Book Title: Vastupal Prashasti Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 227
________________ ५ १२० कर्णदेव । २०६] [सुकृतकीर्तिकल्लोलिन्यादिवस्तुपालप्रशस्तिसङ्ग्रहः ॥ आसल [ओइस०ज्ञा० श्रे० | ऊदल्ल [ ठक्कुर] १५२ काल्हणपुत्र] १०० ऊवरणी [ग्राम] १५३ आसा [ ठक्कुर मोढज्ञातीय झाल्हणपुत्र ] १०८ [ ओ] आसाराय [आशाराज] १४३ ओइसवाल [ ज्ञाति] ९९, १०० आसारायविहार[जिनमन्दिर] १४४ ओरासा [ग्राम] १०० आसू [श्रीमालज्ञा० श्रे० लखमणपुत्र ] ९९ [क] आहड [वापोत्कटनृप] कउडिजक्ख [कपर्दीयक्ष] १४७ आहड [विद्वान्] १२४ कटुकेश्वर [ शिवमन्दिर] १२५ आंमिग [ प्राग्वाट ज्ञा० महाजन] कडुया [प्रा०ज्ञा०श्रे० लखमणपुत्र] ९९ आंबुय [प्रा० ज्ञा० श्रे०] कर्णिका [विशेषवृत्ति] ११८, ११९, १२० [इ] | कनकप्रभसूरि [ आचार्य] इन्द्रमण्डप [स्थापत्यविशेष ]६१, ६८, १४७ कपर्दी [ यक्ष] २८, ८९ [उ] कयडुरा [ श्रीमाल ज्ञा०] उग्गसेणगढ [ दुर्गविशेष] १४४ कर्ण । [चौलुक्यनृपति] ८, ३९, ५७, उज्जयन्त [ रैवतपर्वत ] ६२, ७१, ७२, ७४, १२३ ७६, ७७, ८०, ८३, | कर्णाट [ नृपविशेष] ८४, ८६, ८७, १०१ | कलिङ्ग [ नृपविशेष ] उज्जिन्त [ उज्जयन्तपर्वत] १४५, १४९ | कश्मीरावतार [ स्थापत्यविशेष] ७२, ७४, उज्जिल [ उज्जयन्तपर्वत १४४, १४५, १४९ ७७, ८०, ८३, ८६ उत्तरछग्राम [ग्राम] कसमीर [ देश] १४६ उदयन [ मन्त्री] कान्तीश्वर [ नृपविशेष ] उदयपाल [ प्रा० ज्ञा० महा० पाल्हणपुत्र] ९९ । कान्यकुब्जा [स्त्रीविशेष] ११ उदयप्रभसूरि[ नागेन्द्रगच्छीय ]२८, ७०, ८८, | कान्हड [ ठक्कुर, ललितादेवीपिता] ७२, ७४, ९७, ११४, ११९, १२० ७७, ८०, ८३, ८६, ११५ उदयसेनसूरि [ आचार्य] १०९ कान्हडदेव [ राजकुमार] १०० उदुल [ ठक्कुर] कामंदकि [ नीतिशास्त्रकार] उदेयपाल [श्रेष्ठी] ११४ | कायस्थ [वंश] ७३, ७६, ८५, ८८, ११४ उपदेशमाला [ग्रन्थ] कालमेघ [ क्षेत्रपाल] ४७ उमारशय्य [ग्राम] कालमेघंतर[स्थानविशेष ] १४४ उवरणी [ग्राम] ९८ कालिदास [कवि] [3] काल्हण [ओइसवालज्ञा० श्रे०] १०० ऊएसवाल [ ज्ञाति] कासहृद [ग्राम] ४३, ९८ ऊजिल [ उज्जयन्तपर्वत] कीर [ नृपविशेष] ६, १२ ऊदल [ प्राग्वाट, ठक्कुर] | कीसरउली [ग्राम] १०० १५२ ३४ ४८ D:\sukar-p.pm5\2nd proof

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