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अध्ययन ३६
फासओ सीयए जे उ, भइए से उवष्णओ । गंधओ रसओ चेव, भएइ संठाणओ विय ॥३८॥ फासओ उन्ह जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३९ ॥ फासओ द्धिए जे उ भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ विय ॥४०॥ फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उवण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संगणओ विय ॥४१॥ परिमण्डलसंठाणे, भइए से उवण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥४२॥
संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ । गंघओ रसओ चेव, भहए फासओ विय ॥४३॥
संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ विय ॥४४॥
शीतो ||३८|| उष्णो ||३९|| स्निग्धो ||४०|| रूक्षी ||४१ || परिमण्डलसंस्थानो, भाज्यः स्पर्शतोऽपि च || ४२|| संस्थानतो भवेदवृत्तो ||४३|| यसो ||४४ ॥