Book Title: Valmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Author(s): Govindlal H Bhatt
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 25
________________ कर्तव्यं वो भविष्यति VII. 36.gb शुभमिच्छता III 24.11b सुमहत्कर्म I. 26.31a 33 सुमहत्कृतम् I. 33.6b सुमहत्त्वया I. 64.1b कर्तव्यश्च सदा यत्नः III. 54.27c कर्तव्यस्तद्वतो विधिः II. 52.66d कर्तव्याः कृत्यदूषकाः VI. 63.16d कर्तव्या तपसे मतिः II. 28.24b "" 23 رو " नात्र संशयः VII. 62.21b कर्तव्यानि विशांपते II. 76.11b कर्तव्या पुरुषर्षभ II. 52.96d कर्तव्याः शतशः शुभाः I. 13.10b कर्तव्याश्च सुविस्तराः I. 13.11b कर्तव्या सलिलक्रिया II. 14.17b कर्तव्यो न तु वैदेहि VI. 119.33a नियतात्मना II. 28.12b कर्तव्योऽप्रणयच ते IV. 22.23b कर्तव्योऽस्य वधो मया III. 43.38d कर्ता कर्मजमात्मनः II. 63.6d कर्माणि संयुगे VII. 36.24d कारयिता च सः V. 35. Ind " " "" 35 " काव्यस्य महतः VII. 94.23c चासि न संशयः VII. 79.8b चाहमशेषेण I. 18.58a در "" "" नास्त्यत्र संशयः VI. 111.25d कर्तारमपि लोकानाम् III. 64.54a कर्तारं भीमकर्मणाम् VI. 111.54d कर्ता सर्वस्य लोकस्य VI. 117.30 VI. 117.6a कर्तास्मि निशितैः शरैः VI. 41.67b कर्तुकामो जलक्रियाम् I. 41.15b कर्तुकामं समीक्ष्य च III. 43.43b कर्तुर्भवति सत्वरम् VI. 2. 14d कर्तुं च परमं यशः V. 61.5b Jain Education International १९० कर्तुं दाशरथेः प्रीतिम् IV. 29.21C नार्हसि मुञ्च माम् VII. 26.37b राघव IV. 18.47b सांप्रतम् III. 50. 3d 33 कर्तुमध्वनि चोदितः II. 40.32d कर्तुमर्हति ते राजा II. 16.220 " 39 39 रामस्य VI. 19.31c सुग्रीव: IV. 4. 24 39 कर्तुमर्हथ रामस्य VI. 128.25c कर्तुमर्हसि काकुत्स्थ II. 112.100 IV. 5.24a "" 33 23 " " دو " " " " " " "" "} पार्थिव I. 19.13d भद्रं ते I. 58.23c VII. 8.12b "" " कर्तुमागमनं तथा I. 50.24d कर्तुमारोपणं शक्ताः I. 31.ge कर्तुमिक्ष्वाकुशार्दूल III. 72.160 कर्तुमिच्छामि भोजनम् II gr.jb " रात्री VII. 83.3d कर्तुमिच्छाम्यहं त्वया IV. 13.150 कर्तुमित्येव राघव V. 67.16d कर्तुमिन्द्रः शचीपतिः III. 9.17b कर्तुमेकागंत्रं जगत् V. 49.20b कर्तुमेभिर्गृहोत्तमै: V. 54.5d कर्तुमेव त्वमर्हसि IV. 22.7d कर्तुं प्रविष्वस्तविकीर्णशैलाम् VI. 27.48d मे वीर IV. 10.30C राघव VII. 51.27 b राजेन्द्र II. 107.9c रामस्य V. 1. 1470 V. 58.27a "" शोभने VII. 47.6b सुव्रत I. 14.59b प्राकृतबुद्धिना VI. 61.5b प्राणपरिक्षये VII. 19.28b For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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