ्चस्वस्थेसु दिस्सति ॥५१॥ पंचम्यस्थे पञ्चयम्हि तोकारो समुदीरितो । उपयोगे च तंसद्दो द्वयजोति पाकित्तितो ॥ ५२ ॥ ता; ति-धातु ता तु पालनत्थे ति तु छेदनत्थे पकित्तितो । तु-निपात भेदावधारणे कंसे पूरणस्थे ब्ययं तु तु ॥ ५३ ।। मंगले भयताणे च गिरिम्हि पच्चयम्हि च । चतुस्वेतेसु अत्थेसु थकारो समुदीरितो ॥ ५४॥ था पञ्चये पकारेचाकारे कोठासत्थे रपि । थी।थु थी विस्थियं थुकारो तु निब्बत्ते पच्चये रपि ॥ ५५ ॥ थं पञ्चये तातियत्थे पकारत्थे च दिस्सति । थु; थे-धातु थु तु धातुम्हि थुतिम्हि थे सद्दो संघाते रपि ॥ ५६ ॥ दा कलत्तम्हि धातुम्हि. दानादाने च खण्डने । दा-धातु समादाने हव्यदाने कुगते निदसुज्झने ॥ ५७ ॥ दि-दु दी तु खये दुक्कटाम्हि दु तु गतिम्हि पीळने । दे तु पालनत्थे होति वेदितब्बा विभाविना ॥ ५८ ॥ दु-उपसग्ग दु कुच्छितीसप्पत्थेसु विरूपत्थे प्यसोभने । सीलाभावासमिद्धीसु किच्छे चानन्दनादिके ॥ ५९॥ बन्धने च धनेसेच धातरि धा पकित्तिता। धी-धु धे धी मत्यं धु तु भारेसु धे वेसे चिन्तने सिया ॥ ६० ॥ धा-धातु धा धारणे करभास नासारोपन सन्धिसु । पिदहने निदाने च सद्दहनुद्दिसे सिया ॥ ६१ ॥ धू-धा धू तु गति थेरी येसु कम्पने च निद्धमने । पप्पोटे धंसने धोवे आतुररवने रपि । धे-धा-धि-निपा०धे पाने धि निपातो तु गरहत्थे पकित्तितो ॥ ६२ ॥ नकारो सुगते बंधे सम्पुण्णे तस्स कारिये । नापचये विभत्तिम्हि पुगे. नी नेतरि भवे ॥ ६३ ।। नि धातुम्हि उपसग्गे पदिस्सति पयोगतो । धा ना Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६२ नो नि-धातु तथा निपातमत्तम्हि नो सद्दो संपवत्तति ॥ ६५ ॥ नि नये दमने नासे कस्सने पवते रपि । निस्सने नमनेपि पवत्तति यथारहं ॥ ६६ ॥ नु-धा. नु-निपात नू तु श्रुतियमव्ययं पञ्हे संसयेरितं । न - निपात नं - निपात नि-उपसग्ग नी पा पि; पु पा-पि धातु पू-धातु अभिधानपदीपिका । • नु श्रुत्यं नो तु नावायं नोसो अह्नजो पन || ६४ ॥ पश्चये उपयोगे च कारणे संपदानिये । पटिसेधो पमाणेच निपातो समुदीरितो ॥ ६७ ॥ नामस्थे नं ति निपातो पदिस्सति पयोगतो । निस्सेसा भावसंन्यासभूसत्थ मोक्खरासिसु ॥ ६८ ॥ गेहादेसोपमाहीन पसाद निग्गतच्चये । दस्सनोसान निक्खन्ताघोभागेस्ववधारणे ॥ ६९ ॥ समीपे बन्धने छेकान्तेोभागो परतीसु च । पातुभावे वियोगे च निसेधादिम्हि दिस्सति । अथो नीहरणे वावरणादो च नी सिया ॥ ७० ॥ दन्तातिदन्तिन्दविराजितस्स तादिन्दतादी गुणमण्डितस्स । इन्दातिइन्दिन्दमुनिस्सरस्स चक्कातिचक्किन्दवरेलु सोभे ॥ ७१ ॥ मुनिन्ददन्तावरसंभवानं नोसानतादीनमेकक्खरानं । भेदत्थदीपो जलितो मयेवं धीरक्खि निक्खन्तु तद्दीपसारी ॥ ७२ ॥ | तवग्गं निहितं । पे प-उपसग्ग वातु परमत्थे पो रोगे विसे अपायके । हिरि कोपीन पंकेसु पा तु वाते च पितरि ॥ ७३ ॥ पि भत्तरि कलतम्हि पु करसम्हि निरये । पातु पाना वने पते पूरणे पि तु तप्पने ॥ ७४ ॥ कन्तुण्हतह्नि. पु धातु सोधनोनत गमने । पे तु गति सोसनम्हि वुढियञ्च पदिस्सति ॥ ७५ ॥ दस्सने तप्परे संगे पसंसा गतिसुद्धिसु । हिंसा पकारन्तो भागे वियोगावयवेसु पो । भूस्थे भवे सुने पन्ने पत्थनादिसु ।। ७६ । Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एकक्खरकोस। यजसाधनवातेसु तिक्खोत्ते फुक्कत्ते च फो। निष्फलवचने पस्स कारिये, फा तु धातुयं ॥ ७७॥ फा फालेड्ढने. फि तु उण्णते गमने तथा । फू तु फोटे पदिस्सति तत्थ तस्थ पयोगतो ॥ ७८ ॥ नाग सस्थ द्वन्दे वस्स भस्सापि कारिये घटे । बो. बा तु कारिये द्विस्स ब्रू ब्रूधातुम्हि ब्यत्तियं ।। ७९ ॥ भो भिंगे छन्दगणे च सम्बोधे. भा तु जुतिय । धातु दित्तिम्हि खायने भतारे, मि तु धातुय ।। ८०॥ भायने भू तु धातुम्हि पत्ते भूसस्थवड्ढने । पातुभावे निप्फन्ने चाभिमद्दे नुभवे रपि ॥ ८१॥ परिसा पायसिवेसु विभत्तिपञ्चयेसु च । छन्दगणे अंधकारे निग्गहीतस्स कारिये ॥ ८२ ॥ मकारब्यञ्जने चेव मकारो समुदीरितो। मा इन्दुमास धातुसु मा मातु भिंग सिरिसु ।। ८३ ॥ मानने अब्यये चाहु पटिसेधे तदाब्ययं । मं तु मानस्स कारिये में अम्हजन्ति सम्मतं ॥ ८ ॥ मि तु धातुविभत्तीसु पच्चये हिंसने तथा । अन्तो पक्खिपने चेव पवत्तति यथारहं ॥ ८५॥ अम्हजो मे सहो मेय्यो विजुना नयदस्सिना । मु धातुयं बन्धने च जानने समन्नने रपि । मे धातु पटिदाने च आदाने च यथारहं ॥ ८६ ॥ पामोक्खधातादि नरा नरिन्द मोलिट्ठ पादम्बुज जनचके । मोसानपादीन खरानमस्थ नानस्थदीपो रचितो मयेवं ॥ ८७ ॥ मोहन्धकारविधसुं कविसेट्ठपेय्यं सोतूनमस्थ विपुलप्पभवं सुखीरं । बाणातिमाण पटिभावकरं सुचीरं धारेथ तं त्वविरतं सहितं सुधीरा ॥८८॥ अस्थभेदं जानमेतं आणचक्खु विसोधनं । मोहक्खि पटलुद्धारिं अनुयुञ्ज सदा सतो ॥ ८९ ॥ । पवग्गं निहितं । Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभिधानप्पदीपिका। पंच पंचक्खरवन्त वग्गानं दस्सितो नयो । भेदस्थो वुचते साधु अवग्गानं नयोधुना ॥ ९० ॥ याने यातरि चायुम्हि कित्तिसद्दे च थोमने। पच्चये आगमे यो हु एतदन्तस्सापि कारिये ॥ ९१॥ सब्बनामे ब्यञ्जने च छन्दगणे यथारहं । या तु धातुम्हि नादीनं कारिये सब्बनामिको ॥ ९२ ॥ यात्राय चाहु चागे च गति पापुणनेसु च । यु तु धातुम्हि पच्चये गतियं मिस्सनम्हि च विभत्तियन्तु योकारो पवत्तति यथारहं ।। ९३ ॥ कामानने अग्गिम्हि रो छन्दगणे पि पच्चये । आगमे ब्यञ्जने चेव पदिस्सति पयोगतो ॥ ९४ ॥ रा तु सोण्णे धने सद्दो आदाने धातुयं पि च । रि तु गति धातुयं च एवादिकारिये भमे ॥ ९५॥ रु धातुयं गतिसद्दे रू सद्दे भयपञ्चये । रे सद्दे धातुयं लग्गे विभत्तियमुदीरितं । रोकारो पच्चये मतो पदिस्सति पयोगतो ॥ ९६॥ पञ्चये आगमे लो तु निग्गहीतस्स कारिये । रकार दकारानं च कारिये देवराजिनि ॥ ९७ ॥ चन्दगणे व्यञ्जने च लकार मालुतेसु च । ला धातुयं आदाने च पवत्ते गतियं रपि ॥ ९८ ॥ लिच्छन्नालिंगने नासे रञ्जना लयने, लु तु । छेदने वायने चापि पवत्ति समुदीरितो ॥ ९९ ॥ चित्त मालुत नागेसु पञ्चये व्यञ्जने च वो । कारिये ओदु दन्तानं मानमाकारिये रपि । लकारिया गमेचापि पदिस्सति पयोगतो ॥ १० ॥ वा तु धातुनिपातेसु चण्डिम्हि पस्स कारिये । गति गंधन समेसु आदाने पवत्ते रपि ॥ १०१ ॥ समुच्चये चोपमायं संसये पदपूरणे । ववस्थित विभासायं वस्सग्गे च विकम्पने ॥ १०२।। 6 & . ....... ntion.......... A e THANNEL Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६५ - भy एकक्खरकोस। वि तु धातुपसग्गेसु पक्खपक्खन्दनेसु च । वि-धातु संसिब्बने विनासायं पदिस्सति पयोगतो ॥ १०॥ वि-उपसग्ग विविधातिसयाभावे भूसस्थीस्सरियाचये । वियोगे कलहे पातुभावे भासे च कुच्छने ।। १०४ ॥ दूरानभिमुखस्थेसु मोहानवहितीसु च । पधान दक्खता खेद सहत्थादो च दिस्सति ॥ १०५॥ वु धातुयं निब्बुतिम्हि संवरे, वे तु धातुयं । तन्तवाये व्हये कंसे पदपूरे ब्ययं मतं ॥ १०६ ॥ पच्चये उपयोगे च करणे संपदानिये ।। सामिस्स वचने चेव तथैव पदपूरणे।। व्हे-व्हो वे वो तु कारिये वोस्स. व्हे व्हो ख्यातविभत्तियं ॥ १०७॥ सह समान पसत्थ सन्ततमानं कारिये। पच्चये ब्यञ्जने अत्तनिये सोत्तनि बंधवे ॥ १०८ ॥ सा खेत्ते च रक्खसे. सा तु सोणे सस्थरि धातुयं । आदेस सिरि विभत्ति भरियायं पकित्तितो ।। १०९ ॥ सा-धातु सामस्थे तनुकरणे पाके. सितु विभत्तियं । सि पच्चये धातुयं सेवे सयबंधन छेदने ॥ ११० ॥ गतियं रूहणे सी ति सद्दे पवत्तनरपि । सु धातुयं विभत्तिम्हि निपातूपसग्गेसु च ॥ १११ ॥ सु-धातु सवनाभिसवे पाके हिंसगम्भाविमोचने । गतिसंदन तिन्तोपचित विस्सुत योजने ॥ ११२ ॥ सोत विजण तद्वारानुसार विमआणेरपि । नु सदस्थे च सीघस्थे सिया सुंदरस्थे रपि ॥ ११३ ॥ सु-उपसग्ग सोभने च सुखे सम्मा भुस सुठु समिद्विसु । से स्वागमे विभत्तिम्हि धातुयं गतियं पचे ॥ ११४ ॥ सो तु पञ्चये नास्मान कारिये भाग तस्सस्थे । सं तु हितसुखे साधुजने अरियपुग्गले ॥ ११५॥ . कारिये नस्मिनं सम्हि निब्बानति पकिातितो । ___ सं संमोधान संखेप समन्तस्थसमिद्धिसु ॥ ११६ ॥ २२ Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६६ I ho ho ho अभिधानप्पदीपिका सम्मा भुस सहप्पस्थाभिमुखत्थेसु संगते । पिधाने पभवे चेव पूजायं पुन पुन क्रियं ॥ ११७ ॥ हकारो पच्चये धस्स तस्सापि कारिये भवे । निपातमत्ते ब्यञ्जने दुम्मनेसु सिवे रपि ॥ ११८ ॥ विसादे भमणे. हा तु हायने चजने रपि । निपाते धातुयं खेदे सोकदुक्खमुदेरितो ॥ ११९ ।। हि पच्चये ब्यये धातु विभत्ति गति वुट्टियं । पवत्तने पतिट्ठायं हिंसने नासने रपि ॥ १२० ॥ हि-निपात हेत्वावधारणे पदपूरणे ब्भुतकम्मनि । विसेस दुक्खसच्चेसु तक्कग्गे च पकित्तितो ॥ १२१ ॥ हु दाने हब्यदाने तु पहोने समस्थे रपि । पचुरे विस्थते सत्ताया दाने. धातुयं पि च । हे नीचामन्तणे. हं तु पञ्चये समुदीरितो ॥ १२३ ॥ ळकारो ब्यंजने धातु आदाने अं तु माधवे । बिन्दुनाम विभत्तीसु निग्गहतिस्स कारिये ॥ १२३ ।। इति सद्धम्माकत्ति नाम महाथेरेन सक्कतभासातो परिवत्तेत्वा विरचितं एकक्खरकोसं नाम सहप्पकरणं परिसमत्तं has •hd no 18 Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥विभत्त्यत्थप्पकरणं ॥ ॥ नमो बुद्धाय ॥ विभजवादि सम्बुद्धं धम्मं सुजनेसेवितं । संघं च वन्दित्वा कस्स विभत्त्यस्थं सुदुल्लभं ॥ १ ॥ विजमानो पि सुक्कादि यथा दीपादिके सति । ब्यत्तिमायाति कत्तादि अस्थो एवं विभत्तिया ॥ २ ॥ पठमेकादसत्थम्हि, दसम्हि दुतिया भवे । ततिया सोळसस्थम्हि, चतुत्थी चुद्दसीरिता ॥ ३ ॥ पचमी चुदसस्थम्हि, छट्ठी एकादसीरिता । सत्तम्येकादसस्थम्हि, द्विसत्तसत्तासीतियं ॥ ४ ॥ प्रथमा लिंग हेतु कत्तु कम्म करणे सम्पदानस्थे । साम्यवधि भुम्मे दिसा लपने पठमा भवे ॥ ५ ॥ बुद्धो दसबलोत्यादि लिंगत्थो ति ततो कमा। यो बोधिरुक्ख रोपेति यो च पब्बजितो नरो ॥ ६ ॥ सस्थारा देसितो धम्मो थेय्य चित्तमदिन्नश्च । कारको देति विपाको सब्ब बुद्धा तु त्यादि च ॥ ७ ॥ लोभादयो इमे धम्मा बुद्धो दूरतरो भवे । भगवा चित्तमिस्सरो दिसा योगेन सो तदा । भो राजालपने चेव पयोगानि यथारहं ॥ ८ ॥ पठमा-विभत्यत्यो समसो। --०००कम्मयोगेन कम्मप्पवचनीयेसु करणे- । चन्तयोगे सम्पदाने अवधी भुम्मि साम्यस्थे- । कालस्थे चेव एतेसु अस्थेसु दुतिया मता ॥ ९॥ रथं करोति पुब्बेन गार्म रमणीय हितं । द्वितीया Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विभरपत्यप्पकरणं । पब्बजं अनुपब्बजि सचे में नालपिस्सति ॥ १० ॥ सत्ताहं भोजनं भुञ्जि योजनं वनराजिनि । पटिभातु में भगवा मनुस्स मंसं विरमं ॥ ११ ॥ अगारं अज्झावसता भिक्खुसंघं च पिट्टितो। पुब्बण्हसमयं त्यादि पयोगानि यथारहं ॥ १२ ॥ दुतिया-विभत्यत्यो समत्तो। तृतीया करणे कत्तु कम्मे च क्रियापवग्ग लक्खणे । कालद्धान पञ्चत्ते स्ववधी हेतु निमित्तत्थे ॥ १३ ॥ सहास्थाधंगसम्बन्धे विसेसणादिके भुम्मे । ततिया वाचका होन्ति सोळसस्थादिकेस्वपि ॥ १४ ॥ रुक्खं छिन्दति खग्गेन धम्मो बुद्धेन देसितो । तिलेहि खेत्ते वपति एकाहेनेव पापुणि ॥ १५ ॥ कालि भिन्नन सीसेन आपेति पटिसेवके । कालेन धम्मसवणं योजनेनाति धावति ॥ १६ ॥ अत्तना समस्यत्तानं तेन मुत्तामहे मयं । धम्मेन वसति भिक्खु नागो दन्तेन हबते ।। १७ ।। पुत्तेन सह तुल्यो सो काणं पस्सति चक्खुना । सुवण्णेन अभिरूपो जातिया सत्तवस्सिको । तेन खो पन समेन पयोगानि यथारहं ॥ १८ ॥ ततिया-विभस्यत्थो समत्तो। सम्पदाने तातियस्थे योगे कम्मे च आराधे । अनुत्तानादरस्थेसु तुं तदस्थाल सामि च । भुम्मे च दस्सनस्थे च चुइस चतुस्थी मता ॥ १९ ॥ भिक्खुस्स देति यो परिक्खीणस्स अनं पिहयं ।। नमो ते बुद्धधीरस्थु सग्गस्स गमनेन वा ॥२०॥ आराधो मे राजा होति आसुणन्ति बुद्धस्स ते । कस्स तं अहं मधे बुद्धस्थं जीवितं चजि ॥ २१ ॥ Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंचमी विभत्त्यत्थप्पकरणं। १६९ अनुकम्पाय देसेन्तु अलम्मे रतनत्तयं । अलम्मे तेन धनेन अस्थाय मे भवं दिन्नो ॥ २२ ॥ तुम्हश्चस्स आविकरो दस्सनं कामता तव । तेसु तेसु सुत्तन्तेसु युत्तिं गण्हेय्य पंडितो ।। २३ ।। चतुत्थी-विभत्स्यत्यो समत्तो। अवधि भुम्मि संबन्धे कम्म हेतु ततिया च । गुणद्धान विचित्तस्थे मज्झे पभव रक्खणे । योगत्थे कालस्थे च चतुद्दसत्थे पंचमी भवे ॥ २४ ॥ पापा चित्तं निवारये यस्मा खेमं ततो भयं । पुरिसस्मा पादा फलि सुवण्णस्मा पटिददा ॥ २५ ॥ कस्मा हेतु न मीय्यन्ति स तस्मा बंधो नरो । पआय सुगतिं यन्ति इतो चतुसु योजने ॥ २६ ॥ विवित्तो पापकाधम्मा कोसा विज्झन्ति कुंजरं । हिमवता पभवन्ति काका रक्खन्ति तण्डुला ॥ ३७॥ कीय दूरो इतो गामो इतो एक नवुति च । पक्खिपेरवस्थ अञ्जसं अय्यं पयोगविन्झुना ॥ २८ ॥ पंचमी-विभत्स्यत्यो समत्तो। साम्यस्थे हेतुयो गन्थे कत्तुकम्मे च करणे । अवध्यानादरत्थेसु निद्धारण भुम्मे पि च । तदस्थेकादसस्थम्हि छठि वाचका विधेय्या ॥ २१ ॥ भिक्खुस्स चीवरं किस्स हेतु गोणनधीपति । सो धीरो पूजितो रो पापस्स अकरणं सुखं ॥ ३० ॥ सप्पिस्स पत्तं पूरेत्वा भीतो दुक्खस्सहं सदा । रुदतो दारकस्स स पब्बजी बुद्धसासने ॥ ३१ ॥ पंचकल्याणनारीनं सामा दस्सनीय तमा । कुसला नश्चीतस्स सुवणं कुण्डलस्स च ॥ ३२ ॥ छही-विमरयस्थो समतो। षष्ठी Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७० सप्तमी विभत्यत्थप्पकरणं। भुम्मि कम्मानिमित्तस्थे करणे पठमा बधी । चतुरस्थी योगनारद निद्धारणे पि काले च । भावस्थेकादसस्थम्हि सत्तमी वाचका मता ॥ ३३ ॥ गम्भीरे ओदकन्तिके अभिवादेन्ति भिक्खुसु । दन्तेसु हझते नागो पत्ते पिण्डाय गोचरे ॥ ३४ ॥ सुरिये उग्गते गजे रक्खन्ति कदलीसु च । महप्फलं संघे दिन्नं रुदन्तस्मिं च दारके ॥ ३५॥ पथिकेसु च धावन्तो बालो काले पमुज्जति । भुत्तेसु आगतो चेव सत्तमी विभत्ती मता ॥ ३६ ॥ निहितो च विभत्त्यस्थो यथा सब्बेपि पाणिनो। तथाव सम्मासंकप्पा सीघं सिज्झन्तु पद्विता ॥ ३७॥ सत्तमी-विभत्त्यत्थो समत्तो। । विभत्त्यत्थप्पकरणं निहितं । FE Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अभिधानप्पदीपिकाया गतसब्बवचनानि सगाथासंख्यांका आद्यक्खरपटिपाटिया। (अ) अ ११४७ ( एक १३) अक्खदेवी ५३१ अंस २६४,४८५, ९३३, ११०२ अक्खर ७, ३४८, १०६३ अंसु ६४, ११०२, ११२१, | अक्खरावयव ८७८ अंसुक २९० अक्खग्गकील ३७४ अंसुमालि ६३ अक्खि १४९ अकत ७ अक्खोहिणी ३८४, ४७५ अकल्ल ३२३ अखात ६८० अकारादि ९६७ अखिल ७०२, १०६८ अकारिय ९७६, ९८५ अग ५३९, १११७ अकिंचन ७३९ अगद ३३० ( एक २५) अकिलासु ५१६ अगभेद १०११ अकुसल ८४ अगरु ३०२ अक्क ६३, ५८१, ११०२ अगळु ३०२ अक्कोस १०९३ अगाध ६६९ अक्कासन ७५९ अगार २०५ अक्ख १४९, ३७५, ४७९, अगारिक ४४६ ५३२. ५६९, ८९३ अग्ग ६९६, ७१५, ८४३, अक्खक २७८ १००२, ११६२ अक्खण ४८ अग्गज २५४ अक्खत ४६३, ११३३ अग्गज ६९५ अक्खदस्स ३४१ अग्गता ११६८ Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - अग्गतो ११४८, ११९४ अंगुलीयक २८६ अग्गळत्थम्भ २१७ अंगुल्याभरण २८६ अग्गि ३४, १०४१ अचल ६०५ अग्गिजाल ५८९ अचिरप्पमा ४८ अग्गिमन्थ ५७४ अचिरवती ६८२ अग्गिसञ्जित ५८० अचेळक ४४० अग्घ ४२४, १०४८ अच्चन ११०४, १११७.११८२ अग्घिय ४२४ अच्चना ४२५ अघ ४६, ८४, ८९, ९४० अच्चन्तकोधन ७३२ अंक ५५, २७६, १०४३, १०८९ अच्चय ४०४, १११७, ११६५, १११३, ११३३, ११६१ ११७१ अकुर ५४३ अच्चयाभाव ११६८ अंकुस ३६७ अच्चि ३५, ११०२ अंकोल ५५७ अच्चित ७५० अंक्य १४३ अच्चिमन्तु ३४ अंग १८५, २७८, ९५५, अच्चुत ८ ११३९, ११६३ अच्छ ६१२, ६७०, १०२५ अंगजात २७३, ९५० अच्छरा २४ अंगण २१८, ८५९ अच्छरिय ७३६, १०२३ अंगद २८७ अच्छादन २९०, ११०४ अंगना २३० अच्छि १४९ अंगविक्खेप १०१ अज ५०२, ११२३ अंगार १०१ अजगर ६५१ अंगारकपल्ल ७९५ अजञ ४०१ अंगीरस ११०९ अजपालक ३०३, ११२० अंगुट्ठ २६६ अजा ५०२ अंगुल १९५ अजिन ४४२ अंगुलिमुद्दा २८७ . आजिनपत्ता ६४६ अंगुली २६६ अजिनयोनि ६१७ Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अजिम्ह ७०८ अजिर २१८ अजी ५०२ अज्ज ११५५ अन्जक ५७९ अज्जुन ५६२ अज्झक्ख ३४३, १०६६ अज्झत्त १०४० अज्झाचार ४३० अज्झाय ९११ अज्झाराह ६७३ अज्झासय ७६६ अज्झेसना ४२७, १००५ अज्झोहट ७५७ . अंजन ३०, ३०६ अंजली २६८ अस १९० उन ७१७, १०६९ अज्ञतर ७१७ अञतरोपन १००१ अञ्जथाभाव ७७६ अञदत्थु ११४० अञा ४३६ अजाण १६८ अज्ञोज १२०० अटट ४७५ अटनी ३०९ अटवी ५३६ अट्ट २०४, ११२६ अट्टहास १७५ अट्टाल ११२६ अट्टालक २०४ आट्टिघ ११२६ अट्ठक १०९ अटुंग ७८० अट्ठगिकसर १२९ अट्ठपरिसा ४१५ अट्ठानरियवोहार १२२ अठ्ठापद ५३२ अट्ठि १५७,२७८ अड्ढ ५३, १०३९ अड्ढतिय ४७७ अड्ढतेय्य १७८ अड्ढयोग २०९ अड्डतत्त ७० अड्ढुड्डु ४७७ अनीक ३८१ अनीकट्ठ ३४२ अणु १९४, ७०५ अण्ड २७३, ६२७, १०९२ अण्डज ६२४, ७४१, १०४७, १०७९ अण्डूपक ४५८ अण्ण ६६१ अण्णव ६५९ अतकित १११८ अतलम्फम्पस्स ६६९ अतसी ४५२ Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अति ११३८, ११८२ अस्थ ४८५, ६०६, ७८५, अतिकम ७७६, १११७, ११८२ | ११५४, ११६१, ११९४ अतिखिण्ण १०६७ अस्थ ११५४ अतिचारिणी २३८ अस्थगम १०१५ अतितह ७३९ अस्थगमन ८९६ अतिथी ४२४ अस्थना ७६९ अतिपात ७७६ अस्थसत्त ११३ अतिप्पसत्थ ५१८, १०२२ अस्थापगम ७६४ अतिमत्त ४१ अस्थि ११५४ अतिमुत्त ५७७ अस्थी ७४० अतिमुत्तक ५५५ अत्थु ११५१ अतियुव ९२९ अत्यप्प ९२९ अतिरित्त ७१२ अत्र ११६१ अतिवाक्य १२२ अत्रज २४०, १०५३ अतिविसा ५८६ अत्राह ११५१ अतिवुद्ध ९१८, १०२२ अथ ११९० अतिसन्त ९४१ अथो ११९० अतिसस ४१, ७६१, ७७१, अदस्सन ९७०, ११५४ १०९६, १११२, ११३८, अदास ५१६ १९७१, ११८२ अदिति ८३ अतिसुण ५१९ अदुक्खमसुखा १५९ अतीत ११९४ अद्द ७५३ अंतीव ११३८ अद्दक ४५९ अत्त ९२, ७४४, ८०८, ८६१, अद्दा ५८ १०४६, १०८५ अद्दि ६०५ अत्तनिय ७३६, ८०८ अद्ध ५३, ६६, १९०, ९९५, अत्तभाव १५१ १०२६, १२०० अत्तमनता ८७ अद्धगू ३४६ अत्तलाभ ११६८ अद्धा ११४० Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अद्वान १९२, ११०० अधिरोहहिणी २१६ अद्धि २०२ अधिवचन २१४ अद्धेन्दुपासाण २२० अधिवास ९५८ अधम ७००, १६९, १०७० अधीन ७२८ अधमण्ण ४७० अधीर ७३१ अधर २६२, ९३०, ११०६ अधुना २१४० अधि ११७७ अधो १०९०, ११५६ अधिक ७१२, २१७६, ११७७, अधोगम ३८ ११८५ अधोभाग ११६६ अधिकत ३४३, ४९६ अधोभाव ११७३, ११७४ अधिकरण ८६८, १०२ अधोभुवन ६४९ अधिकरणी ५२७ अन ३७३, ११३१ अधिकार १००४ अनच्छ ६६९ आधकप्पेम १०९७ अनतिरेक ७८६ अधिकोट्टन ५२१ अनधिवर २ अधिगत ४३५ अनन्त ७, ६५१ आधिच्चका ६१० अनन्तर ११९० अधिट्टान १०३२, १०७७ अनन्दन ११६७ अधिहिति १०३२ अनभिरद्धि १६४ अधिप ७२५ अनय ९७९ अधिपति ७२५, ११३२ अनरिय ४३५ अधिप्पाय ७६६ अनरियवाहार १२२ अधिभवन ११७७ अनल ३३ अधिभू ७२५ अनवहिति ११७१ ( अधिभू ) २२५ अनवरत ४१ अधिमत्तेहा १५८ अनवसेस ७८६ अधिमुत्ति ७६६ अनसनादिक १९८५ अधिमोक्ख १५९ अनाकुल १०३५ अधिरोह ११०९ अनागत ११५५ Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अनाथपिंडिक ४३७ अनादर १७२ अनामय ३३१ अनामिका २६६ अनारत ४१ अनासव ७ अनालय ६ अनिच्छय ११७३ अनिदस्सन ७ अनिमिस १२, १०४४ अनिब्बिद्धा २०२ अनिल ३७ अनिलपथ ४६ अनिलोद्भुत ६०० अनिसम्मकारी ७२९ अनिस्सय ८८६ अनितिक ७ अनु ११७४ अनुकंपन ११९३ अनुकंपा १६०, ९३७ अनुकूल्य ११४७ अनुक्कम ४२९ अनुगत ११७४ अनुचर ३८०, ९५९ अनुच्छविक ७१५ अनुज २५४ अनुजीवी ३४२ अनुजु ७३७ अनुठुभ ९४५ अनुज्ञा ११३३, ११९२ अनुताप १६९ अनुत्तर ६९४ अनुदिसा २९ अनुद्दया १६० अनुप १८७ अनुपच्छिन्न ११७४ अनुपुब्बि ४२९ अनुमान ११९१ अनुबंध ९८० अनुयोग ११५ अनुरोध ३४५ अनुलाप १२३ अनुवत्तन ३४५ अनुवत्ती ११७४ अनुवाद १२० अनुसय ८५३ अनुसासन ३५४, ९९२ अनुसिट्टि ३५४ अनुस्सति १५८ अनुस्सव ११९९ अनूनक ७०२ अनूप १८७ अनेकत्थ ११९८ अनोतत्त ६७९ अन्त १०४, ७१४,७९१, १०५९, १०६९ अन्तक ४३ अन्तग्गत ७४२ Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अन्तर २९२, ७७१, ८०२ अन्तरकप्प ७५९ अन्तरधान ५१ अन्तरवासक २९२ अन्तरा ११५० अन्तराय ७६५ अन्तरीप ६६४, ९९९ अन्तरीय २९२ अन्तरेन ११३७, ११५० अन्तलिक्ख ४५ अन्तवण्ण ५०३ अन्तिक ७०६, १००४ अन्तिम ७१४ अन्ते ( तो ) पुर २१५ अन्तेवासी ४०८ अन्तो ११५० अन्तोकुच्छि २७१, ८६२ अन्तोगध ७४२ अन्तोघर ८६२ अन्तोजात ५१५ अन्तोभाग १६६ अन्तोभाव ११६३ अंदुक ३६४ अंध ३२१ अंधकार ७० अंधन्तम ७२ अन्न ४६५, ११०३ अन्नादि ११०४ अन्वय ३३२ शब्दानुक्रमः अन्वाचय ११८७ | अन्वेसना ४२८ अन्वेसित ७५३ अप ११८४ अपक्कम ४०२ अपगम १९८५ अपगत ११८४ अपचय ७६३, ९३४, १०८२ अपचायित ७५० अपचित ७५० | अपचिति ४२५, १११७ अपच २४० | अपच्चक्ख ७१६ अपटु ८९२ | अपण्डित ९२३ अपण्णक ६९८ | अपथ १९३ अपदान ९४३ | अपदेस ८६० अपधारण ५० | अपमार ३२५ अपरगोयान १८३ अपरण्ण ४५०, १११० अपर सेल ६०६ | अपराजिता ५८४ अपराध ३५५, १०६७ | अपलोकित ७ अपवग्ग ८, ९१० अपवज्जन ४२० Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अपवाद १२, १०५५, १०८९ अपसव्य ७१९ अपस्मार ३२५ अपाङ्ग २६१ अपाची २९ अपान ३९ अपारगम्म ५८३ अपार ६६५ अपि ११८३, ११९६ अपिधान ५१ अपिनाम ११९१ अपुञ ८४ अपूप (व) ४६३ अपेक्खा १०९७ अप्प ७०४ अप्पक १०२९, १०७१ अप्पगब्भ ९८४ अप्पठम ११९९ अप्पत्थ ११७० अप्पधान ७८७ अप्पना १५५ अप्पमा ७८२ अप्पमारिस ५९४ अप्पसाद ११८१ अप्पिय १०७० अप्पियवादी ७३५ अप्पेव ११५८ अप्पेवनाम १९५८ अप्फोटा ५७५ अप्यस्थ १९९९ अफला ५४१ अबद्ध १२६ अबद्धमुख ७३५ अबब ४७५ अबला २३० अबाध ७१७ अब्बुद ४७५ अब्भ १५, ४८, ६०५, १११२ अब्भक ४९२ अब्भक्खान ११६ अब्भनुमोदन ८३६ अब्भन्तर १९७, ७७१ अब्भुत १०२, ५३२, ७३६, १०३२ अब्यासेक ६९७ अभया ५६९ अभाव ११०३, १९६५, ११६९ ११७१ अभासन १२९ अभि ११७६ अभिकन्त ८३६ अभिक्कम ८३६ आभिक्खणं ११३७ आभिख्या १०५२ आभिजन ३३२, ८५५ अभिजात १०७४ अभिज्झा १६३ अभिआ ७२० Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अभिबाण ५५ अभिजात ७२४ अभिण्ह ११३७ अभितो ११९५ अभिदोस ६८ अभिधान ११४ अगिनय १०१ अभिनव ७१३ अभिमान १७१, ८६० अभिमुख ११७६, ११९५ अभिमुखत्थ ११७० अभिरूप ८३६ अभिलाव ७७० अभिलास १६३ अभिवादन ४२६ अभिविधि १९८० अभिसंखरण ८३२ अभिसंधि ७६६ अभिसारिका २३२ अमिस्संग ७५९ अभिासत्त ८९१ अभिहार ११२८ अभिहित ७५५ अभ्यास ७०५ अमच्च ३४० अमत ७, २५, ९७५, १०५२ अमतप ११ अमता ५६९ अमत्त ४५७ अमनुस्सं ७८८ अमर ११ अमरावती २१ अमल ४९२ अमा ११३६, ११९९ अमावसी ७३ अमावासी ७३ अमित्त ३४३ अमिलात ५४५ अमु १०८९ अमुत्त ३८७ अमुत्र ११४८ अमेज्झ १०२४ अमोह १५३ अंब ५५७ अंबट्ठा ५८२ अंबर ४५, २९०, १०६१ अंबा २४४ अंबाटक ५५४ अंबिल १४८ |अंबु ( ५२४ ) ६६१ अंबुज ६७१ अंबुजाकर ६७८ अंबुजिनी ६८९ अंबुद ४७ अबुधर ४७ अंबुवेग ९६१ अंभ ६०५ अंभो ११३९ Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - अम्मण १९७, ४८४, ६६८, १०३२ अम्मा २४४ अय ४९३ अयन १९१, ११०१ अयिर ११२२ अयोमा ४५५ अयोधन ५२६ अय्य ३३३, ७२६ अय्यक २४७ अय्यका २४५ अर ४० अरञ्जर ४५६ अरञ्ज ५३६, १०६३ अरञानी ५३६ अरणी ४१९ अरति १६० अरती ४४ अरविन्द ६८४ अरह ९२७ अरह द्धज २९८ अरहत्त ४३६ अरहन्त १० अरहित ७५० अराति ३४४ अरि ३४४, १०७७, १०७८ अरिठ्ठ ५५५, ६३८, ८२२ अरित्त ६६७ अरिय ४३५, ६९६, १००२ अरियमग्ग ७८३ अरियसच्च ८०० अरिय ३२७ अरु ३२४ अरुचि १९९९ अरुण ६५, ९७, ९८० अरूप ६.