Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

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Page 11
________________ 1. 1. 2. 4] समयज्झयणे ते नावि संधि नचा णं न ते धम्मविऊ जणा । जे ते उ वाइणो एवं न ते गब्भस्स पारगा ॥ २२ ॥ ते नावि संधिं नचा णं न ते धम्मविऊ जणा। जे ते उ वाइणो एवं न ते जम्मस्स पारगा ॥ २३ ॥ ते नावि संधिं नचा णं न ते धम्मविऊ जणा । जे ते उ वाइणो एवं न ते दुक्खस्स पारगा ॥ २४ ॥ ते नावि संधि नच्चा णं न ते धम्मविऊ जणा। जे ते उ वाइणो एवं न ते मारस्स पारगा ॥ २५ ॥ नाणाविहाइ दुक्खाइं अणुहोन्ति पुणो पुणो। संसारचकवालम्मि मनुवाहिजराकुले ॥ २६ ॥ उच्चावयाणि गच्छन्ता गब्भमेस्सन्ति णन्तसो । नायपुत्ते महावीरे एवमाह जिणुत्तमे ॥ २७ ॥ त्ति बेमि ॥ समयज्झयणे पढमुद्देसो 1. 1. 2. आघायं पुण एगेसिं उववन्ना पुढो जिया । वेदयन्ति सुहं दुक्खं अदु वा लुप्पन्ति ठाणओ ॥ १॥ न तं सयंकडं दुक्खं को अन्नकडं च णं । सुहं वा जइ वा दुक्खं सेहियं वा असेहियं ॥ २ ॥ सयंकडं न अन्नेहिं वेदयन्ति पुढो जिया। संगइयं तं तहा तेर्सि इहमेगेसिमाहियं ॥ ३ ॥ एवमेयाणि जम्पन्ता बाला पण्डियमाणिणो । निययानिययं सन्तं अयाणन्ता अबुद्धिया ॥ ४ ॥

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