Book Title: Visheshavashyakbhashya ka Maldhari Hemchandrasuri Rachit Bruhadvrutti ke Aalok me Gyanmimansiya Adhyayan
Author(s): Pavankumar Jain
Publisher: Jaynarayan Vyas Vishvavidyalay

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Page 9
________________ विषयानुक्रमणिका पुरोवाक् प्रथम अध्याय :- विशेषावश्यकभाष्य एवं बृहद्वृत्ति : एक परिचय 1-50 आवश्यकसूत्र आवश्यक का अर्थ आवश्यक सूत्र के कर्त्ता आवश्यकसूत्र के छह अंग • आवश्यकों के क्रम का औचित्य आवश्यक सूत्र का व्याख्या साहित्य आवश्यक नियुक्ति एवं नियुक्तिकार भद्रबाहु आवश्यक नियुक्ति की विषयवस्तु आवश्यक नियुक्ति के कर्त्ता : भद्रबाहु भाष्यपरम्परा एवं जिनभद्रगणि कृत विशेषावश्यक भाष्य आवश्यकचूर्णि एवं चूर्णिकार चूर्णिकार आवश्यकचूर्णि आवश्यकसूत्र की टीकाएं आवश्यक वृत्ति आवश्यक विवरण आवश्यक वृत्तिप्रदेशव्याख्या आवश्यक निर्युक्ति-दीपिका टब्बे अनुवाद युग जिनभद्रगणि एवं उनका विशेषावश्यकभाष्य जिन भद्रगणिक्षमाश्रमण का जीवन और व्यक्तित्व जिनभद्रगणि का काल विशेषावश्यक भाष्य का प्रतिपाद्य विषय विशेषावश्यक भाष्य का महत्त्व विशेषावश्यकभाष्य का व्याख्या साहित्य विशेषावश्यक भाष्य स्वोपज्ञवृत्ति विशेषावश्यक भाष्यविवरण मलधारी हेमचन्द्र एवं उनके द्वारा रचित शिष्यहिता नामक बृहद्वृत्ति का वैशिष्ट्य मलधारी हेमचन्द्र का जीवन परिचय * मलधारी हेमचन्द्र का काल बृहद्वृत्ति की रचना में निमित्त समीक्षण iv 1 1 2 5 8 9 10 12 16 19 20 21 22 24 24 26 26 27 27 27 28 28 30 31 40 42 42 42 43 43 44 46 47

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