११११ अरे ११३९ अलं १११४, ११९० अलका ३२ अलक्क ५१९ अलक्खी ८२ अलगद्द ६५३ अलंकार २८३ अलत्तक ३०५ अलम्बुसा २१ अलस ५१६ अलहुक ८४० अलात ३६ अलाबु ५९६ अलि ६३६ अलिक १२७, १०७० अल्ल ७५३ अव ११३७ अवगणित ७५६ अवगत ७५७ अवज्ञा १७२, ११७५ अवञ्जित ७५६ अवण्णवाद १२० Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः अवतरण ९८१ अवतंस ८७० अवतार ९८१ अवत्थ ६३४, ११२७ अवदारण ४४७ अवधारण १११७, ११५२, ११६६, १९८६, ११८७, ११८८, ११९२, ११९३, ११९५, ११९७ अवधारित ७९७ अवनि १८२ अवन्ती १८४ अवमान १७२ अवमानित ७५६ अवयव २७८ अवलेप १०७९ अवस ७४३ अवसर ७७०, १०४२ अवसान ७९१ अवसित ९६३ अवासस्सन १५७ अवस्सं ११५० अवाट ६५० अवापूरण २२१ अवि ५०१ अविखेप १५५ अविगह ४२ अविजा १६८, १०८७ अविञ्जू ७२१ अवित ७५४ । अवितथ १२७ अविदूर ७०६ अविरत ४१ अविरुद्ध ६९८ अविलम्बित ४० अविसारि १२९ अवी ५०२ अवीचि ६५७ अवीर ७३१ अव्यय ११२१, ११३६ अव्यन्तराग ९८० अव्ययीभाव १२०३ अव्यापज्झ ८ अव्यामिस्स ७८६ अव्यासेक ६९७ अव्हय ११४, ११११ अव्हा ११४ अव्हान ११३९ असकिं ११३७ असंखत ७ असंखतधातु ९ असंखेय्य ४७६ असच्च १२७, ११७६ असद्धम्म ३१७ असन ३६९, ४६५, ५६३, १००४ असनि २४, ८७१ असहाय ८५० Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२ शब्दानुक्रमः - - - असाकल्य ११९३ असार ६९८ असि ३९१ असित ९६, ४४८, ७५७, १०००, १००५ असिनिद्ध ९७७ असिपुत्ती ३९२ असिलेसा ५८ असु ४०७, ९४५ असुचि २७४, १०२४ असुद्ध १०७१ असुभ ८२२, १०६४ असुर १४ असेक्ख १० असेचन ६९७ असेस ७०२ असोक ५७३ असोभण ११६९ अस्म ६०५ अस्मपुप्फ ५२१ अस्स ३६८, ३९४, ११०२, १०५१ अस्सकण्ण २७, ५६२ अस्सतर ३६९ अस्सत्थ ५५१, १०३८ अस्सम २१२, ४०९, ९२८ अस्समारक ५७७ अस्समेध ४१३ अस्सयुज ५८, ७५, ७६ अस्सव ३२४, ७३०, १०३६ अस्सा ३७१ अस्सादन ९३८ अस्सादिलोम १०८ अस्सास ३९ अस्सासप्पत्त १०३८ अस्सु २६०, १०३८, ११५० अह ६७, १०४२ अहंकार १७१ अहत २९३ अहमहमिका ३९७ अहह ४७५, १२०१ अहि ६५३, १०६८ अहितुण्डिक ६५६ अहित ३४४ अहो ११३८, ११४९ अहोरत्त ४९ अळका ३२ अळक्क ५१९ ५८१ अलार ७०९ | (आ) आ ११८० आ १४ (एक) आकंखा १६३ आकप्प २८२ आकार ७६४, ९८१, ८०१, ११३३, १९८६ आकास ४६ आकासगंगा २७ Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - - आकिण्ण ७२० माखु ६१८ आख्या ११४ आख्यात ७५५ आख्यायिका ११३ आगन्तु ४२४ आगम ९५१, ९९२ आगमन ९५१ आगामिक ११९४ आगामीकाल ८७५ आगु ८४, ३५५, १०६४ आघात १६४ आघातन ५०१ आचरिय ४१० भाचाम ४६६ आचार ७८४, ८०४, १०४७ १०५४ आचित ७०१ आजानीय ३६९ आजि ३९९ आजीव ४४५ आजीवन १०१७ आट ६३७ आण ३५४ आणी ३७४ आतक ३२३, २०१५ आतत १४० आततावितत १४१ माततायी ७३६ आतप ३७ आतपत्त ३५७ आतपाभाव ९५३ आतप्प १५६ आताप ११३५ आतुर ३२२ आतोज १४२ आदान ११७८ आदास ३१६ आदि ७१५, ९७८, ११८८ आदिकम्म ८५२, ११६२, आदिच्च ६२ आदिच्चपथ ४५ आदिच्चबंधु ५ आदित्त १०७५ आदिब्रह्मचरिय ४३१ आदिमग्ग ८८८ आदेस ११९५ आदीनव ७६६ आद्यपलाद्ध ९०० आधार १०११, १०३२, ११७५ आधि १७३ आधूत ७४४ आन ३९ आनन २६०, १०४७ आनन्द ८७, ४३६, ६७३, ११५१ आनंदन ७६० आनय ५२१ Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४ आनिसंस ७६७ आनीत ७४९ आप ६६१ आपगा ६८१ आपण २१३, ९७० आपणिक ४६९ आपत्ति ७८४ आपदम्पत्त ७४३ आपदा ३८५ आपन्न ७४३ आपन्नसत्ता २३९ आपान ५३४ आपुच्छन ७६० आबाध ३२३ आभत ७४९ आभरण २८३ आभा ६४ आभाकर ६३ आभिमुख्य ११७८, ११८० आभिसमाचारिक ४३१ आभुजी ५६५ आभोग १०८३ आम १९४४ आमकसुसान ४०६ आमगंधि १४६ आमण्ड ५६६ आमय ३२३ आमयन्तर ३२९ आमलकी ५६९ शब्दानुक्रमः आमसन १९६४ आमिस २८०, ११०४ आमुत्त ३७८ आमेण्डित १०६ १०७ आमोद ८७, १४५, ११०८ आय ३५६ आयत ७०७ आयतन २०७, ८०१ आयति ८६, ८७५ आयत ७२८, ८९९ | आयाचन ७९० आयाम २९५ आयु १५५ आयुध ३८५ | आयोधन ३९९ | आरका ११५७ आरकूट ४९२ आरति १६० आरनाळ ४६० आरंभ १५२, ११९० आरम्मण ९४, ११३२ आरा ५२८, ११५७ आराधन ८८७ आराम ५३७, १११३ आराव १२८ आरोग्य ३३१ | आरोह २९५ ११०९ आरोहण २१६ आलकमंदा ३२ Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आलका ३२ आलपन १९९२ आलम्ब ९४ आलम्बन ९४ आलम्बणदण्ड ४४३ आल (ळ ) म्बर ९४४. ८५४ आलय १६३, २०५, ९४७, १०९७ आलवालक १०११ आलान ३६४ आलाप १२३ आलि १८९, ११०० आलिंग्य १४३ आलिंगन ७७४, ११८७ आलिन्द २१८ आली २३८, १८३ आलोक ३७, १०४३ आलोकन ७७५ आलोकसंधि २१७ शब्दानुक्रमः आलोप ४६६ आलोलित १०८३ आवज्ज ६९९ आवठ्ठ ६६० आवरणादि १९६७ आवलि ५३९, १०२१ आवसथ २०६ आवाट ६५०, ९३१, ११३५ आवास २०६ आदि १९५७ आविद्ध ७४४ आविल ६६९, ११०६ आवृत ७४५ आवुसो ११३९ आवेसन २१२, ९०६ आवेसिक ४२४ आचेळ ३०८ आसंगवचन ७५८ आसज्ज ७४५ आसत्त ७२६ आसन ३११, ३६३, ७६५, १०९९ आसनसाला २१० आसन्दी ३१२ आसंसत्थ १९८३ आसन्न ७०५, १००१, ११९५ आसय ७६६, ९३६ आसव ५३३, ९६८ आसवादि ९६८ आसा १६२ आसाटिका ६४५ आसार ५० आसाळ्ह ५९, ७५ आसित्थ १९६० आसिलेसा ५८ आसिविस ६५३ आसी ६५५, ८७२ आहचपाद ३१० | आहट ७४९ १५ Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ आहत ९०३ आहव ३९९ आहवनीय ११९ आहार ४६५, ८५६ आहाव ६८० आहो ११३८ आळकमंदा ३२ आळका ३२ आळवी १९९ आळारिक ४६४ आळाहरण ४०५ आळि ६२१ आळिन्द २१८ आळहक ३६४, ४८२, ४८४ ( इ ) इ १६ (एक) इक ६१२, १०२५ इक्खण ७७५ इक्खणिका २३६ इक्खित १०७८ इंग ७६४ इंगित ७६४, ९८१ इंगुदी ५६५ इंघ ११६७ इच्छा १६३, १०५६, ११८० इट्ठ ४६९, ६९७, ८१०, ९२९, १०६७ इट्ठका २२० शब्दानुक्रमः | इट्ठगंध १४६ |इट्ठविपाक ८०३ इट्ठाभ्यास ८८१ इट्ठस्सासिन ८७२ | इण ४७१, ११२९ | इणायिक ४७० इणुक्खेप ११२३ | इतर ७१७, १०६९ |इतरीतर १९८७ इति ७१५८, ११८७ | इतिवृत्त ९४३ | इतिह ४१२ इतिहा ४११ इतिहास १११ इतर ६९९ इत्थं १९५८ इत्थंभूत १९७४ |इस्थागार २१५ इत्थिपुप्फ ८८३ इत्थी २३० इत्थीतुज ४१४ | इदमत्थ १९८६ इदानि ११४० इघ ११६१ १०९६, इधुम ३६ इन्द २०, १००१, १७४५, ११३२ इंदखील २०४, २२०, १००६ इंदजाया १११२ Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - इन्दजालिक ५१२ इस्सर ८४४ इन्दधनु ४९ इह ११६१ इन्दपत्त २०१ इहलोकिक ८५ इन्दयव ५७४ इन्दवारुणी ५९७ ई १७ ( एक) इन्दहति ८६६ ईति ४०१ इन्दसाल ५६८ ईरित ७४३, ११८३ इन्दावुध ४९ ईस ७२५ इन्दीवर ५५२, ६८८, १००३ ईसं ११४८ इन्दु ५१, ११३४ ईसम्पण्डु ९६ इन्द्रिग १४९ ईसत्थ ११८१, ११९७ इंद्रियग्गय्ह ७१६ ईसदत्थ ११६९, ११७३ इंद्रीयसंवर ८४७ ईसधर २६ इंधन ३६ इसा ४४९ इब्भ ७२५ ईहा १५६ इभ ३६० इभपिप्फली ५८३ उ ११६८ इरित्विज ४१४ उ १७ (एक) इणि ८८६ उकंस ७६१, ७७१ इरु १०८ उक्कट्ठ ६९९ इल्ली ३९२ उक्कट्ठा २०१ इस ६१२ उक्का ७९५ इसि ४३३ उक्कार २७५ इसिगिलि ३०६ उक्कुस ६४० इस्स ६१२ उकोच ३५६ इस्सर १५, ७२५, १०९४ उक्खलि ४५६ इस्सरिय ११६२, ११७१ उक्लाप २२४ इस्सा १६८ उखा ४५६ इस्सास ३८८ उग्ग ५०३, ७११, ९८२ Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८ उग्गत १०७५ उग्गत्थन २८९ उग्गम ८८६ उगमन ९६० उगार ४६८ उग्घाटन ५२४ उच्चं ११५२ उच्च ७०८ उच्चतरस्सर ९०४ उच्चसद्दन ११७ उच्चार २७५ उच्चा लिंग २७५ उच्चत्वच ७२० उच्छंग २७६ उच्छित ७०८ उच्छु ५९९ उच्छमय १८८ उच्छुविकार ४६२ उजु ७०८ उज्जेनि २०० उज्जोत ६७० उट्ठान ८८६ उण्णनाभि ६२१ उष्ण ८७१ उष्णानय ३१२ उह ८० उपहरसि ६२ उहीस २८४, ८६२ शब्दानुक्रमः ११२४ उतुज ४१४ उतुनी ९०८ | उस ३०८, ८७० | उत्तत्त २८० उत्तम ६९४ उत्तमंग २५६, १०२८ उत्तमंगरुह २५६ उत्तमण्ण ४७० उत्तमा २३४ उत्तर ११४, २९२, ६९५, ८३० उत्तरकाल ८६ उत्तरकुरु १८३ उत्तर विपरीत ९५२ उत्तरायन ८० | उत्तरासंग २९२ | उत्तरीय २९३ उत्तानसय २५२ उत्तान ( सयक ) सेय्यक २५२ उत्तास १६६ उत्ति १०५ उद ११३८, ११९९ | उदक ६६१ | उदग्ग ७०८ | उदधि ६५९ उदपान ४३११६७७ | उदय ६०६ उतु ७८, २३८, ९००, १०३ १, उदर २७१ Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः उदहारक ५१० उदाहरण ११५ उदाहु ११३८ उदित ७५५, १०२२, १०७५ उदीचि २९ उदीरित ७५५ उदुम्बर ५५१ उद्दलामी ३१३ उद्दान ३५४ उद्दाप २०३ उद्दाल ५५२ उद्देस ९८० उ(द्दे)दोसित २१३ उर्दू ११५६ उन्दुर ६१८ उप ११८५ उपकट्ठ ७०५ उपकरण ८०९ उपकारिका २०३ उपक्कम ७७३ उपक्कोस १२० उपक्खर ३७५ उपगृहण ७७४ उपचरित १५१ उपवार १००१ उपच्चका ६१० उपचय ७७६ उपजाप ३४९, ९९१ उपज्झा ४१० उपज्झाय ४१० उपज्ञास ११८ उपट्ठान १००१ उपडित ९७१ उपड्ढ ५३ उपतिस्स ४३४ उपदुदृ ३४१ उपदा ३५५ उपदेस ४१२, ११८६ उपद्दव ४०१, १०३३ उपधान ३११ उपधि ९६८ उपनाह १६५ उपनिधि ४७२ उद्धकम्म १७६, ११८० उद्धगति ९६० उद्धंगम ३८, ११६८ उद्धट १६९ उद्धदेहिक १२३ उद्धन १५५, १११९ उद्धबाहुद्वयुम्मान ८८५ उद्धार १७१, ११२३ उद्रेक १६८ उन्न ७५३ उन्नत २९९, ७०८ उन्नति १६८ Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० शब्दानुक्रमः उपनिसा ११२५ उपन्तसेल ६१० उपन्तिक ७०६ उपपति २४० उपपत्ति ११८५ उपमा ५३०, ११८६ उपमातु २४४ उपमान ५३० उपयम ३१८ उपरि ११५ उपरित्त ११७७, १९८५ उपलद्धस्थ ११३ उपलद्धि ९००, १०५३ उपवन ५३७ उपवाद १२० उपवास ४३२ उपवीण १४८ उपवेसन ७६५ उपसम्ग ४०, १०३३, ११६३ उपसंब्यान २९२ उपहार ४२५, ८९७, ११२८ उपादान ३६ उपान्तभू १९१ उपाय ३४८ उपायन ३५६ उपासिक ३५३ उपारंम १२१ उपासक ४१५ उपासन ३९०, ४२८, ८८१ उपासिका ४१५ उपासित ७५१ उपाहन ५२५ उपेक्खा १५९ उपोग्धात ११५ उपोसय ३६१, ७८० उप्पतन ११२६ उप्पत्ति ९०, ११२६ उप्पत्तिभूमि ८५५ उप्पथ १९३ उप्पल ४७५, ६८८ उप्पा(द)त ४०१, १०२७ उब्बट्टन २९९ उब्बी १८१ उन्भव ९० उब्भिद ४६१ उभयतोदिक ११९५ उम्मजन २९९ उम्मत्त ३२२, ५७७ उम्मा ४५२ उम्माद १७२ उम्मादवन्तु ३२२ उम्भार २१९,१००६, उम्मुक ३६ उय्याम ५३८, ११२६ उय्याम १५६ उर २९० उरग ५५४, १०९४ Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः उळु ५७ उळुराज ५२ (ऊ) ऊ १९ (एक) ऊका १९५ ऊन १०७० ऊमि ६६२ ऊरु २७६ ऊस १८२, ११३४ ऊसर १८२, ८८६ ऊसवन्तु १८२ ऊहा १५५ उरचक्क ७८१ उरच्छेद ३७७ उरण ५०१, ५०२ उरणी ५०२ उरब्भ ५०१ उरु ६६३, ७०१, २०७४ उलुक ६३८ उलुपि १००३ उल्लोच २९९, ९७४ उल्लोल ६६२ उसभ १३२, १४०, १९६, ४९५, ५९०, ६९६, ९९६, १०९१ उसभंग ८७४ उसीर ६०१ उसु ३८९ उसुकार ५१० उसुवड्ढका ५१० उसूया १६८ उसूयोपगम ११५१ उस्सव १७८ उस्साव ५६ उस्साह १५६ उस्सित ८९२ उस्सुक ७२७ उस्सोम्हि १५८ उहुंकार ६३८ उळार ८४४ उलुम्प ६६५ एक १९ (एक) एक ६९६, ७१७, ७१८, ८५० एकंस ११४, ११९२ एकंसत्थ ११९६ एकक ७१८ एककूटयुत २०९ एकग्ग १०३५ एकग्गता १५५ एकज्र ७१८ एकत्त ४७३ एकदेस ११२० एकन्त ४१ एकन्तलोमी ३१३ एकपदिक १९२ | एकपदी १९२ Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२ एकरूप ७१० एकाकी ७१८ एकागारिक ५२२ एजा १६२ एण १०५० एणिमिग ६१८ एणेय्य ६१८ एतरहि १९४० एतिहा ४१३ एतिय्ह ४१२ एतावता ११४१ ११८६ एवम्पि ११४३ एवमेवं ११४२ एसिका २०४ एसिकायम्भ १००६ हलोकिक ८५ शब्दानुक्रमः ओट्ठ २६२, ५०२, ११०६ ओतार १११८ एत्थ ११६१ ओप्प १५८ एध ३६ एरण ५६६ | ओतिण्ण ११६२ एरावण २२ ओदन ४६५, ११०३ ओदनसंभव ९५९ एरावत ५६० एला २८१, ५९०, १०१० ओदनिक ४६४ एव ११५२ ओदात ९५, १०६८ एवं ११४२, ११४४, ११५८, अधि २२४, ११३५ ओपपातिक ७४१ ओपम्म ५३० ओपवय्ह ३६६ ओपायिक ३५३ ओपायिकं १९३४ एळ १०१० एळक २२०, ५०१, ११२३ एळमूग ७३४ एळगल ५९४ एका २८१, ५९०, १०१० एळालुक ५९० ( ओ ) ओ १९ (एक) ओक २०७, १०६० ओकास ११०१ ओगध ७४२ ओघ ६२९,९४६ ओज ९४२ ओजा ९४२ ओमक ७०० ओरं ६६५ | ओरब्भिक ५१३ ओरस २४१ ओरोध २१५ Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ओवरक २१४, ९४३ ओवाद ३५४ ओसध ३३०, ५९२ ओसधि ५४१, ५९२, ११३४ ओसधीस ५२ ओसान ७७१, ११६६ ओळिगल्ल ६८१ (क) क ६६१, ११९८ कंस १५७, ९०५ ककच ५२८, ५८० घकण्टक ६२३ ककू १९७ ककुट ६३६ ककुछ ४९७, ५६२, ८७८ ककुधभण्ड ३५८ कक ९२७ कक्कटक ६७५ ककस ९८५ कक्कारी ५९७ कक्खल ७१४ कस ६४३ कंकट ३७७ कंकण २८६ कखा १७० कंगु ४५१, ४५२, ५७१, १०५५ कचवर २२४ कच्चि ११३९, ११५१ कच्छ १८७, २६४, ८१३ कच्छन्तर २१५ कच्छप ६७४ कच्छबंधन ८१३ कच्छा ३६५ कच्छु ३२६ कज्जल ३०६ कंचुक २९४, ६५५. ९६२ कंचुकी ३४२ कजिय ४६० कञ्जा २३१ कट ३६४, ४५५, ९९७ कटक २८५, ६०८ कटच्छु ४५८ कटि २७२ कटु ९७६ कटुक १४८ कटुकरोहिणी ५८२ कटुका ५८२ कठल ९२५ कठित ७४३ कठिन ७१४, ९२८ ९८५ क? ५४८, १०४०, कट्ठिस्स ११५ कण ४५४, ७०६, ५०४७, कणय ३९४ कणिका ५७४ कणिकार ५७० Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ कणिट्ट २५४, ९२९ कणिय २५४, ९२९ कणेरु ८६६ कणेरुका ३६२ कण्टक ६१२ कंटकीफल ५६९ कंट्ठ २६३ कंठभूसा २८५ कण्ड ३८९, ४५३, ८३५, ९६७, १००४, १०८७ कण्डरा २७९ कण्डुति ३२६ कंडुया ३२६ कंडुवन ३२६ करण १५०, १६४, ११२० कण्णजप ७३७ कण्णजलूका ६२२ कण्णधार ६६६ कण्णपूर २८४, ८७० कण्णभूसा ८७५ कण्णमुद्ध ६७९ कण्णविभूसण २८४ कण्णवेठन २८४ कणिका २१९, २८४, ६८७, ८७५ कण्ह १६,८४,९६, १०००, १०२३ कण्हतुण्ड ६१४ कण्हवंय ५५९ शब्दानुक्रमः कण्हवत्तनी ३४ कत ९९७ कतक १०३६ कतमाल ५५२ मूतहत्थ ७२० किंतु ४१२ कत्तरयट्ठि ४४३ कत्तिक ७५ कत्तिका ५८ कस्थ ११६० कत्थवा ११८ कथुरिका ३०३ कथं ११३९ कथंकथा १७० कथञ्चि ११५८ कथन ११६८ कथा ११३ कथान ४७६ कथित ७५५, १००५ | कदम्ब ५६१, १०९२ | कदम्बक ६३० कदर ५६७ कदारि ७३९ | कदली ३९७ कदलिमिग ३९७ कदा ११६१ कदाचि १९४६ कद्दम ६६३ कटक ४८७ Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः नय ३९४ कनिठ २५४, ९२९ केनिट्ठा २६६ कनिय २५४, ९२९ कनीनिका २६० कन्त २४०, ६९३, ९४८ कम्तन ९५४ कन्ता २३०, ९४८ कन्तार १९२, ११०७ कन्ति ५४, ७६२, १०५६ कन्तित ७५२ कन्तिमत्त ९५३ कन्द ५४९, ६८८ कन्दर ६०९ कान्दत १६५ कन्दुक ३१६ कन्दरा २६३ कपण ७३९ कपाल २७९, ९४६ कपि ६१४ कापिकच्छु ५८२ कपित्थ ५५१ कपिल ९८ कापलवस्थु २०० कपिला ५७१, ५९० कापिसांस २१७ कापतन ५६२ कपाणि २६५ कपोत ६३६,९८४ कपोतपालिका २२१ कंपोल २६२, १०४८ कप्प ११०, ७४२, ७९८ कप्पक ५०८ कप्पक्खय ८२ कप्पट २९३ कप्पन ! ३६५, ९५४, कप्पना ९५६ कप्पबिन्दु ७९९ कप्पर २६५, २७९ कप्परुक्ख २८ कप्पासिक २९७ कप्पासि ५८९ कप्पित ३६६ कप्पुर ३०५ कबरमणि ४९२ कबळ ४६६ कबळिंकाराहार ८५६ कम ४२९ कमण्डलु ४४३ कमळ ६८५ कमलासन १५ कमितु ७३० कमुक ६०२, १०५१ कम्पन ७१२ कंपित ७४४ कंबल २९१, २९८, ६५२ कंबु ४८७, ६७६, ९६६ कंबुगीवा २६३ Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६ शब्दानुक्रमः - कंबोज १८५, ७५७ कम्म ७५७, ११८० कम्माकर ५१४ कम्मादिक १०१८ कम्मार ५०९ कम्मारभंड ५२७, १०३१ कम्मरुद्धत ७९५ कम्मास ९९ कयविकयिक ४६९ कयिक ४७० कर ६४, २६५, ३५५, ८७९ १०४७, ११२१ करक ५७०, १०१२ करका ५०, १०१२ करग्ग ३६५ करज २६८ करंज ५६७ करण ९०१ करणीय ७७२ करण्ड ३१७ करपलिका ३९२ करपुट २६८ करभ २६६,५०२ करभूसा २८६ करमद्द ५७८ करमर ४०७ करमरानीत ५१५ करवाक २६ करवीर ५७७ करसाखा २६६ करहाट ५४९ करिसापण्ण ४८१ करीर ५८० करीस १९७, २७४, ९९५, १०८६ करुण १०२ करुणा १६० करेरि ५५३ कल १३७ कलंक ५५, १०८९ कलह(कोल १३० कलत्त २३७ कलदक ६२२ कलंबक ५९८ कलल २३९, ६६३. कलविंक ६४३ कलस ४५७ कलह ४००, ११७१ कला ५३, ५२८, ८७४ कलाप ३८९, ६३१, ६३५, ८६३ कलापी ६३४ कलि ११०६ कलिका ५४४ कलिंग ६४४ कलिंगर ४५३ कलिल ७१९ कलीर ५४९ Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः कळाय ४५१ कळार ९८ कळिंगर ५५३ (का) काक ६३८ काकतालीय ७४० काकतिन्दुक ५६० काकपक्ख २५७ काकली १३७ काकोदुम्बरिका ६३९ काकोळ ६३९ काच ९१९ कलुस ८४, ६६९, ११०६ कलेबर १५१ कल्याण ८८, ६९४, १०३७, १०७४ कल्ल ६८, ३३१, ९८३ कलहार ६८९ कल्लोल ६६२ कवच ३७७ ककन्ध ४०६ कवि २२८, ११०५ कविठ्ठ ५५१ कसक ४४८ कसम्बु २२४ कसा ३७० कसाय ९६० कसाव १४८ कसिकम्म ४४५ कसिण ७०१ कसित १०४० कासर ८९ कसी ४४५ कसेरु १०१० कस्मीर १८५ कस्मिरज ३०३ कस्सक ४४७ कस्सप १०९ कहं ११६० कहापण ४८१ कळम ३६२ काज ५२५ काण ३२१ कातर ७३१ कादम्ब ६४४ कानन ५३६, ११५१ काय ४२, १६३, ४६९, ८२६ कामं ११४०, ११९६ कामज ८९० कामधात्वादि ८२९ कामन ७३० कामप्पवेदन ११५१ कामयितु ७३० कामी ७३० कामिनी २३१ कामुक ७३० कामोघ ९४६ काय १५१, ६३०, १०१६, Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमा कासि १८५ कायबंधन ४३९ कान्न ६५०, ११२५ कायसंखार ८३२. कास्मरी ५५८ कायिक ४७० काळ ७४, ९६, ३०२, १००५ कारक ८९० काळकंटक ६४४ कारवेल्ल ५९६ काळकणि ८२ कारण ९१, ७७९, ११००, काळका ६२२ ११०१, ११२५, ११२७, काळकूट ६०७, ६५६ ११९७ काळक्खंध ५६० कारणा ४०७ काळतिपु ४९३ कारुणिक ६५८, ७२६ काळलोण ४६१ कारण्डव ६२६ काळसीह ६१२ कारवेल्ल ५९६ काळसुत्त ६४७ कारा ४०७, १०११ काळहंस ६४४ कारिका ११०५ काळा ५९० कारिय १०३७ काळागरु ३०२ कारु ५०४ काळायस ४९३ कारुन १६० काळावक ३६१ कारुणिक ७२६ काळीय ३०२ काल ६६, ४०४, १०८२, | (कि) कि २२ (एक) कालकिरिया ४०४ किं २१-२२ ( एक) कालविसेस ८५५ किं ९४९, ११३८, ११३९, कालिंग १८४ कावेरि ६८३ किसु ११३९ कास ३२९, ६०१, ११२५ किकी ६४३ कासमद्द ५९८ किं(क)कार ५१४ कासाय २९६ किंकिणी १८६ कासाव २९६ | किंकिरात ५७९ Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः किच्च ७७२ किच्छ ८९, १०४०, ११५८, किंचि ११४८ किंचिदूनक ७४२ किञ्जक्ख ६८६ किट्ठ ४५२ किण्ण ५३३ कितव ५३१ कित्तावता ११४१ कित्ति ११७ कित्तिम १०३६ किन्नर ४५ किब्बिस ८४ किमि ६२३ किमिज २९८ किमु ११३८ किमुत ११३८ किम्पुरिस ४५ किर ११९९ किरण ६४ किरात ५१७ किरिय ७५७ किरीट २८३ किलज ४५५ किलमथ ७६१ किलिठ्ठ १२५ किलिन्त ७५३, ७९७ किलेस ८५९ किस ७०४, ९२४ किसलय ५४३ किसोर ३६९ (की) कीचक ६०० कीट ६२३ कीर ६४० कील ३७४ कीलित ७४७ कीब ११४१ कीळा १७६, ११२६ कीळित १७६ (कु) कु १८१, ११५९, ११९७ कु २२ (एक) कुकुत्थक ६२६ कुक्कु २६८ कुक्कुच्च १६९, १७९ कुक्कुट ६४० कुक्कुर ५१८ कुक्कुल ३६ कुक्कुह ६४० कुंकुम १४७, ३०३ कुच २७० कुच्छा १२१, १०५५, ११५९ कुच्छि २७१ कुच्छिट्ठ ३९ कुच्छित ६९९, १०७०, ११६९ कुज ५४० Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः कुंचनाद ११९ |कुस्थ ११६० कुंचिका २२२ कुत्र ११६० कुंचिकाविवर २२२ कुथ ३६५ कुंचित ७०९ कुदाचनं ११६१ कुंज ६०९ कुद्दाल ५५२ कुंजर ३६० कुद्रस ४५० कुट ४५७ कुद्ध १०७७ कुटज ५९२ | कुन्त ३९४ कुटधारिका २३६ कुन्तनी ५४१ कुटन्नट ५७३ कुंतल २५६ कुटसिंबली ५६५ कुंद ५७८ कुटि २०७ कुप्प ४८६ कुटिल ७०९, १०१५, १०७२ | कुब्बर ३७४ कुटीसक ४४१ कुमार १७, २५१ ९०७ कुट्ठ ३०३, ५९२, ११२० कुमारिका २३१ कु(धा)ठारी ३९३ कुमिन ५२१ कुडुब ४८२ कुमुद ३०, ४७६, ६८८ कुडुमल ५४४ कुमुदिका ५६४ कुड्डु २०४ कुंभ ३६३, ४५७, ४८३, ८५३ कुणप ४०५ कुंभक ६६६ कुणाल ६३३, ६७९ कुंभकार ५०७ कुणी ३२० कुंभथून १४० कुण्ठ ७२९ कुंभण्ड १३, ५९७, १०३० कुण्ड ४५६, ६२२ कुंभण्डस मि ३१ कुण्डक ४५४ कुंभी ४५६, ५६४ कुण्डल २८४ कुंभील ६७४ कुण्डिका ४४३, १०१२, ११२४| कुम्म ६७४ कुतूहल १७३ कुम्मास १०१८ कुत्तक ३११ कुर ४६५ Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः कुर(रु)ङ्ग ६१९, १०४५ कुसल ८५, ३३१, ७२०, ८०३ कुरंडक ५७९ कुसा ३७१ कुरर ६४० कुसि २९६ कुरु १८४ कुसिनारा २०१ कुरू १८४ कुसुम ५४५, ११०५ कुरूर ७१४, ९२८, ९३४, कुसूल ४५८ १०३८, १०६६, १०८९/कुसेसय ६८५ कुल ३३२, ६३२, १०६०. कुहण ९८३ कुहणा ९८३ कुलक ५६० कुहर ६४९, १०९२ कुलज कुलटा २३३ कूट १७७, २१९, ५२६, ६०८, कुलपालिका २३४ कुलल ६३७ कूटचरिया ९८३ कुलाचल २७ कूटंट ७१० कुलाल ५०७ कूप ९३१ कुलालमण्ड ७८२ कूपक ६६६ कुलावक ६२७ कूपाम्बुब्बाहण ५२४ कुलित्थी २३४ कूल ६६० कुलिस २४ कूलदेस ६६० कुली(लि)न ३३३ कुलीनक ३६९ के २२ (एक) कुलीर ६७५ केकर ३२० कुलीरपाद ३१० केका ११९ कुल्ल ४५५, ६६५ केकी ६३४ कुवलय ६८८ केटुभ ११२ कुवेणि ५२१ केतकी ६०४ कुवेर ३२, ९६९ केतन ३९७ १०९८ कुस ६०२, १०७९ केतव १७७, ५३१ Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः केतु ३९७, १०६४, १०९८, ११०५ केदार ४४७ केनिपात ६६७ केयूर २८७ केलास ६०७ केवट्ट ६७० केवळ ८, ७८६, १०६९ केस २४६ केसपुब्बचय ९०४ केसर ५५६, ५७२, ६८६ केसरी ६११ केसव १६ केसोहारण ७९६ कळि १७६ कोक ६१५ कोकनाद ६८६ कोकासक ६८६ कोकिल ६३३ कोच्छ ३११ कोञ्चनाद ११९ कोचा ६४१ कोटर ५४८ कोटि ३९४, ८७१, ४७४, कोट्ठास ४८५, १०३४, ११००, ११०२ कोट्ठासय ३९ कोण १४४, ३९४, ११०२, ११२० कोतूहल १७३ कोत्थु ६१५ कोदणु ३८८ कोध १६३, ११२५ कोधन ७३२ कोप १६४ कोपज ८९० कोपी ७३२ कोपीन ९३५ कोमल ७१६, १०६७ कोमुदी ५४ कोरक ५४४ कोल ५५९ कोलक ३०४, ४५९ कोलट्ठिपक्खि ६४० कोलम्ब ४५६ कोलवल्ली ५८३ कोलाहल १३० कोलित ४२५ कोली ५५८ कोविद २२८ कविळार २८, ५५२ कोस १९.