Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika Author(s): Publisher: View full book textPage 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / , م ه ه अग्नेऽअङ्गिर .... 12 8 अग्मेनय .... .... .... {4. अग्मेरीकम् .... .... अग्नेगृहपते .... .... 2 27 अग्मेपत्नीरिहावह .... 26 20 अग्मे नित्रम् .... .... 5 अग्मजातान्प्रणुदान 15 1 अग्नेपर्वस्व .... .... 838 अग्मेवोपनगृहस्य .... अग्मेतमद्याचम् ..... {16 4 अग्मैपावकारोचिो .... 17, 8 अग्मेवाजजिद्धाजम् .... अग्मेतवश्रवः .... 12 १०६/अग्नेप्रेहिप्रथम अग्मेवाजस्य .... .... अग्मेत्वन्नः .... ..... {36/ अग्मेब्रह्मगृभ्णीष्व ..... 1 18 अग्मेवोत्रम् .... .... अग्मेत्वपुरीष्य .... 12 59 अग्नेभ्यावर्तिन् .... .... 12/ 7 अग्मेव्रतपतेव्रतश्चरिष्यामि अग्मेत्वसुजागृहि .... 4 14 अग्नेयत्तेदिवि .... .... 12 48 अग्मेव्रतपतेव्रतर्मचारिपन् अग्मेदब्धायर .... .... 2/20 अग्नेयत्तेशुक्रम.... .... 12 | 104 अग्मेव्रतपास्त्वे .... .... अग्मेदिवोऽअर्णम् .... 12/ 49 अग्नेयुक्ष्व .... .... 13 36 अग्मेशद्धमहते .... ... ه ه ه م ه For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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