Book Title: Swadeshi Chikitsa Swavlambi aur Ahimsak Upchar
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

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Page 36
________________ भी पानी नहीं पीना चाहिये। सोने के लगभग दो घंटे पूर्व तक पानी नहीं पीना चाहिये। विशेषकर ऐसे व्यक्तियों को जिन्हें रात्रि में पेशाब के लिए बार बार उठना पड़ता है। सोते समय पानी पीने से निद्रा में पेशाब की शंका बनी रहने के कारण गहरी निद्रा आने में बाधा पहुंचती है। एक बार निद्रा भंग होने के पश्चात् पुनः निद्रा सरलता से नहीं आती। अतः ऐसे व्यक्तियों को अधिक समय तक सोये रहना पड़ता है। परिणाम स्वरूप प्रातः समय पर जल्दी नहीं उठ पाते। . पानी का उपयोग कैसे करे?' पानी को छानकर ही प्रयोग करना चाहिए। अगर पानी गंदा हो तो, पीने से पहले उसको किसी भी विधि द्वारा फिल्टर करना चाहिए। कठोर पानी पीने योग्य नहीं होता। उबला हुआ पानी स्वास्थ्य के लिये लाभप्रद होता है। पानी को चूंट चूंट, धीरे धीरे चन्द्र स्वर में पानी चाहिये और शरीर के . तापक्रम पर हो जाने के पश्चात् पानी को निगलना चाहिए। प्रत्येक भोजन के 1-1/2 से 2 घंटे पहले पर्याप्त मात्रा में जलपान करना ... उत्तम रहता है। ऐसा करने से पेट के अन्दर अपचित आहार जो सड़ता रहता है, पानी में पूर्णतया घुल जाता हैं। पाचन संस्थान एवं पाचक रस ग्रन्थियां सबंल एवम् स्वस्थ बनती हैं। इसी प्रकार भोजन के दो घंटे पश्चात् भी पर्याप्त मात्रा में जितनी आवश्यकता हो पानी पीना चाहिये, जिससे शरीर में जल की कमी न हो। पर्याप्त मात्रा में जल पीने से पित्ताशय व गुर्दे की पथरी तथा जोड़ों की सूजन व दर्द ठीक होते हैं। रक्त में मिश्रित विकार धुलकर बाहर निकल जाते हैं। जल से शरीर के अन्दर की गर्मी एवं गंदगी दूर. होती है। 2. खड़े-खड़े पानी पीने से गैस, वात विकार, घुटने तथा अन्य जोड़ों का दर्द, दृष्टि दोष, श्रवण विकार होते हैं। .. थकावट होने अथवा प्यास लगने पर पानी धीरे-धीरे चूंट-चूंट पीना लाभप्रद होता है। भय, क्रोध, मूर्छा, शोकं व चोट लग जाने के समय अन्तःश्रावी ग्रन्थियों द्वारा छोड़े गये हानिकारक श्रावों के प्रभाव को कम करने के लिय पानी पीना लाभप्रद होता है। . लू तथा गर्मी लग जाने पर ठंडा पानी व सर्दी लग जाने पर गर्म पानी पीना चाहिये, उसमें शरीर को राहत मिलती है। पानी पीकर गर्मी में बाहर निकलने पर लू लगने की संभावना नहीं रहती। उच्च अम्लता में भी आधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि यह पेट तथा पाचन नली की अन्दर की कोमल सतह को जलन से बचाता है। . दिन में तीन घंटे के अन्तर पर पानी अवश्य पीना चाहिए, क्योंकि इससे - ज ल . . 7. 35.

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