७, २७३, ४८६, ८११, १०९२ कोटिप्पकोटि ४७४ कोटिसिम्बली ५६५ कोटुम्बर २९१ कोट्ठ २७१, ४५८, ८६२ Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कोसज ३५१ कोसफल ३०४ कोसम्बी २०० कोसल १८४ कोसि ३९१ कोसिक ५५७ कोसिय २०, ६३८, १०४५ कोसेय्य २९१, २९८, ३१५ (क्रि ) क्रिया ७५७, ८७७, ९०१, ११०५ क्रियाकप्पविकप्प ११२ क्व ११६० ( ख ) ख ४५ ( एक ) ख २३, १०६१ खग ६२४ खगन्तर ९१५ खगादि १०९२ खगादिबंधन ९०४ खग्ग ६९१, ६१३, १०८२, १०९२ खग्गकोस ८५२ खग्गंग १०९५ खम्गविसाण ६१३ खम्मादिमुट्ठि ३९१ शब्दानुक्रमः खज्ज ४६६ खज्जन्तर ११२२ खज्जभेद १११३ ५ | खज्जु ३२६ | खज्जुरी ६०३ खञ्ज ३२० | खञ्जन ६४३ | खञ्जरीट ६४३ खटक २६८ | खण ६६, ८०२, ८५५ | खणमुहुत्त ६७ खणालय ६७ खणित्ती ४४७ | खण्ड ५३, ४६२ | खण्डन ९४३ खत्त ३३५, ४१६, १०९५ | खन्तज ५०३ खत्तिय ३३५, ९२६ खत्तियज ५०४ | खत्तियमहासाल ३३८ स्खत्तिया २३६ खत्तियानी २३६ खत्तु १०९५ खदिर ५६७ | खन्ति १६१ खन्तिमन्तु ७३२ खन्तु ७३२ खन्ध १७, २६४, ५४८, ६३०, ८५१, ११०२, ११२७ खन्धकोट्ठास ८४८ | खन्धदेस ३६३ खन्धपंत्रक ७८८ ३३ Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः खन्धभारादि ९३३ खीणासव १० खन्धावार १९८ खीर ५०० खम १०७३ खीरण्णव ६५९ खमन १६१ खीरिका ५६४ खमा १६१, ९९४ (खु) खय २०७, ३३२, ७७३, खुज ३१९ ९३४, १००२, १०१४, खुदा ४६८ १०७९, १११७ खुदित ७५६ खर ५०२, ५२८, ७११, ९६७ खुद्द ४९४, ६४५, ८२१ खल ४५४, ९२७ खुद्दघटिका २८६ खलित ११०८ खुद्दज ४९४ खलीन ३७० खुद्दपादप ५४० खलु ११८५, ११९५ खुद्दसंख ६७६ खल्लाट ३२१ खुद्दा ६४५ खळुक ३७० खुद्दानुखुद्दक ४३१ खळो( लो)पि ४५६ खुर ३७१ (खा) खुरक ५६१ खाणु ५४९ खुरप्प ३८९ खात ६७७ (खे) खादित ७५७ खेटक ३९२ खार १८२, ११३४ खेत्त ४४७, ८८० खारक ५४४, ५६८, १११६ खेत्ताजीव ४४७ खारी १८३ खेद ९२२, ११५९, ११७२, (खि) १२०१ खिड्डा १७६ खेप १२१ खित्त ७४४ खेपक ९२२ खिपन १००४ खपन १०७८ खिप्प १० खम ८, ८८, १०३७ (खी) खेळ २८१, १०१० Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः (खो) खो ११५० खोण्ड ३२० खोम २७७, २९१ ( ख्या) ख्यात ७२४, २३५ ख्यापन ११७५ गगन ४५, १११९ गग्गरी ४६९, ५२७ गंगा ५८१, ६८२ गंगेय्य ३६१ गच्छ ५४० गज ३६० गजकुल ३६१ गजता ३६२ गजित ४९, ३६२ गण ६२९, १००८, १०५०, १०५७, ११०७ गणक ३४७ गणन ८४५ गणिकंटक ६१२ गणिका २३३ गणित ७१० गणी ६१२ गण्ठि ५२०, ६०० गण्ठिपास ५२० गण्ठ २६२,३६४, १०४८ गंडक ६१३, ६७२, १०९२ गंडुप्पाद ६७५ गडुल ३१९ गत १०८७, ११५५ गति ३९५, ७९३, ११६३, ११६४, ११७८ गत्त १५१ गद ३२३ गदा ३२, ३९४, १०९९ गदित ७५५ गद्दभण्ड ५६२ गहुल ५२० गद्ध ६३७ गद्रभ ५०२, ९६७ गन्थ १००६ गन्ध ९४, ३६१, ११०८, १११९, ११२९ गंधकुटी २११ गधब्ब १३, ९०२ गंधब्बाधिप ३१ गंधमादन ६०७ गधसार ३०० गंधार १३२, १८४ गब्ब १७१, १०७९, ११२८ गाब्बित १९७५ गब्भ २१४, २७१, ९४३ गब्भमोचन ९०२ गब्भर ६०२ भब्भासय २३९ गब्भिनी २३९ Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ शब्दानुक्रमः गभीर ६६९ गळोची ५८१ गम ३९५ गमन ३३५, १०१२, १०५४, गाथा १०९० १०९०, ११०० ११२८ गान १३० गमिक १२४ गाम २२५, ११०७ गंभीर १२९, ६६९ गामजेट्टक ९२० गम्म ७४५ गामणी ६९५, ९२० गव्हाकार ११८५ गामणीय ३६८ गरहा १२१, ९४९, ११८३, गामद्वार ६८४ ११८४, ११८६, ११९१ गामधम्म ३१७ गरळ ६५५ गायक ९०२ गरु ६२७, ७०१, ८४० गायत्ति ४१६ गरुगब्भा २३९ गायत्तिपमुख ११७ गरुळ ६३३, ८०९ गायन ९०२ गल २६३, ११२९ गारय्ह ७०० गलन्तट्ठी २७८ गारय्हवच ७३५ गलित ७५१ गारव ९१६ गवक्ख २१६,९४८ गावी ४९८ गवज ६१६ गावुत १९६ गवय ६१६ गाह ७६२ गवि १११४ गाहपञ्च ४१९ गवेसना ४२८ गाळव ५५६ गवेसित ७५३ (गि) गह २०६, ७६२, ९१९ गिंगमक २८९ गहट्ट ४४६, ४०९ गिज्झ ६३७ गहण १०४०, ११८१ गिज्झकूट ६०६ गहणि २७१, ९७२ गिंजका २०२ इन ५३६, ७१९ गिद्ध ७३९ गहपतिमहासाल ३३९ गिनि ३४ Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः गुय्हक १३ गुय्हन ९८५ गुहा ६०९ गुळ ४६२, १०८८ गुळफल ५५४ गुळभेद ९२५ गिम्ह ७९, ८०, ९५४ गिम्हान ७८ गिरा १०५ गिरि ६०५ गिरिकाण्ण ५८४ गिरिमल्लिका ५७३ गिरिमेखळा ४४ गिरिसिंग ८२८ गिलान ३२२ गिलित ७५७ गिही ४४६ (गी) गीत १३० गितिका १३० गीवा २६३, ११२९ गीवेय्य २८५ (गु) गु २६ (एक) गुग्गुळ ५५७ गुजा ४७९, ५८५ गुण ७६७, ७८७ गुणाधार ९१३ गुणुकंस ९९३ गुणेतर ११२५ गुत्त ७४६, ७५४ गुद २७४ गुन्दा ५९९ गुम्ब ५५०,६३१, ८६१ गुय्ह ३५२, १०८५ गूथ २७४ १०१९ गूळ्ह ७४६ गूळ्हपुरिस ३४७ (गे) गे २६ ( एक ) गेण्डुक ३१६ गेरिकादिक ६१० गेलञ ३२३ गेह २०७, ९३४,१०५६,१०६०, ११००, ११०४, ११०८, ११६५, १०९८ गेहंग ११३४ (गो) गो १८१, ४९५, ८६९, ९९८, गोकण्टक ५८३ गोकण्ण २६७ गोकुल १९० गोचर ९४,११३२ गोच्छक ५४५ गोटविस ६६६ गोट्ठ १९० गोण ४९५ Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८ गोतम ४ गोत ३३२, १०६० गोधा ६२२ गोधुम ४५० गोनक ३१२ गोन ( ग ) गुल ६१४ गोनस ६५१ गाँप ४९५ गोपगाम १०८१ गोपानसी २२१ गोपायित ७५४ गोपाल ७९५ गोपालगामक २२६ गोपित ७५४ गोपुर २०४, १०६५ गोप्फक २७७ गोमन्तु ४९५ गोमय ४९९ गोमुत्त २२५ गोर ९५ गोरक्खा ४४६ गोलीस ५६३ गोलोमी ५८४,५९९ गोविंद ४९६ गोसीस ३०१ गोसंख्या ४९५ गोळ १०८८ गोळक १०१७ (घ ) शब्दानुक्रमः घ २६ ( एक ) घ २७ ( एक ) घट ४५७, १११९ घटन ११२८ घटीयन्त ५२४ | घण्टिक ३९६ घत ४९९ घन ४७, १४२, ७०७, ८२०, १०७६ घनतम ७२ धनपुष्फ ३१३ घनसार ३०५ घनोपल ५० घम्म ९५४ घम्मजल १०८८ घर २०६, १०६०, १०६५, १०९७ घरकूट ८७५ | घरगोलिका ६२१ घरणी २३७ घरसप्प ६५२ घरादिभू २२५ घस्मर २२५, ७३४ (घा) घा २६ ( एक ) घा २७ (एक) घात ४०३, १०८०, ११२७ घातन ४०३ | घातुक ७३३ Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः घान १५०, ११११ चणक ४५१ घास ४६५, ६०२, ११०३ चण्ड ७११, ७३२ (घि) चण्डाल ५१७ घि २७ ( एक ) चतुक्क २०३ (घु) चतुक्कण्ण २५२ घु २७ (एक) चतुजातिगंध १४७ (घो) चतुत्थंस १०३० घोटक ३७० चतुब्बग्ग ३१८ घोर १६७ चतुर ७२१ घोस १२८,१०८१ चतुरंगतम ७१ घोसना ११७ चतुरंगिनी ३५९ (च) चतुरस्सक २०९ च ११८७ ( एक ३१) चतुरोपधि ९६८ चकोर ६२५ चत्त ७५४ चक्क ३७३, ३८१, ३९४,७८१] |चन ११४५ चक्कन्त १०५८ चंद ५१ चक्कपाणि १६ चंदक ६३५ चक्करतन ७८१ चंदग्गाह १०२७ चक्कवत्ति ३३५ चंदन ३०० चक्कवाक ६४१ चंदनिका ६८३ चक्कव्ह ६४१ चंदप्पभा ९१७ चक्किक ३९६ चंदभागा ६८२ चक्खु १४९, ८३५ चंदिका ५४ चक्खुमन्तू १ चंदिमन्तु ५२ चंकम २१३ चपल ७३८, १०७५ चंकोटक ३१७ चमर ६१९ चम्मर २०३, २१८ चमुरु ६२० चंचल ७१२, ११०७ चमू ३८१ चटक ६४३ चमूपति ३४० Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४० शब्दानुक्रमः - - - चंपक ५६८ चंपा २०० चंपेय्ह ५६८ चम्म ३७७, ४४२, ११०७ चम्मकार ५०८ चम्मपसिब्बक ५२६ चम्मयोनि ६२० चम्मावुत ३७२ चय १०५०, १०७६, १०९९, ११२५, ११२८ चर ३४७, ७११, ११०७ चरण २७७ चराचर ७११ चरिम ७१५, ११९९ चरु ४१८ चल ७१२, १०६६ चलन ७१२ चलनी ६१८ चलित ७४४ चवन ४०४ चसक ५३४ चाग ४२०, २०१४ चातक ६४१, १०५० चाप ३८८ चामर ३५७ चामीकर ४८८ चार ११०७ चारु ४८७, ६९३, १०२०, १०७०. ११०८ (चि) |चि ११४५ चि ३२ ( एक ) चिक्खल्ल ६६३ चिञ्चा ५६२ चिण्ह ५५ चितक ४०५ चिता ४०५ चित्त ७५, ९९, १५२ चित्तक ३००, ५८०, ९४४ चित्तकम्म ८३८ चित्तका ३१२ चित्तकार ५०८ चित्तकुट ६०७ चित्तपीळा १७३ चित्तमास ७७, ८३८ चित्तलता २३ चित्तविब्भम १७२ चित्ता ५९, ८३८ चित्ताभोग १५९ चित्तेकग्गता ८५८ चित्रतण्डुला ५८६ . चिन्ता १७१ चिर ११९४ चिरं ११३६ चिरक्रिय ७२७ चिरत्तन ७१३ चिररत्ताय ११३६ चिरस्सं ११३६ Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चिरातीत १९९४ चिरेण ११३९ चिहण ८७९, ११०५ ( ची ) चीनपिट्ठ ४९४ चीरी ६४६ चीवर २९६ ( चु ) चु ३२ ( एक ) चुच्चु ५९८ चुण ३९५, १०२१ चुणित १०७५ चुत ५१७, ७५१ चुन्दकार ५०९ चुन्दभण्ड ११२१ चुबुक २६२ चुंबक ४५८ चुल्ल ७०५, १११९ चुल्ली ४५५ (चू ) चूचुक २७० चूत ५५७ चूला २५८, ६३४, ८६४ चूळामणि २८३ चूलिका ३६३ (चे) चे ११४७ चेटक ५१४ चेटी २३६ S शब्दानुक्रमः चेत १५२ चेतक ५२० चेति १८४ चेतिय १८४, ४३६, ९५५ चेतियहुम ९५५ | चेल २९० (चो ) चोदन ११५७ चोर ५२२ चोरिका ५२२ चोळ २९० (छ) ( छ ३४ ( एक ) छक २७४ ४१ छकन २७५ छकळ ११११ छ ( क ) गलक ५०२ छक्कण्ण ३५२ छज्ज १३२ छण १७८ छत ३५७, ११३० छत्तपण्ण ५५५ छद ५४३, ६२७ छदन ५१, २१८, ५४३, ११०४ छदि ९४० छद्द २१८ छद्दन्त ३६१, ६७९ छद्दिका ३२७ छन्द १७२, ४१७, ७६६, ९४५ Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः छु ३४ (एक) छूरिका ३९२ छन्दस ४०८ छन्दोवांचिति ११० छन्न ३५३, ७४८, ८३४ छप्पद ६३५ छमा १८१ छरस १४८ छल ८६० छव ४०५, १०२६ छवक १९३० छवि.५४ छविसंपत्ति ८०९ छळ ११०८ छा ३४ ( एक) छात ७५६ छादन ५१ छादित ७४८ छाप २५१ छाया ९५३ छारिक ३५ (छ) छि ३४ (एक) छिग्गल ६५० छिद ११०० छिद्द ६४९, १०१३, १११८ छिद्दवन्तु ९१५ छिदित ७४८ छिन्निरियापथ ३१९ छेक ७२१, ११६५ छेद १०९६ | (ज) ज ३५ (एक) जगतिपाल ३३४ जगती १८२, ९९७ जघन २७२ जंगम ७११ जंगल १८३ जंगमग १९१ जटा १६२, २५७, ९४७ जटाधर ४४० जटिल ४४० जण्णु २७६ जण्णुतग्घ ७४२ जण्णुमत्त ७४२ जतु ३०५ जतुका ६४६ जत्तु २६४ जन ९३,१०४१,१०८९,११०३ जनक २४३, १११८ | जनन ९० जननी २४४ जनपद ४८५,१००१,१०८९ Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः mr बनपदन्तर १८५ जनवाद १२० जनाधिप ३३१ जनालय २१० जनावास ११०७ जनिका २४४ जनेन्ती २४४ जन्ताघर २१४ जन्तु ९३ जपा ५८० जपित ७५५ जम्पति २४२ जम्बाल (ळ ) ६६३ जम्बाळी ६८४ जम्बु ५४७ जम्बुक ६१५ जम्बुदीप १८३ जम्बू ५४७ जम्बुनद ४८८ जम्भीर ५५३ जम्म ५१६, ७२९ जय ४०२, ७६१, ९९७ जयन ७६१ जयपान ३९८ जयंपति २४२ जयसुमन ५७५ जर ३२९ जरग्गव ४९६ जरता २५१ जरा २५१ जल ६६१ जलचर ६७१ जलदायक ३५९ जलनिगम ६६० जलनिधि ६५९ जलसत्ति ६७६ जलाधार ६७७ जलाबु २३९ जलाबुज ७४१ जलालय ६५८ जलासय ६७७ जलुका ६७५ जव ४०, १११५ जवन ३७०,३७९ जवनिका ३९८ जवाधिक ३७० जळ ७२१ जळत्त १०४८ जागर ७६८ जागरिया ७६८ जाणु २७६ जात ६३०, १०७७ जातरूप ४८५ जातवेद ३३ जातापच्चा २३५ जाति ९०, ५७६, ७९२ जातिकोस ३०१ Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - - जातिफल ३०४ जिति ७६१ जातिसुमना ५७६ जिन ४ जातु ११४०, ११४६ जिम्ह ७०९ जानि ७६३ जिया ३८८, ७८७ जानिपति २४२ जिव्हा १५० जामातु २४७ (जी) जाम्बव ५४७ जीमूत ४७,५७८ जाया २३७ जीरण ७६३ जायापति २४२ जीव ९२,९३,११०३ जार २४० जीवक ५९४ जारी २३८ जीवञ्जीव ६२५ जाल २१६, ५२१,६३१,९४८, जीवन ४४५ ११०२ जीवनी ५९४ जालक ५४४ जीवन्ती ५९४ जाला ३५ जीवसुमन ५८० जालिक ५४१, ६७० जीविका ४४५ जालिका ३७८ जीवित १५५ जालिनी १६२ जीवितवुत्ति ७९६ (जि) । (जु) जि ३५ ( एक) जु ३५ (एक) जिगुच्छन १२०० जुण्हा ५४, ६९, ९१७ जिगुच्छा १२१, १२०० जुति ५४, ६४, १०५६, १०८६ जिघच्छा ४६८ (जू ) जिच्छित १५६ जूत ५३१ जिघन ७१५, १०६९ जूतकार ५२१ जिंजुक ५८५ (जे) जिण्ण २५४ जे ११३९ जिण्णक २५४ जे ३६ ( एक) जिण्णवसन २९३ जेट ७५,२५४,६९४, ९१८ Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निट्ठा ५९ नेतब्ब ३७९, १०२२ जेतुत्तर २०१ जेतुमिच्छा जेिय्य ३७९, १०२२ जोति ५७,८८४ जोतिसत्थ ११० ( ज्या ) ज्या ३८८ ( झ ) झ ३६ ( एक ) झज्झरी ५९८ मल्लिका ६४६ इस ६७१ झसा ५८८ ( झा ) झाटल ५६३ ज्ञान १७१ झाबुक ५६१ (झे ) झे ३७ (एक) ( ब ) ञ ३८ ( एक ) ञत्त ७०६ (ञ) जा ३८ ( एक ) जाण १५३, १०५३, ११३१ आणदस्सन ७९४ नाणप्पत्ति ११७३ शब्दानुक्रमः जत ७५७ जातक २४३ जति २४३ आपन १०५८ जाय ७६० ( ये ) नेय्य ७८४, १०२६ ( ट ) ट ४० ( एक ) टंक ४९३ ( टी ) टी ४० ( एक ) (ठ) ठ ४२ ( एक ) ! ठपन ९७१ (ठा ) ठा ४२, ४३ ( एक ) ठान ९१, ८४६,१०५८, १०९८ ठानीय १९८ ( ठि ) ठिति ८४६, १०५८ ठितिआदि १९६३ (ड) ड ४४ ( एक ) | डंस ६४५ (डा ) डाक ४५९ (डि ) डि ४४ ( एक ) ४५ Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ढ ४५ ( एक ) (ढि) ढि ४६ ( एक) (ण) ण ४६ ( एक) (णा) णादि ८५७ (त) त ४९ ( एक) तं ११४५ तं ५२ (एक) तक १५५, ५००, ८९८, १०२२ तकर ५२२ तकसिला २०० तकारी ५७३ तकाल ८६ तकोल ३०४ तगर १४७ तग्घ ११४० तच १५७, ९२४, ११०९ तचसार ६०० तचुब्भव २९७ तच्छ १२७ तच्छक ५०६ तच्छनी ३९३ तच्छित ७५० तज्जनी २६६ तज्जारी १९४ तट ६०८, ६६४, ११३३ तण्डुलीय ११३२ तण्डुलेय्य ५९४, ११३२ तण्हक्खय ६ तण्हा ४४, १४२, १०५७, १०९५ तत ७४६ ततिया ७२ ततियस्थ ११७४ ततो ११६४ ततोपर ११५५ तत्थ ११४२, ११९७ तत्र ११५६ तत्त्व ११७५ तथरिव ११४३ तथा ११४२ तथागत ३, ९३, १०९९ तथेव ११४२ तदा ११६१ तदात्त ८६ तदानी ११६१ तद्दाम १०८१ तदुपेत ९१७ तनय २४१ तनु १५१, ७०५, ७०७, __७२४, ९२४ तनुकत ७५० तनुज २४१ Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः २७ - सनुरुह २५९ तरुसण्ड ५३७ तन्त ५२३, ८८२ तल १०९० तन्दी १०५४ तस ७११ तप ४३० तसर ७७३ तपन ६३१, ६५७ तसिना १६२ तपनीय ४८८ तस्सन ४६७ तप्पन ४६८, ७५९ तह ११५६ तप्पर ७२६, ९६२, ११६३ तहिं ११५६ तपस्सी ४३३, ९३७ तळाक ६७८ तपोधन ४३३ (ता) तपोवन ९२८ ता ४९ (एक) तब्बिपक्खक ६६९ ता ५३ ( एक) तब्भाव ८३३ ताण ६, ७६३ तम ७०, ९७५ तात २४३, ७५४ तमाल ४७३ ताप १६९, १०४५, ११३५ तमुस्सन्ता ६९ तापस ४३३ तम्ब ९५, ३६१, ९२३, ९६३ तापसतरु ५६५ तम्बक ५९८ तापिञ ४७३ तम्बचूळ ६४० ताम्बूली ५८९ तयी १०८ तार १३७ तर ६६५ तारका ५७, ९०४ तरंग ६६२, १०५९ तारापथ ४६ तरच्छ ६११ ताल २६७, ६०३ तरणी ६६६ तालवण्ट ३१६ तरल ४६५, ६१३ ताव ११४१, ११९३ तरी ६६६ तावता ११४१ तरु ५४० तावतिस ४१६ तरुण २५३, १०७३ ताळ २२२, ९०१ तरुणी २३१ ताळच्छिग्गल २२२ Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४८ शब्दानुक्रमः ताळादिक ८२० ताळी ६०४ (ति) ति ५० ( एक) ति ५३ ( एक) तिकिच्छक ३२९ तिकिच्छा ३३० तिकूट ६०७ तिखिण ७११ तिगोचर ३५२ तिचीवर ४३९ तिण १८७, ८१४ तिणपादप ६०४ तिणव १४३ तिणसूल ५७४ तिण्ह ७११ तितिक्खा १६१ तितिक्खावन्तु ७३२ तित्त ११८ तित्तक ५९५ तित्ति १६८, १११२, ११६८ तित्तिर ६२५ तित्थ ८८४, ९८१ तिथि ७२ तिथिभेद ८८९ तिदिस ११ तिदसालय १० तिदिव १० तिदिवाधार २६ तिदिवादिभू १९ तिनीस ५५५ तिन्त(न्न) ७५३ |तिन्तिणी ५६२ तिन्दुक ५६० तिपु १९३, १०४६ तिपुटा ५९० तिब्ब ४१, ७११ तिमि ६७३ तिमिंगल ६७३ तिमिंद ६७३ तिमिर ७० तिमिरपिंगल ६७३ तिमिस ७० तिमीसिका ६९ तिम्बरू ५६० तिम्बरूसक ५६० तियामा ६९ तिरक्कार १७२ तिरच्छ ६४८ तिरच्छान ६४८ तिरच्छानगत ६४८ तिरियं ११५९, १२०१ तिरीटक ४४२ तिरो ११५९, १३०१ तिरोकरणी २९८ तिरोक्कार १७२ तिरोधान ५१ तिलक ३००, ५६१, ९४४ Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ४९ - तिलकाळक ९४४ तुरग ३६८ तिलपण्णी ३०१ तुरंग ३६८ तिलबीज ६९० तुरित ४०, ३७९ तिलिगिंक ९३४, १०२६, १०९० तुरियंग ९०१ तिलिच्छ ६५१ तुरियन्तर ९१५ तिवग ६१८ तुरुक्ख १४७, ३०२ तिविज्जा १०३४ तुला २२३, ४८१, ८२३ तिवुता ५९० तुलिय ६४२ (ती) तुल्य ५३०, १०४८ तीर ६६४ तुवट ४० (तु) तुहिन ५६ तु ११९७ (तू) तु ५० ( एक ) तूण ३८९ तु ५३ ( एक) तूणी ३८९ तुंग ७०८ तूणीर ३८९ तुच्छ ६९८ तूल ४९४ तुच्छाभासत ११६ तुट्ठ ७५२ ते ५१ ( एक ) तुट्टि ८७ तेज ३४, १०६४ तुंड २६० तेजन ३८९, ६०१ तुण्ण ४० तेजित ७४४ तुण्णवाय ५०७ तेन ११४५ तुण्ही ११४९ तेल १०९७ तुण्हीभाव ४२९ तेलपणिक ३०१ तुत्त ३६७, ४४८ तुदम्पती २४२ तोमर ३६६ तुन्नवाय ५०७ तोय ७६१ तुम्ब ४८४, ११२४ तोरण २०५ तुम्बी ५९६ तोस १०५८ Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः (त्या) स्यादि १०५२ (थ) थ ५४ (एक) थञ ५०० थद्धमच्छरी ७३९ थद्धलुख १८३ थन २७० थनप २५२ थानित ४९ थपति ५०६ थबक ५४५ थम्भ २२०, ३६४, १५४, ५५०, १०४८, ११०१, ११२२ थम्भकरी ४५२ थरु ३९१ थल १८३ थली १८३ थं ५६ (एक) (था) था ५५ ( एक) थाम ३९८ थाली ४५५ थावर ४१२ (थि ) थि ५५ ( एक) थिरा ५८४ थिर ११५९ थिरंस ९३३ (थी) थी २३० थीरज ११०५ (थु ) थु ५६ (एक) थुत ७५२ थुति ११८, १०८२ थुतिपाठक ३९६ थुल्ल ७०१ थुस ४५३ थुसोदक ४६० | ()) थूण २२० ४१९, १०४८ थूप ४३६, ९५५ थूल ७०१, १०६६. १०८३ थूलत्त ८९८ | (थे ) थे ५६ (एक) थेन ५२२ थेय्य ५२२, ११७३ थेर २५४ थेव ६६० (थो) थोक ७०४, ११२९ थोमन ११९ | (द ) दक ६६१ दकसीतलिक ६८९ Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः दक्ख ७२१, ९२९, १०७०, ११६८ दक्खता ११६८ दक्खिणागि ४१९ दक्खिणा ९८६ दक्षिणायन ८० दक्खिणेय्य ७२६ दण्ड ३४८, ३४९, ६८६, १०४४ दण्डज ३५१ दण्डनीति १३ दत्तु ७२१ ददरी १४४ ददर ५७५ दधि ५०१ दधिमण्ड ५०९ दनु ८३ दन्त २६१, ७४९ दन्तकट्ठ ४४२ दन्तच्छेद ९३० दन्तधावन ५६७ दन्तपोन ४४२ दन्तसह ५५२ दन्तावरण २६२ दन्ति ७५८ दन्ती ३६० दप्पण २१६ दब्ब २२९, ४८५, ९१३ दबिमुखाद्विज ६३७ दब्बी ४५८, १११२ दब्भ ६०२ दम ३४९, ७५८, ८४७, १८४४ दमक ४६७ दमथ ७५८ दमित ७४० दम्पति २४२ दम्भ १७७ दम्म ४९६ दया १६०, ११९२ दयालू ७२७ दयित ६९७, १०६६ दयिता २३० दर ११११ दरथ ११११ दरी ६०९ दल ५४३, ९३६, १०८० । १०८६ दव १७६, ११२६ दवथु ३२८ दसगुण ४७७ दसन २६१ दसनच्छद २६२ दसबल १ दसम्मण १८३, ८५३ दससतनयन १९ दसा २९४, ११२७ दस्सन १६१, ७७५, ८८८, ११६३, ११६६ Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२ शब्दानुक्रम: दह ६७८ दारुखण्ड ९७० दहन ३३ दारुण १६७ दहर २५३ दारुहळिद्दा ५८६ दळिद्द ७३९ दास ५१४ दळह ४१,७१४,१०८३ दासव्योपगत ५१५ दळहत्थादि ११८२ दासी २३६ ५७९ दळहमित्त ३४६ दाळिम ५७० दळहीकम्म ७९० (दि) (दा) दिक्खा १२०४ दा ५७ (एक) दिगंबर ४४०,७३४ दाठा २६१ दिग्धिका २०५ दात ७५२ दिट्ठ २४५,१०७८ दातु ७५२ दिट्ठधम्मिक ८५ दात्त ४४८ दिट्ठभ ११५ दान ३६४,५२०.