Book Title: Upasaka Dasha Sutram
Author(s): A F Rudolf Hoernle
Publisher: Bibliotheca Indica
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________________ सप्तमाङ्गस्य विवरणे // 38 // माहुरय त्ति अनम्बरमानि शालनकानि // पालन त्ति वल्लीफलविशेषः // // 4 // जेमणर ति जेमनानि२ वटकपूरणादीनि // सेहंवदालियंवेहिं ति सेधे सिद्धौ मति यानि अम्नेन तोमनादिना संस्क्रियन्ते, तानि सेधानानि / यानि दाल्या मुगादिमय्या निष्पादितानि अम्लानि च, तानि दालिकाम्लानौति सम्भाव्यन्ते // // 41 // अन्त लिक्खोदयं ति यजलमाकाशात्पतति तदेव ग्टह्यते, तदन्तरिक्षोदकम् // - // 42 // पञ्चमोगन्धिएणं ति पञ्चभिः एलालवङ्गकर्पूरकक्कोलजातीफललक्षणे: सुगन्धिभिर्द्रव्यरभिसंस्कृतं पञ्चसौगन्धिकम् // // 43 // अनाण्डं ति अनर्थन धर्मार्थकामव्यतिरेकेण दण्डो ऽनर्थदण्डः॥ अवज्झाणाधरियं ति अपध्यानमातरौद्ररूपं, तेनाचरित श्रासेवितो यो ऽनर्थदण्डः म, तथा तं। एवं प्रमादाचरितमपि, नवरं प्रमादो विकथारूपो ऽस्थगिततैलभाजनधरणादिरूपो वा॥ हिंस्त्रं हिंसाकारिशस्त्रादि, तत्पदानं परेषां समर्पणम् // पापकर्मोपदेशः "क्षेत्राणि कृषत" इत्यादिरूपः // // 44 // प्राणन्दा दूति हे श्रानन्द इत्येवंप्रकारेणामन्त्रणवचनेन श्रमणो भगवान्महावीर आनन्दमेवमवादीदिति / एतदेवाइ एवं खलु आणन्देत्यादि // अदयारा पेयाल त्ति अतिचारा११ 1ea पालक, पालक / 2a om., c नेमण / 3 वेमणानि / 4 c om., e सिधे। 5e मद्रादिमय्यानि, मद्रादिनानि om. दिमय्या निष्या। पनति नेदवं, पनदेव / कोल / 8ce णारियं / eace रूपः अस्थः / 100 कृषन्तेत्या० / 11 / अतिचारो।

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