Book Title: Uttaradhyayanani
Author(s): Suryodaysagarsuri, Narendrasagarsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 291
________________ २७८ अध्ययन ३६ फासओ सीयए जे उ, भइए से उवष्णओ । गंधओ रसओ चेव, भएइ संठाणओ विय ॥३८॥ फासओ उन्ह जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३९ ॥ फासओ द्धिए जे उ भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ विय ॥४०॥ फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उवण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संगणओ विय ॥४१॥ परिमण्डलसंठाणे, भइए से उवण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥४२॥ संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ । गंघओ रसओ चेव, भहए फासओ विय ॥४३॥ संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ विय ॥४४॥ शीतो ||३८|| उष्णो ||३९|| स्निग्धो ||४०|| रूक्षी ||४१ || परिमण्डलसंस्थानो, भाज्यः स्पर्शतोऽपि च || ४२|| संस्थानतो भवेदवृत्तो ||४३|| यसो ||४४ ॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330