१०१४,११२९ दिट्ठमत्तक ३४६ ११६२. दिवामित्त ३४६ दानव १४ . दिट्ठा ११५१ दानवास्थु ४२२ दिट्ठि १६१ दानसील ८९१ दित्त १०७५ दानसोण्ड ७२३ दित्ति ६४ दानारह ७२६ दिद्ध ३९०,७४६ दाब्बि ५८६ दिन ६७ दाम ४९९ दिनकर ६२ दाय ५३६, ८९८ दिनञ्चय ६८ दायाद १०४६ दिनपति ६३ दार २३७ दिन्दिभ ६४३ दारक २५३ दिपदुत्तम १ दारित ७४८ दिब्ब १२ दारु ५४८ | दिब्बचक्खु ७९४, ८३५ Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः दिब्बविहार ८५७ दियड्ढ ४७८ दिव १० दिवड्ढ ४७८ दिवस ६७, ११५५ दिवसबलंज ३३७, ३३८ दिवा ११४७ दिवाकर ६२ दिवोक ११ दिस ३४५, ११२२ दिसम्पति ३३४ दिसा २९ दिसागज ३० (दी) दी ५८ (एक) दीघ ६५४, ७०७ दीघजस ११०० दीघता २९५ दीघपिट्टिक ६५४ दीघमञ्जस १९२ दीघलोमक ३१२ दीघवंट ५७२ दीघसुत्त ७२७ दीधिति. ६४ दीन ७३९ दीप ७, ३१६, ३७२, ६६४ दीपक ५२० दीपि ३७२, ६११ दीपिका ७९५ (दु) दु ११६९ दु ५८ ( एक ) दुकुल २९१ दुक्कत ८४ दुक्ख ८९, १०९७ दुक्खक्खय ८ दुग्ग ३५० दुग्गत ७३९ दुग्गति ६५६ दुग्गन्ध १४६ दुग्गम १९२ दुग्गसंचार ७७३ दुच्चरित ८४ दुट्ट १०७७ दुटु ११५४, ११५९ दुतिया ७२, २३७, ९८७ दुद्दसतर ७९८ दुद्दिन ५० दुद्ध ५०० दुदुभि १४३ दुन्नामक ३२७ दुफस्स ५८२, ९६७ दुब्बा ५९९ दुम ५४०, १११४, ११३१ दुमचय १०९२ दुमन्तर ९०१ दुमुप्पल ५७० दुम्मन ७२३ Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५४ शब्दानुक्रमः दुम्मुख ७३५ दुरित ८४ दुस्स २९० दुहितु २४१ (दू) दूत ३४७ दूती २३६ दूर ७०६,११५७ दूसन १०१३ दूसित १०७७ (दे) दे ५८ (एक) देडडुभ ६५१ दण्डिम १४३ देव ११, ४६, ४७, ८४२, १०४४ देवकुसुम ३०३ देवखातक ६८० देवत १२ देवतन्तर ९०२ देवता १२ देवताद्ध ५७८ देवतावास ९१७ देवतास ५७८ देवदारु ५६८ देवदेव ३ देवन ८८० देवभेद १०३० देवर २४७ देवराज १८ |देवरुक्ख ९५२ देवलोक १० देवमातिक १८८ देवादि ८१० देवालय ९५५ देविस्थी २५ देवी १०३३ देस १८६ देसना ८३७ देह १५१, १०१७, १०८४, १०९९ देहनी २१९ देहावयव ७९१ देही ९३ (दो) दोण ४८२, १०३२ दोणी ६६८, १०२२ दोवारिक ३४१ दोस १६४, ७६६, १०१०, ११००, ११११, १११७, ११२५, ११४७ दोसक्खान ११७५, १९८५ दोसळू २२९ दोसा ११४७ दोसो ११४७ दोहळ १६३ द्रव ८०४, ९६० Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः (द) धन ४५१, ७२२, १००७, द्वन्द ६२८ (द्वा) धञ्जकरण ४५४ द्वार २१९,१०१८,१११० धनंग १०४७ द्वारकोडक २०४ धञतच ४५३ द्वारट्ट ३४१ धञमास १९५ द्वारपालक ३४१ धअम्बिल ४६० द्वारबंधन २१८ धतरह ३१,६४७ द्वारबाहा २१९ धन ४८५,८०८ द्वारमत्त १०६५ धनक्कीत ५१५ द्वासद्विदिहि ४४१ धनरासि ८११ (द्वि) धनागम ३५६ द्वि ७३३ धनादिदप्प ८६०. द्विगोचर ३५२ धनिक ४७० द्विज २६१, ४०८, ४१६, ६२४, धनिठा ६० १००२, १०४७ धनित ७४७ द्विजमहासाल ३३९ धनी १२८, १०३० द्विजिव्हं ६५४, १०६८ धनु ३८८ द्विप ३०६ धनुपंचसत १९७,८११ द्विरद ३६० धमन ६०१ धम्म ८५, ९४, १५२, ७८४, द्वेव्हक १७० १०६२ (ध ) धम्मचक्खु ८३५ धंसिक ७५१ धम्मनि ६५२ धक ६३८, १०४२ धम्मभंडागारिक ४३६ धज ३९७,१०६४,११०५ धम्मराज ३ धजवन्तु ७३३ धम्मसेनापति ४३४ धजालू ७६३ धम्मस्सामि ३ धजिनी ३८१ धम्मिल्ल २५७ Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६ शब्दानुक्रमः धरण ४७९ धरणी १८१ धरा १८१ धव २४०, १०४१ धवस्थिनी २३२ धवल ९५ (धा) धा ६० (एक) धा ६१ (एक) धातकी ५८९ धाति २४४ धातु २७८, ६१०, ८१७ धाना ४६३ धारक १०८४ धारण १०८९ धारा ५०, १०९५ धाराधर ४७ धावन १०८७ (धि ) घि ११६० धिति १५६, १०५९ ) धी) धी १५२ धी ६० (एक) धीतु १४१ धीतुपति २४७ धीमन्तु २२ धीर २२९, २०७२ धीरत्त १०५९ धीवर ६७० (धु ) धु ६० (एक) धु ६२ ( एक) धुत ७४४, १०७२ धुत्त ५३१, ७३७ धुपित ७५१ धुर ३७५, १००४ धुरवाही ४९६ धुव ७, ४१, ७०९, ८९३ धुवं ११५९ (धू) धूपादिसंखार ९५८ धूमकेतु ३४, ९८७ धूमसिख ३४ धूम्याट ६४४ धूली ४९५, १००१ धूसर ९६ (धे) धे ६० (एक) धे ३२ (एक) धेनु ४९८, १०९३ धेवन १३२ (धो) धोरय्ह ४९६ (न) न ११४७ न ६३ ( एक ) न ६८ (एक) Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ५७ नकुल ६२२ नक ६७४ नक्खत्त ५७, ८८४ नक्खत्तराज ५१ नख २६८ नग ६०५ नगर १९८, १०६०, १०६५ नगरसोभिनी २३३ नग ७३४, १११० नंगल ४४९ नंगुट्ठ ३७१ नच्च १०० नचठ्ठान १०१, ११२३ नट १०१ नटक १०१ नटन १०० नट्टक १०१ नत्तकी ८७६ नत्तन १०० नत्तमाल ५५७ नत्तु २४७ नदी ६८१, २०५६ नदीमातिक १८८ नद्यम्बुजविन १८८ नद्धि ५२६ ननु ११३९, ११५१, ११९२ ननन्दा २४५ नन्तक २९३ नन्दन २३ नन्दा २३ नन्दि ८७ नन्धी ५२६ नपुंसक २४२ नभ ४६ नमक्कार ४२६ नमस्सा ४२६ नमुचि ४३ नमो ११५४ नम्मदा ६८३ नय ७६० |नयन १४९ नयनामय ९१९ नयनावुध ४४ नर २२७ नरक ६५६ नरदेव ३३४ नरनाथ ९२६ नरवर ३ नरवाहन ३२ नरसीह ३ नरादि ४७१ नराधिप ३३३ नव ७१३, १०७३ नवप्पसूतिका ४९८ नवनाट्यरस १०२ नवमल्लिका ५७६ नवुउ ४७४ नवुद्धट ५०० Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः नाभि ३७४, १०५८ नाम ११४, १०५३, १०६० नवुब्भिन्न ५४३ नस्सनक्खर ९८० नहान २९९ नहापित ५०८ नहारु १५७, २७९ नहि ११४७ नहुत ४७४ नळ ६०१ मळकार ५०९ नळमीन ६७२ नदिन ६८५ (ना) ना ६३ (एक) नाक १० नांग ३६०, ५७२, ६९६, ८४९ नागदन्तक ८६३ नागबला ५८८ नागमालिका ५७२ नागराज ६५१ नागरुक्ख ८१९ नागलता ५८९ नागलोक ६४९ नागाधिपति ३१ नाट्य १०० नाद १२८ नाथ १ तानता ७६७ नाना ११३७, १९९८ नागरूप ७१७ नामधेय्य ११४ नायक ४, ७२५ नारक ६५८ नारंग ५६० नारिपुष्फ ९०० नारी २३० नाल ६८६ नालि ४८४, १०५७ नालिकेर ६०४ नालिपट्ट २९४ नावा ६६६ नाविक ६६६ नास ४०४, १०५१, १०८५ नासन ४०३ नासा १५०, ११०३ नासारज्जु ३७१ नासिका १५० नासिकारोह ३२४ नासुम्मुख १०१७ नाळ ४५३ नाळिन्धम ५०६ (नि) नि ११६५ नि ६६ ( एक ) निकट ७०५, ११९४ निकत ७३७ Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निकति १७६ निकन्ति १६२ निकर ६२९ निकस ५२८ निकाम ४६९ निकाय २०५, ६३२, ९५१, ११०४ निकिट्ठ ६९९ निकुञ्ज ६०९ निकेतन २०६ निक्केससीस ३२१ निक्कोसज्ज ५१६ निक्ख ४८०, ८८८ निक्खन्त १९६६ निक्खमणिय ७७ निक्खिक ३४३ निखिल ७०२ निगण्ठ ४३० निगद ७६४ निगम २२५, ८६८ निगमुब्भुत १०१५ निगल ३६४ निगाद ७६३ निगूहित ८३४ निग्गत ११६५ निगहीत १११५ निग्गुद्धी ५७४ निग्घोस १२८ निग्रोध ५५१, १०४२ शब्दानुक्रमः | निघण्डु ९ निक ६१९ निचित ७०१ | निचुल ५६३ निच्च ४१, ७०९, ११५३ निच्छय १५९, १७१, १०७८, ११५०, ११७७, ११९१ निज ७३६ निज्जर १२ निजिव्ह ६४१ निज्झर ६०८ निज्झान ७७५ निट्ठा ७९३, ९१२ निट्ठित १०६८ निट्ठर १२५, ७१४ निठुरवाचा ९६१ निण्णय १७१ नितम्ब २७२, ६०८ | नित्तल ७०७ निदस्सन ११५, ११५८, ११८६, ११८८ निदाघ ८०, ९५४ निदान ९१ निदिद्धिका ५८५ निद्दय ९२८ निद्दा १७६ ५९ | निद्दालु ७३३ | निद्दासील ७३३ Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - - निद्देस १९८४ निब्बद्धरच्छा १००८ निद्धन ७३९ निब्बुति ९, १०१५, निधन ४०४ निब्बुद्ध ४०२ निधानग ३३७, ३३८, ३३९ ।। निब्यापारहिति ८५५ निनद १२८ निभ ५३०, ९२२ निनाद १२८ निमित्त ९१, २७३, ९७८, निन्दा १२१, १०५५, १०७८, निम्ब ५७० ११५४, ११६०, १२०१ निम्मंथ्यदारु ४१९ निन्न ६६९, १०६९ निम्मोक ६५५ निन्नगा ६८१ नियति ९० निन्नहुत ४७४ नियन्तु ९८८ निन्नादि १२९ नियम ४३०, ४४४, ८९९, निन्निमित्त ७६० १०७८ निन्नेजक ५१० नियामक ६६७, ९८८ निपठ ७७४ नियुत ४७४ निपाठ ७७४ नियुर २८५ निपात ११२१ नियोग ११६२ निपान ६८० नियोजन १०३७ निपुण ७, ७२१ निय्यातन ८८३ निप्पक ७४३ निय्यान ३९५ निप्पन्न ७४८ निय्यास ८६३ निप्पाव ७७३ निय्यूह ८६३ निप्फल १५३, ११४५ निरगळ ४१३, ७१७ निबंधन ९१ निरस्थक ७१५ निब्ब २१७ निरन्तर ७०७ निब्बत्त ७४८ निरब्बुद ४७५ निब्बत्ति ९० निरय ६५६ निब्बाण ६, ८००, ८९६, निरयप ६५८ १०१५, ११३२ निरसन ७७५ Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः निराकति ७७५ निस्सार ९२९ निरामय ३३१ निस्साव ४६६ निरुत्ति ११० निस्सित ९९१ निरोध ६, ९८९ निस्सेणी २१६ निलय २०५ निस्सेस ७०२, ११६५ निवत्ति ११७८, ११८१, ११८५ निहीन ६९९ निवह ६२९ निहीनक ५१६ निवाप ४२३, ९४९ निळज ६२५ निवासन २९२ (नी) निवेसन २०६ नी ११६७ निसम्ग १७७ नीघ ८९ निसज्ज १०९९ नीच ५१६, ७०८, ९२६, निसा ६९ १०६९, १०८४ निसाकर ५१ नीच ११५२ निसाद १३२, १३४ नीप ५६१, ५६३ सिसानाथ ५२ नीर ६६१ निसामन ९४२ नील ९६, ६८८ निसित ७४४ नीलगीव ६३४ निसीथ ७० नीलपीत ९८ निसूदन ४०३ नीलसप्प ६५२ निसेध १०१४, १०९७, ११४७, नीलिका ५७५ ११७८, ११९५ नीलिनी ५८५ निसेधादि ११६७ नीलुप्पल १००३ निस्सत्तता ७८४ नीवाप ४२३, ९४९ निस्सन १२८ नीवार ४५१ निस्सय ८३३, ९६२, १०६०, नीहरण ११६७ नकार ५६ निस्सयदादिक ४१० नीळ ६२७ निस्सरण ९८८ नीलज ६२५ Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः नुति ११८ नेरयिक ६५८ नुं ११३९, ११५८, ११९८ नेरु २६ नु ६४ ( एक) नेसाद ५१८ नु ६७ (एक) (नो) नो ११४७ नुत्त ७४४ नो ६४ (एक) नुन्न ७४४ नोनीत ५०० नुही ५८७ (न्या) न्यास ४७२,१००८ नूतन ७१३ (प) नून ११५०,११९१ प ११६२ नू पुर २८८ प ७२ ( एक) पंसु ३९५ नेक्खम्म ८३१ पकट्ठ ६९९ नेगम १०१५ पकतानिवत्त ९८० नेतु ७२५ पकति ९२,१७७,३५०,८१८ नेत्त १४९,११०९ पकतिज ८८३ नेत्तजल २६० पकार १०४९,११६३,११८८ नेत्ततारा २६० पकास ३७,१०३६ नेत्तन्त १११६ पकासन ९७१ नेत्तमज्झ १०८२ पकिरिय ५६६ नेत्तरोग ९४० |पकोटि ४७४ नेत्तिस ३९१,१०८९,१०९२ ।। पकोडन्त २६५ नेत्तिक ५० पक्क ५४६,७४५,१०१७ नेपक्क ५४ पक्कम ७७३ नेपच्छ २८२ पक्ख ३२, ३९०, ६२७, ८६५ नोमि ३७३ नेमिन्धर २७ पक्खन्दिका ३२५ नेरञ्जरा ६८३ पक्खपास २२३ Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पक्खबिळाल ६४२ पक्खि ६२४ पक्खिभेद ९८४ पक्खिबीज ६२७ पखुम २५९ पगब्भ ७३१ पगुण ७०८ पगे ११५२ पग्गाह १५६ पघण २१८ पघाण २१८ पंक ६६३,१०९३ पंकेरुह ६८३ पंगु ३१९ पंगुल ३१९ पचलायिका १७६ पचा ७६२ पचुर ७०३ पञ्चक्ख ७१६,९५७, ११५९ पच्चक्खान ७७५ पञ्चग्घ ७१३ पच्चत्थिक ३४४ पचनीक ३४५ पच्चन्त १८६ पच्चय ९१,८५७ पच्चरी ६६५ पञ्चवक्खणाण ७९४ पचास ७७५ पच्चामित्त ३४५ शब्दानुक्रमः पच्चाहार १०१८ पच्चूस ६८ पच्चूह ७६५ पच्छा १२०० | पच्छाताप १६९ पच्छाबन्घ ६६६ पच्छाभाव ८४३ पच्छि ५२४ पच्छिम ७१४ पच्छिमकत्तिक ७६ पच्छिमपब्बत ७८५ पजा ९३,१०५३ पजापति १९, ४३, २३७, १००० पज्ज १९१, ४२५, १०३५, १०४१, १०४७ पज्जुन्न ४७ | पज्जोत ३१६ | पंचगोरस ५०१ | पंचांगकरिय १३९ पंचदसी ७३ | पंचधरण ४८०,८०९ पंचम १३२ |पंचमहानदी ६८२ | पंचमहापरिचाग ४२१ पंचसिख २५ पंचसील ७८३ पंचसुवण्ण ८८८ पचाल १८४ | पंचालिका ५२३ ६३ Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४ पञ्ञ २२९ पञ्ञत्ति ९७१ पञ्ञा १५२ पञण १५३,१०६१ पञ्ञात ७२४ पञ्ञाभेद १५३ पञ्ह ११५, ११८३, ११९८ पिण्णी ५८४ पट २९०,११३० पटंग ६४५ पटन्त ११२७ पटल २१८,९४० पटलिका ३१३ पटह १४४ पटिका ३१३ पटिकूल ७१९ पटिक्कमन २१० पटिक्खेप १००५ पटिग्गह ९०८ पटिघ १६४, ११०९, ११११ पटिघोस ११८ पटिच्छादनिय ४६८ पटिञा १७१ पटिनिधि ५२९,११७८ परिपक्ख ३४४ पटिपन्ति ९४४ पटिपथ १९२ पटिपन्न ७५७ शब्दानुक्रमः परिपाटि ४२९ | पटिपाद ३०९ | पटिपादन ९६४ पटिबिम्ब ५२९, ९२०, ९५३ | पटिभय १६७,९८९ पंटिभाग ५२९, १०७७ ११९०, पटिभागत्थ ११४३ पटिभान १५३, ९७१ | पटिभायुक्त ७३१. | पटिभू ५३२ | पटिमग्ग १९२ पटिमा ५२९ पटिमुक्क ३७८ पटिरव ११८ | पटिलोम १९६४ पटिवाक्य ११४ पटिविस ४८५ पटिवेध ७७८ | पटिसन्धि ९४१ पटिस्सव १७१ पटिहार २१९, ३४१, १०१८, १०९५, १११० पटु ७२१, ९२६ | पटोल ५९५ पट्टि ५६४ पट्ठान ३९५, ११२२ पठम ७१५,९६२,११९४ | पठमज्झान ८३१ ( पठवी १८१ Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण ५३२, ९०८, १०२३ पणक ६९ पणय ८५६ पणव १४४ पणालि ६८३ पणिधान ४२६ णिधि ४२६ णिय ४७१ णीत ८, ६९५, ९३९ पण्डक २४२ पण्डु ९६, १८५ पण्डुकंबल २२ पण ५४३, १०१६, १०८६ पणत्ति ८४९ पण्णरसी ७३ पण्णाकार ३५६ पण्यविक्कयसाला २१३ पण्यवीथिका २१३ पण्योपजीवी १०१५ शब्दानुक्रमः पण्डर ९५, ३६१ पण्डव ६०६ पण्डित २२७, १०४३, १०६५, पतिबोध ११७९ १०७१ | पतिब्बता २३४ पतिभू ५३२ पतिरूप ७१५ पण्हि २७७ पतंग ६२४ पतन्त ६२७ पतन ११२१ पतन्त ६२५ पताका ३९७, ९८६ | पतानिनी ५५० | पताप ३५१ पतापन ६५७ पति २४०, ७२५ पति ११७८, ११२२ पतिंवरा २३५ पतिट्ठि ६९९ पांतक्रिया ३३० पतिट्ठा ११३०, ११८१ पतिगत ११७९ | पतित ७२४ पतिदान ४७२, ११७८ पतिरूपं १९४४ पंतिसुज्ञा २४५ पतिस्सय २०६ पतीचि २९, १२०० पतीर ६६४ | पतोद ४४८ पत्त ४३९, ४४३, ४५७, ५४३, ७५३, ९३६ पत्तंग ३०१ पत्तब्ध ७४५ पत्तयान ६२५ पत्ताधार १०११ पित्तानीक ३८३ ६५ Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पत्ति ८७७, ८८७, ९४४, पदुमराग ४९१ १०१२, ११८० पदुस्सन १०२७, १९८४ पत्ती ३८८ पदेस २६७ पत्तुण्ण २९१ पदेसन ४२० पस्थ ४८२, ४८४, ६०७, पदोस ६८, १०२८ १०४४, १०५७ पद्धति २५८ पत्थना ४२६, ११६३ पधान ९२, १५६, ३४०, पत्थाव ७७० ६९५, ९८२, १००४ पस्थिव ३३३ पन ११९६ पथ १९०, २०२, ११०१ पण(न)त १०६९ पथाद्धि २०२ पनस ५६९ पथावी ३४७ पन्त ७१४ पथिक ३४७ पन्ति ११२० पथित ७२४ पन्नग ६५३ पद ८, ९१, २७७, ८१९, पपंच ७६८ १०३०, १०९७ पपद २७७ पदग ३७७ पपा २१४ पदट्ठान ९२ पपात ६०८ पदपूरण ७९१, १११५, ११८७, पपितामह २४८ ११८९, ११९०, पपुत्त २४७ ११९६, ११९७ पपुन्नाट ५९४ पदर १००९ पबन्ध ११९१ पदवि १९१ पबन्धकप्पना ११३ पदाति ३७७, १०१२ पबलत्त ११६८ . पदान ९६४ पब्ब ६००, ८८९ पदिक ३७ पब्बाजित ४३३ पप ३१६ पब्बजा ८३१ पदीपेय्य ४२२ पब्बत ६०५,१११४ पदुम ४७६, ६८५, ८९५ पभंकर ६२ Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पभव ९१, ९००, ११७० पभा ६४ पभात ६८ पभाव ३५१ पभिन्न ३६२ पभुत्त ८४८ पभू ७२५, ९२६, १०८८ पमत्तबन्धु ४३ पमदवन ५३८ पमदा २३० पमा ७६३ पमाण ८१६ पमाणक १०३२ पमातु ८१५, ११३१ पमाद १७३ पमिति ७६३ पमुक्कभाव ७९६ पमुख २१८, ६९४,९३२ पमुद ८७ पमुदित ७५२ पमोद ८८ पम्पक ६१८ पंपटक ६१८ पंभ २५९ पय ५००, ६६१, १०६३ पयत ४४२ पयोग ८३२ पयोजन १०३७ पयोधर २७०, १०४२ पयोवेग १०६४ पय्यक २४८ पर ६, ३४४, ६९५, ८४३, १०८९ परक्कम १५६, ९६६ परपुट्ट ६३३ परभत ६३३ परम ६९५ परयत्त ८६१ परमन्न ४१८ परमाणु १९४ परमायु ७९८ परम्मुखा ११५७ परसुवे ११५५ परसेल ६०६ परा ११६४ पराग ५४५ पराजय ४०२, ११०६, ११६४ पराधीन ७२८ पराभव १७२, १०८५ परायन्त ७२८ परायण(न) ७, ७५८, ९३२ परी ११७५ परिकित्तित ९५७ परिक्खक ७२६ परिक्खार ७३९, ९७. परिक्खित्त ७४६ परिखा २०९ परिग्गह ७२८, ८७० Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८ शब्दानुक्रमः परिचय ७६९. परिचारिका ५१४ परिणत ७४५ परिणय ३१८ परिणाह २९५ परिताप ३२८ परितो ११४६ परितोसन ८८७ परित्त ७०४, १०२९ परिदेव १६५ परिद्दव १२३, १६५ परिधि ६५ परिपन्थ ३४४ परिबाहिर ७०३ परिब्बय १०१८ परिभव १७२, ११७३ परिभासन १२१, ८९९ परिभूत ७५६ परिमल १४५ परिमाण ११८६ परियत्त ४६९ परियत्ति ११९० परियन्त ७१४ परियापन्न ७४२ परियाय १२०, ४२९, ८३७ परियेट्ठि ४२८, ७७४ परियेसना ४२८ परियसित ७५३ परियोसान ७७१ परिवत्त ४७२ परिवाद १२० परिवादिनी १३८ परिवार ८५४ परिवेस ६५ परिसर १९० परिता ४१४ परिस्संग ७७४ परिस्सम ९१४ परिस्सावन ४३९ परिहार १००२ परिहारक २८५ परिहास १७६ परेत ४०५ परोसत ७०४ पल ४८० पलगण्ड ५०६ पलण्डु ५९५ पलय ८२, ४०४, १०५१ पलवंग ६१४ पलाप १२३, १०९६, ११२४ पला(ळा)यन ४०२ पलाल ४५३ पलास ९७, ५४३,५५५ पलासाद ६१३ पलिध २१७ पलित २५१ पल्लंक ३०८ पल्लल ६७८ Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पल्लव ५४३ पसुपालन ४४६ पव ७७३ पसूता २३५ पवत्ति ११३, ७६८,९४४,१०५३ पसूति ७६१ पवन ३७ पसूतिका २३५ पवर ६९४ पस्स २६४ पवह (न)ण ६६८ पस्सद्वय २६९ पवारण १००५ पस्साव २७५,१०१३ पवाह ७६८,९६१,१११५ पस्सावमग्ग ८४८ पवाळ ४९१,९०७ पस्सास ३९ पवित्त ४४२,६९८ पहरण ३८५ पवीण ७२० पहाण ७७८ पवुद्धदरी १००९ पहार ७२,११२४ पवेणी २५८,१०५३ पहाराद १४ पसंसा ११९, ११५४, ११६३ पहूत ७०३ ११८२,११९१ पहेणक ३५६ पसत ४८२ पळच्चर २९३ पसत्थ ७५३ पविस्सिलेस ७६५ पसद ६१९ | (पा) पसन्न ६७०,१०२५ पा ७३ (एक) पसन्नता ५४ पा ७४ (एक) पसव्ह ४०० पाक ७६२,१०५०,१०८८ पसर ७६९ पाकट ७२४,१०१६ पसव ५४५,६२०,७६१,९०२ पाकहाण २१९ पसाद ५४,११६५ पाकशासन २० पसाधन २८२ पाकार २०३ पसिति ७६४ पाचन ४४८ पसिद्ध ७२४ पाचानल ९७२ पसु ६२०,११११ पाची २९ पसुपति १६ पाजित ३७६ Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पाटल ९७ पादकटक २८८ पाटलिपुत्तक २०१ पादगण्ठि २७७ पाटली २५९ पादग्ग २७७ पाटिका २२० पादंगद २८८ पाटिपद ७२ पादप ५३९ पाटिभोग ५३२ पादपरिचारिका २३७ पाटिहारिय ७७२ पादफोट ३२५ पाटिहेर ७७२ पादहित १०३५ पाठ ७७४, १९७७ पादिका १०३३ पाठा ५८२ पादु ५२५ पाठीन ६७४ पादुका ५२५ पाण ९३,१०७,९४५ पादूदर ६५४ पाणक ६२३ पादोदक ४२५ पाणि २६५, १००७ पान ३८८, ११२३, ११२९ पाणिग्गह ३१८, ९३१ पानकूप ६७७ पाणिघ ५११ पानमंडल ५३४ पाणिमुत्त ३८७ पानीय ६६१ पाणिवाद ५११ पानीयसालिका २१४ पाणि ९३ पाप ८४,१०६४,१०९३,१०९६, पाण्यंग १०५८ ११०६, ११०९, ११६२ पाताळ ६४९ पापन १०१२ पाति १४३ पाभत ३५५,४७१,११२७ पातिमोक्ख ७८० पापभीरुता १५८ पातु ११४९,११५७,१२०० पापिमन्तु ४३ पातुभाव ११६७,११६८, ११७१/पापुणन ११७७ पातो ११५२ पाम ३२७ पाथेय्य ३८० पामोक्ख ६९५ पाद २७७, ४८०, ५४९, ६१० पामोज्य ८८ १०३० पायास ११८ Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - - पायित १००८ पायु २७४ पायो ११५३ पार ९,६६५ पारद ४९३ पारंपरिय ४१२ पारलोकिक ८६ पारापत ६३६,९८४ पारिचरिया ४२८ पारिच्छत्तक २८ पारिजातक २८ पारेवत ६३६ पालित ७५४ पावक ३३ पावन ७७३ पावार २९२ पावुस ८०, ६७१ पास २५७, ९०१ पासक ५३२,८९३ पासण्ड ४४१ पासनि २७७ पासाण ६०५ पासाणदारण ३९३ पासाणमच्छ ६७४ पासाद २०८,२०९,११०० पाळि ५३९ पाळिभद्द ५५३ पाहुन ४२४ पि ७४ (एक) पि ७४ (एक) पिक ६३३ पिंग ९८ पिंगल ९८,३६१ पिंगलमक्खिका ६४५ पिचु ४९४ पिचुल ५६१ पिच्छिला ५६५ पिज ६२७,६३५,१०९५ पिटक ५२४, ९९० पिठ्ठ २७०, १०७५ पिठ्ठक ४६३ पिट्ठसंघाटक २१९ पिट्टि २७० पिठर.४५६ पिंड १०१७ पिंडक ३०२ पिंडन १०१७ पिंडिका ३७४ पिण्डित १०७३ पितरो २४९ पितामह १५, २४७, १११८ पितु १५, २४३, १११८ पितुच्छा २४८ पित्त २८१ पिधान ५०, ८११, ११७०, १२०१ - - Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पिनास ३२४ पिपासा ४६७, १०५७ पिफल ५२७, ९०९ पिप्फलि ५८३ पिप्फली ५५९ पिय २४०, ६९७, ९७३ पियक ५६१, ५६३, ६२० १००४ पियंगु ४६२, ५७१ पिया २३७, ९७३ पियाल ५५६ पिलक्ख ५५९ पिलन्धन २८३ पिलव ६२६ पिल्लक २५१ पिसंग ९८ पिसाच १३ पिसित २८० पिसुण ७३७ पिहा १८३ पिळका ३२४ (पी) पठि ३११, ९७०, १०९९ पठिन्तर ३११ पीठसप्पी ३१९ पीठिका ३११ पीणन ७५९ पति ९७, ७५२, १००८ पीतन ४९३ पतिनक ५५४ पतिसा(ळ)ल ५६३ पीति ८७, ११२९ पनि ७०१ पीयूस २५ पील ५५४ पीवर ७०१ पीळा १०९५ (पु) पु ७१ (एक) पु ७५ ( एक) पुक्कुस ५०८ पुग्गल ९३, १०८५ पुंगव ६९६, १०९१ पुचिमन्द ५७० पुच्छ ३७१ पुच्छन १९८६ पुच्छमूल ३६३ पुच्छा ११५, ९४९, ११९८ पुच्छित १०६ पुञ्ज ६५०, १०८५ पुञ्ज ८५, ९७६ पुजवन्तु ७२२, १००७ पुञाभिसंखार ८३२ पुटन ८५९ पुटभेदन १९८ पुट्ठ ७४६, १०७६ पुंडरीक ३०, ४७६, ६११, ६८६, ८९६ Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पुण्ण ७४९ पुण्णकुंभ ३५९ पुण्णपत्त ३५५ पुण्णमा ७३ पुण्णमासी ७३ पुत्त २४०, १०४६ पुत्तधीतु २४९ पुत्ता २४९ पुथु ७००, ११३७ पुथुक २५१ पुथुगत्तता ४३० पुथुजन ४३५, १०८४ पुथुल ७०० पुथुलोभ ६७१ पुथुवि १८२ पुन ११९९ पुनन्नवा ५९६ पुनप्पुन ११३७ पुनप्पुनक्रिया ११७० पुनब्बसु ५८ पुन्नाग ५५६ पुप्फ २३८, ५४५, १०८६ १०९१,११०५,११२० पुप्फछड्डक ५०८ पुप्फदन्त ३० पुप्फवती २३९ पुब्ब ३२५, ७१५, ९५० १०३६. पुब्बकत्तिक ७६ पुब्बकम्म १९८५ पुब्बंगम ३७९ पुब्बज २५४ पुब्बदेव १४ पुब्बन्त ४५० पुब्बभद्दपदा ६० पुब्बविदेह १८३ पुब्बसेल ६०६ पुम २२७ पुमत्तादि ९१० पुर १९८, १०६० पुरक्खत ८९१ पुरतो ११४८ पुरतोकत ८९१ पुरत्था ११९४ पुरा ११९४ पुराण ७१३ पुरातन ७१३ पुरिन्दद १८ पुरिस ९२, २२७, १०२६ १०४६. पुरिसमेध ४१३ पुरे ११४८ पुरेगामी ३७९ पुरेचर ३७८ पुरेचारी ३७८ पुलोम ४५ पुस्त ५८, ७६ पुस्सरथ ३७२ Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४ शब्दानुक्रमः पुळव ६२३ पेतयोनि ४०५, ९३५ पुळिन ६६३ पेम १७३ पेय्य ४६६, ११२३ पूग ५६४, ६०२, ६३० पेलक ६१७ १०५१ पेलव ७०७ पूजा ४२५, ११६२, ११७० पेसकार ५०७ ११७५, ११७६, ११८२, पेसल ६९३, ७२१, १०७० ११८४, १९८५ पेस्स ५१४ पूजित ७५० पेळा ५२४ पूज्ज १०९८ (पो) पूजन १०९४ पोक्खर १३८, ३६५, ६८५ पूत ४४२, ६९८, १०७० ८२७ पूतम्बु ८८४ पोक्खरणी ६७७ पूतिक ५३६ पोक्खरसातक ६२६ पूतिकट्ट ५७१ पोट ११२५ पूतिगन्धि १४६ पोटगल ६.