Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika Author(s): Publisher: View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit www.kcbatrth.org अ० मं० / अदित्यैरास्नास्यदितिष्ठे 11 59 अधिपत्न्यसि .... .... 15 14 अनुत्त्वारथोऽअनुमय अदित्यैव्युन्दनमसि .... 2 2 अध्यवोचदधिवक्ता .... 16 5 अनुनोऽद्यानुमति .... 34 अश्रमस्यकेतवः .... 840 अध्वर्योऽअदिभिः .... 20 31 अनुवीरैरनुपुष्यास्म.... 26 अङ्ग्य क्षीरंव्यपिबत् .... 1973 अनडान्वय.... .... 14 10 अनेयदेकम्मनस .... 40 अन्य संभृतलं.... .... 31 17 अनड्राहमन्न्वारभामहे 35 13 अन्तरग्मेरुचात्वम् .... 12 अभ्द्य स्वाहा .... .... 22 25 अनाधृष्टापुरस्तात् .... 37/ 12 अन्तरामित्रावरुणा .... 29 अद्यादेवाऽउदिता ..... 33 42 |अनाधृष्योजातवेदार 27 7 अन्तश्चरतिरोचना ..... 3 अधायानर .... .... 19 69 अनुतेशुष्म॑म् .... .... 33 67 अन्तस्तेद्यावापृथिवी.... 7 अधाह्यग्नेकतो ..... 15 45 अनुत्तमातेमघवन् .... 33 79 अन्धन्तमप्रविशन्ति.... {40 अधिनऽइन्द्रेषाम् .... 33 47 अनुत्त्वामातामन्यताम् 420 अन्धस्थान्धः .... .... For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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