Book Title: Swadeshi Chikitsa Swavlambi aur Ahimsak Upchar
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

View full book text
Previous | Next

Page 94
________________ एवं ध्यान में सरलतापूर्वक विकास कर सकता है। कीटाण नाशक होने के कारण मवाद पड़ने की अवस्थाओं में काफी लाभप्रद होता है। शरीर की गर्मी, हाथ पैरों की जलन, प्यास की अधिकता, तेज बुखार, हैजा, अर्जीर्ण, दस्त, अनिद्रा, मिरगी, पागलपन, हिस्टीरिया, उच्च रक्तपात, मूत्रावरोध, मूत्र में जलन, शरीर में किसी प्रकार का जहर फैल जाना, जैसे रोगों में नीले रंग की दवा काफी लाभप्रद होती है। नीले रंग की दवा शरीर के अन्दर अथवा बाहर से बहने वाले खून को बंद करती है। गर्मी से गला पड़ने पर नीले पानी के गरारे से लाभ होता है। गले, गर्दन, मुँह, मस्तिष्क एवं सिर से संबंधित रोगों पर नीले रंग का अधिक अनुकूल प्रभाव पड़ता । है। नीले रंग का प्रयोग सदैव भोजन या नाश्ता के आधा घण्टे पूर्व करना चाहिए। लकवा, सन्धिप्रदाह, छोटे जोड़ो का दर्द (गंठिया), विभिन्न वात, कम्पनजन्य - रोग व ठण्ड से उत्पन्न विकार और अधिक कब्ज की शिकायत में नीले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। नीले रंग के दुरूपयोग में होने वाले कष्ट और विकार नारंगी यां लाल रंग के उचित प्रयोग से दूर हो जाते हैं। · सूर्य तप्त पानी लेने की विधि जब तक पानी सूर्य की गर्मी से तप्त न हो उसका उपयोग नहीं करना • चाहिए, ठण्डा होने के बाद ही करना चाहिए। पानी को ठण्डा करने के लिए फ्रिज आदि अप्राकृतिक उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए। साधारणतया प्रति वयस्क व्यक्ति के लिये सूर्यतप्त पानी की मात्रा एक औंस, पुराने रोगों में प्रायः दिन में तीन खुराके छ: छः घण्टे के अन्तर में देना काफी होता है। रोग की तीव्र अवस्था में खुराक को बढ़ाया भी जा सकता है एवं अन्तराल (बीच की अवधि) भी कम की जा सकती है।.अलग अलग रोगों की स्थिति में दो रों का पानी बारी-बारी या मिश्रण के रूप में भी दिया जा सकता है। कमजोर व्यक्तियों के लिए सफेद कांच के बर्तन में तैयार सूर्य तप्त पानी शक्तिदायक. औषधि का कार्य करता है। .. चीनी या मिश्री की दवा तैयार करने की विधि ... कई बार वर्षा, बादल, धुन्ध आदि के कारन रंगीन बोतलों में सूर्यतप्त पानी तैयार करना कठिन होता हैं, तब पानी के स्थान पर सूर्य किरण सिंचित चीनी या मिश्री की दवा काम में लाई जा सकती है। चीनी की दवा बनाने के लिये जिस रंग की दवा बनानी हो, उस रंग की एक सूखी और अन्दर बाहर से साफ बोतल लें। उसको तीन चौथाई दानेदार चीनी या मिश्री से भर लें। बोतल का मुख बन्द कर प्रतिदिन छ: से आठ घण्टे धूप में रखें और दिन में एक दो बार बोतल को अच्छी तरह हिला लें. ताकि चीनी के समसत कण पर सूर्य किरणों का एक साथ प्रभाव ' पड़ सके। इस प्रकार 40 से 60 दिन तक चीनी को धूप दिखाने से चीनी में - 93

Loading...

Page Navigation
1 ... 92 93 94 95 96