१ पूतिमुत्त २७५ पोट्ठपद ६१ पूतिलता ५८१ पोट्टपाद ७५ पूप ४६३ पोठन ११२४ पूपपणिय ५११ पोण १०६९ पूपिय ६११ पोत ६६८, १०७८, १११८ पूय ३२५. ९५० पोतक २५१ पूरित ७४९ पोतवाह ६६७, ९८८ (पे) पोत्थ् ५२३ पे ७५ (एक) पोत्थक १००६ पेखुण ६२६ पोत्थलिका ५२३ पेच्च ११४८ पोरिस २२७, २६९, ८८५ पेटक ५२४ पोस २२७ पेत ४०५, ९३५, १११० पोसित ७४६, १०७६ Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ७५ प्लव ६४१ प्लवंगम ६१३ (फ) फ ७७ (एक) फग्गव ५९८ फग्गुन ७६ फग्गुनी ५९ फणिजक ५७९ फणी ६५३ फरसु ३९३ फरुस १२५, ९६१ फल २७३, ५४६, ९५१ फलक ३९२, १००९, ११०९ फलग्गाही ९०३ फलचित्त ९५१ फलवन्तु ५४१ फलिन ५४१ फली ५४१ फस्त ९४, १४९ फळु ६०० (फा) फा ७७ (एक) फाणित ४६२ फाति ७६० फारुसक २३ फाल ४४८ फासु ८८ फासुका २७८ फासुलिका २७८ (फि) फि ७८ ( एक ) फिय ६८८ (फु ) फु ७८ (एक) फुट ७१६ फुटन ७५९ फुलिंग ३५ फुल्ल ५४२ फुसित ६६० फुस्सराग ४८९ (फे ) फेन्गु ५७२, ६९८ फेणिल ५५५ फेणिलढुम ८२२ (फा) फोट ३२४, १०४८ फोडब्ब १४९ | (ब) ब ७९ (एक) बक ६४२, १०४२ बदर ५५९ बदरा ५८९ बदरी ५७८ बद्ध ७४७ बद्धवेर १६१ बधिर ३२२ बंधकी २३३ Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः बंधन ३५४, ५२०, ७६४ बहुतर ९५७ १०१४, ११२८, ११६६ बहुत्त ४७३ बहुप्पद ७२३ बंधनागार ४०७ बहुभेद ७२० बधनालय १०११ बहुळ ७३० बंधव २४३ बहुळा ५९१, १०१० बंधु २४३ बहुवारक ५५८ बंधुक ५७५ बहुविध ७१७ बंधुजीवक ५७५ बरिस ६७४, १०२५ बप्प २६० (बा) बब्बु ६१५, १०८० बा ७९ ( एक) बारह ( वरह ) ६३५ बाकुची ५८६ बराहि (वरहि )६३४ बाण ३८९ बरिहिस ६०२ बाणधी ३८९ बल ३८१, ३९८, ७८१ बाधा १०९७ ८९४, ९४५, १००८ बाराणसी १९९ बाल २५१, ७२१, ९२३ बलकार ४०८, ११३०, ११४४ बालक १११८ बलन्यास १०८ बालता २५० बलवं ११३८ बालत्त २५० बलसजन ८६१ बालिस ७२१, १०७८ बलाका ६४२ बाल्य २५० बलि १४, ३५५, ४२५, ८९७, बाल्यादि १०७९ १०४७ बाहा २६५ बलिपुटु ६३८ बाहिर ७०३, ११५३ बलिवन्द १९५ बाहु २६५ बहि ११५३ बाहुज ३३५ बहिद्धा ११५४ बाहुमूल २६४ बहु ७०३, १०७२ बाहुमूलविभूसन(ण) २८७ Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ७७ - माहुल्या ११५३ (बे) बाय्ह ११५३ बेलुव ५५६ बाळह ४१ । (बो) (बि) बोध ९४४ बिन्दु १२९, ४७५ ६६०, बोधकर ३९६ बोधि ५५१, ८०५ विम्ब ५३, ५२९, ९२०. ९९२ बोधिदुम १०३८ बिम्बा ३३६ बोन्दि १५१ बिम्बिका ५९१ (ब्य ) बिम्बिकाफल ९२० ब्यग्घी ५८५ बिम्बाहन २११ ब्यग्धीनस ६३७ बिल ६४९, १०९.२, ११०० ब्याप १०७१ बिलंग ४६० ब्यापन ११७३ बिल्ल ५५६ | (ब्यू) बिळाल ४६१, ६५१ ब्यूह २०२, ६३१ (बी) (ब) बीज ९१, २७३, ९५०, १०९२ ब्रहती ५८८ बीजकोस ६८७ ब्रहा ७०० बीजपूर ५७७ ब्रह्म १५, ४०८, ८१२ बभिच्छ १०२, १०६७ ब्रह्मचरिय ७८२ ब्रह्मचारी ४०९ बुद्ध १, २२९, ७५७ ब्रह्मबंधु ४०८ (ब्रा) बुद्धि १५२, १०३४, १०६१ ब्राह्मण ४०८ बुध २२८, १०७२, २०७४ ११०५ ब्रू ७९ (टक) बुन्द ५४९ (भ) बुन्दिकाबद्ध ३१० भ ५७, १०८२, १०९३ बुभुक्खित ७५६ म ८० (एक) Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - भक्खक ७३४ भद्दकचाना ३३६ भक्खण १००४, ११०३ भद्दकुंभ ३५९ भक्खित ७५७, १००५ भद्ददारु ५६८ भग २७३, ८४४ भद्दपदा ६० भगन्दळ ३२८ भद्दपीठ ३११ भगवन्तु १,१०९८ भद्दमुत्त ५९९ भगिनी २५० भन्तत्त १०८७ भगु १०९ भन्तर २३१ भग्ग १८५ बब्ब १०७१ भग ६६२, ११३०, १००९ भम ६६०, ११२१ भच्च ५१४ भमकार ५०९ भजित १०७६ भमर ७३६ भट ३७६ भमु २५९ भट्ठ ७५१, १०७६ भमुक २५९, १०५९ भट्ठयव ४६३ भय १६६ भणित ७५५ भयंकर १६७, ९२८, ९८९ भण्ड ९२१ भयानक १०२, १६७ भण्डन ४०० भर १११२ भण्डाकी ५८८ भरण १५४ भाण्डक ( का ) ५७५ भरणी ५८ भाण्डल ५७१ भरिया २३७ भण्डु ३२१ भल्लातक ५६१ भतक ५१४ भल्ली ५६१ भति ५३०, १०५३ भव ८२९ भत्त ४६५ भवन २०६, ११०८ भत्तकार ४६४ भवन्तर ११४८ भत्ति १०५५ भवनेत्ति १६२ भत्तु २४०, १०८४ भवभेद ७९३ भद्द ८८, ६९४, ८९४, १०७२ भस्ता(स्त्रा) ५२६ Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भस्म ३५ भस्सर ७३३ भागादिक १९७४ भागिनेय्य २४६ भागीरथी ६८१ (भा) भा ८० ( एक ) भा ६४ भासा २०५ भाग ९०, ४८५, ११२०,११३५ भासित १०५, ७५५ भागधेय्य ९० शब्दानुक्रमः भाग्य ९०, ९०९, १०४९, ११२० भाग्यविहीन ८९२ भाजन ४५७ भाजनन्तर ९०८ भाणक ४५६ भातु (भातरो) २५० भातुभगिनी २५० भानु ६३, ६४, १०४४ भानुमन्तु ३४, ६३ भार ४८१, ९३३, १११२ भारति १०५ भारद्वाज १०९ भारपादता ३२६ भारवाह ५१३ भारिक ५१३ भाव १७८, ७६६, ८०७, १०८७, ११७१ भावित ३०७, १०७६ भावी १०७१ भास १९७१ भासन ८९९ भासपक्खि ६४४ भासुर ७३३ ( भि ) भि ८० (एक) | भिसन १६७ भिक्खा ४६५, १११२ भिक्खु ४०९, ४१५, ४३३ | भिक्खुनी ४१५ | भिखुभेद १०५० भिंक ३६२ भिंकार ३५९ | भिंगराज ५९५ भित्ति २०४ |भिन्दिवाळ ३९४ ७९ भिन्न ७४८, ९९१ भिय्य ७०३, ९५७ भिस ६८७ | मिसक्क ३२९ भिसपुष्फ ६९५ भिसिनी ६८९ | भिसील ७३१ ( भी ) भीति १६६, ११११, ११६२ | भीम १६७, १०६६ Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः भीय्यो ९५७ भूधर ६०५ भीरु २३१, ७३१, १०१९ भूनाथ ३३४ भीरुक ७३१, १०१९ भूपति ३३३ (भु) भूपाल ३३३ भुज २६५ भूभुज ३३४ भुजग ६५३ भूभेद ९६९ भुजंग ६३५ भूमज्झ ८७६ भुजंगम ६५३ भूमि १८० भुंजपत्त ५६५ भूमिप ३३४ भुजसिर २६४ भूमिभाग ८५९ भुजिस्सं ५१६ भूरि १५३, १८२,७०३, ११३१ भुंजनपत्त ४५७ मूसण ११९० भुत्त ७५७ भूसण्हकरणी १००९ भुत्तसेसक ४६७ भुवन १८६, १०४१ भेक ६७५ भुस ४१, ४५३, १०९६, ११२४, ११७०, ११७९ भद ३४९, ७५९, ९९१, भुसत्थ ११६२, ११६४,११६५, ११३०, १९९९ ११७१, ११६४, १९८५ भेदित ७४८ भरण्डव ६१५ भू १८२, ५२९, १०५९, १०९८ भेरव १६६, १०६६ भू ८१ (एक) भरि १४३, ११०० भूत १३, ९३, ७८८, १०७७ भरिप्पभेद १४४ भूतधरा १८२ भिरिभेद ८५४ भूतपति १९ भेसज ३३० भूतगाव ११८२ भिसज्ज ३३० भूति १०५४ भिस्म १६७ भूतिण ६०२ | (भो) भूतिणक ६०२ भो ११३९ भिति ३९५ Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भोग ६५४, ८५९ भोगवन्तु १०९४ भोगिनी २३२ भोगी ६५३, १०८४ भोजन ४६५, १११२ भोज ४६६ भोवादी ४०८ ( म ) म ८२ ( एक ) मं ८४ (एक) मंस १५७, २८०, ११०४ मंसचक्खु ८३५ मकाचैवस्थ १००६ मकर ६७२ मकरन्द ५४५ मकस ६४६ मकुट २८३, ८६४ मकुळ ५४४ मक्कट ६१४ मक्कटक ६२१ मक्खिका ६४५ मक्खिकाण्ड ६४५ मक्खिकाभेद ६४५ मग ६१७ मगध १८४ मंगसिर ५८ मग्ग १९०, ९२१. १०५७ मग्गन ७७४ मग्गना ७७४ ११ शब्दानुक्रमः | मग्गविरति ८०० | मग्गसन्धि २०३ | मग्गसमागम १०१० मग्गित ७५३ मग्गुर ६७१ मघवन्तु २० मघा ५९ | मंगल ८८, ३६१, ९१८ मन्च २२७ | मच्चु ४०४ मच्छ ६७१ मच्छाण्ड ४६२ | मच्छबन्ध ६७० | मच्छर १६८ मच्छरिय १६८ मच्छिक ६७० | मच्छर १६८ | मज्ज ५३३ | मज्जाविक्की ५११ | मज्जार ६१५ | मज्झ २७१, ७६७, १०३९, १०९१ मज्झण्ह ७६७ | मज्झत्तता १५९ | मज्झदेश १८६ | मज्झन्तिक ७६७ मज्झभाव ९०५ मज्झिम १३२, १८६, २६६ २७१, ९०५ ८१ Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२ शब्दानुक्रमः मज्झिमाराति ७० मत्तकासिनी २३४ मंचक ३०८ मत्ता ७०५, ८७८ . मंचंग ३०७ मत्तिका १८१ मंचन्तर ३१० मात्तिकाभेद ९१९ मंचधार ३०९ मत्थक २५६, ५४६ मंजरी ५५० मत्थु ५०० मंजिट्ठा ५८२ मथित ५००, १०२२ मजिर २८८ मद ३६४, ७६४, ११२८ मंजु १२९, ६९३ मदन ४२, ५६७, ११३१, मंजुसा ५२४ मदिरा ५३३ मंजेट्ठ ९५ मदिराबीज ५३३ मणि १८९, १०६२, १११३ मद्द १८५ माणिक ४५६ मद्दन ७६९ मणिबन्ध २६५ मद्दल १४४ मणिवेध ८६६ मधु ४९४, ५३३, ५४५, ९७४, मंड ४६७ १०६७ मंडन २८२ मधुक ३९६, ५५४, ५८७ मंडप २१० मधुका ५८७ मंडल ५३, २९६, ६३१, ९२०, मधुकर ६३६ ९९२ मधुच्छि? ४९४, ९५९ मंडलग्ग ३९१ मधुदुम ५५४ मंडलिस्सर ३३५ मधुप ६३६ मण्डुक ६७५ मधुब्बत ६३५ मत ४०५, ७५७, १००३, मधुर १४८, १०६७ १००६, १११० मधुरक ५९४ मति १५२, १०९६ मधुरसा ५८७ मतिमन्तु २२९ मधुलठ्ठिका ५८७ मातिसचिव ३४० मधुलीह ६३६ मत्त ३६२, ७३०, ७५२,१११७ मध्वासव ५३३ Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शन्दानुक्रमः - मरीचि ३४, ६५ मन १५२ मयूर ६३४ मनं ११४८ मरण ४०४ मनकार १५९. मरणलिंग ८२२ मनाप ६९४ मरिच ४५९ मनुज २२७ मरियादा २२६, १०५४, मनुज १२५, ६९३ ११८० मनुस्स २२७ मनोतोस १०१५ मरु ११, ६६३, ९६४ मनोभू ४२ मल २७४ मनोरथ १६३ मलय १११३ मनोरम ६९३ मलयज ३०० मनोविलेख १७० मलिन ७०० मंन्त १०८, ३५२, ९७९ मल्लक ४५८ मन्तण ३५२ मल्लिका ५७४, ६४७ मन्ता १५३, ९७९ मल्लिकाक्ख ६४७ मन्तिनी(णी) ३४० मल्लिकादि ५४७ मन्ती ३४० मसकसार २१ मन्थ ४६३, १०८० मसारक ३१० मन्थनी ४९९ मसारगल्ल ४९२ मन्थर ३७९ मस्सु २५९ मन्थान १०८० मह १७८ मन्द १३७, ५१६,७२१, ७२९, महन्त ७००, १०६६. ११५२ ८९२ महब्भय १६६ मन्दगामी ३७९ महल्लक २५४, १०७१ मन्दाकिनी २७ महाकथान ४७६ मन्दार ६०६ महाकंद ५९५ मन्दिर २०५, ९३४, १०६५ महाकुल ३३३ मन्दिरालिन्दवत्थु ९९७ महातण्ह ७२२ मयूख ६४ महातिमि ६७३ Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४ महादीप १८३ महाधिति ७२२ महानस २११ महानाम ५८७ महानिसा ७० महाभूत ७८८ महामच्छ ६७३ महामत्त ३४०, ९८२ महामुनि ३ महारञ ५३६ महारोरुव ६५७ महाविरेक ३२८ महावचि ६६२ महासन २११ महासहा ५७८ महासिरा २७९ महाहास १७५ महिका ५६ महिच्छ ७२२ महित ७५० महिन्द १८ महिला २३१ महिस ६१६ महिस्सर १६ मही १८१, ६८२, १०५२ महीभाग ८८६ महीरुह ५३९ महीलता ६७५ महुस्साह ७२२ शब्दानुक्रमः महेसि २, २३२, १०३३ महेसी २३२ महासघ ४५९ ( मा ) | मा ५२, ११४७ | मा ८३ ( एक ) | माक्कव ५९५ | मागध ३९६, ५०३ मागधी ५७६, ५८३ | मागविक ५१३ मागसिर ७६ माघ ७६ माध्य ५७८ माण ९१४, १०४४, ११९३ | माणव २३७, ८४२, १०४६ | माणि (नि)का ४८३ मातंग २६०, ५१७, १०४५ मातंगदत्त ८६७ | मातंगमुद्धपिंड ८५३ | मातली २२ | मातापितु २४९ मातामहि २४५ मातिका १०९७ मातु २४४, ११३१ | मातृगाम २३१ | मातुच्छा २४८ | मातुभगिनी २४८ | मातुभातु २४५ | मातुल २४५, ५७७ Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः मातुलानी २४५ मातुलुंग ५७७ माद ७६४ मान १६८, ९१४, १०४४, ११९३ मानना ४२५ मानव २२७ मानस १५२,८५० मानित ७५० मानुस २२७ माया ५१२ मायाकार ५१२ मायु २८१ मार ४३ मारजि २ मारण ४०३ मारिस ५९४, ११३२ मालती ५७६ माला ३०७, ४२२, ११२० मालाकार ५०७ मालिक ५०७ मालर ५५६ माल्य ३०७, १०८१ माळ २०९ माल(लोत ३७ मास ७४, १११० मासक ४७९ (मि) मि ८५ (एक) भिग ६१७, ६२०, १०४५ मिगताहका ६५ मिगन्तर ६१९,९११ मिगबंधिनी ५२० मिगमद ३०३ मिगमातुका ६१९ मिगव ५१८ मिगव्यध ५१८ मिगादन ६११ मिच्छा ११४६ मित ७१० मित्त ३४३, ३४६ मिथिला १९९ मिथु १२४ मिथुन ६२८ मिथो १२०० मिद्ध १७६ मिलक्खजाति ५१७ मिलक्खदेस १८६ मिस्सक २३ मिहित १७५ (मी) मीन ६७१ मीळ्ह २७५ (मु) मु ८६ ( एक) मुकुल ५४४, ८११, १११६ मुख २६०, ९१३ मुखफुल्ल २८९ Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६ मुखर ७३५ मुखाधान ३७० मुख्य ६६५, ९१३ मुग्गर ३९२, १०४४ मुंगुस ६२२ मुचलिन्द ५६३ मुच्छन १०८७ मुच्छा ४०० मुचित १०१३ मुंज ६७१ मुट्ठि २६८, ५२७, १०३१ मुण्ड ३२१ मुण्ड च्छ्द्द २०८ मुण्डिक ३२१ मुति १५२ मुतिङ्ग १४३ मुत्त २७५, १०१३, १०१५ मुत्ता ४९०, ४९२, १०१३ मुत्तागुण १११६ मुत्तादि १०१९ मुत्तामुत्त ३८७ मुत्ताबली २८५ मुत्ति ९, १०८४११३२ मुत्तिक ४९२ १०१३ मुदिंग १४३ मुदु ७१६, १०६७ मुद्दिका २८७ मुद्ध २५६, १०२८ मुज २५६ शब्दानुक्रमः | मुद्धाभित्ति ३३५ मुद्धमाल्य ३०८ मुधा ११४५ मुनि १, ४३३ मुनिन्द १ | मुब्बा ५८१ मुरज १४३ मुसल ४५५ मुसा १२६, १२७, ११४६ मुहं ११३७ | मुहुम्भासा १२३ | मुहुत्त ६७ मुहुत्तिक ३४७ | मुळाल ६८७ | मुळालपुप्फ ६८५ (मू ) मूग ३२० | मूल ५९, ४७९, ५४९, ८५१, ९०८,९७२, १०४२, ११२७ | मूलक ५९८ मूलधन ९२१ | मूलमूल ८५१ | मूल्य ५३१ मूसा ५१६, ७९५ मूसिक ६१८ मूळ्ह ७२१, ८९२, १०२८ १०७८, १०८४ ( मे ) मे ८६ ( एक ) Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ८७ मेखला २८७ मोघ ७१५ मेघ ४७, १११२ मोच ५८९, ९८६ मेघपासाण १०१५ मोन ४२९, ११४९ मेचक ९६, ३६३, ६३५, मोदक १११३ १०२३ मोर ६३४ मेज्झ ६९८ मोलि ८६४ मेण्ड ५०१ ( ३६७) मोस ५२२ मेत्ता १६१ मोसन ५२२ मेत्ति १५१ मोह १६८, ४००, १०८७, मेथुन ३१७, ६२८, १०३३. ११७२ मेथूनारति ७८३ (य) मेद २८२ य ९१ (एक) मेदिनी १८१ य ११४५ मेधग ४०० यक्ख १३, ९६९ मेधा १५२ यक्खाधिप ३२ मेधावी २२९ यक्स्वधूप ३०४ मेरय ५३३ यग्घे ११५० मेरु २६ यजन ९३४, ११०४ मेलक ७६९ राजु १०८ मेध ५०१ यज ४१२ मेघादि १०५१ यजंग ५५१ मेह ३२९ यट्ठि १९६, ३८७ मेहन २७३ यट्ठियधुका ५८७ (मो ) यति ४३४ मोक्ख ६,६९६,८९४, १०५५, यतो ११३५ १०८४, ११३२, यस्थ ११५६ यत्र ११५६ मोक्खादिक ११६८ ययत्तं ११५२ मोग्गल्लान ४३५ यथरिव ११४२ Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૮૮ यातन ४०७ यथाच ११४३ यथातथं १२७, ११२५, ११५२ यात्रा ३९५, १०५४ यादेस १२०३ यथानाम १९४२ यथापि ११४२ यथाहि ११४२ यच्छत ४६९ यदि ११४७, ११९६ यदिच्छा ७६० यन्तमुत्त ३८७ यम ४४, ४४४, ७६८, ९७३ यमक ६२८ यम (त) दगि १०९ यभराज ४४ यमल ६२८ यमुना ६८२ यव ४५० यमनपुप्फ १४७ यवस ६०२ यस ११७, १०४१ यसोधरा ३३६ यहि ११५६ ( या ) या ९२ ( एक ) या ९३ ( एक ) शब्दानुक्रमः याग ४१२ यागु ४६५ याचक ७४० याचना ७५९ याजक ४१४ | यान ३७५, ४२२, १०९० | याप्ययान ३७३ | याम ७२, ७६८ याव ११४१, ११९३ | यावक ३०५ | यावता ११४१ ( यु ) यु ९३ ( एक ) युग ६२८, ८८२, १००४, ११३४ | युगन्त ८२ | युगन्धर २६, ३७४ | युगपत्त ५५२ युग (ळ) ल ६२८ | युत्त ३५३ | युत्ति ८५८, ११२६ युद्ध ३९९, १०९६ | युव २५३, १०७३ युवती २३१ युवराज ९०७ ( यू ) यूथ ६३२ यूथजेट्ठ ३६० | यूथप ३६० यूथिका ५७६ | यूप २०८, ४१९, ११०१ Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः (ये) येन ११४५ येभुय्य ७०३ येभुय्यता ७८६ (यो) योग ८५८ योगक्षेम ९ योग्ग ३७५, ९९४, १०७१, १०७३ योजन १९६ योत्त ४४८ योध ३७६ योनि १५३, २७३, ८४८, १०९३ योब्बञ २५० रजक ५१० रजत ४८९ रजनी ८९ रजस्सला २३८ रज्जंग ३५० रज्जु ४४८, १०१८ रंजन ३०१, १००९ राजित ९२३ रट्ठ १८९, १०२९ रहाधिप ४३४ रण ३९९, ७६३, १०९६ रत ८२६,१०६३ रतन १९६, २६८, ४८९,४९०, १०६२, १११३ रतनत्तय ९६९ रतनाकार ६५९ रति ३१७, १०५६ रत्तं ११४७ रत्त ९५, २८१, ९२३, १०२८ रित्तगावी ४९७ रत्तचंदन ३०१ रत्तपा:६७५ रत्तफला ५९१ रत्तमणि ४९१ रत्तातिसार ३२५ रत्ति ६९ रथ ३७२ रथकार ५०६, ५०८ रथकारक ६७९ र ९४ (एक) रंसि ६४ रसिमन्तु ६३ रक्खन (ण)७६३, ९४७, १००२ रक्खस १३ रक्खित ७५४, ९४७ रंगा ४४ रंकु ६१९ रंग १०१, ११२३ रंगाजीव ५०८ रच्छा २०२ रज २३८, ३९५, ८८३ १२ Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९० शब्दानुक्रमः स्थगुत्ति ३७४ रसहरणी २८० रथंग ७८१ रसातल ६४९ रथरेणु १९४ रसाल ५९९ रथाचारी ३७६ रसित ४९ रथादि १०९० रस्मि ४४८, १०४३ रथानी(णी)क ३८३ रस्स ३१९, ७०८ रथारोम ३७६ रह ३५३, १०६१ रथिक ३७६ रहद ६७७ थिका २०२ रहस्स ३५२ रथी ३७६ रहस्संग २७३ रद २६१ रहो ३५३, ११५७ रदन २६१ (रा) रंघ ६४९, १०१३ रा ९५ (एक) रमणी २३० रा ९५ रंभा २४, ५८९ राग १६३, १००९ रम्मक ७७ राज ३३३, ९२६ रय ४० राजगह २०० व १२८, ७६३, १०८१, राजा ३३५ १०९६ राजधानी १९८ रवा १२८ राजरुक्ख ५५२ रवि ६३ राजलिंग ८७९ रविहंस ६२६ राजवय्ह ३६६ रस ९४, ४९२, ८०४. १९१६ राजहंस ६४७ रसक ४३४ राजायतन ५६४ रसग ४६७ राजी ५३९, १०९८ रसग्गसा २७९ राजुल ६५१ रसना १५०, २८७, ९३८ राधित ७४३ रसभेद ९६० राव १२८ सवती २११ रासि ६१, ६३०, १०५१, Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः १०६०, १०८०, १०८४, रूपज्झान ८२५ ११०४, ११२८, ११६५ रूपाद्यस ८५१ रूपिय ४८६, ४८९, ९०३, राहुलमातु ३३६ रूपी ४८९ रूपूपजीविनी २३३ रि ९५ ( एक) रिट्ठ १०६४ रे ११३९ रिते ११३७ रे ९६ ( एक) रित्तक ६९८ रेणु ३९५ रिपु ३४४ रेणुक ५९० रिरी १९२ रेवती ६० (रु) . (रो) रु ९६ (एक) रोग ३२३, १०४५, १०९९., रुक्ख ५३९, ९३४, ९७७, ११२०, ११२५ १०४१, १११७, १११९ रागन्तर १०३१ रुक्खन्तर ८९६, ११०२ रोगभेद ९३४ रुक्खभेद १०३६ रोगमुत्त ९२६ रुक्खादनी ५८० रोगहारी ३२९ रुचि ६४, १६३, ८७३ रोचन ५६५ रुचिर ६९३, रोचनप्पभ ९८ रुजा ३२३ रोदित १६५ रुण्ण १६५ राध ६६४ रुद्द १०२ रोम २५९ रुद्ध ७४५ रोम २५९ रुधिर २८१, १०२८ रामञ्च १७५ रुरु ६१९ रोमधातु ८७६ (रू) रोरुव ६५७ रू ९६ (एक) रोस १६४ रूप ९४, ८२५, १०८६ रोसन ७३२ Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९२ रोहिणी ५८, ४९७, १०९३ रोहित ९५ रोहितक ५६६ रोहिस ६१२ रोही (हि) ५६६ ( ल ) ल ९७ ( एक ) लकार ६६८ लकुण्टक ३१९ लक्ख ५५, ३९०, १०२० लक्खण ५५, १७८, १०४३, ११७४ लक्खणादि ११७५, ११७६ लाक्ख ८२, ३८५, ९०६ लगुळ ३९२ लग्ग १०३९ लग्गकेस ९४७ लंगी २१७ लज्जा १५८ लज्जित ७४७ लंचदान ८२४ लंछन ५५ लटुकिका ६३९ शब्दानुक्रमः लता ५४२, ५५०, १०८३ लद्ध ७५३ लद्धक ६९४ लद्धत्थरक्खण १०३७ लद्धब्ब १०८६ लद्धि १६१, ९०० लपन २६० लपनज २६१ लपित १०५, ७५५ लबुज ५७० लब्भ १०८६ लय ६६, १३७ ललना २३१ ललिस १७४ लव ७०५, ७७०, १०९६ लवंग ३०३ लवण १४८, ४६०, १०१४ लवन ७७० लचित्त ४४८ लसुण ५९५ लहु ४०, ७१०, ९२९, ११४४ (ला) ला ९८ ( एक ) लाख। ३८५ लाखापसादन ५६४ | लाङ्गली ५८८ लाज ४६३ | लाजा ११३३ लाप ६३९ लाबु ५९६ लाभ ७७८ लामक ६९९ लालसा १६३ लाला २०१ Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः लासन १०० (लि) लि ९९ (एक) लिकुच ५७० लिकोचक ५५७ लिक्खा १९५ लिंग २७३ , ९१० , १०६१ लिच्छाव ३३६ लित्त ७४६ , ९५८ लिपि १०६३ लिपिकार ३४८ (ली) लीला १७४ , १०५३ लु ९९ ( एक) लुद्द १०३८ लुद्दक ५१८, ११०६ लुलाय ६१६ (लू) लख ९६१ लूता ६२१ लूतिका ६२१ लून ७५२ लेण ६, ६०९ लेप १०५२, १०७९ लप्यादि ५२३, १००६ लेय्य ४६६ लेस ७०५, ७९८, ११०८ (लो) लोक ९३, १८६, १०४१ लोकगरु ३ लोकनाथ २ लोकायत ११२ लोकेस १५ लोचन १४६ लोण ४६०, १०५१ लोद्द ५५६ लोभ १६३, १००९, १०५३ लोम २५९ लोमसपाणक ६२३ लोमहंसन १७५, ९१२ लोल ७१२, ७२९, ९३८, १०६६, १०७५ लोलुप ७२९, १०६६ लोह ३०२, ४९३ लोहारक ५०९ लोहकुंभ ६५८ लोहन्तर १०३१ लोहमिट्ठ ६४३ लोहभेद ९६३ लोहमुग्गर ८२० लोहित ९५, १५७, २८०, लेख ९९२, १०९८ लेखक ३१८ लेख। ५३९, १०९८ लेख्य १०९८ लेड्डु ४४७ Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४ शब्दानुक्रमः १०२८ लोहितंक ४९१ लोहितादि १००९ (व) व १०० (एक) वंस ३३२, ६००, १०६०, १०९० वंसवण्णा ४९१ वक ६१५ वकुल ५७२ वक्क १०३४ वकंग ६२५ वक्कल ४४२, ११०९ वग्ग ६३१ वग्गभेद ४७३ वगु ६९३ वग्गुवादी ८९१ वंक ६०६, ६७४, ७०९, १०२५, १०३४ वंग १८५, १०३१ वच १०५ वचन १०५ वचमपाटग्गाह ११८६ वचनावयव ९७२ वचा ५८४ वची १०५ वचीभेद १०९० वचीमुख ११८ वचोक्रिया ११७३ वच्च २७४, १०८६ विच्चकुटी २१२ वचट्ठान २१२ वच्छंकामा ४९८ वच्छतर ४९६ वच्छल ७२६ वच्छला ४९८ वज १९० वजिर २४, ४९०, ८६६ वजिरपाणि १८ वजिरहस्थ १९ वजिरावुध १८ वज १४२, ८२९, ९३२, ११००, ११९७ वजन १००२, ११३७, ११७५, वजी १८४, ३३६ वज्झ ७३७ वचक ७३७ वंजुल ७५३, ५७३ वंझ ५४१ वझगावी ८७३ वंझा ४९८ वट ५५१ , १०४२ वटंसक ३०८ वटाकार ६६८ वटुम १९० वट्ट ७०७ , २०१८ वट्टका ६२५ Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः पट्टि (ण्डि का ५२६ वत्थावयव २४४ वट्टल ७०७ , २०१८ वत्थी २७६ वठर ७०१ वस्थु २२५ , ९६९ वड्ढकी ५०६ वस्थुल ५९७ घड्ढी ८२९ वत्थुलेय्यक ५९७ वढित १०७६ वद ७३५ वण ३२४ वदनू ७२३ , ८९१ वाणिज्जा ४४६ वदन २६० वाणिप्पथ ८६८ वदनीय ७२३ वणिब्बक ७४० वध १०३ वण्ट ५४४ बघट्ठान ५२१ घण्ण ३३२ , ३४८ , ७७९ वधुत ७३६ वण्णक ३०६ वधू २३०, ८७७ वण्णदासी २३३ वन ५३६, ६६१, १०६३, वण्णना ११८ ११२६ वाण्णत ७५२ वनकाक ६३५ वण्णु ६६३ वनकुक्कुट ६४१ वत ४३० , १०६२, १०७८ वनथ १६३ वनदुग्ग ११०७ वत्त २६० , ७५८ , १०४७ बनप्पति ५४०, ९०३ वत्तन ४४५ वनमल्लिका ५७५ वत्तनी १९१ , १०५७ वनिता २३० व(त्र)त्तमू २० वनिब्वक ७४० वतु ७३५ वन्दना ४२६ वस्थ २९०, १०६१ , ११०४ वन्दाका ५८० वन्दि ३९६, ४०७,१०८१ वस्थगुय्ह २७३ वपन १०९६ वस्थच्छेदनसत्थक ९०९ वपा २८२ वस्थभर २९१ वपु १५१ Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - वप्प ११३३ वल्लकी १३८ वमथु ३२७ वल्लभ ६९७, १०६६ वम्म ३७७ वल्लरी ५५० वम्मित ३७८ वल्लिभ ५९७ वय १०७९ वल्ली ५५० वय २५३ वल्लीजाति १३० वयस्स ३४६ वल्लूर २८० वझपसा २३८ ववस्थितविभासा ११८९ वर २४०, ५९४, ७६२, ८१०, वसति २०७, १०५६ वरक ४५० वसन २९० वरंग २७३, १०९३ वसन्त ७९ वरण २०३ वसभ ४९५ वरत्ता ५२६ वसल ५०३ वरपञ४ वसवत्तापक १०२४ वरवणिनी २३४ वसवत्ति ४३, १०२४ वराह ६१७, १११५ वसा २८३, ४९८, ८७३ वरारोहा २३४ वसी ४३४ वरुथ ३७४ वसु ४८५, ४८९, ८९५ वलज ६७१ वसुधा १८० वलंज ३३७, ३३८, ३३९ वसुन्धरा १८० वलय २८५, ९६६ वसुमती १८० वलायत ७४५ वस्स ४८, ८०, ९१, ५०२, बलाहक ४७ वलि ९९० वस्सग्ग ११८९ वलित्तच २५५ वस्सन ४८ वलिन २५५ वस्सवर २४२ वलिर ३२० वस्सान ८० वलीमुख ६१४ वस्सिकी ५७६ Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः वस्सित १३० वस्सोकसारा २१ वळबामुख ८८९ वलमिच्छादि २२१ वळवा ३७१ वह ४९७ (वा) वा १९८९ वा १०१ (एक) वाकरा ५२० वाक्य १०६ वाक्यारंभ ११९३ वाक्यालंकार १९९५ वागुरिक ५१३ वांचंयम १३३ बांचा १०५ वाचाल ७३५ वाचिक १२४ वाच्यालिंग ९३५ वाज ३९० वाजपेय्य ४१३ वाणिज ४६९ वाणिज्य १४६ वाणी १०५ वात ३७ वातक्खितम्बु ४९ वातघातफ ५५२ वातण्ड ३२६ बातपान २१६ वातमिग ६१८ वातिंगण ५८८ वात्ता १०५३ वात्ताकी ५८८ वादित १००, १४२ वादित्त १४२ वादित्तवादन ८६७ वान १६३, १०९५ वानचित्तक ३१२ वानपत्थ ४०९ वानर ६१४, ११०५ वानेय्य ५९२ वापसमकरण ७९८ बापी ६७८ वाम ६९४, १०२०, ११७८ वामक १०९ वामदेव १०९ वामन ३०, ३१९, ७०८ वाय ३८ वायन १०७६ वायनदण्डक ५२२ वायस ६३८ वायसारी ६१८ वायाम १५६, ९१४ वायु ३७ वायुसख ३४ वार १०४२ वारक ४१७ वारणं ३६०, ६३९, १०१५ Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८ ११८४, ११९० वारवाण २९४, ९६२ वारि ६६१, १०६३, ११९८ वारिज ६८४, ८९५ वारिमग्ग ६८३ वारिवाह ४७ वारुणी ५३३, ८७६ वाल २५६, ५९१, ६६१ १०८० वालधि ३७१ चालवीजनी ३५७ वालहत्थ ३७१ वालुका ६६३ वास २०७, २९०, १०५६, १११९ वासचुण ३०६, १०२१ वासट्ठान ८० १ वासन ३०७ वासना ७७२ वासन्ती ५७७ वासयोग ३०६ वासव १९ वासागार २१४ वासित ३०७ वासी ३९३. ४३९ वासुकी ६५० वासुदेम १६ वासे १०९ वाह ३६८, ४८३, ४८४, शब्दानुक्रमः १०८१ वाहन ३७५ वाहस ६७१ वाहिनी ३८१, १०५६ वाळ ६५४, ९३४ वाळगाही ६५६ वाळमिग ६१३ (वि) वि ११७१ वि १०३ ( एक ) विकंकत ५५९ विकच ५४२ विकट १०१९ | विकत १०१९, १०६७ विकति ७६५ विकतिका ३१४ विकप्प ९५४, ११३८ विकप्पन १९८९, ११९९ विकसा ५८२ विकसित ५४२ | विकार ७६५ | विकिरण ५८१ विक्कन्त ३८० विक्कम ३९८, ९५३ विक्कयिक ४७० विकेतु ४७० विक्रेय्य ४७१ विगत १०७६ विग्गह १५१, ४००, १०४६ Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः विघास ४६७ विघासाद ४६७ विचक्खण २२८ विचय ७७४ विचार १११४ विचारणा १५४ विचिकिच्छा १७० विच्छिक ६२१ विजन ३५३ विजय ४०२ विजाता २३५ विजीत २८९, ३५०, १०२९ विज्जमान ७८८, ८४१ विजा १५३, १०३४ विज्जु ४८ विज्जुता ४८ विञ्झ ६०६ विझत्ति १०५८ विज्ञाण १५२ विज्ञ २२९ विञ्जय्य १२९ विटंक २२१ विटप ५३९, ५४७, ११२२ विटपी ५३९ विटभी ५४७ विडोज २० वितक्क १५५ वितकन ११९१ वितच्छिका ३२७ वितण्डसस्थ ११२ वितत १३९, १४१, ९३२ वितथ १२६ वितरण ३२० वितान २९९, ६३१, ९७४ वितुन्न ५९६ वित्त ४८५, १०६१ वित्ति ८७, १०५८ विस्थत ७४६ विस्थार ७६८, ९२३, ९६४ विस्थिण्ण ७०१ विदस्थि १९५, २६७ विदार ७५९ विदारण ९९१ विदित ७२४, ७५७ विदिसा २९ विदुर २२९ विदू २२९ विदेह १८५ विदस्सु २२९ विद्दम ४९१ विदेस १६४ विद्देसी ३४५ : विद्ध ७४८ विद्वा २२८ विध ८४६ विधवा २३५ विधा १६८, ९१४ विधान १४९ Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ܘܘ ; शब्दानुक्रमः - विधि ९०,१०४९ विधुर ७६५ विधेय्य ७३० विनतक २७ विनता ६२८ बिना ११३७ यिनायक २ विनास ७७० विनीत ३६९ विन्यास ३८१ विपक्ख ३१५ विपत्ति १८५ विपरि(य)याय ७७६ विपरियास ७७६ विपरीत १०२० विपल्लास ७७६ विपस्सना १५३ विपस्सी २२९ विपाक १०५. विपाति(दि)का ३२५ विपिन ५३६ विपुल ७००, १०७२ विप्प १०८, १०४७ विपकडक ७०६ विप्पटिसार १६९ विप्पलाप १२५ विप्फुलिंग ३५ विबुध ११ विन्भम १७४, १०८७ विभत्तब्बधन ८९८ विभव ४८५ विभात ५८ विभावी २२८ विभीतक ५६९ विभू १०८१ विभूसण २८३ विभेदिका ६०३ विमति १७० विमहत्थ १४५ विमन ७२३ विमल ६७० विमान २५, ९१७ विमुत्ति ९ विम्भय ७३६ विय ११४३ वियोग १०४, ११६३, ११६७ ११६८, ११७१, ११७३ विरति १६० विरळ ७०७ विराग ८ विराव १२८ विरिय १५६, ९१५, १००१ १०९४, ११३५ विरियंग १५७ विरू ५५० विरूपक्ख ३१ विरूळ्हक ३१ विरोध १६४ Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विसकप्पन ७६९ विसय ९४, १८६, ८०६, विरोधकथन ११५१ विरोधी ३४५ विरोधोती १२४ विलग्ग २७१, १०३९, १०९१ विलाप १२३ विलास १७४ विलीनतेल ८७३ विलीनस्नेह २८२ विलीवकार ५०९ विलेपन ३०६, १२२ विवट्ट ८, २९६ विवर ६४९, ९८१, १०१३ विवरण ९६५ विवस ७४३ विवाद ४०० विवदादि ८६८ विवाह ३१८ विवित्त ३५३ विविध ७१७, ११७१ विवेक ४३०, १११४ विस ६५५ विसंयोग ७८६ विसट ७४६ विसत्तिका १७३ विसद १०७३ विसदत्त ७९३ विसधर ६५४ विसकण्टक ४६२ वि बि)सकाण्ठिका ६४२ विसयी १४९ विसर ६२९ विसलित्त ९५८ विसाखा ५९, ४३७ विसाण ४९७, ८६७ विसाद १११३ |विसारद २२८, ९५९ विसाल ७०० विसालता २९५ विसाला ५९७ विसिखा २०२ विसिट्ठ ६९६, ११७६ विसुद्धि ९ विसुद्धिदेव ८१२ विसूचिका ३२८ विसेस ७९२, ९९१, ११९६, ११९७ विसेसक ३०० विसेसण ११७७ विस्स १४६ विस्सज्जन ४२० विस्सट्ठ १२९ विस्संभ ३५३ विस्सानन ४२० विस्सार ३५३ विस्सुत ७२४ Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२ शब्दानुक्रमः - - वुड्ढ २५४, १०७१ वुति ७६३ वुत्त ७५५, ७९६, ९३४, १००७, १०७५ वुत्तन्त ११३ वुत्ति ४४५, ९६५, १०५३, १०५४, १०५७ वुद्ध २५४, ४९६, १०७१, १०७४ वुद्धि ७६०, ७८५, ८२९, o) विहग ६२४ विहगाधिप ६३३ विहंग ६२४ विहंगम ६२४ विहत्थ ७३६ विहायस १०१२ विहायित ४२० विहार ८५७ विळंग ५८६ (वी) वीचि ६६२ वच्छिा ११७४ वीजनी ३१६ वीणा १३८ वीणादिवादन १४४ वीणावादी ५१० वीत १०७६ वीतराग १० वीतिक्कम ४३० वाथि २०२, ५३९, ९३९ वीमंसा १५४ वीर १०२, ३८०, १०७७ वीरु ५५० वाहि ४५०, ४५२ (वु) वु १०६ ( एक) वुच्चते ११९० वुट्टि ४८ वुट्ठीनिप्पज्जसस्सक १८८ वुद्धियुत्त ८९२ वुद्धिरोग ३२६ वुस ४९५ (वे) वे ११४०, ११५० वे १०६ ( एक) वेग ४०, ९४६, १११५ वेगी ३७९ वेजयन्त २१, २२ वेजयन्तिका ५७३ वेज्ज ३२९ वेज्झ ३५० वेठ ११३१ वेठ १३८ वेठन ११३१ वेठित ७४५ वण ५०९ वेणविक ५११ Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेतन ५३१, ९०८, १०५३ बेतनिक ५१४ वेतरणी ६५८ वेतस ५५३ बेताळिक ३९६ वेद १०८, ७६२, ८४७, १०३४, १०५९ बेदंग ११० | वेसिया २३३ वेदन ७६२ वेदना १५४, १०५८, १०९५ वेसियान ४४५ |वेसी २३३ वेदयित १५४ बेदि २२२, ४१२ वेदिका २२२ बेदी ४१२ बेध ७६२ वेधत ७४८ वेन (ण) ५०९ वेनतेय्य ६३३ वेपचित्ति ४५ बेपुल ६०६ बेमार ६०६ वेम ५२२ वेमज्झ ७६७, १०९१ वेमन्त ७६७ वेय्यग्ध ३७२ वेय्यावच्च ७८३ वेर ८४, १६४, ११०९ वेरमणी १६० वेरी ३४४ शब्दानुक्रमः वेरोचन ६२ | वेला ६६, ८५८, ६६० | वेल्लित ७०९, १०७२ वेवचन १२० वेस २८२, ९०६ ९७९, वेसाख ७५ | बेसाथी ४४ बेसाली १९९ | वेस्म २०६ वेस्स ४४५ १०३ वेस्सवण ३२ | वेस्सामित्र १०९ वेहायस ४६ | वेहास ४६ वेळ ५९९ वेळुरिय ४९१ ( वो ) वो १०७ ( एक ) | बोकार ११२७ वोस्सग्ग ४२०, ७५४ वोहार १०५, ११७,८४९, ११३३ ( व्य ) व्यग्घ ६११ व्यग्वि ५८५ | व्यग्विनस ६३७ | व्यञ्जन ४६४, ८७९, १०४८ Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४ शब्दानुक्रमः व्यत्त २२८, ७१६, ९२६, १०६५ व्यत्तय ७७६ व्यध ७६२ व्यम्ह २५ व्यय ७६४ व्यवधान ८०२ व्यवाय ३१७ व्यसन ८९, ८९०, ९४० (व्या ) व्याकरण ११० व्याकुल ७३६ व्याध ५१८ व्याधि ३२३, ५९२ व्याधिघातक ५५२ व्याधित ३२२ व्यापाद १६४ व्यामंगी ५२५ व्याम २६९, १०४२ व्यास ७६८ व्यूह ३८१, १००८ (स) स ४८५, ८०८ स १०८ (एक) सं ११४४, ११५१, ११७० सं ११५, ११६ संयत २५७, ७१७ रोयान्तका ६६७ संयम १३० संयुग ३९९ संरम्भ ८५४ संराव १२८ संवच्छर ८१ संवट्ट ८२, १०५१ संवसय २२५ संवरण ११८३ संवरी ६९ संवरीमुख १२०७ संवुत ७४५ संवेग ९१६ संसट्ठ ८३३ संसद ४१४, ११०१ संसय १७९, १९८८, १९८९ संसयस्थ ११५८ संसार ८२९ संहति ६३० संहार ११६ (सक ७३६ सकट ३७३, १०८१ सकटमग्ग १९१, १०२६ सकल ५३, ७०२, ९४६ सकास ७०६ सगुण ६२४ सकुणग्घी ६३७ सकुाण ६२४ सकुन्त ६२४, ६४४, १०४९ सक्क ५, १८, १८४, ३३६, । १००१, १०६८, ११३२ Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः - सकपुर ९९८ सकार १०११ सक्खर २८६ सक्खरा ४६२, ९२५ सक्यमुनि ५ सक्यसहि ५ सख ३४६, १०८८ सखी २३८, ८६५, १०८३ सगब्भ २४९ सगोत्त २४३ सग्ग १०, ९११, १११९ सग्गवासी ११ संकट ७१८ संकटीर २२४ संकथा १२० संकप्प १५५ संकम ७७३ संकस्स २०१ संका १७० संकार २२४ सकारकूटक २२४ संकास ५३० सांकण्ण ५०३, ७२०, १०७१ संकु ३९३, ५४९, १११५ संकुल १२५, ७२० संख ६७६, ६९० संखत ८३२ संखतलक्खण ७९२ संखनख ६७६ संखल ३६४ संखा ८४५ संखार ३०७, ७२२ संखेप ११५ संखेय्य ४७३ संख्या ४७२ संख्यान १७३ संख्यात ७१० संख्याभेद १०२० संख्याविसेस ८७२ संग ७६९, ९७९ संगर ८२४ संगम ७६९, १०५७, १०६३ संगह ११६, ९२५ संगाम ७९९ संघ ६३१ संघटन ९४१ संघाट २२३, ११३४ संघात ५०४, ६२९, ६५७, १०८० सचिव ३४० सचे ११४७ सच्च ६, १२७, ८०० सच्चकार ४७१ सच्चापन १७१ सच्छन्द ७२८ सच्छि ११५९ सजन २४३ सजातिक ६३२ १४ Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६ शब्दानुक्रमः सजातीय ६३२ सजीव ३४० सज्ज ३७८, ५६२ सज्जन ३३३, ९५६ सजित ३६६ सज्जु ११४९ सज्जुदुम ९३४ सज्जुलस ३०४ सज्झ ४८९ सज्झु ४८९ संचय ६२९ संचारिका २३६ सच्छिन्न ७५२ संजात १४१ सजातितेस ८०१ संजानन ८७४ सजीव ६५७ संझा ६८ सञा ११४, ८४७, ११९१ सठ ७३७ सठय १७७ संठान ७७१, ११३३ सण्ड ६८७ सण्डास ५२७ सण्ह १००७ सत ४७४ सतत ४१ सतपत्त ६४२, ६८४, ९१५ । सतपदी ६२२ सताभसज ६० सतमुली ५८५ सतरंसी ६२ सतलक्खगुण ४७७ सतवंक ६७२ सतावरी ५८५ सति १५८ सतिवोस्सग्ग १७३ सती २३४ सतरता ४८ सत्त ९३, ८१६, १००७, १०८३, १०८५, १०९९ सत्तधन ४५१ सत्तपण्णि ५५५ सत्तभूमधर ९१७ सत्तम ६९५, ९४१ सत्तमहासार ६८० सत्तला ५७६ सत्तवक ६७२ सत्ता ८०७, १०५४, ११०८ सत्ति ३५१, ३९२, ३९४, ३९८, १०५०, ११०८ सत्तिधर १७ सत्तु ३४३, ३४४, ४६३ १०८०, ११२२ सत्तुफला ५६६ सस्थ ३८५, ६३१, ५२७ ९६५, १०९९ Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः १०७ सस्थभेद ३४४ सस्थवाह ४६९ सस्थि २७६, १०५२ सत्थु १ सत्थुवण्ण ४८७ सत्र ११३४ सत्वादि ८१८ सदन २०५ सदा ११५३ सदागति ३८ सदातन ७०९ सदादान ११३४ सदारतुठ्ठि ७८३ सदिस ५३० सदिसत्त ८२३ सदुम २०७ सद्द ९४, १२८, १०५९ सद्दग्गह १५० सदस्थ १९९६ सद्दल १८७, ५९९ सहुल ६११, ६९६ सद्ध ४२३, ९४९ सदं ११४७ सद्धायुत्त ७३३ सद्धि ११३६ सधम्मी ६३२ सनन्तन ७०९, ७१३ सना(न)११५३ सनिकं १९५३ सनित ७४७ सन्त ६, १०२, २२८,७२८, ७४९, ८४१ सन्तक ७२८ सन्तत ४१ सन्तति ३३२ सन्तन्त ७५१ सन्तान २८, ३३२, ९५२ सन्ति ९, ७५७,९२२, १०५५, ११६२ सन्तिक ७०५ सन्तोस ८७ सन्थव ७६९ सन्द ७०७ सन्दन ३७२ सन्दान ४९९ सन्दानित ७४७ सन्दिट्ट ३४६ सन्दिहिक ८६ सन्देस १२४ सन्देसोत्ति १२४ सन्देसहर ३४७ सन्देह १७० सन्दोह १२९ सन्धि ७६३, ९४१ सन्नडु ५५६ सन्नद्ध ३७८ सन्नाह ३७७ सन्निकट्ठ ७०६, ७७० Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८ शब्दानुक्रमः सन्निकास ५२९ सन्निघान ९५७ सन्निधि ७७०, ९५७ सन्निभ ५३० सन्निवेस ७७१ संन्यास ११६५ सपच ५१७, १०४५ सपत्त ३४४ सपथ ११७, १०९३ सपाक ५१७ सपिण्ड २४३ सप्प ६५३, ९३४ सप्पञ२२८ सप्पदाठा ६५५ सप्पफण ८५९ सप्पराज ६५० सप्पि ४९९, १११४ सफ ३७१ सफरी ५७२ सबल(ळ) ९९ तब्ब ७०२, १०२६ सब्बचतुप्पद ६२० सब्बन १ सब्बञता ७९४ सब्बतो ११४६ सब्बत्र ११६१ सब्बभुम्म ३३५ सब्बलोह ९०५ सब्रह्मचारी ११० सभा २१०, ११४, ११०१ सभाजन ७६० सभाय २१० सभाव १७७, १०९६, १११३ सभ्य ३३३, ४१४ सम ५२९, ७५७, ९२२, ४०७७ समं १११६ समग्ग ७०२ समंगी ८४५ समजा ४१४ समझा ११४ समण ४३३ समणुद्देश ४४० समत्त ७०२, १०६८ समस्थ १०६८ समस्थन ८५८ समथ १५५ समन्तचक्खु २ समन्ततो ११४६ समन्तत्त ७९९ समन्तत्थ ११७०, ११७५ समय ६६, १६१, ७७८, ९६५, समर ६९९ समवाय ६३०, ७७८ समसिप्पा १०२१ समा ८१, ९२२, १९६१ स(सा)माजिक ४१४ Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः १०९ समाधि १५५, ८५८, १०३५ संपत्ति ३८५ ९९३ समान ५३०,९१६ संपन्न ८४५ समापन ११८८ संपरायिक ८६ समास १६६ संपहंसन १९८६ समासन्न ९२ संपहार ३९९ समाहार ११८७ संपात ५० समित ७१९, ८११ संपुट ३१७ सामति ४१४, ६३०, १०५७ । संफुल्लित ५४२ समिधा ३६ संबंध १०६८ समिद्धि १०५४, ११६८,११७०, संबर १४ ११७९ संबरी ५१२ समी ५६६ संबल ३८० समीप ७०५, १९८५ संबहुल ७०३ समीपादि १९८० संबाध ७१८, १०८५ समीर ३८ संबाहण ७६९ समीरण ३७, ५७९ संबुक ६७६ समुग्ग ३१७ संभत्त ३४६ समुच्चय १९८३, १९८९ संभम ९१६ समुज्झित ७५४ संभव ९१, २७४, ८९७, ९७७, समुदय ६३०, ९२७ १०२४, ११६२,१२०० समुदाय ६२९ संभार ९७० समुद्दग ६५९ संभावन १९८३ समुस्सय १०९९ संभासन १२४ समूह ६२९ संभेद ६८१ समोघान ११७० संभोग १०४ समोसरणहान ८०१ सम्मज्जनी २२३ संपजज १५४ सम्मताळ १४२ संपटिच्छन ७९०, ९५८, ११४४ सम्मद ८७ संपति ११४० सम्मा १२७, ४४९, ११५४, Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११० ११७०, ११७९ सम्मादिट्ठि १५४ सम्मापास ४१३ सम्मासंबुद्ध ४ सम्मुखा १९५७ सम्मुञ्जनी २२३ सम्मुति ११३३ सयं ११४४ सयथु ३२७ सयन ३०८ सयनिगह २१४ सयमस्थ ८३९ सयंभू ४ सयंवरा २३५ सरट ६२३ सरणं ७, ४९३, ९४७, ११८१ सर १२८, ३८८, ६०१, ९६७, १०४९, १०५० सरक ५३४ सरद ७९, ८१, ११२४ सरदुब्भुत ९८४ सरबू ६२१ सरभ ६१९ सरभू ६८२ सरमण्डल १३१ सरल ५७१ सरलद्दव ३०६ सरव्य ३९० शब्दानुक्रमः सरसी ६७८ | सरस्व ( स ) ती ६८२ | सरहस्स ४११ | सराभ्यास ३९० सराव ४५८ | सरासन ३८८ | सरिक्खक ५२९ | सरिता ६८१ सरीर १५१ सरीरि ९३ सरूप १७७, १०९० | सरारूह ६८४ सल ६१६ सलभ ६४५ ६९८, सलल ६१६ सलाका १०७९, १०८७ | सलाटु ५४६ सलिल ६६१ | सलिलघाय १८७ | सलिलब्भम ६६० सल्ल ३९३, ५६७, ६१६, १०८७ | सल्लक ६१६ | सल्लकत्त ३३० | सल्लकी ५६८ | सल्लवेज्ज ३३० | सल्लहुक ७१० | सल्लाप १२४ सव १०५९ | सवन ६०, १५०, ९३४ Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः सवन्ति ६८१ सवनीय १२९ सवंक ६७२ सव्य ७१९, १०२० सस ६१७ ससकं ११४० ससंक ५२ ससन ४०३ ससण्ड ९४९ ससन्तान १०४० ससी ५२ ससुर २४६ ससुरा २५० सस्स १५२ सस्सत ७०९ सस्सतदिट्टी ८२९ सस्सति १८९ सस्सरोग १५४ सस्सु २४६ सस्सुससुर २५० सह ३९८,५५७, ११७०, सहधम्मिक ४३८ सहस्स ४७४ सहसा ११४८ सहस्सक्ख १८ सहस्सरंसि ६३ सहाय ३४६, ३८०, १०८८ (सा) सा ५१९ सा. ११०( एक) साक ४५९ साकभेद ५९८ साकच्छा १२० साकिय ३३६, ११९३ साकुणिक ५१३ साकेत २०१ साखा ५४२ साखानगर १९९ साखामिग ६१४ साखी ५४० सागर ६५९ सागल २०० सांग ४११ साटक २९० साण (न )२९१, ५१९, ५२८ सात ८८ सातकुम्ह ४८८ साति ५९ सादिस्स ११७४, ११७८, १९८५ सादु १०६७ सह ११३६ सहकर २६९ सहकार ५५७ सहगत ८३३ सहज २४९ सहस्थादि ११७२ सहन (ण)७३२ Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२ शन्दानुक्रमः सादुकण्ट ५५९ सामिभातु २४७ साधकतम ९०१ सामी ७२५ साधन ८९० सामुद्द ४६१ साधारण ७१८ साम्यगुण ९७५ साधित ७४३ साम्यवस्था ८७८ साधु ३३३, ६९३, ७९० साय ६८ साधु १०७२, ११४४ सायं ११५५ साधुपुरिस ९५६ सायक ३८८, ३९१, १०४९ सानु ६०७, १०४४ सार ९३३ सान्त्वान ११९२ सारंग ६१७, ६४१, १०५० साप १०९३ सारथि ३७६, १०८१ सापतेय १८५ सारद ९८४ सापद ६१३, ९३४ सारदी ५८८ साबंधन ५२० सारमेय्य ५१८ साम ९६, १०८, ८३९ सारस ६४२ सासं ८३९, ११४४ सारिपुत्त ४३४ सामञ्ज ७१८ सारिफलक ५३२ सामणेर १४० सारिबा ८३९ सामणेरी १३८ सारुप्प ११७६ सामस्थिय १०५२ साल २४४ सामन्त ७०६ सालपण्णी ५८४ सामल ९६ साल(ळ)व ५५६ सामा ५७१, ५९०, ८३९ साला २०७, ९३४ सामाजिक ४१४ सालि ४५०, १००७ सामि ७२५, १०८४,.१०९४, | सालुक ६८८ १२०० | सालोहित २४३ सामिक २४०, १०४१, ११२२ । साव ९९ सामिप्य ११६६ सावण ७५ सामिभगिनी २४५ | सावत्थी १९९ Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः ११३ सावित्ति(स्थि) ४१७ सास ३२९ सासन ५५७, ९९२ सासप ४५१, १११६ साहस ३४९, ११३० साहसा ११४८ साहु ११४४ साळ ५३९, ५६२, ९३४ साळिका ६२६ साळुर ५१९ (प्ति) सि ११७ ( एक) सिंसपा ५७१ सिकता ६६३ सिक्का ५२५, ९१९ सिक्खमाना ४३८ सिक्खा ११० सिक्खित ७२० सिखण्ड ६३५, १०८५ सिखण्डक २५७ सिखण्डी ६३४ सिखर ५४२, ६०८, ९९३ सिखरी ६०५, १११४ सिखा ३५, ३५१, ६३४ ८७२, १०८५ सिखी ३३, ६३४, १०४१ सिगाल ६१५ सिग्गु ५५५ सिंग ४९७, ६०८, ८८७ स्प्रिंगार १०२, १०३, १०४ सिंगाल ६१५ सिंगिनी ४९८ सिंगीवेर ४५९ सिंगी ४८८, ५९०, ६७१ सिंघाट ५८३ सिंधाटक २०३, १०१० सिंघानिका ३२४ सित ९५, १७५, ७४७, ९९९, १०६८, १०७० सितपण्णास ५७९ सितपीत ९६ सितम्भ ३०५ सिता ४४९ सिस्थ ९५९ सित्थक ४९४ | सिद्ध १३, ७४८ सिद्धस्थ ४, ४५१, १११६ सिथिलचम्म ९०० सिद्धन्त १६१ सिद्धि ८९० सिनान २९९ सिनिद्ध ७२६ सिनेरु २६ सिनेह १७३ सिन्दी ६०३ सिंदुवार ५७४ सिन्दूर ४९४ सिंधव ३६८, ४६१, १०५१ Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४ शब्दानुक्रमः सिंधु ६५९, ६८१, ८६५ सिंधुसंगम ६८१ सिप्प ५२८ सिप्पसाला २१२ सिप्पि(प्पी) ६७६ सिप्पिक ५०४ सिब्बन १०९५ सिब्बनी १६२ सिंबली ५६५ सिर २५६, ५४२, १०४६, १०९३, १११४ सिरसहि ९४६ सिरा २७९ सिरिंसप ६५३ सिरिवास ३०६ सिरी ८२, ३८५, ९०६ सिरीस ५७१ सिरोवेटन २८४ सिरोधरा २६३ सिरोमणि २८३ सिला २०५ सिलाघा ११८ सिलापोक्खरणी ६०९ सिलाभू ६५२ सिलुच्चय ६०५ सिलुत्त ६५२ सिलेस ७६३, ७७४ सिलसुम २८१ सिलोक ११७, १०४१ सिव ७, १६, ८८, ७९४, १०९४ सिवा ६१५ सिवि १८४ सिविका ३७३ सिसिर ५६, ७९ ९२४ सिस्स ४०८ (सी) सीकर ३९ सीध ४०, ९२९. १०७५, । ११५३ सीत ५६ सीतरांसि ५२ सीतल ५६, १७४, ९२४ सीता ४४९ सीपद ३२६ सीमन्त २५८ सीमन्तिनी २३० सीमा २२६, १०८२, ११३५ सीर ४४९ सीरंग ८२८ सील १७८, ४३०, १०९१ सीवथिका ४०६ सीस २५६, ४९३, १०४६ सीसच्छेज ७३७ सीह ६११, ६९६ सीहनाद ८९९ सीहपंजर २१६ सीहपुच्छि ५६४ Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रमः सहिप्पपात ६८० सुचरित ८५ सीहळ १८५ सुचि १०७० सीहासन ३५७ सुचित्त १०८७ सुचिफल ९९८ सुच्चसूचन १०१ सु ११३८, ११७९ सुजम्पती १८ सु ११२ ( एक) सुजा ४१८, १११२ सु ११३ ( एक) सुजाता २० सुंसुमार ६७४ सुज्ञ ६९८ सुंसुमारगिर २०० सुञवच ३२० सुअप्प १११७ सुठ्ठ ११३८, ११५४ सुक ६४० सुठुकत ९३७ सुकट ८५, ९३७ सुण ५१८, १११९ सुकति ७२२ सु(न)खण ५१८ सुकन्दक ५९५ सुणिसा २४८ सुकुमार २५३, ७१६ सुण्हा २५८ सुक्क ७४. ९५, २७४, ८९७, सुत २४०, ७२४, ७०७ सुति १०८, १२८, १५०, ९३४, सुक्ककाक ६४२ १०५९ सुख ८८ सुतिहीन ३२२ सुखवाही ३६९ सुत्त ५२३, ८७८ सुखुम ७०४, १०४९, १०७१।। सुत्तवठन ७७३ सुखेधित २५३ सुत्ति ६७६ सुगत २ सुदं ११५० सुगतालय ८५७ सुदत्त ४३७ सुगंध १०४६ सुदस्सन २६, ६०७, ९९८ सुगधि १४६ सुदुद्दस ७ सुंक ३५६ सुद्द ५०३ सु(सू)चक १३७ सुद्दखत्ताज ५०३ Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११६ शब्दानुक्रमः सुदित्थी ९८२ सुद्ध १०६.