Book Title: Vastupal Prashasti Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 232
________________ ९९ ९३ परिशिष्टम् [५] वस्तुपालप्रशस्तिसङ्ग्रहविशेषनामाणुक्रमणिका ॥] [२११ निरीन्द्रग्राम [ग्राम] पाल्हा [ प्रा० ज्ञा० श्रे० धीरणपुत्र] ९९ नृपविक्रमसंवत् [वि.सं. ]१०३, १०४, १०५, पासचंद्र [ प्रा० ज्ञा० श्रे०] ९८ १०६, १०७, १०८| पासदेव [ श्रीमाल ज्ञा० महा०, नेमड [ साहु, वरहुडिया] १०१ वीसलपुत्र] नेहा [धर्कट श्रेष्ठी] पासवीर [ प्रा० ज्ञा० श्रे०, साजणपुत्र] ९९ [प] पासिल [ प्रा० ज्ञा०] पजून्न [ प्रद्युम्नशिखर] १४८ पासु [धर्कट श्रेष्ठी] पञ्चासर [जिनमन्दिर] ५, २७, ४१ पाहुय [ प्रा० ज्ञा० श्रे०] ९९ पत्तन [अणहिलपुर] १०३, १०९, ११० प्राग्वाट [कुल, वंश] १६, २६, ४०, ६३, पद्मला [ वस्तुपाल-तेजपालभगिनी] १०८ ७२, ७४, ८०, ८३, ८६, ९७, पद्मसिंह [ प्रा० ज्ञा० श्रे०, वालापुत्र] ९९ ९८, ९९, १०२, १०३, १०४, परमलदेवी [ वस्तुपाल-तेजपालभगिनी] ९१ १०५, १०६, १०७, १०८, १०९, परमार [ राजवंश] ११०, १११, ११२, ११४, ११५, प्रतापदेवी [ मालदेवपत्नी] १०९ १२७, १४१ प्रतापमल्ल [ राजपुरुष] १२५ पुरुषोत्तम [ सूत्रधारः] ७६ प्रतापसिंह [ जयतसिंहपुत्र, ४४, ४५, १४२ | पुंनसीह [ मालदेवसुत ] १०४, १०५ वस्तुपालपौत्र] पुण्डरीक [ पर्वत, शत्रुञ्जय] १०० प्रतीहार [ राजवंश] १०० पुण्यसिंह [ मालदेवसुत] ८८, ११३ प्रद्युम्नशिखर [ रैवतगिरिशिखर-४६, ४७, ७२, पूनसीह [ मालदेवसुत] १०५, ११ विशेष] ७४, ७७, ८०, ८३, पूर्णसिंह [मालदेवसुत] ९५ पूनचंद्र [ प्रा० ज्ञा० श्रे०, पासचंद्रपुत्र] ९८ प्रद्युम्नसूरी [ आचार्य] १२० पूनड [ प्रा० ज्ञा० महाजनी, आमिगपुत्र ] ९९ प्रमार [ राजवंश] १००, १५१ पूनदेव [ प्रा० ज्ञा० श्रे०, वोसरिपुत्र] ९९ प्रयाग [ तीर्थस्थान] पूनदेवी [ महं, वस्तुपालप्रह्लादन [ पण्डित, कुमारशर्मगुरु] १२७ तेजपालमातुलभार्या] १०८ प्रह्लादनपुर [ पालणपुर] १०१ पूनपाल [ महं, वस्तुपालपाण्ड्य [ नृपविशेष] तेजपालमातुल] पातू [ मालदेवभार्या] पूना [ प्राग्वाट ज्ञा०] पादलिप्तनगरी [ नगरी] पूना [श्रीमालज्ञा०] पाल्हण [ प्रा० ज्ञा० श्रे०, जींदापुत्र ]९८, ९९| पूना [ प्रा० ज्ञा० श्रे०, बोहडिपुत्र ] ९९ पाल्हण [ ऊएस० ज्ञा० श्रे०, सोहिपुत्र ] ९८ पूना [ श्रेष्ठी] ११४ पाल्हण [ प्रा० ज्ञा० महा०] पूनिग [ओइस० ज्ञा० श्रे०] १०० पाल्हण [कवि] १५४| पूनुय [ उएसवाल ज्ञा० श्रे०] पाल्हविहार [ जिनमन्दिर] १] पृथ्वीसिंह [ पूर्णसिंहपुत्र ] ११३ १२२ १०४ D:\sukar-p.pm5\2nd proof

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