Book Title: Vastupal Prashasti Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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२०२] नीजर ए चमर ढलंति न्हवण-विलेवणतणीय पढमभवणि देहलिहि परमेसरतित्थेसरह पल्लव-फुल्ल पहिलइ ए सांबकुमारु पेमिहि ए मुणिजण पोरुयाङकुलमंडणउ बाहिरि गढ दाहिणबोलावी संघह मणहरघणवणगहणे मंडण महिमंडल.... मालवमंडलमुहमंडणु रंगिहि ए रमइ जो रासु
[सुकृतकीर्तिकल्लोलिन्यादिवस्तुपालप्रशस्तिसङ्ग्रहः ॥ १९-१४९ | राइमईमणहरणु रमणु १४-१४७ ११-१४७ | वइसाही पुन्निमह
१०-१४७ ८-१४७ वज्जइ ए ताल कंसाल
२-१४८ १-१४३ वस्तपालि वर मंति
१५-१४७ १९-१४४ वेयलु वंजलु बउल
१७-१४४ ६-१४८ समुद्दविजय-सिवदेविपुत्तु १३-१४७ १५-१४९ | सयल वित्ति कलिकालि १२-१४७ ६-१४३ संघाहिवु संघेण सहिउ
३-१४६ १२-१४५ | सामियनेमिकुमार
७-१४५ २०-१४४ सामियसामलधीरचरण
४-१४६ ६-१४५ सिंदुवार-मंदार-कुरबक- २१-१४७ १४-१४४ सीसंमि सिंबलि
१८-१४४ १०-१४६ | सुभकरु ए ठविउ उच्छंगि ३-१४८ २०-१४९ | हरसवसिण घणकलस
२-१४६
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