Book Title: Upasaka Dasha Sutram
Author(s): A F Rudolf Hoernle
Publisher: Bibliotheca Indica
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________________ सप्तमाङ्गस्य विवरण पामामृत्पाद्याग्रिसेवाजनितसुखं वाञ्छेदिति। अतिचारत्वं कामभोगतीव्राभिलाषस्येति // 5 // // 46 // खेत्तवत्थुपमाणादको त्ति क्षेत्रवस्तुनः प्रमाणातिक्रमः / प्रत्याख्यानकालग्टहीतमानोल्लङ्घनमित्यर्थः / एतस्य चातिचारत्वमनाभोगादिनाविक्रमादिना वा / अथवा एकक्षेत्रादिपरिमानकर्तुस्तदन्यक्षेत्रस्य रत्तिप्रतिमौमापनयनेन पूर्वक्षेत्रे योजनाक्षेत्रप्रमाणातिक्रमः। अतिचार एव व्रतसापेक्षत्वात्तस्येति // 1 // हिरणसुवणपमाणाइक्कमे त्ति प्राग्वत् / अथवा राजादेः सकाशालञ्च हिरण्डाद्यभिग्रहावधि यावदन्यस्मै प्रयच्छतः “पुनरवधिपूता ग्रहीय्यामि” इत्यवसायवतो ऽयमतिचारस्तथैवेति // 2 // धणधनपमाणाइक्कमे ति अनाभोगादेः / अथवा लभ्यमानं धनाद्यभिग्रहावधिं यावत्परग्टइ एव बन्धनबद्धं कृत्वा धारयतो ऽतिचारो ऽयमिति // 3 // दुपयचउप्यअपमाणडकमे त्ति अयमपि तथैव / अथवा गोवडवादिचतुष्पदयोषित्सु यथा अभिग्रहकालावधिपूती प्रमाणाधिकवत्सादिचतुष्पदोत्पत्तिर्भवति, तथा खण्डादिकं प्रक्षिपतो ऽतिचारो ऽयम् / तेन हि। जातमेव वत्मादिकमपेक्ष्य प्रमाणातिक्रमस्य परिहतत्वागर्भगतापेक्षया तस्य सम्पन्नत्वादिति // 4 // कुवियपमाणादक्कमे त्ति कुप्यं ग्रहोपस्करः११ थालकचोलकादि१२ / श्रयं चातिचारो ऽनाभोगा a e * पमना, परिमाणा० / 2ce पर्व क्षेत्र योजनात् / 30 अस्य for नस्य / 4 ce लब्धहि / 5 a अवधि, c अवधेर्, e अवधिर् / 6 e अन्यस्मिन् / . c प्रयच्छति। 8ace गेह। र कालावधेः। 10 अपेक्ष। 11e ग्रहोपस्करं / 12 / पालक ; the words are modern ; thala (Skr. sthala) is a large, and kachola (or kanchola, Marathi kachole) is a small metal vessel.

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