८, १०६९, १०७० सुद्धकम्म ७५८ सुद्धन्त २१५ सुाद्ध ११६३, ११७३ सुद्धोदनि ३४ सुधम्मा २१ सुधा २५, १०२१, १०५२ सुधासी ११ सुळी २२८ सुन ८०८ सुनिसन्नक ५९६ सुनिसा ८७७ सुंदर ६९३ सुंदरी २३० सुपण्ण ६३३ सुपण्णमातु ६२८ सुपण्णटंकसदन २०९ सुपन ९५६ सुपन्थ १९३ सुपित १७६, ९५६ सुप्प ४५५ सुप्पगब्भ ९५९ सुप्पतीक ३० सुप्पथ १९३ सुब्बच ७३० सुब्बत्त १०९१ सुभ ८१, ६९४ सुभग ६९७ सुमन ७२३ सुमना ५७६ सुमेरु २६ सुर ११, १०४४ सुरजेट्ठ १५ सुरत १०५६ सुरनदी २७ सुरनाथ १९ सुरपथ ४६ सुरभि १४६ सुररिपु १४ सुरा ५३३ सुरिय ६२ सुव ६४० सुवाण्ण ४८०, ४८७, ८०९ सुवण्णकार ५०६ सुवस्थी ११६० सुवान(ण) ६१९ सुवीर २३ सुवे ११५५ सुसमा ५५ सुसवी ५९६ सुसान ४०५ सुसिर १३९, ११२, ६४९, ६५०, ९१५, १०१३ सुसी ६५० सुसु २५३ सुसुक ६७२, १००३ सुसेन(ण) ५७८ Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुस्सन १५७ सुस्सुसा ४२८, ९३० सहद ३४६ ( सू ) सूकर ६१७, १९१५ सुकरिक ५१३ सूचक १०६८ सूचन १०१ सूचि ४३९ सूचिमुख ६५६ सूचिविज्झन ५२८ सूत ३७६, ५०४, १०८१, १०९५ सूद ४६४ सून (ण) ५१९ सूना ५२१ सूनु २४१ सूप ४६४, १०४८ शब्दानुक्रमः सूपकार ४६४ सूर ६१, ६२, ३८०, १०७७, ११०२ सूरत ७२७ सूरत ८८५ सूल ३२९, ८८१ सूलि १६ ( से ) से ११४ (एक) सेख ४३५ सखर ३०८ | सेखरिक ५८३ सेट्ठ ६९५, १०६२, १११४ सेट्ठि ३५ सेण ३०८ सेणी ५७४, ५३९ | सेत ९५, ३१३, १०७३ | सेतच्छद ६४६ | सेतट्टि (ट्टि) का ४५४ | सेतम्ब ५९८ सेतम्बुज ८९६ संतलोहित ९७ ११७ सेतु ९१, ९७, १८९, ११००, | सेद १०५०, १०८८ | सेदज ७४१ सेन ३०८, ६३७, ११२१ सेना ३८१, ८९४, १०५६ | सेनानी ३४० | सेनासन १९२१ सेपण्णी ५६८ सेफालिका ५७५ सेम्ह २८१ सेय्य ८८, ६९५, ९१८ | सेय्यथापि १९४२ | सेय्यथापि नाम ११४३ सेय्या ३०८, ४२२, ११२१ | सेरी ७२८ | सेरेय्यफ ५७९ सेल ६०५, ९०४ १०३०, १११३, १११७ Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११८ शब्दानुक्रमः सेलन ८९९ सोधनी २२३ सेलभेद १०२५ सोन ५१८ सेलु ५५८ सोनक ५७२ सेलेय्य ५९१ सोपाण २१६ सेवक ३४२ सोपाणंग ८५२ सेवन १०५५ सोप्प १७६, १०५४ सेवाल ६८९ सोफ ३२७ (स) सोब्भ ६५० सो ११५ ( एक) सोब्भानु ६१ सोक ६५, ११७० सोमंजन ५५४ सोगत ९३६ सोभन(ण) ६९३, ११७९ सोगन्धिक ४७५, ६८९ सोभा ५४ सोचन १६५ सोभासंपत्ति ९६० सोचिक ५०७ सोम ५१, ११३४ सोण ९५. ५१८, १११९ सोमवक्क ५६७ सोणित २८१ सोमनस्स ८४७ सोणी २७२ सोमवाल्लक ५८६ सोण्ड ३६५, ७३०, ९३१,९३८ सोविदल्ल ३४२ सोण्डा २१२ सोवीर ४६० सोण्डिक ५११ सोस ३२३ सोण्डी ६०९ सोहिच्च ४६८ सोण्ण ४८७ स्नेह १७३ सोत १५०, ९३४, १०६४ । (स्वा) सोतविधेय्य ७९८ स्वान(ण) ५१९ सोतापन्न ४३५, १००२ (स्वी) सो(स्थिथ)त्तिय ४०८, ९०३ स्वीकार ११९१ सोय ३२७ सोथघाती ५९६ (म्वे ) सोदर २५९ स्वे ११५५ Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ह ) ह ११५० ह ११८ ( एक ) हंस ६४६ हज्ज ६९७ हट्ठ ७५२, ९३५ हचित्त ७५२, ११००८ हठ ४०० हत्थ ५९, २५७. २६५, ३६५, ९३१, १००७ हत्थानीक ३८३ हरथारोह ३६७ हथि ३६० हाथकर ९३५ हत्थीगोपक ३६७ हस्थिघटा ३६२ हत्थिदान ११२८ हस्थिनख २०८ हथिनी ३६२ हस्थिप ३६७ हरिथमेण्ड ३६७ हत्थिलिंग ६३९, १०१४ हरिथसिरोपिण्ड ३६३ हस्थि सोण्डविहंगम ६३९ हत्थी १०१४ हृदय १५२, २७०, ८५२ हृदयग ९४५ हृदयंगम १२५ हवत्थु ८५२ शब्दानुक्रमः हदयाळु ७२२ हदयी ७२२ | हनन ४०३ हनु २६२ हिन्द ११५७, ११९३ हम्भो १९३९ हम्मिय २०८ हय ३६८ २६८, हयपोतक ३६९ | हयानकि ३८३ हर १७ हरी १६, ९७,४८७, ८६९ हरिचंदन ३०१ हरिण ६१७ हरित ९७, १०१६ हरिताल ४९३ हरितकी ५६९ हरे ११३९ | हल ४४९ हलपद्धति ४४९ हलाहल ६५५ हलियाभ ९७, १००८ हव ७६२ | हवि ४१८ हवे १९४० हव्य ४१८ हव्यपाक ४१८ | हसन १७५ | हसित १७५ ११९ Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२० शब्दानुक्रमः (ही) हान ६९९, ७५४, ७३०, ११६५, ११७४ हीया ११५५ हीळित ७४७ हु १२२ ( एक) हुतावह ३४ हुतास ३५ हुसा २४८ हूति ७६२ (हे ) हस्स १०२ (हा) हा ११५९, १२०१ हा ११९ ( एक) हाटक ४८७ हानि ११२९, ११७३ हायन ८१, १०६२ हार २८५, १११६, ११२४ हारी ६९३ हाव १७४ हास ८७, १७५, ११०८ ११९२, ११९३ ( हि) हि ११४९, ११९७ हि १२० (एक) हिंसन ४०३ हिंसा ४०३ हिसापन १२०१ हिसासील ७३१ हित ११७४ हिन्ताल ६०४ हिम ५६, १०७४ हिमवन्तु ६०६ हिमरासि ५२ हिमाचल ६०६ हिरज ४८६, ४८८, १०६१ हिरञ्जगब्भ १५ हिरि १५८ हिरिवेर ५९१ chocho Cho हे १२२ ( एक ) हेढा ११५६ हेति ३.५, १११५ हेतु ९१, ९७२, ११२७ ११३२, ११८८, ११९७ हेतुकत ९५१ हेम ३६१, ४८७, १०६१ हेमन्त ७९ हेरञिक ३४३ हेला १७४ हेसा ११९ (हो) होतब्ब १११४ होमदब्बि ४१८ Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संधिपदानं दस्सनसूचि । गाथा पदच्छेद १ चक्खुमा-अंगीरसो २ लोफनाथो-अनधिवरो ५ च-आदिच्चबन्धु ६ लेणं-अरूपं ., सञ्च-अनालयं ७ सिवं-अमतं ,, सरणं-अनीतिक , धुवं-अनिदस्सनं ,, -अकतं ,, ~~-अपलोकितं ,, निपुणं-अनन्तं ,, -अक्ख रं ८-अव्यापज्झ ९ पारं-अपि "विमुत्ति-असंखतधातु १० तु-असेक्खो गाथा पदच्छेद २० सुजाता-अस्स २१ चेव-अमरावती २४ च-अलम्बुसा २५ पियूसं-अमतं २७ तथा-आकासगंगा २८ संतान-आदयो २९ पतीचि-उदीचि ,, दक्खिणा-आपाचि ,, -अनुदिसा ३० -अञ्जनो ३१ नागाधिपति-ईरितो ३२ - आलकमन्दा ३३ - अनलो ३४ –अच्चिमा ,, धूमकेतु-अग्गि ३५ -अच्चि ३६ भस्मस्मि-अंगारो ,, - अला " तथा अरहा ११ तु-अमरा , -अमतपा १२ निज्जरा-अनिमिसा १३ पिसाच-आदि १६ चक्कपाणि-अथ ,, पसुपति-अपि १९ भूतपति-अपि " ~ उम्मुकं ,, च-एधो ,, तथा-इन्धनं ३७ अथ ओभासो ,, च-आलोको ,, -उज्जोत Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२२ गाथा " आतपा -अनिल 97 "" ३८ छ- उद्धगंमो च-अघोगमो "" ३९ अस्सार - अंगानुसारिनो ४० तुण्णं - अरं च-अविलंबितं ४१ निचं अविरतं -अनारतं "" "" "" सस्ततं - अनवरतं भूस-अतिसयो ,, तिब्ब-एकन्त " -अतिमत्त, बाळहानि ४५ खं- आदिच्चपथो -अब्भं गगनं - अम्बरं "" ४६ च- अनिलपथो ४७ - अंबुधरो - अम्बुदो "" पदच्छेद "" ४८ - अक्खणा 3: च - अचिरप्पभा ४९ रसितं आदि "" पदच्छेदचि । ५० तु-अपधारणं ५१ तिरोधान - अन्तराधान -अपिधान - छादनानि "" ५३ तु-अद्धो ५४ - छवि गाथा ५५ लक्खं - अंको अभिनाणं ५६ हिमं तुहिन - उत्सावो "" पदच्छेद "" ५७ तारका - उळू ५८ महसिरं- अद्दा -च-असिंलेसा "" ५९ विसाखा - अनुराधा - आसाळहा 33 ६० पुब्ब- उत्तर, भद्दपंदा रेवती-अपि, इति "" ६४ च- आभा 33 भानु-अंसु ६५ - अरुणो ६६ - अद्धा ६८ कल्लं-अपि, अथ ७३ (अ)पि अमावासी ७४ घटिकासट्ठी - अहोरतो ७५ च - आसाळ्हो "" पोट्टपाद - अस्सयुंजा ७८ सिसिरं उतु ८३ पन - अदिति ८४ वेरं-अंघ " 37 अपुज्ञ-अकुसलं दुरितं आगु ८५ धम्मं - अनित्थियं च - इहलौकिकं ८६ संदिडिकं अथो 39 Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गाथा च - उत्तरकालो 19 ८७ -अत्तमनता पमुद-आमोदा " ८८ फासु-अथ ९० विधि - ईरितो जननं - उब्भवो "" ९२ अत्ता ९४ छ- आरम्मणा - आलम्बणानि 29 ९५ सित ओदाता ९६ कण्ह - मसिता १०० नाय्यं इदत्तयं १०१ - अभिनयो पदच्छेद 99 ११४ आख्या " 99 १०२ वीर अब्भुत १०८ - साम १०९ च अंगीरसो ११३ आख्यायिका उपलद्धस्था दण्डनीति-अस्थसत्थास्मि 33 "" - अंगविक्खपो "" पदच्छेदसूचि । अव्हा - अभिधानं नाम - अव्हयो नामधेय्यं अधिवचनं च- उत्तरं 33 ११५ तीसु-अनुयोगो 19 तथा - उदाहरणं ११७ (स्या) दि - अब्भक्खानं गाथा पदच्छेद ११८ (अ) थ - उपज्ञसो ११९ च उपक्कोस ११९ - अवण्णवाद ,, - अनुवादा जनवाद - अपवाद "" १२१ परिभासनं उच्चते १२३ - अनुलापो आदोभासनं - आलोपो " १२६ रहितं -अबद्धं १२७ च अवितथं ,, तीसु-अलिकं तु-असच्च "" १३० वस्तिं - उच्च १३९ विततं - आततविततं १४३ आलिंग-अंक्य - ,” – उद्धका १४५ तु- आमोदो १४९ तु अक्खं - इन्द्रियं "" ," तु - आक्ख च - अच्छि 59 १५१ च अत्तभावो १५३ पटिभानं - अमोहो १५५ - अप्पना ,, - ऊहा - आयु " १५६ उस्साह आतप्प - ईहा 39 १२३ Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२४ पदच्छेदसूचि । - गाथा पदच्छेद १५८ तु-अनुस्सति १५९ तु-उपेक्खा १६० ---अनुकंपा ,, विरति-अरति १६१ मेत्ति-अथ १६२ निकन्ति-आसा १६३ --अभिलासो १६४ कोध-आघाता ,, -अनभिरद्धि १६५ बद्धवेरं-उपनाहो १६६ भयं-उत्तासा १६७ भयंकर-इमे १६८ --अविजा ,, -अजाणं १६९ उद्धच्चं-उद्धटं , कुक्कुच्च-एव च , -अनुतापो १७० विमति-अपि १७१ -अभिमानो ,, - अहंकारो ,, -ज्ञानं-उच्चते १७२ (अ)पि-अनादरो ,, (अ)पि-अवज्ञा १८२ ---अवनि तु-ऊसरो १८३ च-अपर-गोयानं १८४ -अवन्ति १८५ भग्गा-अंग गाथा पदच्छेद १८५ पण्डु-आदी १९. च-अद्धा १९१ -अयनं १९२ एकपदी-एकपदिके १९३ तु-अपथं १९४ -अणु १९५ सत्त-अंगुलं १९६ वीसति-उसमें ,, गावुतं-उसभासीति १९८ नगर-इत्थी १९९ नगरं-अञत्र ,, मिथिला-आळवी २०० कोसम्बी-उज्जेनियो २०१ साकेतं-इन्दपत्तं ,, च-उक्कट्ठा २०४ तु-अट्टालको . २०५ सदनं-अगारं ,, निलयो-आलयो २०६ च-आवसथो २०७ वसति-अपि ,, चेतिय-आयातनानि २०९ सदनं अड्ढयोगो २१० पटिक्कमन-ईरितं २१२ ठानं अस्समो २१५ -अन्तेपुरं २१६ --आरोहणं. ,, -अधिरोहिणी | २१७ -अग्गळत्थम्भो Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदच्छेदसचि। गाथा.. पदच्छेद २१८ चच्चरं-अंगणं ,, पघण-आलिन्दा २२२ -आवापूरणं २२४ -उक्लापो २२५ भागमच्चादीभि-ओधि २३० -अंगना " -अबला २३२ -अभिसारिका २३३ वरारोहा-उत्तमा २३६ -इक्खणिका २३८ तु-आलि , चेव-अतिचारिणी २३९ -आपन्नसत्ता १० अथ-उपपति ,, (अ)थ-अपञ्च , -अत्रजो २५१ तु-ओरसो २४४ -अम्बा २५२ अथ-उत्तानसयो , -उत्तानसेय्यको २५४ -अनुजो २५६ सीस-उत्तमंगानि __, उत्तमंगरुह २६० नेत्तजल-अस्सूनि ,, लपनं-आननं २६२ दन्तावरणं-ओट्टो २६२ हनु-इस्थी २६४ पस्सं-अनिस्थियं गाथा पदच्छेद २६५ कपोणि-अथ २६६ -अंगुलि ,, पंच-अंगुट्टो ,, -अनामिका २६८ -अजली २७१ (इ )त्थी-उदरं २७३ फलं-एवच लिंग-अण्डं २७५ मीळहं-उक्कारो ,, मुत्तं-उच्चते २७६ उच्छंग-अंका २७८ तु-अवयवो , धातु-इस्थि २७९ धमनी-अथ २८० रसहरणी-अथो , उत्तत्तं-अथ २८३ व-आभरणं २८४ वेठनं-उण्हीसं २८६ अंगुलीयकं-अगुल्याभरणं २८७ -अंगुलिमुद्दा ,, केयूरं-अंगदं २८९ तथा-उन्नत २९० चेलं-अच्छादनं ,, वसनं-अंसुकं २९२ निवासनं-अन्तरीयानि २९२ --अन्तरं " -अन्तरवासको , तु-उत्तरासंगो Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२६ पदच्छेदसाचि। - - गाथा पदच्छेद ३३१ कुसल-अनामयं ,, -आरोग्यं ३३२ सन्तान-अभिजना ,, गोत्तं-अन्वयो ,, संतति-अथो ३३३ च-अय्यो ३४० -अमच्चो ३४१-अक्खदस्सो ३४३ -अधिकतो ३४४ सपत्त-अराति ,, सत्तु-अरि ,, पटिक्ख-अहिता ३४५ (अ)थ-अनुरोधो गाथा पदच्छेद २९२ उपसंब्यानं-उत्तरं २९३ उत्तरीयं-अथो २९५ -आरोहो २९७ खोम-आदि २९९ पुन्नपुंसकं-उल्लोचं ,, (अ)थ-उब्बट्टन ,, उम्मज्जनं ३०२ तु-अगरु , च-अगळु ३०४ कोसफलं-अथो ३०६ -अंजनं ३०७ वासनं-उच्चते. ३०८ सेखर-आवेळा ३०९ तु-अटनी ३११ च-उपधानं ,, पीठ-आसनं ., (अ)थ- आसन्दि ३१३ हि-उद्दलोमी ३१६ तु आदास,दप्पना ३१८ विवाम-उपयमो ३२२ व्याधित-आतुरा ३२३ गेलज-अकल्लं ,, -आबाधो ३२१ तु-अरु ३२७ सयथु-उदितो ,, वमथु-उदितो ३३० मेसज्ज-अगदो ,, च-ओसधं " अनुवत्तनं ३४७ -अद्धगु ३५१ पभाव-उस्साहमन्तान ३५३ तु-ओपायिक ३५४ च-अनुसिट्टि , -अनुसासनं ३५५ वुत्तं-अपराधो ३५६ ततो-उपायन ,, -उक्कोचो ,, (अ)थ-आयो ३५७ सीहासनं-अथो ३५८ छत्तं-उण्हीसं ३६० हस्थि-अस्सरथ ३६१ हेम-उपोसथ ३६४ आलानं-आव्हको Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदच्छेदसाचे। १२७ गाथा पदच्छेद १११ च-आचरियो ४१२ पारंपरियं-एतिरह ,, -उपदेसो ,, तथा-इतिहा ४१३ वाजपेय्यं-इति ४१९ तु-अरणी ,, माहपञ्चो-आहवनीयो ४२० विहायितं-अपवजनं ४२३ (एतं-उद्धदेहिक ४२४ आवेसिका ,, (अ)थ-अग्घं गाथा पदच्छेद ३६४ -अंदुको ३६९ तस्स-आजानीयो ३७१ ---अस्सा ,, पुच्छं-अनिस्थी ३७३ (अ)पि-अनं ३७४ रथगुत्ति-अथ ३७५ तु-अक्खो ,, -उपक्खरआदयो ३७९ जेय्यं-उच्चते ३८० -अनुचरो ३८४ या-अक्खोहिणी ३८५ च-आपदा ,, अथ-आयुधं ३८९ कण्डं-उसु ,, तेजनं-असनं ३९० तु-उपासन ३९२ सत्ति-असिपुस्ति ३९४ सत्ति-आदि , -अस्सो ३९७ -धजो ,, -अहमहमिका ३९९ युद्धं-आयोधनं ४०३ पलायन-अपक्कमो ४०१ च-अच्चयो ,, -अग्घियं ४२५ अपचिति अञ्चना , -उपहारो ४२६ च-अभिवादनं ,, धि-ईरितं ४२८ -अन्वेसना ४२९ मोणं-अभासनं ,, अनुपुब्बि -अपुमे ४३० -अज्झाचारो ४३१ आभिसमाचारिक उच्चते ४३३ इसि-ईरितो ४३४ --उपतिस्सो ,, धम्मसेनापति-ईरितो ४३५ -अधिगतो ,, -अनरियो ४३७ अनाथपिण्डिको ४३८ भिक्खू-अपि ,, -अन्तो ४०७ तु-असु १०८ सिस्स-अन्तेवासिनो ४१० (अथ-आचरियो Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२८ पदच्छेदसाचे । गाथा पदच्छेद ५३९ परिस्सावनं-इतच्चे ४४६ गहठ्ठ-अगारिका ४४७ केदारं-उच्चते ,, थी-अवदारणं ४४८ लवित्तं-असितं ४५० -अपरण्णं ४५२ थम्भकरी-ईरितो ४५३ नाळं-अथ १५५ सुप्प अनिस्थियं ,, अथ-उध्धनं ४५६ खलोपि-उक्खाल ,, थालि-उखा १५७ (अ)थ-अमतं १५८ कोडें-उच्चते ४६० लोणं-उच्चते ४६३ -अक्खत्तं , पूप-अपूपा ४६५ च-अण्णं ,, -अथ , -असन ४६६ -आचामो ४६९ तु-इ8 ,, सस्थवाह-आपणिक ४७० -अधमण्णे ४७२ -उपनिधि ,, -ईरितो ४७४ -पकोटियो १७५ चेव-अटवं गाथा पदच्छेद १७५ सोगन्धिक-उप्पलं १७६ महाकथान-असंखय्यो १७७ अड्ढतियो १७९ धरणं-अट्ठकं १८५ वसु-अस्थो ४८९ सज्झं-अथो ४९२ तु-अब्भक ४९४ सिन्दूर-अथ ,, -खुदं ४९९ दाम-उच्चते ५०२ तु-अजो ५०३ -अन्तवण्णो ५०६ थपति अपि ,, -उसुवड्ढकी ५१७ किरात-आदि ५२१ जालं उच्चते ५२२ धेन-एकागारिका ५२७ मुट्टि-अधिकारिणी ५२९ पटिनिधि-ईरितो ५३० ओपम्म-उपमानं ,, च-उपमा ५३१ -अक्खधुत्तो ,, जुतकार-अक्खदेविनो ५३२ अट्ठापदं ., -अब्भुतो ५३३ -आसवो ५३६ तु-अरञानि ५३७ तथा-उपवनं. Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गाथा ५३७ – उच्चते ५३८ रज्ञ - उय्यानं -उच्चते 33 "" "" तदेव - पमदवनं अन्तपुरोचितं ५६९ वीथी - आवलि ५४१ मरति - ओसाध पदच्छेद -अफला 35 ५४२ - अगं ५५२ कतमाल - इन्दीवरा ५५५ तु अतिमुत्तको ५५७ तथा - अंकोळो ५६२ - अस्सकण्णे पदच्छेदसूचि । ५६९ - आमलकी ५७४ तस्स-आग्गमन्थो "" ५७७ – अस्समारको ५७८ माध्यं उच्चते (अ)थ-अमिला तो ५८० तु अग्गिसन्नितो ५८१ तु अलको ५८३ इहपिप्पली ५८४ गिरिकण्णी - अपराजिता "" -थिरा ५८६ तु अतिविसा ५९१ सेलेय्यं - अस्मपुष्कं ५९२ जातिमत्तम्भि - ओसधं ५९४ - अप्पमारिसो ६९६ तुम्बी- अलाबु १७ गाथा ५९८ फग्गव-आदयो ५९९ तु उच्छु ६०१ कास - इत्थी तु उसीरं 77 ६०५ सेलो- अद्दि नग - अचल (अ)थ-अब्भ पासाणो-अस्मा 77 "" "" - उपलो "" ६०६ - इसिगिलि च - उदयो - अपरसेलो "" पदच्छेद 75 -अत्थो "" ६०९ निकुंज - इत्थि, न ६१० उद्धं अधिच्चका ६१० ( आ ) सन्नाभूमि - उपच्चका तु उपन्त सेलो "" ६१८ तु-आखु ६१९ सरभ- आदि ६२० कदलिमंग आदि ६२१ तु-आळि ६२२ सतपदि-अथ ६२४ खग - अंडजा ६२६ सातक-आदयो ६३५ पिञ्छ- अपि-अथ ६३८ तु-अरिट्टो ६४५ खुद-आदि ६४७ ---आख्या १२९ Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३० पदच्छेदसूचि । गाथा पदच्छद ६५१ -अजगरो ६५२ - अस्सतरो ६५३ भुजंगो-अहि ,, सप्प-अलगद्दा ६५६ काळकूट-आदयो ,, वाळगाहि-अहिताण्डको ६५९ जलंनिधि-उदधि खीरण्णव-आदयो ६६१ नोय-अंबु ,, --उदकं ६६५ नु अपार ,, .---उच्चते ६.८ मिय-अदयो .. या अन्नणं ६९. (भ) -उत्तानं " तु-अतलम्फस्सं ,, कळुस-आविला ६७१ पुथुलोम-अंबुजो ६१२ मकर-आवयो ६०८ - अंबुनाकर ६८० च-अखातं ६८२ -अचिरवती ६८७ सद्धं-अनिस्थियं ६८८ तु-इन्दीवरं , सालुक-उच्चते ६८९ भिसिनी-अंबुजिनी ६९. पणक-आदयो गाथा पदच्छेद ६९४ पमुखो-अनुत्तरो ६९५ परं-अग्गज ,, -उत्तरं ६९६ विसिट्ठो अरियो नाग-एक , -उसभ , -अग्गा ६९७ पीतिजननं-अव्यासक ,, -असेचनं ६९८ सुळ-अथ ,, -असार ६९९ इत्तर-आवज्ज ७०० अधम आमक ७०१ गरु-ऊरु ,, विस्थिण्णं-अथो ७२ समत्तं-आखलं ,, कसिणं-असेसं ७०४ थोक-अप्पं ७०५ मत्ता-इस्थियं , लव-अणु ,, निकटं-आसन्नो ., -उपकट्ठो ,, -अभ्यासं ७०६ सन्निकट्ठ-उपान्तकं ,, च-अन्तिकं ७०७ अथ-आयत ,, दीर्घ-अथा | ७११ चण्ड-उग्गं Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदच्छेदसूचि। १३१ गाथा पदच्छेद ७३७ सठो-अनुजु ७४० काकतालीय उच्चत ७४१ तु-ओपपातिका ७४२ परियापन्नं-अन्तोगध " पा गाथा पदच्छेद ७१२ तथा-अधिको ७१३ अभिनवो ७१४ अनिस्थि-अन्तो पच्छिम-अन्तिमां ७१५ तु-अग्गं , पठम-आद ,, अनुच्छविकं , -अथ ७१६ पञ्चक्खं-इन्द्रियग्गरह ,, -अपञ्चक्खं ,, आनन्द्रियं ७१७ इतर-अअतरो ७१८ अथ-एकाकी ७१९ तु-अपसव्यं ७२०संकिण्ण-आकिण्ण ,, पवीन-अभिन ७२१ -अविनं ७२४ -अभिजाता ७२५ पति-ईस " -अधिपति " अय्यो-अधिपो ,, -अधिभू ,, तु-अड्ढो ७३२ तु-अञ्चन्तकोधनो ७३४ दिगम्बर-अवस्थो ७३५ दुम्मुखो-अबद्धमुखो ७३६ अच्छत्यि " -अब्भुता ७४३ तु-प्रकरणी ८४४ नुत्त-अ खितः ,, व ईत ,, - आविधा ७४५ गम्म-आसनं , संवितं-आवुतं ७१९ आभतं आनीता ४५० पूजितं-अरहित , --अच्चिता ,, च-अपचितो ७५१ च-उपचरितो ७५३ तिन्तो-अल्ल , --अद्द ,, किलिन्न-उन्ना ,, पत्तं-उच्चते ७५४ गोपायितं-आविता पालितं-अथ ७५५ वुत्त-अभिहित , --आख्यात ,, भाणत-उदिता ०५६ अवकिका गणिता ,, पा • त- अनिता ७५७ विदित-अवगतं Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३२ पदच्छेदसाच। गाथा पदच्छद ,, भक्खित-अज्झोहट ,, -असिता ७५९ अकोसनं-अभिस्संगो ,, याचना-अस्थना ७६० (अ)थ-आपुच्छन , -आनंदनानि ,, सभाजनं-अथो ७६१ तु-अतिसयो ७६२ वेदनं-इत्थीवा ७६३ -पमा ,, तु-अपचयो ७६४ तु-इंगितं ७६५ विकति-अपि ,, उपवेसन-आसनं ७६६ च-अभिसंधि ,, -अधिमुत्ति ७६७ वेभज्झं-उच्यते ७७० - अभिलावो ,, -अवसरो ७७१ -अतिसयो ,, अथ-अब्भन्तरं ,, ~अन्तरं ७७२ पाटिहारि-उच्चते ७७४ ---अपुमे ७७६ -अजथाभावो ,, ---अतिकमो ,, तु-अतिपातो ७८० पण्णत्तिय-उपोसथो गाथा पदच्छेद ७८१ धम्म-उरचक्केसु , -इरियापथे ७८२ आणायं-आयुधे ,, ब्रह्मचरिय-अप्पमासु ७८३ मेथुन-अरतियं ,, पंचसीले-अरियमग्गे ,, -उपोसथंग ७८४ गुण-आचार ,, -आपत्तिसु ७८५ सद्द-अभिधेय्ये ७८६ –अव्यामिस्सेसु ,, -अनतिरेके ,, च-अनवसेसम्हि ७८८ च-अरहन्ते ,, महाभूत-अमनुस्सेसु ७९० च-आयाचने साधु-अभिधेय्यलिंगिक ७९१ -अनित्थी , च-अवसाने ७९३ -गति-ईरिता ७९५ मूसायं-उक्का ७९६ मुत्तं-अपि ७९७ च-अवधारित , -उपचितसु ,, -अभिधेय्यलिंगिको ७९९ -अन्तरकप्प , आदिके । ८०० च-अरियसच्चम्हि Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदच्छेदसचि। १३३ गाथा पदच्छेद ,, सच-ईरितं ८०१ च-आयतनं ,, खण-आकासे .., -ओधि ८०५ -अरियमग्गे ८०७ सत्तायं-अधिप्पाय ८०८ बंधवे-अत्तनि ,, -अत्तनिये ८११ कोसं-अनिस्थिय ८१४ मूलस्मि-अनुपम्हि ८१८ पकति-ईरिता ८२१ खुद्दे-अप्पके ८२२ अरिष्टुं-असुभे ८२६ च-अनुरूआयं ,, काम-अव्ययं ८२८ दंभ-असञ्चेसु ,, -अयोधणे ,, कूट-अनिस्थियं ८३० पटिवाक्य-उत्तरासंगेसु ,, -उत्तरं ,, परिस्मि-उपरि , -ईरितो ८३२ संखारादि-अभिसंखरणेसु ८३८ चित्तं-उच्चते ८४० दुजर-अलहुकेसु ८४१ -अभिधेय्यलिंगको ८४३ -अग्गं ,, पचनीक-उत्तमेसु गाथा . पदच्छेद ,, -अमओ ८४६ ठानं-इस्सरिय ८४६ ओकास ८४९ तु-उरग ,, तथा-उत्तमे ८५० तुल्येसु-एको ,, चित्त-अरहत्तेसु ८५१ रूपादि-अंस ८५३ पच्छाताप-अनुबंधेसु ,, अनुसयो ८५५ तु-अभिजनो ८५७ हेतु-आधारेसु ८५८ चित्त-एकग्गतायं ,, झान-उपायेसु ८५९ च-अंगणं ,, -उच्चते ८६० पायं-अभिमानो ८६२ -अन्तोकुच्छियं ८६४ तु-अनिस्थियं ८६५ -अण्णवे ८६६ हस्थिनियं-इत्थियं ,, -इन्दहेतिसु ८६८ -अधिकरणं ८६९ हरि-ईरितो ८७० तु-अवतंसो ८७१ चेव-असनि ,, संख्या विसेसस्मि-उक्कंसे ८७२ पधान-अग्ग Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३४ पदच्छेदसचि। गाथा पदच्छेद ९०० च-आदि-उपलद्धिय ,, अथ-उतु ९०४ अक्खिज्झ ९१० परिच्चाग-अवसानेसु ९११ -अज्झाये ९१२ चेत्र-अवसानस्मि ९१३ मुख्य-उपायेसु __, मुख-ईरितं गाथा पदच्छेद ८७२ सप्पदाठायं-आसिस्थी ८७५ मता-आयति ८७८ पमाणे इस्सरिये ,, -अप्पके ८७९ राजलिंग-उसभंगेसु ,, -अक्ख रसूपेसु ८८० खत्त-ईरित ८८१ (अ)पि-उपासन ८८५ निय्यातनं-उदीरितं ८८४ -उपाय --अवतारेसु ८८५ -अनिस्थि च-अवसरे ८८६ तु-इरीणं ,, -ऊसरे ८८७ सिंग-उच्चते ८८९ पब्ब-उच्चते ८९१ अभिसिते ८९२ च-अप्पके ,, मूळह-अपटुसु-अपि ,, च-उस्सिता ८९३ -अक्खो ,, अक्खं-इन्द्रिये ८९७ च-असुरन्तरे ८९८ पभुत्त-आयत्तता ,, -आयत्त ,, अभिलासेसु ८९९ परिभासनं-अक्कोसे ९१८ -अतिवुद्ध -अतिप्पसत्थेसु ९२२ तु-इस्सासं-उसुनो ९२३ तम्ब-अनुरत्त ९२४ तनु-इस्थि ९२९ अति-अप्पे ,, अतियुवे ,, निस्सार-अगरुसु ९३७ तु-अनुकंपाय ,, -अरहे ९४० च-अघं-उच्चते ९४१ -अतिसन्ते ९४३ तु-अपदानं ९४५ वेद-इच्छा ,, -अनुठ्ठमादिसु ९४७ -आलये ९४९ च-अनियमे ९५२ च-अनुत्तरं ९५५ बहुम्हि-अंग "-अवयव । Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 33 गाथा ९५७ - अव्ययं ९५८ - अधिवासो ९६३ तु-अवसितं ९६४ मरु - उदितो ९६५ पत्थं - आयुध, गन्थेसु ९६८ सुराय - उपद्दवे काम-आसवादिहि चतुरोपधिसु-उपाधि ९६९ कुवेर - अनुचर - अनरे 19 पदच्छेद 15 ९७० पीठं आसने ९७१ पञ्चायं उपट्टितगिराय ९७४ मधु-उदितं ९७५ सुधायं अमतं तमं - अनिस्थियं "" ९७६ खरेच - अकारिये ९७७ फरुस-असिनिद्धेसु ९७८ - अवयवे ९८१ अवतरणे ९८५ कोपिनं उच्चते ९८६ -अञ्ञम्हि ९९६ – उसम आसघगो - सेस-उसभ 35 ९९९ - अन्तरीप १००१ - अन्तरोपने १००४ -- असन पदच्छेदसूचि । -अधिकारे " १००८ अनिब्बिद्धरछायं गाथा १०११ - अगभेदे १०१५ अत्थगमे १०२० लक्खं उच्चते | १०२२ होति आलोलिते १०२३ चेव - अब्भुतो १०२४ च-अंसुचि १०२७ चैव-उप्पादो १०३२ - अधिट्टानं 39 उच्चते १०३५ – एकग्गो ,,, - अनाकुले १०४० - अज्झतं "" - उच्चते १०४९ तु-अग्गिाम्ह १०४२ तु अवसर - अहेसु "" - " १०४३ च अंको ,, दिट्ठे-ओमासे १०४४ मच्छेसु - अनिमिसो | १०४५ उलूक-इन्देस १०४६ माणव - अत्तासु १०४७ हत्थ - अंसुसु - अण्डजे पदच्छेद " पज्ज-आनन - आचारे 33 १०५५ कुच्छा - अपवादेसु १०५७ - इत्थि | १०५९ च- अन्तरे १३५ Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३६ पदच्छेदसूचि । - गाथा पदच्छेद १०६१ तु-अंक,बुद्धिसु ,, अथ-अम्बरं १०६१ रहसि-अपि १०६२ तु-आगुम्हि १०६४ पाप-असुंभेसु ,, पाप-अपराधसु १०६५ परं-इतो १०६६ दयिते-अज्झक्खे ,, महति-अपि १०६७ कोमल-अतिखिणे १०६८ सूचक-अहिंसु ,, निट्टीते-अखिले १०६९ -अन्त ,, -अधमसु ,, च-इतरो १०७० पि-अलिको १०७१ अप्पक-अणुसु १०७४ --अभिजातो ,, वुद्ध-उरुसु १०७५ उदित-उग्गते १०७७ सम-अरिसु १०७८ -अरिम्हि ,, -इक्खिते १०७९ गब्बेसु-अवलेपो १०८० -अस्सादिलोमे १०८२ च-अपचयो १०८३ पुण्णता-आवजेसु गाथा पदच्छेद १०८५ तु-अत्तनि १०८७ अविज्जाय १०८९ तीसु.