Book Title: Suyagadam Part 01
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Motilal Sheth

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Page 10
________________ सूयगडम्मि [1. 1. 1. 10एवमेगे त्ति जम्पन्ति मन्दा आरम्भनिस्सिया ।। एगे किच्चा सयं पावं तिव्वं दुक्खं नियच्छइ ॥ १० ॥ पत्तेयं कसिणे आया जे बाला जे य पण्डिया । सन्ति पिच्चा न ते सन्ति नत्थि सत्तोववाइया ॥ ११ ॥ नत्थि पुण्णे व पावे वा नत्थि लोए इओवरे । सरीरस्स विणासेणं विणासो होइ देहिणो ॥ १२ ॥ कुव्वं च कारयं चेव सव्वं कुव्वं न विजई । एवं अकारओ अप्पा एवं ते उ पगन्भिया ॥ १३ ॥ जे ते उ वाइणो एवं लोए तेर्सि कओ सिया । तमाओ ते तमं जन्ति मन्दा आरम्भनिस्सिया ॥ १४ ॥ सन्ति पञ्च महन्भूया इहमेगेसिमाहिया । आयछटा पुणो आहु आया लोगे य सासए ॥ १५ ॥ . दुहओ न विणस्सन्ति नो य उप्पजए असं। . सव्वे वि सव्वहा भावा नियत्तीभावमागया ॥ १६ ॥ पञ्च खन्धे वयन्तेगे वाला उ खणजोइणो । अन्नो अणन्नो नेवाहु हेउयं च अहेउयं ॥ १७ ॥ पुढवी आउ तेऊ य तहा वाऊ य एगओ। चत्तारि धाउणो रूवं एवमाहंसु आवरे ॥ १८ ॥ अगारमावसन्ता वि अरण्णा वा वि पव्वया । इमं दरिसणमावन्ना सव्वदुक्खा विमुच्चई ॥ १९ ॥ ते नावि संधिं नच्चा णं न ते धम्मविऊ जणा। जे ते उ वाइणो एवं न ते ओहंतराहिया ॥ २० ॥ ते नावि संधिं नचा णं न ते धम्मविऊ जणा। जे ते उ वाइणो एवं न ते संसारपारगा ॥ २१ ॥

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