Book Title: Swadeshi Chikitsa Swavlambi aur Ahimsak Upchar
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

View full book text
Previous | Next

Page 74
________________ 1. 2. विश्रामात्मक आसन – जो शरीर की थकान दूर करते हैं। ध्यानात्मक आसन - जो ध्यान के लिए विशेष उपयोगी होते हैं। . 3. व्यायात्मक आसन - जो शरीर को स्वस्थ, लचीला और रोग मुक्त करते हैं। शरीर की स्थिति के अनुसार आसनों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता 2. 1. खड़े-खड़े करने वाले आसन- इन आसनों में हाथ, पैर और कमर का . __ परिश्रम अधिक होता हैं बैठ कर करने वाले आसन में पीठ, गर्दन, कंधे अधिक श्रम करते हैं। 3. . लेट कर करने वाले.आसन में पेट, छाती, गले आदि को अधिक श्रम करना पड़ता है। दैनिक कार्यक्रमों में हमें चिन्तन करना होगा कि किन अंगों को अधिक परिश्रम करना पड़ता है और शरीर के किन भागों को कम श्रम करना पड़ता है। जिन अंगों को अधिक कार्य करना पड़ता है, उन अंगों के लिए व्यायाम की उतनी आवश्यकता नहीं होती जितनी कि जो अंग कम अथवा बिल्कुल कार्य नहीं करते हैं उनके लिए होती है। . सही आसनों का चयन आवश्यक . . . जो अंग कम कार्य करते हैं अथवा अधिक निर्बल होते हैं, उन्हें सतेज एवं पुष्ट करने की विशेष आवश्यकता होती है। अतः आसन का चयन करते समय इस बात का विवेक रखा जाये कि अधिक कार्य करने वाले को आराम दिया जाए अन्यथा अधिक श्रम की गर्मी से शरीर का वह भाग विकृत हो जायेगा। साथ ही जो भाग कम • कार्य करते हैं, उनसे श्रम कराया जाये, अन्यथा शरीर का वह भाग निस्तेज, निष्क्रिय, निकम्मा, क्रियाहीन और कमजोर होकर रोगों का घर बन जायेगा। ... अनुभवियों का ऐसा निष्कर्ष हैं कि कमजोर, वृद्ध और बुद्धिजीवी लोगों को लेटकर किये जाने वाले आसन प्रायः अधिक उपयोगी होते हैं। जिनके पेट और छाती में निर्बलता होती है, भूख कम लगती है, मल त्याग बराबर नहीं होता, कफ, जुकाम, खांसी आदि की शिकायत बनी रहती है, उन्हें पेट पर दबाव डालने वाले आसन अधि क उपयोगी होते हैं। कौन से व्यक्ति को कौन सा आसन उपयोगी और लाभकारी होता है, उसका निर्णय करने से पूर्व, उस व्यक्ति की शारीरिक संरचना, स्वभाव, दिनचर्या, स्वास्थ्य, उम्र आदि का निरीक्षण करना आवश्यक होता है। किसी की नसें इतनी कड़ी होती है कि, वे निश्चित सीमा तक ही मुड़ सकती हैं। जबकि कुछ व्यक्तियों का शरीर इतना लचीला होता है कि उसको काफी मोड़ा जा सकता है। जिन आसनों में शरीर को अधिक मोड़ने की आवश्यकता होती है, वे लचीली शारीरिक संरचना .73 ..

Loading...

Page Navigation
1 ... 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96