Book Title: Vastupal Prashasti Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 231
________________ १५१ १४० Wo० । ९३ २१०] [सुकृतकीर्तिकल्लोलिन्यादिवस्तुपालप्रशस्तिसङ्ग्रहः ॥ देवकुंयार [ ओइस० ज्ञा० श्रे०] ९९| धंधुक [ परमारवंशीयनृपति ] ९३ देवकुमार [ सोहु जयदेवपुत्र] १०२ | धंधुय [ परमारवंशीयनृपति] १५४ देवचंद्र [ साहु जिणचंद्रपुत्र] १०२ धावलदेवि [ सोमनरेन्द्रमाता] देवधर [ श्रीमाल ज्ञा० श्रे० गुणचंद्रपुत्र] ९९ धारा [ भाण्डागारिक] ११४ देवप्रभसूरि [ हर्षपुरगच्छीय आचार्य] ४८ धारा [नगरी] १२५ देवबोध [विद्वान्] १२० धारावर्ष [ परमारनृपति] देवलवाड [ग्राम] १५२, १५३ धांधल [ सूत्रधार] देवानन्दसूरि [ आचार्य, हर्षपुरगच्छीय] ४८, धांधा [ऊएस० ज्ञा० महा०] १२० धांवलदिवि [धावलदेवी, देसल [ प्रा० ज्ञा० श्रे०] सोमनरेन्द्रमाता] देसीनाममाला [ग्रंथ] धीरण [ प्रा० ज्ञा० श्रे०] 1 [ध] धुंधुय [ परमारवंशीयनृपति] धउलिग [धर्कटज्ञा०] ध्रुवभट [ परमारवंशीयनृपति] धउली [ग्राम] धूमराज [ परमारवंशीयनृपति ] धणचंद्र [प्राग्वाट ज्ञा० श्रे०] धूमराजदेव ९३, ९७ धणदेव [ श्रीमाल ज्ञा० श्रे०, ९९, १०७ [न] सूमिगपुत्र] नगर [ वृद्धनगर, स्थानविशेष ] १४ धणदेवी [ वस्तुपाल-तेजपालभगिनी] १०७ नगरवर [ महास्थान] धनदेवी [ वस्तुपाल-तेजपालभगिनी] ९१ नगराख्य [ महास्थान] धणपाल [ओइस० ज्ञा० श्रे० १०० नयचन्द्रसूरि [ कृष्णर्षीय] १०१ महधरापुत्र] नरचन्द्रसूरि [ हर्षपुरगच्छीय] धणिया [प्रा० ज्ञा० श्रे०, जसकरपुत्र] ९९ नरचन्द्रसूरि [ मलधारी] ७५, ८५ धणेश्वर [ साहु राहडसुत] १०२ नरनारायणानन्द [काव्य] धरणिग [ प्राग्वाट, गागासुत] ९५, ९८ नरेन्द्रसूरि[ मलधारी] ८२ धरणिग [ प्रा० ज्ञा० ठक्कुर] नरेन्द्रप्रभसूरि[ हर्षपुरगच्छीय] धर्कट [ ज्ञाति] ९८ नंदीश्वर [ स्थापत्यविशेष] ४६, ७६ धर्मदासगणी [आचार्य] | नंदीसर [स्थापत्यविशेष] १०१, १४८ धर्माभ्युदय [ महाकाव्य] ११९, १४० | नागदेव [ओइस० ज्ञा० श्रे०] १०० धवल [चौलुक्यवंशीय] १४ नागपुर [पुर] १०२ धवल [मन्त्री] १३, १४४, १५३ | नागेन्द्रगच्छ [गच्छ] २४, ४७, ७२, ७४, धवलक[नगर] १७, १४२ ७७, ८०, ८३, ८६, ८८, ९७, धवलक्क [नगर] ४२ ९८, १०२, १०६, ११०, ११३, धवलक्कक [नगर] ७१, ७२, ७४, ७६, ११८, १३२ ७७, ८०, ८३, ८६ | नायलगच्छ[ नागेन्द्रगच्छ ] ११५ ४८ ११७॥ १४२ D:\sukar-p.pm5\2nd proof

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