Book Title: Shrutsagar Ank 038 039
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
१६
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मार्च-अप्रैल २०१४
'किम करी राखूं हो प्राण' ।1 ( मास- १०, क.१)
अहीं विरह वेदनानी तीव्रता सभर अभिव्यक्ति करी छे. हारेली, थाकेली, असहाय प्रियतमा अन्य कोई उपाय न जडतां भविष्यवाणी जाणवा ज्योतिष पासे आवे छे. पूर्वे सारा के माठा प्रसंगे समाजमां भविष्यकथन व्यापक रीते प्रचलित हशे, तेचुं अहीं स्पष्ट थाय छे.
आसो : प्रियतमनी राह जोता आसो मास आवी गयो. 'आ मासमां प्रियतम पाछा फरशे एवं लागतुं नथी तेथी पियुमिलननी आशा सेववी व्यर्थ छे,' एवं प्रियतमा कहे छे.
आसो मास एटले दिवाळी पर्वना दिवसो. आ दिवसोमां वेपारी वर्ग व्यापारमां व्यस्त होय. परदेश कमावा गयेला दिवाळी पछी धन प्राप्त करीने घरे पाछा फरे छे. तेथी आसो मासमां प्रियतम पाछा फरशे एवी लोकपरंपरामां आशा बंधाती नथी, एवो भाव अहीं कविश्री नायिकाना मनोविचार द्वारा प्रगट करता होय तेवुं लागे छे. नायिका पथिकाने संदेशवाहक तरीके स्थापित करी संदेशो मोकले छे.
'वीछडीयां हरणां जसी रे, तिम अबला नित झूरे' ।।
अहीं विरहिणी स्त्रीनी विरह वेदनानुं सचोट वर्णन जोवा गळे छे. दिवाळी पर्वना दहाडा प्रियतम संगे भामिनीने सुखदायक अने आह्लादक लागे छे. आसोमासमां प्रकृतिनुं जे निरीक्षण छे ते परंपराने अनुरूप छे.
नीर सरोवर निरसयां रे, थयो हवे मार्गे सुधिलाल,
अवसर आव्यानो थयो रे, रहि हुं आस विलूधी लाल ।। ( मास-११, क. ३)
For Private and Personal Use Only
वरसाद चाल्यो जतां छलकातां सरोवरनां पाणी ओसरी जाय छे. अर्थात् नीर नवाणमां चाल्या जवाथी आववा जवानो पंथ अनुकूल (शुद्ध) थयो छे. प्रियतमने आववानो अवसर (समय) थवाथी प्रियतमा विलुब्ध (आसक्त) रहे छे. प्रियतमना आगमननो अवसर थतां प्रियतमा शृंगार करे छे.
'नवसत भूषण राज करी रे, प्रीतम पंथने जोती लाल, ' ।। ( मारा-११, क. ४)
प्रियतमा (नव + सात- = सोळ) १६ प्रकारना विविध शृंगार करी पोताना प्रियतम समक्ष जवा मांगे छे, जेथी प्रियतम तेने पोतानी बनावे. अहीं प्रियतमा पोताना प्रियतमनुं मन रीझवी स्वयं भाग्यशाळी बनवा मांगे छे. अहीं स्त्रीओना विविध शृंगारो अंगेनो संकेत पण थयो छे.
कार्तिक : कार्तिक मासमां कवि प्रकृतिनुं वर्णन अने विप्रलंभ शृंगारना

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84