अमु ,, -अंक-अपवादेसु १०९१ कुसुम-उतुसु १०९२ - अण्डं १०९४ --इच्छा , -छेदेसु , -अतिसये १०९७ घर-अपेक्खांसु १०९९ पीठेसु-आसनं ११०० --अद्धानं ११०१ अथ-अयनं ११०२ जाल-अंसुसु ,, -अच्चि ११०३ नास-असत्तेसु , -अभावो , अन्नं-ओदन ११०४ -आच्छानं ,, -अच्चने ११०६ तु-आविले ११०९ -अधिरोहे , वत्थन्तर-अक्खिसु ११९० -अपरत्र १११२ तु-अब्भं १११३ सेल-आरामे १११६ -अपांग १११७ -अतिकमे " -आलि Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदच्छेदसचि। १३७ गाथा पदच्छेद गाथा पदच्छेद १११७ रुक्खसु-अगो ११४० च-अद्धा " अपचिति-अच्चने ११४१ कीव-इति १११८ सु-ओतारो ११४२ यथेव-एवं ११२० भाग्य-एकदेसेसु ,, सेय्ययापि-एवमेवं , -अजपालके ११४३ यथरिव-अपिच ११२१ (अपि)-अंसु , तथरिव-अपिच ११२४ कुण्डिकाय-आळहके | ११४४ साधु-एवं ११२५ -उपनिसा |११४५ तेन-इति ११२६ (अ)ट्टितेसु-अट्टो ११४७ मा-अलं , च-उप्पतनं ११४८ पुरे अगतो ११२७ -अवस्था ,, पेच्च-अमुत्र ११२८ -आभिहारेपि ,, ( अ )थ-आवि ११३२ -अय्ये ११५० हे-आदयो , -आधिपति ,, -अन्तरा ,, सक्केसु आरम्मणं ,, -अवस्सं ११३३ सण्ठानं-आकारे ११५१ -अत्थु , सम्मुति-अनुज्ञा (११५२ एव-अवधारणे , च-अक्ख तं ,, महति-उच्चं ११३७ च-असकि ११५४ सत्तायं-अथि ,, च-अभिक्खणं ११५२ -अज ११३८ च-अतीव ११५७ हन्द-अथ , अतिसये ,, तु-आवि ,, सु-अति ११५८ --इत्थं , किं-उदाहु ११६१ इह-इध ,, -उद ११३९ -अंग ११४० अधुना-एतरहि-इदानि |११६२ नियोगे-इस्सरियं , तम्घ-एकसे । पूजा-अग्गसान्तसु ,, -अत्र , एत्थ-अत्थ Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३८ पदच्छेदनाचे। - - गाथा पदच्छेद ११६३ -अन्तोभाव " वियोग-अवयवेसु " प-उपसग्गा ११६४ विक्कम-आमसनादिसु ११६५ निस्सेस-अभाव " गेह-आदेस " उपमा " निग्गत-अच्चये ११६६ दस्सन-ओसान " निक्खन्त-अघो " भागेसु-अवधारणे " छेक-अन्तो " भाग-उपरतीसु ११६७ चेव-आवरणादो च ११६८ वियोग-अत्तलाभ " पातुभाव-अच्चयाभाव ११६९ कुच्छित-ईसदत्थेसु " ( अ )पि-असोभने " -अभाव " -असमिद्धिसु " च-अनंदनादीके ११७० -अप्पत्थ " -आभिमुखत्थेसु ११७१ विविधे-अतिसये " -अभावे " भुसत्थे-इस्सरिये " -अच्चये ११७२ दूर-अनभिमुख । गाथा पदच्छेद ११८२ मोह-अनवहिर्तासु ११७३ भाव-अनिच्छयं ११७४ सादिस्स-अनुपच्छिन्न " -अनुवत्तिसु " अधोभावेसु-अनुगते " विच्छा-इस्थम्भूत ११७५ निवासने-अवमा ,, -आधारेसु ११७६ विसिट्ठ-उध्दकम्म , पूजा-अधिक , कुल-असच्च ११७७ आधिके-इस्सर ,, पाठ-अधिट्ठान ,, पापुणनेसु-अघि , उपरित्त-अधिभवने ११७८ वाम-आदान ११७९ पति-इति ११८० आदिकम्म-आलिंगन ,, मरियाद-उद्धकम्म , -इच्छा ,, बंधन-अभिविधीसु १९८१ निवास-अव्हाण ,, किच्छ-ईसत्थ ,, अप्पसाद-आसि ११८२ भुसस्थ-अतिसय ,, पूजासु-अतिक्कमे १९८३ गरहा-अपेक्खासु | , अपि-ईरितं Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गाथा पदच्छेद ११८४ पूजा- अपगते ११८५ दोसक्खाण - उपपत्तिसु "" ,, भुसत्थ - अपगम-आधिक्य " कार - उपरित्तेसु ११ ८६ निदस्सन - आकार ,,, - उपमासु "" - अवधारणे "" गरहाय - इदमत्थे ११८७ - अन्वाचये च-इतरीतरे "" ११८९ च उपमायं १९९० च- अलं ,,, – अथ - अनन्तर "" -आरम्भ "" ११९१ – अपिनाम "" च - अनुमानस्मि ११९२ पुच्छा - अवधारण ,, – अनुञ्ञा पदच्छेदसूचि । गाथा "" ܕܕ 99 25 ११९३ - अनुकंपने माण अवधि - अवधारणे "" ११९४ - अभगतो खान - आलपने वत-एकंस खेद - आपने "" पदच्छेद 15 ११९५ कार - अवधारण खल-आसने - अभिमुख - उभयतो "" 39 ११९७ विससे अवधारणे निकट आगामिके "5 - ईसत्थ "" | ११९९ किर- अनुस्व - अरुचिसु ,, उद-अपि, अस्थे 95 १२०१ तु अहह | १२०३ च अव्ययीभावो च - अव्ययं १३९ Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनेकत्यसदानं सूचि । (अ) अंक १०४३ अस ११०२ अंसु ११२१ अक्क ११०२ अक्ख ८९३ अक्खत ११३३ अक्खर १०६३ अग १११७ अम्ग ८४३ अग्ध १०४८ अघ ९४० अंग ९५५ अंगण ८५९ अंञ्चय १११७ आच्चि ११०२ अच्छ १०२५ अच्छादन ११०४ अज्झत्त १०४० अट्ट ११२६ अड्ढ १०३९ अण्ड १०९२ अण्डज १०७९ अत्त ८६१ अस्थ ७८५ अद्धान ११०० अधम १०७० अधर ९३० अधिकरण ८६८ अधिटहान १०३२ अधिवास ९५८ अनथ ९७९ आनमिस १०४१ अनुत्तर ९५२ अनुबंध ९८० अनुसय १५३ अन्त ७९१ अन्तर ९०२ अन्न ११०३ अपचय १०८२ अपचिति १११७ आपदान ९४३ अपदेस ८६० अपवग्ग ९१० अपांग १११६ अब्भ १११२ अब्भुत १०२३ अभाव ११०३ आभवन्त ८३६ Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४२ अनेकत्थसहसचि। अभिख्या १०५२ अभिजन ८५५ अभिजात १०७१ अभिमान ८६० अमत ९७५ अमु १०७९ अम्बर १०६१ अम्मण १०३२ अयन ११०१ अरिट्ठ ८२२ अरिय १००२ अरुण ९८० अलिक १०७० अवतंस ८७० अवतार ९८१ अवलेप १०७९ अवसित ९६३ असन १००४ असनि ८७१ असित १००५ अंसुचि १०२४ अस्स ११०२ अस्सस्थ १०३८ अस्सम ९२८ अस्सव १०३६ (आ) आकार ९८१ आगम ९५१ आगु १०६४ आतंक १०४५ आताप ११३५ आदि ९७८ आधार १०११ आभोग १०८३ आमिस १४० आमोद ११०८ आयतन ८०१ आयति ८७५ आरंभ ८५२ आरम्मण ११२३ आराधन ८८७ आरोह ११०९ आलम्बर ८५४ आलय १०९७ आलि १०८३ आलोक १०४३ आवेसन ९०६ आसन १०९९ आसय ९३६ आसव ९६८ आसि ८७२ आहार ८५६ इतर २०६९ इन्द ११३२ इन्दखील १००६ इन्दीवर १००३ इरीण ८८६ Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनेकत्थसहसाच । इस्सर १०९४ इस्सास ९८२ (उ) उक्का ७९५ उग्ग ९८२ उग्गमन ९६० उठान ८८६ उ ८७६ उण्हीस ८६२ उतु ९०० उतस ८७० उत्तर ८३० उदित १०७५ उद्धार ११२३ उपचार १००१ उपधि ९६८ उपनिसा ११२५ उपपतन ११२६ उपलद्धि १०५३ उपसग्ग१०३६ उपहार ११२८ उपासन ८८१ उपोसथ ७८० उप्पाद १०२७ उय्यान ११५६ उसभ ९९६ उस्सित ८९२ उळार ८४४ एक ८२० एकग्ग१०३५ एळक ११२३ एळा १०१० ( ओ) ओक १०६० ओकास ११०१ ओघ ७४६ ओजा ९४२ ओदात १०६८ ओधि ११३५ ओतार १११८ ओठ ११०६ (क) कंस ९०५ ककुध ८७८ कक्क ९२७ ककस ९८५ कंगु १०५५ कच्छ ८१३ कंचुक ९६२ कट ९९७ कटु ९७६ कट्ठ १०४० कण १०४७ कणिका ८७५ कणेरु ८६६ कंटक ९१२ कण्ड ८८५ (ए) Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४४ अनेकत्यसहसचि। कण्ण ११२० कण्ह १००० कतक १०३६ कनिट्ठ ९२९ कनिय ९२९ कन्ता ९४८ कन्तार ११०७ कन्ति १०५६ कदम्ब १०९२ कदली ९८६ कपाल ९४६ कपोत ९८४ कप्प ७९८ कपन ९५४ कम्बु ९६६ कर १०४७ करका १०१२ करण ९०१ करीस ९९५ कलंक १०८९ कला ८७४ कलाप ८६३ कली ११०६ कलुस ११०६ कल्याण १०७४ कल्ल ९८३ कवि ११०५ कसाय ९६० काच ८१९ काम ८२६ काय १०८४ कार १०११ कारण ११२७ कारिका ११०५ काल १०८२ कास ११२५ कासु ११२५ किं ९४९ किब्बिस १६०२ कुट्ठ ११२० कुमार ९०७ कुंभ ८५३ कुभण्ड १०३० कुरूर ९२८ कुल १०६० कुस १०७९ कुसल ८०३ कुसुम ११०५ कुहण ९८३ कुहर १०९२ कूट ८२८ कूप.९३१ केतन १०९२ केतु ११०५ केवल ७८६ कोटि ८७१ कोठ ८६२ कोण ८६७ Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनेकत्थसहसचि। १४५ कोपीन ९८५ कोस ८११ कोसय १०४५ क्रिया ८७७ (ख) खग्ग १०९२ खण ८५५ खत्ता १०९५ खन्ध ८५१ खम ९९४ खय ९३४ खर ९६७ खल ९२७ खार ११३४ खारक १११६ खुद्द ८२१ खत्त ८८० खेप १००८ खम १०३७ (ग ) गण १०५० गंड १०४८ गति ७९३ गदा १०९९ गंध ११२९ गधब्ब ९०२ गब्भ ९४३ गरु ८४० गवि ११४४ गह ९१९ गहाण ९७२ गाथा १०९० गाम ११०७ गामाण ९२० गीवा ११२९ गुण ७८७ गुम्ब ८६१ गुरंह १०६१ गुळ १०८८ गो ८६९ गोत्र १०६० गोपुर १०६५ (ध) घटा ११२८ धन ८२० धम्म ९५४ घास ११०३ घोस १०८१ चक्र ७८१ चक्खु ८३५ चपल १०७५ चम्म ११०७ चय ११२८ चर ११०७ चाग ११२९ चारु ११०८ चित्त ८३८ Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४६ अनेकत्वसहसचि। चुण्ण १०२१ चुल्ल १११९ चूळा ८६४ चेतिय ९५५ ठान ८१६ ठिति १०५८ छत्त ११३० छन्द ९४५ छन्न ८३४ छल ११०८ छव १०२६ छाया ९५३ छिद्द १०१३ (ज) जगति ९९७ जटा ९४७ जनपद १०८९ जात १०७७ जाति ७९२ जाल ९४८ जिघञ १०६९ जीव ११०३ जति १०८६ जुण्हा ९१७ जेटु ९१८ जेय्य १०२२ जोति ८८४ (ञ) जाणदस्सन ७९४ तक ९९८ तच ११०९ तण्हा १०५७ तथागत १०९९ तनु ९२४ तन्न ८८२ तन्ति ८८२ तन्दि १०५४ तप १०६२ तपस्सी ९३७ तम ९७५ तम्ब ९६३ तरुण १०७३ तल १०९० तारका १०८२ तारा ९०१ ताळ ९०१ तित्थ ८८४ तिळक ९४४ तुम्ब ११४२ तुला ८२३ तेज १०९४ (थ) थम्भ १०१८ थूल १०६६ Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( द ) दक्खिण ९८६ दण्ड १०४४ दब्ब ९१३ दम ८४७ दर ११११ दल १०८६ दव ११२६ दसा ११२७ दस्सन ८८८ दह १०८३ दान १०१४ दाय ८९८ दायाद १०४६ दिक्ख । १९०४ दिट्ठ १०७८ दित्त १०७५ दिद्ध ९५८ दिव १११९ दीप ९९९ दुट्ठ १०७७ दुतिया ९८७ देव ८४२ देवन ८८० दोस ११२५ ( द्व ) द्वार १११० द्विज १०४७ द्विजिन्ह १०६८ अनेकत्थसद सचि । (घ ) धंक १०४२ भज १०६४ घञ्ञ १००७ घम्म ७८४ |धव १०४१ धातु ८१७ | धारा १०९५ घावन १०८७ धिति १०५९ धीर १०७२ धुर १००४ धुव ८९३ धूमकेतु ९८७ ( न ) नग्ग १११० | नाग ८४९ नाभी १०५८ नाम ११११ | नालि १०५७ निकाय ११०४ निक्ख ८८८ निगम ८६८ निग्रोध १०४२ | निट्ठा ९१२ निदाघ ९५४ निन्दा १०५५ निपात ११२१ निब्बाण ८९६ १४७ Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४८ अनेकत्थसहसचि। - निब्बुति १०१५ निमित्त ९७८ नियम १०७८ नियामक९८८ निय्यातन८८३ निय्यूह ८६३ निरोध ९८९ निसामन ९४२ निस्सरण ९८८ नेगम १०१५ नेत्तिस १०८९ नेक्खम्भ ८३१ नेत ११०९ पकति ८१८ पकार १०१९ पकास १०१६ पक २०१७ पक्ख ८६५ पंक १०९३ पच्चय ८५७ पजा १०५३ पजापति १००० पज्ज १०३५ पअत्ति ९७१ रञाण १०६१ पटल ९४० पटिगह ९०८ टिप ११११ पार्टपत्ति ९४१ पटिपादन ९६१ पटिभय ९८९ पटिभाग १०७७ पटिभान ९७१ पटिहार १०१८ पटु ९२६ पट्टान ११२२ पठम ९३२ पण ९०८ पणय ८५६ पणीत ९३९ पतिट्ठा ११३० पतित ९३५ पत्त ९३६ पत्ति १०१२ पत्थ १०११ पद ८१९ पदर १००९ पदुम ८९५ पदोस १०२७ पधान ९८२ पब्ब ८८९ पभव ९०० पमाण ८०५ पमुख ९३२ पय १०६३ पयोजन १०३७ पयोधर १०१२ Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पर ८४३ परक्कम ९६६ पराभव १०८५ परायण ९६२ परिक्खार ९७० परिगंह ८७० पारित १०२९ परिभासण ८९९ परियाय ८३७ परिवार ८५४ परिहार १००२ परेत ९३५ पलय १०५१ पलाप ११२४ पलास १०१६ पवत्ति १०५३ पवारण १००५ पवाह ९६१ पवाळ ९०७ पवेणी १०५३ पसव ९०२ पसु ११११ पहार ११२४ पाक १०५० पाण ९४५ पाणि १००७ पाताल ८८९ पाद १०३० पान ११२३ अनेकत्थ सद्दसूचि । पाभत ११२७ पाळि ९९६ पास ९०४ पिटक ९९० पिट्ठ १०७५ | पिण्ड १०१७ पिण्डित १०७३ पितामह १११३ पितु १९१८ पिष्फल ९०९ | पिय ९७३ | पीठ ९७० पीत १००८ पीति ११२९ पुंगव १०९१ पुग्गळ १०८५ पुञ्ज ९७६ पुट्ठ १०७६ पुण्डरीक ८९६ पुथुज्जन १०८४ पुप्फ १०९१ पुब्ब ९५० पुर १०६० पुरक्खत ८९१ पुरिस १०४६ पूग ११०५ पेत ९३५ पेसल १०७० पोक्खर ८२७ १४९ Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५० पोण १०६९ पोत १११८ पोत्थक १००६ पोरिस ८८५ (फ) फरुस ९६१ फल ९५१ ( ब ) बब्बु १०८० बल ८९४ बलि ८९७ बहु १०७२ बाधा १०९७ बाल ९२३ बालिस १०७८ बिदु १११५ बिम्ब ९२० बिल ११०० बीज ९५० बभिच्छ १०६७ बुद्ध १०४३ बोधि ८०५ ब्रह्म ८१२ ब्रह्मचरिय ७८२ (भ ) भग ८४४ भगवन्तु १९८ भंग ११३० भट्ठ १०७६ अनेकत्थसद्दसूचि । भण्ड ९२१ भति १०५३ भत्ति १०५५ | भत्तु १०८४ भद्द १०७२ भब्व १०७१ भम ११२१ भर १११२ भव ८२९ भवन ११०८ भाग ११२० भाग्य ९०९ | भानु १०४४ | भार ९३३ भाव ८०७ भावित १०७६ भिक्खा १११२ भिन्न ९९१ भीम १०६६ भीथ ९५७ भीरु १०१९ | भुस १०९६ भू १०५९ भूत ७८८ भूति २०५४ | भूमि १०९८ भूरि ११३१ | भेद ९९९ भोग ८५९ Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनेकत्थसहसचि। भोगी १०९४ (म) मग ९२१ मज्झ १०९१ मज्झिम ९०५ माणि १११३ मंडल ९९२ मत १११० माति १०९६ मत्त १११७ मत्ता ८७८ मथीत १०२२ मद ११२१ मदन ११३१ मधु ९७४, १०६७ मन्त ९७९ मन्य १८० मन्द ८९२ मंदिर १०६५ मरियादा १०५४ मरु ९६१ मलय १११३ महल्लक १०७१ मही १०५२ महेसी १०३३ पान ९१४ मातंग १०४५ पातिका १०९७ तु ११३१ माणव ८४२ मानस ८५० मारिस ११३२ माला ११२० माल्य १०८१ मास १११० | मिग १०१५ मुख ९१३ मुट्ठि १०३१ मुत्त १०१३ मुत्ति १०८४ मुदु १०६७ मुद्ध १०२८ मूल ८५१ मेचक १०२३ मेथुन १०६३ मोक्ख ११३२ मोदक १११३ मोह १०८७ (य) यक्ख ९६९ यग्धे ११५० यम ९७३ यात्रा १०५४ यान १०९० युग ८८२ यूप ११०१ योग ८५८ योग्ग १०७३ Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५२ अनेकत्थसासचि। योनि ८७. रंग ११२३ रज ८८३ रण १०९६ रतन १०६२ राति १०५६ रत्त ९२३ रंध १०१३ रस ८०४ रसन ९३८ रास्म १०४३ राग १००९ राज ९२६ रासि १०५१ रिट्ठ १०६४ रुक्ख ९७७ रुचि ८७३ रूप ८२५ रूपिय ९०३ रोहिणी १०९३ रोहित ९११ लहु ९२९ लिंग ९१० लीला १०५३ लद्द ११०६ लुद्ध १०३८ लेख १०९८ लोक १०४१ लोल १०६६ लोहित १०२८ | (व) वंक १०२५ वंग १०३१ वंस १०९० वक्क १०३४ वञ्च १०८६ वजिर ८६६ वज्ज ११०० वट्ट १०१८ वण्ण ७७९ वित्त १०४७ वत्तनि १०५७ वत्थु ९६९ वदनं ८९१ वधू ८७७ वन १०६३ वनप्पति ९०३ विप्प ११३३ वृय १०७९ वर ८१० लक्ख १०२० लक्खण १११३ लक्खी ९६ लता १०८३ लब्भ १०८६ लव १०९६ Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनेकत्थसहसचि। AN वरंग १०९३ वराह १११५ वलि ९९० वल्लभ १०६६ वस ८९८ वसति २०५६ वसवाति १०२४ वसा ८७३ वसु ८९५ वस्स १०६२ वान १०९५ वाम १०२० वायाम ९१४ वार १०४२ वारण १०१४ वारुणि ८७६ वाल १०८० वाळ ९३४ वास १११९ वाह १०८१ वाहिणी १०५६ विकट १०१९ विक्कम ८५३ विग्गह १०४६ विजित १०२९ विज्जा १०३४ विज्ञत्ति १०५८ विटप ११२२ वितत ९३२ वितान ९७४ वित्ति १०५८ विघ ८४६ विधि २०४९ विब्भम १०८७ विभू १०८८ विमान ९१७ विरिय १०९४ विलग्ग १०३९ विवर १०१३ विवेक १११४ विसद १०७३ विसय ८०६ विसाण ८६७ विसारद ९५९ विहार ८५७ वीत १०७६ वीथि ९३९ वुत्त ७९६ त्रुत्ति ९६५ वुद्ध ११७१ वेग १११५ वेठन ११३१ वेद ८४७ वेदना १०९५ र ११०९ वेला ८४८ वेलित १०७२ बोकार ११२७ २० Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५४ वोहार ८४९ व्यञ्जन ८४९ व्यक्त १०६५ व्यसन ८९० व्यूह १००८ ( स ) संकिण्ण १०७१ संकु १११५ संखा ८४५ संकार ८३२ संघाट ११३४ संघात १०८० सकल १०२६ सकुन्त १०४९ संक्क १००१ सक्खरा ९२५ सख १०८८ सग्ग ९११ संगर ८२४ संगह ९२५ सच्च्च ८०० सज्जन ९५६ सञ्ञा ८७४ सण्ठान ११३३ सतपत्त ९१५ सत्त ८१६ सत्तम ९४१ सत्ति १०५१ सत्तु ११२२ अनेकत्थ सद्दसूचि । सत्थ ९६५ सत्थि १०५२ सत्र ११३४ | सद्धा ९४९ | सन्त ८४१ सन्तान ९५२ | सन्ति १०५५ सन्धि ९४१ सन्निधि ९५७ सभा ११०१ | समत्त १०६८ | समत्थ १०६८ समय ७७८ समा ९२२ समाधि ८५८ | समान ९१६ | समिति १०५७ समुदय ९२७ | समुस्सय १०९९ संपत्ती ९९३ संपदा ९९३ संपन्न ८४५ | संबाध १०४५ संभम ९९६ संभव ९७७ सम्मुति ११३३ सर ९६७ सरण ९४७ सरद ११२४ Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनेकत्थसदसूचि । १५५ - - सल्ल १०८७ सवन ९३४ सहगत ८३३ सादु १०६७ साधन ८९० साधु ७९० साप १०९३ साम ८३९ सामिक ८२२ सायक १०४९ सार ९३३ सारंग १०५० सारद ९८४ साल ९३४ सासन ९९२ साहस ११३० सिंघाटक १००९ सिखण्ड १०८५ सिखर ९९३ सिखरी १११४ सिखा ८७२ सिखी १०४१ सिंग ८८७ सित ९९९ सिस्थ ९५९ सिद्धत्थ १११६ सिंघव १०५१ सिंधू ८६५ सिर १११४ सिरि ९०६ सिलोक १०४१ सिव ८९४ सिसिर ९२४ सिमा १०८२ सील १०९१ सीस १०४६ सुकत ९३७ सुक्क ८९७ सुखुम १०७१ (सुची १०७० सुजा १११२ सुत ७९७ सुति १०५९ सुत्त ८५८ सुदस्सन ९९८ सुद्ध १०६९ सुद्धा १०५२ सुपिन ९५६ सुवण्ण ८०९ सुसिर ९१५ सुसुक १००३ सुस्सुसा ९३० सूत १०८१ सूप १०४८ सूर १०७७ सूल ८८१ सेतू ११०० Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५६ अनेकत्थसहमचि । सेनी १०२१ सेय्य ९१८ सेय्पा ११२१ सेलन ८९९ सो ८०८ सोण १११९ सोण्ड ९३८ सोत १०६४ सोम ११३४ नह १०९७ | (ह) हत्थ ९३१ हदय ८५२ हरि ८६९ हार १११६ हिम १०७४ हिरज १०६१ हेतु ९७२ Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अव्यय उपसग्गनिपातादीनं सूचि । -M ER+k(अ) अधुना ११४० अ ११४७ अधो ११५६ अगता ११४८ अप ११८४ अग ११३९ अपि ११८३ अज्ज ११५५ अपिनाम ११९१ अञदत्थु ११४० अप्पेव ११५८ अति ११३८, ११८२ अप्पेवनाम ११५८ अतीव ११३८ आभि ११७६ अस्थ ११५४ अभिक्खणं ११३७ अस्थ ११६१ आभिण्हं ११३७ अस्थि ११५४ अभितो ११९५ अत्थु ११५१ अमा ११३६, ११९९ अत्र ११६१ अमुत्र ११४८ आथि ११५४ अम्भो ११३९ अत्थु ११५१ अरे ११३९ अत्र ११६१ अलं ११४७, ११९० अथ ११९० अव ११७३ अथो ११९० अवस्सं १९५० अनु ११७४ असकिं ११३७ अन्तरा ११५० अस्सु ११५० अन्तरेन ११३७, ११५० अहह १२०१ अन्तो ११५० अहो ११३८, ११४९ अद्धा ११४० (आ) आंध ११७७ आ ११८० Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५८ अव्यय उपसग्गनिपातादीनं सूचि । आम ११४४ आरका ११५७ आरा ११५७ आवि ११५७ आवुसो ११३९ एवंपि ११४३ एवमेवं ११४२ (ओ) ओपायिकं ११४४ (क) इंघ ११५७ इति ११५८, ११८८ इत्थं ११५८ इदानि ११४० इध ११६१ इह ११६१ ईसं ११४८ (उ) उ ११६८ उच्च ११५२ उद ११३८, ११९९ उदाहु ११३८ उध्दं ११५६ उप ११८५ उपरि ११५६ कच्चि ११३९, ११५१ कस्थ ११६० कथं ११३९ कथञ्चि ११५८ कदा ११६१ कदाचि ११४६ कहं ११६० कामं ११४०, ११९६ किं ११३८, ११३९, ११८९ किंसु ११३९ किंचि ११४८ कित्तावता ११४१ किमु ११३८ किमुत ११३८ किमुतो ११३८ किर ११९९ कीव ११४१ कु ११५९ कुस्थ ११६० कुत्र ११६० कुदाचनं ११६१ कुहिं ११६० कुहिंचनं ११६० एतरहि ११४० एत्तावता ११४१ एस्थ ११६१ एव ११५२ एवं ११४२, ११४४, ११५८, ११८६ Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अव्यय उपसग्गानिपातादीनं सूचि। १५९ ताव ११५१, ११९३ तावता ११४१ तिरियं ११५९ तिरो ११५९, १२०१ तु ११९७ तुण्ही ११४९ तेन ११४५ क्व ११६० (ख) खलु ११९५ खो ११५० (च) च १९८७ चन ११४५ चि ११४५ चिरं ११३६ चिररत्ताय ११३६ चिररस ११३६ चिरेन ११३६ चे ११४७ (ज) जातु ११४०, १९४६ जे ११३९ (त) तं ११४५ तग्घ ११४० ततो ११४५ तत्थ ११५६ तत्र ११५६ तथरिव ११४३ तथा ११४२ तथेव ११४२ तदा ११६१ तदानि ११६१ तहं ११५६ तहिं ११५६ दिट्ठा ११५१ दीवा ११४७ दु ११६९ दुट्ठ ११५४, ११५९ दूरा ११५७ दोसा ११४७ (ध) घि ११६०, १२०१ धुवं ११५९ | (न) न ११४७ ननु ११३९, ११५१, ११९२ नमो ११५४ नाह १९४७ नाना ११३७, ११९८ नि ११६५ नी ११६७ नीचं ११५२ नु ११३९, ११५८, ११९८ नून ११५०, ११९१ नो ११४७ Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६० ( प ) प ११६२ पगे ११५२ पच्छा १२०० पति ११७८ पतिरूप ११४४ पन ११९६ परम्मुखा ११९७ परसुवे ११५५ परा ११६४ परि ११७५ परितो ११४६ पसह ११४९ पातु ११४९, ११५७, १२०० पातो ११५२ पयो ११५३ पुथु ११३७ पुन ११९९ पुनण्णुनं ११३७ पुरतो ११४८ पुरस्था १९९४ पुरा ११९४ पुरे ११४८ पच्च १९४८ ( ब ) बलव ११३८ बहि ११५३ बहिद्धा ११५३ बाहिरं १९५३ श्रव्यय उपसग्गनिपातादीनं सूचि । बाहिरा १९५३ (भ ) भो ११३९ (म ) मनं १९४८ मा १९४७ मिच्छा ११४६ | मिथो १२०० | मुधा १९४५ मुसा १९४६ मुहु ११३७ ( य ) यं १९४५ यश्धे ११५० यतो १९४५ यत्थ १९५६ यत्र १९५६ | यथत्तं ११५२ | यथखि १९४३ यथा १९४२ | यथाच १९४३ यथातथं ११५२ | यथानाम १९४२ यथापि १९४२ यथाहि १९९४२ | यथेव १९४२ | यदि ११४७ यहि १९५६ याव ११४१, ११९३ Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अन्यय-उपसग्ग-निपातादीनं सूचि । यावता ११४१ येन ११४५ रत्ता ११४७ रहो ११५७ रिते ११३७ (व) वत ११९२ वा १९८९ वि ११७१ विसा ११३७ विय ११४३ बे ११४०, ११५९ (स) सं ११४४, ११५१ सं १९७९ सचे १११७ सच्छि ११५९ सज्जु ११४९ सदा ११५३ सद्धं ११४७ सद्धिं ११३६ सना ११५३ सनिकं ११५३ सपदि १११९ - सब्बतो ११४६ सब्बत्र ११६१ सब्बधि १६१ सभ ११३६ समन्नतो ११४६. समभा ११४६ संपति ११४० सम्मा ११५१ सम्मु ११५० सयं ११४४ ससक ११४० सह ११३६ साधु ११४१ सामं ११४४ सामि १२०० सायं ११५५ साहसा ११४८ साहु ११४४ सु११३८, ११७९ सुटु ११३८, ११५१ सुदं ११५० सुवास्थि ११६० सुवे ११५५ सेय्यथापि ११४२ सेय्पथापि नाम ११४३ स्वे ११५५ हन्द ११५७, ११९३ हम्मो ११३९ Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६२ अव्यय-उपसग्ग-निपातादीन मूचि । हरे १९३९ हये ११० हा ११५९, १२०१ हि ११५९, १९९७ - हिय्यो ११५५ हे ११३९ हेट्ठा ११५६ Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________