Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ0 में अ.का. अपितेषुत्रिषु .... .... .000000000000000000000000000000000 अन्नपतेऽनस्य .... .... 11 83 अपान्त्वेमन्त् .... .... अन्नात्परिघुतोरसम् .... 19/75 अपाम्पृष्ठमंसि .... .... {14} 30 अपेतवीतविर्चसर्पता .... 12 अन्न्यदेवाहु सम्भवात् 10 10 अपाम्पेरु .... .... 6/10 अपेतोयन्तु अन्यदेवाहुर्विद्याया 40 13 अपाम्फेनेननमुंचे .... 19/ 7 अपोअद्यान्वचारिषम् .... अन्न्यवापोर्द्धमासानास 24 37 अपारसम् .... .... 9/ 3 अपोदेवामधुमतीलं .... 10 अन्न्यावौअन्न्याम् .... 12 88 अपाघमपकिल्विषम् .... 35/ 11 अपोदेवीरुपैसृज .... 11 अन्वग्मिरुषसा.... .... 11, 17 अपातामश्विनाधर्मम् 38 13 अप्रैस्वतीमश्विना .... 34 अन्न्दिनुमतेत्वम् .... 34 8 अपधिमदभिशस्ति .... 33 95 अप्स्वग्मेसधिष्टवसा .... 12 अपश्यंगोपाम् .... .... 37 17 अपामिदन्ययनम् .... 17/ 7 अप्स्वन्तरमृतम्.... .... अपाङ्गभन्त .... .... 13, 30 अपारम्पृथिव्यै .... 1 26 अर्वोभ्युग्मि समिधा .... 15 . 4 For Private and Personal Use Only

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