Book Title: Vastupal Prashasti Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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परिशिष्टम् [ ५ ] वस्तुपालप्रशस्तिसङ्ग्रहविशेषनामाणुक्रमणिका ॥]
[२०९ जाल्हू [ वस्तुपाल-तेजपालभगिनी] ९१ | तेजपाल [मन्त्री, आशाराजपुत्र, १९, २०, जावडि [ प्राग्वाटवंशीय]
तेजःपाल | महं] २६, ३५, ४१, ४६, जावालिपुर [पुर] १०१, १०२
४७, ५१, ५२, ६१, ६३, ६४, जाङ्गल [ देश]
७१, ७३, ७४, ७५, ७६, ७७, जाङ्गली [स्त्री विशेष]
८०, ८२, ८३, ८४, ८५, ८६, जिणचंद्र [साहु राहडपुत्र]
८८, ९०, ९१, ९४, ९५, ९६, जिणदेव [ श्रीमाल ज्ञा० श्रे०, पाहुयपुत्र ] ९९
९७, ९८, १००, १०१, १०३, जिणदेवसूरि [आचार्य]
१४०
१०४, १०५, १०६, १०७, १०८, जींदा [ प्राग्वाट श्रेष्ठी]
१०९, ११०, १११, ११३, ११४, जेगण [प्रा० ज्ञा० श्रे०, जसडुयपुत्र] ९९ ११९, १२७, १३२, १४०, १४२, जेजा [प्रा० ज्ञा० श्रे०]
१४३, १४७, १५१, १५२, १५४ जैत्रदेवी [ वीरधवलपत्नी] २८ तेजलपुर [ ग्राम]
१४२ जैत्रसिंह [जयतसिंह, वस्तुपालपुत्र ]८५, ८८, त्रिपुरुषप्रासाद [ शिवमन्दिर]
६ ९४, १०९, ११३, १४२ त्रिभुवनदेवी [ प्राग्वाट, धरणिगपत्नी] ९५ जैत्रसिंह [ध्रुव, कायस्थ] ७३, ८२, ८५, त्रिभुवनपाल [अश्वराजभ्राता] ११३ ८८, ११४
[थ] जोगा [ महं, ओइस० ज्ञा० श्रे०,
थिरदेव [ श्रीमालज्ञा० श्रे०] सालखणपुत्र]
[द] [झ] दक्षिण [नृपविशेष]
१२ झालहणदेवी [ वस्तुपाल
06 | दर्भवती [नगरी] २७, ४३, ७२, ७४, ७७, तेजपालभगिनी]
८०, ८३, ८६ झाल्हण [ ठक्कुर, मोढज्ञातीय]
दाक्षिणात्या [स्त्रीविशेष ] [ड]
दामोदरहृद [स्थानविशेष ] डकडवाणि[ग्राम]
दुर्लभ । [चौलुक्यनृपति] ७, ३९,
दुर्लभराज डवाणि [ग्राम]
५६, १२२ १००, १५४
दूगसरण [प्रा० ज्ञा०] डवाणी [ग्राम]
९९, १०० देउलवाडा [ ग्राम]
९८, १०० [त]
देदा [ श्रीमालज्ञा० श्रे०] तारंगक [पर्वत]
देपाल [मन्त्री]
१४७ तारणगढ [गढ]
१०१ देल्हण [प्रा० ज्ञा० श्रे०] ९८, ९९ तिजपाल [ तेजपाल]
१५३ देल्हण [ओइस० ज्ञा० श्रे०, तिहुणदेवि [ ठकुराणी, धरणिगभार्या ]
सीललपुत्र]
१०० तुरष्क [ नृपविशेष]
देल्हा [ओइस० ज्ञा० श्रे०] १०० तुरुष्क [ नृपविशेष ]
१३ | देल्हुय [प्रा० ज्ञा० श्रे० सांतुयपुत्र] ९८
१५४
९९
१०९
९८
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